गैब्रियल गर्सिया मार्केस की एक अन्य अत्यंत प्रसिद्ध लंबी कहानी - कर्नल को कोई खत नहीं लिखता यहाँ पढ़ें. यह प्रस्तुति कभी तोलस्तोय की म...
गैब्रियल गर्सिया मार्केस की एक अन्य अत्यंत प्रसिद्ध लंबी कहानी - कर्नल को कोई खत नहीं लिखता यहाँ पढ़ें.
यह प्रस्तुति
कभी तोलस्तोय की मृत्यु की कल्पना-मात्र से अन्तोन चेख़व आहत हो उठे थे और उन्होंने कहा था कि तोलस्तोय की मृत्यु से हमारा समाज बिना चरवाहे के रेवड़ जैसा हो जाएगा... तकरीबन ऐसे ही उद्गार कोलम्बिया के ही नहीं, वरन् विश्व के महान रचनाकार गैब्रियल गर्सिया मार्केस की बीमारी की ख़बर से कोलम्बिया के एक शीर्ष नेता ने हाल ही में कहा कि मार्केस को खो देने का सदमा झेलने के लिए अभी हमारा देश तैयार नहीं है... लेखक के प्रति एक राजनेता का उद्गार कितना भाव-विभोर करने वाला है।
20 वीं सदी के सबसे बड़े लेखकों में गिने जाने वाले 82 वर्षीय मार्केस का जन्म 6 मार्च 1928 में अराकेटका (Aracataca) कोलम्बिया में हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा बोगोटा में नेशनल यूनिवर्सिटी में हुई। उन्होंने अपना कॅरियर एक पत्रकार के रूप में शुरू किया। चालीस और पचास के दशक में वे विभिन्न लातीनी अमरीकी पत्र-पत्रिकाओं के लिए पत्रकारिता करते रहे और फ़िल्मी पटकथाएँ लिखते रहे। भले ही वे मौजूदा दौर के सबसे बड़े कथाकार हैं पर युवा अवस्था में लिखी उनकी कहानियों की समकालीन लातीनी अमरीकी लेखकों द्वारा घनघोर आलोचना भी हुई। उसी के चलते उनकी एक महत्त्वपूर्ण लघु कथा ‘दि थर्ड रिसिग्नेशन' का जन्म हुआ जिसकी सभी लेखकों ने भारी प्रशंसा की और लतीनी अमरीकी लेखकों की दूसरी पीढ़ी के महत्त्वपूर्ण लेखकों में उनकी गिनती होने लगी। उसके बाद लघुकथाओं का संग्रह ‘बिग नमास फ्यूनरल' और 3 उपन्यास (लीफ स्टा्रॅम, नो वन राइट्स टू द कर्नल और इन इविल ऑवर) प्रकाशित हुए। इन सभी रचनाओं में लातीनी अमरीकी समाज का अवरुद्ध और अवसाद भरा समय प्रतिबिंबित होता है। मार्केस के लेखन पर फ्रेंज काफ्का का गहरा प्रभाव दिखाई देता है। पर उनके प्रारंभिक लेखन में एक प्रतिभाशाली युवा लेखक की स्पष्ट छाप दिखाई देती है जो साहित्य में एक ऊँची छलाँग लगाने को तत्पर है। मार्केस ने जब लिखना शुरू किया (1948) उस वक्त कोलम्बिया एक भीषण गृहयुद्ध की स्थिति में था। ‘La Violencia' नाम से जाने जाने वाले इस नरसंहार में करीब दो-तीन लाख लोग मारे गऐ थे। मार्केस ने इस विभीषिका पर क़लम चलाई। उनको असली सफलता कथा साहित्य के इतिहास में अपने महान उपन्यास ‘वन हंडे्रड इयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड' से मिली। यह कोलम्बियाई परिवार की कई पीढ़ियों की कथा है, जिसमें समय, घटनाएँ, देशकाल और उनके प्रभाव चरित्रों के इर्दगिर्द इस कदर गुँथे हुए हैं कि एक जादुई यथार्थ का-सा अहसास कराते हैं। जीवित इतिहास मिथक की तरह लगता है और समय का सच समयहीन शाश्वतता से जुड़ा दिखता है। इस उपन्यास से यथार्थ की एक नयी श्रेणी-जादुई यथार्थवाद का जन्म हुआ और मार्केस इसी जादुई यथार्थवाद के प्रणेता माने जाने लगे। इस उपन्यास की करीब चार करोड़ प्रतियाँ विश्व की तीस भाषाओं में बिक चुकी हैं। इस उपन्यास में वे लिखते हैं कि किस तरह हज़ारों लोगों को चौराहों पर गोलियों से भून दिया गया और उनकी लाशें समुद्र में फिंकवा दी गईं। मार्केस के बाद के सभी उपन्यासों में भी यही मैजिकल रियलिज़्म की शैली मिलती है। उनकी इस शैली से दुनिया भर के कथाकार प्रभावित हुए हैं। मार्केस को 1982 में ‘वन हंड्रेस इयर्स ऑफ़ सोलिट्यूड' के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गैब्रियल की अधिकांश कहानियों का जन्म ‘मोकंडो' नामक एक काल्पनिक नगरी में होता है जो कालंबिया के ‘बनाना जोन' में स्थित है। संभवतः मोकंडो विलियम फ़ॉकनर के ओकनापुलाका काऊंटी से प्रभावित है पर यक़ीनन यह मार्केस के अपने जन्म स्थान अराकेटका पर आधारित है। सभी कहानियों में मार्केस यथार्थ व उसकी नियति के बारे में तमाम सवाल उठाते हैं जो गहरे अवसाद व उदासी का माहौल रचती है।
फीडेल कास्त्रो के अनन्य मित्र मार्केस ने कभी समझौते की राजनीति नहीं अपनाई। उन्होंने अमेरिका पर तीखे प्रहार किए कि वह कोलम्बिया पर आक्रमण के बहाने ढूँढ़ता रहता है। अपने देश की हिंसक अशांत स्थिति को समाप्त करने की दिशा में वे कई बार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। अल सल्वाडोर और निकारागुआ के बीच युद्ध शान्त कराने में उनका बड़ा हाथ रहा। ‘न्यूज ऑफ़ किडनैपिंग' के साथ इनोसेंट इरनेडिश एंड अदर स्टोरीज़', ‘दि ऑटम ऑफ दि पेट्रीयार्क', क्रॉनिकल ऑफ डेथ फोरटोल्ड', ‘लव इन दि टाइम ऑफ़ कोलेरा', ‘दि जनरल इन हिज लिबरिन्थ' मार्केस की अन्य महत्त्वपूर्ण कृतियाँ हैं। उनके संस्मरणों का पहला खण्ड ‘विवीर पारा कोन्तारला' (2003) प्रकाशित है।
यहाँ हम मार्केस की दो लम्बी कहानियाँ ‘क्रॉनिकल ऑफ डेथ फोरटोल्ड' और ‘नो वन राइट्स टू द कर्नल' का अनुवाद प्रस्तुत कर रहे हैं। अनुवाद हिन्दी के प्रसिद्ध रचनाकार इंद्रमणि उपाध्याय ने किया है। पिछले वर्ष उपाध्याय जी का जबलपुर में दुःखद निधन हो गया। लगभग दो सौ कहानियाँ उपाध्याय जी ने लिखी हैं। उनके ‘पीतल का घोड़ा' उपन्यास पर फ़िल्म बनी है और यह उपन्यास काफ़ी चर्चित और पुरस्कृत रहा।
-हरि भटनागर
गैब्रियल गर्सिया मार्केस
की लम्बी कहानी :
पूर्व घोषित मृत्यु का रोज़नामचा
उस दिन वे उसकी हत्या करने वाले थे, सांतियागो नासर सुबह पाँच तीस पर उठकर उस बोट का इंतज़ार करने लगा जिससे बिशप आने वाला था। रात को सपने में उसने स्वयं को जंगल में पेड़ों के बीच घूमते देखा था, जहाँ हल्की बौछारें पड़ रही थीं। पल भर के लिए सपने में वह प्रसन्न भी हुआ था लेकिन जब वह जगा तो लगा जैसे पूरी देह पर पक्षियों की बीट बिखरी हुई है। ‘वह हमेशा पेड़ों के बारे में सपने देखा करता था।' उसकी माँ प्लासीदा लिनेरो ने मुझे सत्ताइस वर्ष बाद उस मनहूस सोमवार के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा- ‘हफ्ता भर पहले उसने सपना देखा था कि वह पतरे के हवाई जहाज़ में बादाम के पेड़ों के बीच से बिना उनसे टकराए अकेला उड़ता चला जा रहा है।' उन्होंने मुझे बतलाया। दूसरों के स्वप्नों का ठीक-ठीक मतलब बताने में उन्होंने अच्छी ख़ासी ख्याति अर्जित की थी, बशर्ते कोई उन्हें खाना खाने से पहले सपना बता दे। लेकिन उन्होंने अपने बेटे के इन दोनों सपनों में कोई अपशकुन नहीं देखा था, ना ही पेड़ों के दूसरे सपनों में ही, जिनका बयान मृत्यु के पहले कई बार सुबह-सुबह वह किया करता था।
सांतियागो नासर भी अशुभ संकेतों को भाँप नहीं पाया था। वह बिना कपड़े बदले ही लेट गया और उसे बहुत थोड़ी, उचटी-उचटी सी नींद आई थी, और जब वह जगा तो सिर में भयंकर दर्द और मुँह में कसैला कडुआ स्वाद भरा था, जिन्हें उसने पिछली रात शादी में देर तक हुई मौजमस्ती का स्वाभाविक परिणाम मान लिया था। इसके अलावा, सुबह छः बजकर पाँच मिनट पर घर से निकलने और एक घंटे बाद सूअर की तरह बोटी-बोटी कर दिए जाने से पहले जिनसे भी वह टकराया, उन सभी का यही कहना था कि हालाँकि वह कुछ उनींदा सा लग रहा था पर था अच्छे मूड में। उसने यहाँ तक कहा था कि आज का दिन कितना खुशगवार है, पर कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं कह पा रहा था कि उसका तात्पर्य मौसम से ही था। बहुत से लोगों को यह भी याद था कि वह एक खुशनुमा सुबह थी जब समुद्री हवाओं के झोंके केलों के बगीचों से छनकर आ रहे थे जैसा कि फरवरी के महीनों में अक्सर होता है। फिर भी अधिकांश सहमत थे कि मौसम विषादग्रस्त था, बादलों से भरा आकाश नीचे उतरता हुआ और रुके पानी की सड़ांध! इसके अलावा जब वह मनहूस घड़ी आई तब पानी की वही बौछारें पड़ रही थीं जैसी सांतियागो नासर ने सपने के जंगल में गिरती देखी थीं। मैं मारिया एलेजेंड्रीना सर्वेन्ट्स की पवित्र गोद में लेटा शादी की मौज-मस्ती से उबर रहा था और मेरी नींद अलार्म घंटियों के बजने से टूट गई थी। मैंने सोचा, उन्हें बिशप के सम्मान में बजाया जा रहा होगा।
सांतियागो नासर सफ़ेद लिनेन की शर्ट और पैंट पहने था, बिना कलफ़ की शर्ट ठीक वैसी ही थी जैसी उसने एक दिन पहले विवाह समारोह में पहनी थी। यह वही पोशाक थी जिसे वह विशेष आयोजनों में पहनता था। आज भी अगर बिशप आने वाले न होते तो उसने अपनी खाकी डे्रस और राइडिंग बूट ही पहने होते जिन्हें वह हर सोमवार ‘डिवाइन फेस' जाते समय पहनता था। बाप से विरासत में मिले पशुओं के फार्महाउस, ‘डिवाइन फेस' की देखभाल वह बड़ी लगन के साथ करता था मगर भाग्य ने उसका साथ कभी नहीं दिया। खेत जाते समय वह कमर में मैग्नम.375 लटकाए रहता था और जैसा कि वह कहा करता था, उसकी गोलियाँ घोड़े को दो फाँक कर सकती थीं। परिदों के मौसम में वह बाज़ लड़ाई के उपकरण भी साथ रख लेता था। उसके गुप्त भंडार में 30.06 मालिंचेर शाउनर राईफल, हालैंड में बनी मेग्नम 300 राइफल, डबल टेलिस्कोपिक साइट वाली हार्नेट .22 और एक विंचेस्टर रिपीटर भी थी। वह हमेशा अपने पिता की तरह तकिए के गिलाफ़ में हथियार रखकर सोता था, पर उस दिन घर से निकलते वक़्त उसने गोलियाँ निकालकर दराज़ में रख दी थी। ‘गन को वह लोड करके कभी नहीं रखता था।' उसकी माँ ने मुझे बताया। मैं जानता था कि वह गन को एक जगह और गालियों को कहीं दूर, दूसरी जगह रखा करता था ताकि घर के भीतर कोई खेल-खेल में भी गन को लोड करने के लिए लालायित न हो जाए। यह एक समझदार परंपरा थी जिसे उसके पिता ने तब से लागू किया था जब एक सुबह नौकरानी की लड़की ने तकिए के खोल को निकालने के लिए उसे ज़ोर से पटका और पिस्तौल चल गई। गोली र्फश पर टकराई थी और कबर्ड को तोड़ती हुई लिविंग रूम की दीवार के आर-पार निकलकर, किसी युद्ध-गर्जना की तरह पड़ोसी के डाईनिंग-रूम के बीच से होती हुई चौराहे के उस पार चर्च में मुख्य पीठिका पर स्थित आदमकद संत को प्लास्टर ऑफ़ पैरिस के चूरे में तब्दील कर दिया था। सांतियागो नासर, जो उस समय छोटा सा बच्चा था, उस हादसे की सीख को कभी भूल नही पाया।
उसकी माँ के मन में उसका आख़िरी अक़्स उस वक़्त का है जब उन्होंने उसे बेडरूम से निकलकर हड़बड़ी में गलियारे से गुज़रते हुए देखा था। बाथरूम में रखे दवाइयों के डिब्बे में वह एस्पिरीन की गोलियाँ टटोल रहा था और उसकी खटर-पटर से वह जाग गई थीं। जब उन्होंने लाइट जलाकर देखा तो हाथ में पानी का गिलास लिए उसे दरवाज़े पर खड़ा पाया और इसी रूप में वह उनकी स्मृति में हमेशा-हमेशा के लिए बस गया था। तभी नासर ने उन्हें अपने सपने के बारे में बताया, पर तब उन्होंने पेड़ों पर कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया था।
‘परिंदों के बारे में कोई भी सपना यानी अच्छा स्वास्थ्य,' उन्होंने कहा था।
मैं इस भूले-बिसरे गाँव में स्मृति के चकनाचूर आईने के असंख्य टुकड़ों को समेटकर जोड़ने आया था और उन्हें बुढ़ापे की टिमटिमाती रोशनी में असहाय पड़ा देख रहा था, उसी दलारे में और ठीक उसी मुद्रा में लेटे हुए जिसमें उन्होंने सांटियागो नासर को उस दिन देखा था। अब वह पूरी रोशनी में भी आकारों को मुश्किल से ही बूझ पाती थीं और माथे पर जड़ीबूटियों का लेप किए रहतीं कि उस शाश्वत सिरदर्द से कुछ राहत मिले जिसे उनका बेटा बेडरूम से निकलते वक़्त उनके लिए छोड़ गया था। एक तरफ करवट लेते वे दलारे की रस्सी पकड़कर उठने की कोशिश कर रही थीं और मुझे लगा कमरे की हल्की छायाओं में वही बैप्टिस्ट्री की गंध है जिसने मुझे उस हत्या वाले दिन सुबह-सुबह चौंका दिया था।
जैसे ही मैं दरवाज़े की चौखट पर नमूदार हुआ उन्हें स्मृतियों में सांटियागो नासर दिखाई दिया। ‘यहीं खड़ा था वह,' उन्होंने मुझे बताया। ‘लिनेन के सफ़ेद कपड़ों में जिन्हें सादे पानी से धोया जाता था क्योंकि उसकी त्वचा इतनी नाजुक थी कि कलफ़ की किरकिराहट बर्दाश्त नहीं कर पाती थी।' वे तब तक तीखे सरसों के दाने चबाते बैठी रहीं जब तक इस भ्रम ने उन्हें मुक्त नहीं कर दिया कि उनका बेटा लौट आया है, फिर लंबी साँस छोड़ते हुए कहा, ‘मेरी जिंदगी में वही एकमात्र मर्द था।'
मैंने उसे उनकी स्मृति में देखा। वह जनवरी में, अभी पिछले हफ्ते ही इक्कीस वर्ष का हुआ था। वह दुबला-पतला और पीला-सा था, पिता जैसी अरबी आँखें और घुँघराले बाल। वह इकलौती संतान था, एक कामचलाऊ ब्याह की जिसमें खुशी का एक कतरा भी नहीं था। फिर भी, तीन वर्ष पूर्व उसके पिता की अचानक मृत्यु होने तक वह उनसे पूरी तरह खुश दिखाई देता था और बाद में वह अपनी एकाकी माँ के साथ भी, उस सोमवार तक जब उसकी मृत्यु हुई, वैसा ही खुश बना रहा। संवेदनशीलता उसे अपनी माँ से विरासत में मिली थी। पिता से उसने बचपन में ही बारूदी हथियार चलाना, घोड़ों से प्यार करना और ऊँचा उड़ने वाले शिकारी पक्षियों को काबू में रखना सीख लिया। इनके अलावा उसने उनसे पराक्रम और दुनियादारी भी सीखी थी। आपस में वे अरबी में ही बात किया करते, लेकिन प्लासिदा लिनेरो के सामने कभी नहीं ताकि वह अपने को उपेक्षित ने समझें। कस्बे में उन्हें कभी भी हथियारों से लैस नहीं देखा गया, और केवल एक बार ही उन्होंने अपने प्रशिक्षित पक्षियों का प्रदर्शन किया था, एक धर्मार्थ मेले में। वह मिडिल स्कूल में था जब पिता की मृत्यु हुई और उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी ताकि वह अपने फ़ार्महाउस की देखभाल कर सके। कुल मिलाकर सांतियागो नासर खुशमिजाज़, शांतिप्रिय और निष्कपट इंसान था।
जिस दिन वे उसकी हत्या करने वाले थे, उसे सफ़ेद कपड़ों में देखकर माँ ने समझा शायद वह साप्ताहिक दिनों को लेकर गड़बड़ा गया है। ‘मैंने उसे याद दिलाया था कि आज सोमवार है', उन्होंने मुझे बताया। लेकिन उसने उन्हें समझाया था कि अपने धार्मिक उत्सव के विचार से सफ़ेद कपड़े पहने हैं कि शायद उसे बिशप की अँगूठी को चूमने का अवसर मिल जाए। उन्होंने उसकी बात को अनसुना कर दिया था। ‘वे नाव से उतरेंगे तक नहीं,' उन्होंने उससे कहा था। ‘वे तो हमेशा की तरह मात्र औपचारिक आशीर्वाद ही देंगे और जैसे आए हैं वैसे ही चल देंगे। वह इस कस्बे से घृणा करते हैं।'
सांतियागो नासर जानता था कि यह सच है पर चर्च की तड़क-भड़क उसे सम्मोहित कर देती थी। ‘यह बिल्कुल सिनेमा जैसा होता है,' उसने मुझसे एक बार कहा था। बिशप के आने से उसकी माँ को बस इतना ही मतलब था कि कहीं उनका बेटा बरसात में भीग न जाए क्योंकि उन्होंने उसे रात में छींकते सुना था। उन्होंने उससे छाता साथ ले जाने को कहा था पर उसने ध्यान नहीं दिया और वैसे ही निकल पड़ा था। यही अंतिम बार था जब उन्होंने उसे देखा था।
बावर्चिन विक्टोरिया गुजमान को अच्छी तरह से याद था कि न केवल उस दिन बल्कि पूरी फरवरी बारिश नहीं हुई थी। ‘इसके विपरीत', उसने मुझे बताया, जब उसकी मृत्यु से कुछ समय पहले मैं उससे मिलने गया था, ‘अगस्त की तुलना में इस माह सूरज हर चीज़ को बहुत जल्दी तपा डालता है।' वह हाँफते हुए कुत्तों के बीच घिरी लंच के लिए खरगोश के गोश्त के टुकड़े कर रही थी, तभी सांतियागो नासर किचन में आया। ‘सबेरे वह हमेशा एक बदनुमा रात का चेहरा लिए उठता था,' विक्टोरिया गुजमान ने बिना किसी लाग लपेट के कहा था। उसकी बेटी दिविना फ्लोर ने, जिसने अभी-अभी किसी कच्ची कली की तरह चटकना शुरू किया था, हमेशा की तरह एक मग माउन्टेन कॉफ़ी में थोड़ी सी गन्ने की शराब मिलाकर उसे दी थी ताकि रात का बोझ कुछ कम हो। वह विशाल बावर्चीखाना आग की फुसफुसाहटों और सोती हुई मुर्गियों के बीच भारी साँसें ले रहा था। सांतियागो नासर एक एस्पिरीन गटककर आराम से बैठ गया और कॉफ़ी के छोटे-छोटे घूँट लेते हुए, विचारमग्न सा, खरगोश की आँतें बाहर निकालती दोनों औरतों को एकटक देखता रहा। बढ़ती उम्र के बावजूद विक्टोरिया गुजमान का शरीर सुडौल और आकर्षक था। उसकी बिटिया, हालाँकि अछूती थी पर ग्रंथियों के ज़बरदस्त आवेगों से अचकचाई सी लगती थी। जब वह सांतियागो नासर से खाली मग लेने आई तो उसने उसकी कलाई कसकर पकड़ ली।
‘तुम्हें पालतू बनाने का समय आ गया है,' उसने लड़की से कहा था।
विक्टोरिया गुजमान ने ख़ून में सना चाकू दिखाकर उसे धमकाया, ‘बच्चू, उसे छोड़ दो। जब तक मैं ज़िंदा हूँ, तुम इस झरने का पानी नहीं पी पाओगे।'
बचपन बीतते ही वह इब्राहीम नासर के फंदे में आ गई थी। कई साल तक दोनों छुप-छुपकर उसके फ़ार्महाउस में रास रचाते रहे और जब इब्राहीम उससे ऊबने लगा तब बतौर नौकरानी उसे अपने घर ले आया था। दिविना फ्लोर, जो उनके अभी हाल के मिलन का नतीजा थी, अच्छी तरह जानती थी कि उसकी नियति नासर के खुफ़िया बिस्तर पर लेटी हुई थी और यह सोचकर वह व्याकुल हो उठती थी। ‘उसके जैसा दूसरा आदमी फिर कभी पैदा नहीं हुआ', उसने कहा। वह मोटी और बदरंग हो चुकी थी और उस वक़्त अपने दूसरे प्रेमियों से जन्मी संतानों के बीच घिरी बैठी थी। ‘वह बिल्कुल अपने बाप जैसा था, ‘विक्टोरिया गुजमान ने समझाया, ‘एकदम गू।' लेकिन वह उस भय की लहर को झटक नहीं पाई जो सांटियागो नासर के आतंक को याद करते हुए उससे चिपट गई थी जब उसने खरगोश का पेट नोचकर भाप छोड़ती अँतड़ियों को कुत्तों की ओर फेंक दिया था।
‘जंगली मत बनो,' नासर ने उससे कहा था ‘मान लो, अगर वे इंसान हों तो!'
विक्टोरिया गुजमान को यह समझने में बीस वर्ष लगे कि निरीह पशुओं की हत्या करने वाला आदमी भला इस कदर दहशत में कैसे आ सकता है। ‘भगवान कसम-, उसने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा, ‘वह ऐसा रहस्योद्घाटन था कि क्या बताऊँ ।' फिर भी, हत्या वाली सुबह उसके भीतर इतनी सारी कटुताएँ इकट्ठा हो चुकी थीं कि वह दूसरे खरगोशों के पेट नोच-नोचकर कुत्तों को उनकी अँतड़ियाँ खिलाती ही रही कि देख-देखकर सांटियागो नासर का नाश्ता विषाक्त हो जाए। वे लोग इन्हीं सब बातों में मगन थे जब सारा कस्बा बिशप को लेकर आने वाले स्टीम-बोट की चीख से थर्राकर उठ बैठा।
यह दुमंजिला मकान पुराना गोदाम था, जिसकी दीवारों पर खुरदरे पटरे लगे थे और उन पर नुकीली टीन की छत थी जिस पर बैठे गिद्ध गोदी में फैले कूड़े-करकट पर नज़र गड़ाए रहते थे। यह तब का बना हुआ था जब नदी में इतना पानी हुआ करता था कि उसका उपयोग किया जा सकता था और समुद्र में जाने वाले बहुत से बजरे और यहाँ तक कि कई बड़ी नौकाएँ भी मुहाने के दलदल को पार कर इधर आ जाया करते थे। गृह-युद्धों के बाद जब इब्राहीम नासर अरबों के आख़िरी जत्थे के साथ यहाँ आया था तब तक नदी का पाट बदलने के कारण जहाजों का आना बंद हो चुका था और यह गोदाम भी खाली पड़ा था। इब्राहीम नासर ने उसे सस्ते में खरीद लिया कि वहाँ से आयात-निर्यात का धंधा करेगा पर वह यह काम कभी नहीं कर पाया और जब उसने शादी करने का निर्णय लिया तो गोदाम को रहने लायक मकान में बदल दिया था। पहली मंजिल पर उसने एक खुला कमरा बनवाया जो हर काम में इस्तेमाल होता था। पीछे की ओर उसने चार जानवरों के लिए अस्तबल, नौकरों के क्वार्टर्स और एक देशी किचन बनवाया जिसकी खिड़कियाँ गोदी की तरफ खुलती थीं और जिनसे होकर हर वक़्त पानी की बदबू आती रहती थी। उसने जिस एक चीज़ को जस का तस रहने दिया था वह थी लोहे की सर्पिल सीढ़ी जिसे किसी पुराने जहाज़ के मलबे से उठाकर लाया गया था। ऊपरी मंज़िल पर जहाँ कभी कस्टम ऑफ़िस था, उसने दो बड़े-बड़े बेडरूम और पाँच छोटे-छोटे कमरे बनवाए उन असंख्य बच्चों के लिए जिन्हें पैदा करने के बारे में उसने अभी से सोच रखा था। इसके अलावा प्लासिदा लिनेरो के लिए उसने लकड़ी की एक बालकनी भी बनवाई जो चौराहे पर स्थित बादाम के पेड़ों के ठीक सामने खुलती थी और जहाँ बैठकर प्लासिदा लिनेरो अपने उदास अकेलेपन को थोड़ा-बहुत भर पाती थी। सामने की तरफ मुख्य दरवाज़ा था और वहाँ उसने लोहे के सरियों की दो बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ लगवा दीं। पिछला दरवाज़ा, घोड़े भीतर आ-जा सकें इसलिए थोड़ा बड़ा करके, वहीं का वहीं रहने दिया गया था। वहीं स्थित पुराने पोर्च के हिस्से को भी उसने वैसा ही छोड़ दिया। इस पीछे वाले दरवाज़े का सबसे अधिक उपयोग होता था क्योंकि वह किचन और जानवरों की नाँद तक पहुँचने का सहज रास्ता भी था और वहाँ से होकर सीधे, बिना चौराहा पार किए, गोदी तक पहुँचा जा सकता था। कुछ ख़ास जश्न के मौकों को छोड़कर सामने वाला दरवाज़ा हमेशा बंद ही रहता था। इसके बावजूद पिछले दरवाज़े पर नहीं, बल्कि यहाँ, सामने वाले दरवाज़े पर सांतियागो नासर के हत्यारे उसका इंतज़ार कर रहे थे जबकि उधर से बाहर निकलने पर उसे वापस अपने पूरे घर का चक्कर लगाकर गोदी तक पहुँचना पड़ता, बिशप की अगवानी के लिए वह वहीं से निकला था।
कोई भी इस घातक संयोग को समझ नहीं पाया। रायोहाचा से आए जाँच अधिकारी ने उसे सूँघ ज़रूर लिया होगा पर सबके सामने ज़ाहिर नहीं किया क्योंकि जाँच रिपोर्ट से स्पष्ट था कि उसकी रुचि उस संयोग को सहजता प्रदान करने में अधिक थी। चौराहे की ओर खुलने वाले दरवाज़े का उल्लेख उसमें कई बार आया था और सस्ते उपन्यासों की तर्ज पर उसका नामकरण किया गया था, ‘खूनी दरवाज़ा'। वास्तव में सिर्फ़ माँ, प्लासिदा लिनेरो ही उस संयोग को ठीक-ठीक समझ पाई थी और कहा था, ‘मेरा बेटा सजने सँवरने के बाद कभी भी पीछे वाले दरवाज़े से नहीं निकलता था।' यह एक इतना सहज सच था कि जाँचकर्ता ने हाशिए पर उसका जिक्ऱ तो किया लेकिन इसका उपयोग मुख्य रिपोर्ट में नहीं किया।
जहाँ तक विक्टोरिया गुजमान का प्रश्न था, वह अपने उत्तर में एकदम स्पष्ट थी कि उसे और उसकी बेटी को यह कतई नही पता था कि वे लोग सांतियागो नासर को मारने के लिए प्रतीक्षारत थे लेकिन कई साल बाद उसने स्वीकारा कि जब वह काफ़ी के लिए किचन में आया था तभी उन दोनों को पता चल चुका था। एक स्त्री ने जो सबेरे पाँच बजे के बाद थोड़ा सा दूध माँगने आई थी उसी ने बताया था। उसने इंतज़ार करने का उद्देश्य और उस जगह की चर्चा भी की थी। ‘मैंने उसे सावधान इसलिए नहीं किया क्योंकि मैंने इसे एक नशेड़ी की बकवास माना था,' उसने मुझसे कहा। हालाँकि बाद में दिविना फ्लोर से जब मैं उसकी माँ की मृत्यु के बाद मिला, तो उसने स्वीकार किया था कि उसने सांतियागो नासर को कुछ भी इसलिए नहीं बताया क्योंकि वह खुद भी चाहती थी कि वे लोग उसे मार ही डालें तो अच्छा हो। उसे सावधान न करने का एक कारण और था, वह यह कि उस वक़्त वह निर्णय लेने में अक्षम और भयभीत बच्ची थी, और फिर उस समय तो आतंक के मारे उसकी साँस ही रुक गई जब उसकी कलाई नासर के बर्फ़ीले, पाषाण पंजे में जकड़ गई थी। वह किसी लाश का अकड़ा हुआ हाथ लगता था।
सांतियागो नासर लम्बे तेज़ कदमों के साथ छायादार मकानों के बीच से होता चला जा रहा था और बिशप के स्वागत के लिए उत्साहित भीड़ का शोर पीछे छूट चुका था। दिविना फ्लोर दरवाज़ा खोलने के लिए उसके आगे-आगे चल रही थी और कोशिश कर रही थी कि डाइनिंग रूम में सोते हुए परिंदों या बेंत के र्फनीचर या र्फन के लटकते गमलों के बीच वह उसे पकड़ न पा जाए, पर जब उसने दरवाज़े की छड़ नीचे घुमाई तो बाज़ के शिकारी पंजों को वह दूर नही रख सकी। ‘उसने मेरी पुसी को बुरी तरह दबोच लिया,' दिविना फ्लोर ने मुझे बताया। ‘वह हमेशा ऐसा ही किया करता था, जब भी मुझे कमरे के कोने-अँतरे में अकेला पाता, बस शुरू हो जाता। लेकिन हमेशा के विपरीत उस दिन मुझे आश्चर्य नहीं हुआ बल्कि ज़ोर-ज़ोर से रोने की इच्छा हो रही थी।' वह छिटककर अलग हुई और उसके निकलने के लिए दरवाज़ा ज़रा सा खोल दिया। अधखुले दरवाज़े से उसे चौराहे पर लगे बादाम के पेड़ दिखाई दिए, सुबह की रोशनी में नहाए। पर इसके आलाव और कुछ देखने का उसमे साहस नहीं बचा था। ‘तभी बोट के सायरन की चीखें रुकीं और इधर मुर्गों ने बाँग देना शुरू कर दिया,' उसने मुझे बताया। ‘वे इतना ज़्यादा हल्ला मचा रहे थे कि मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि कस्बे में इतनी बड़ी संख्या में मुर्गे हैं और फिर मैंने सोचा कि शायद वे बिशप की बोट में लादकर यहाँ लाए गए हैं।' उस व्यक्ति के लिए जिसे उसने कभी अपना नहीं माना, वह बस इतना ही कर सकती थी- प्लासीदा लिनेरो के आदेश के विपरीत उसने दरवाज़ा खुला छोड़ दिया था ताकि यदि कोई ख़तरा हो तो वह जल्दी से भीतर आ सके। किसी ने, किसी गुमनाम व्यक्ति ने दरवाज़े के नीचे से एक लिफाफा सरका दिया था जिसमें सांतियागो नासर को चेतावनी दी गई थी कि वे उसे ख़त्म करने के लिए तैयार बैठे हैं। उसमें इस कार्रवाई का स्थान, कारण और मारने की योजना का विस्तार से वर्णन किया गया था। यह संदेश उस समय फर्श पर ही पड़ा था जब सांतियागो नासर ने घर छोड़ा था पर न तो वह उसे देख पाया, ना ही दिविना फ्लोर। अपराध संपन्न हो जाने के बहुत देर बाद तक भी कोई उसे देख नहीं पाया।
छः बज चुके थे और स्ट्रीट-लैम्प्स अब भी जल रहे थे। बादाम के पेड़ों पर और कुछ बालकनियों में विवाहोत्सव की रंगीन झालरें अभी भी लटकी हुई थीं, जिन्हें देखकर कोई भी सोच सकता था कि यह सजावट बिशप के सम्मान में अभी-अभी की गई है। लेकिन चौराहे से लेकर चर्च की सीढ़ियों तक, जहाँ मंच खड़ा किया गया था, फुटपाथ पर हर तरफ ख़ाली बोतलें, टूटी-फूटी खाने की प्लेटें, कूड़ा-करकट बिखरा हुआ था। उत्सव के बाद यह सारा इलाका मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका था। जब सांतियागो नासर घर से चला था, लोगों की भीड़ गोदी की ओर बोट के भोंपू की आवाज़ के साथ दौड़ती चली जा रही थी।
चौराहे पर एकमात्र खुली जगह में चर्च से सटी एक दूध की दुकान थी जहाँ हत्या के इरादे से खड़े वे दोनों सांतियागो नासर का इंतज़ार कर रहे थे। दुकान की मालकिन क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने भोर की निर्मल आभा में सबसे पहले उसे देखा था और उसे लगा जैसे वह एल्युमिनियम पहने हुए है। ‘उस समय भी वह किसी प्रेत जैसा ही लग रहा था,' उसने मुझे बताया। वे लोग जो उसकी हत्या करना चाहते थे, वहीं बेंचों पर अख़बारों में लिपटे चाकुओं को छाती से चिपटाए सो रहे थे और क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने उनके जग जाने के भय से अपनी साँस रोक रखी थी।
वे जुड़वाँ थेः पेड्रो और पाब्लो विकारियो। उनकी उम्र चौबीस साल थी और दोनों इतने समान दिखते थे कि उनमें अंतर करना अच्छा ख़ासा कठिन काम था। ‘वे दिखने में कठोर लगते थे लेकिन थे भले,' रिपोर्ट में कहा गया था। मैं उन्हें समर स्कूल के ज़माने से जानता था और मैंने भी उनके बारे में यही लिखा होता। उस सुबह वे विवाहोत्सव से सूट पहने हुए थे जो केरेबियन लोगों के हिसाब से बहुत फीके और औपचारिक थे। इसके अलावा कई घंटों के हुड़दंग और मौज-मस्ती के कारण वे जर्जर लग रहे थे, लेकिन उन्होंने अपना कर्त्तव्य पूरा किया था और दाढ़ी भी बना रखी थी। हालाँकि उन्होंने शादी की शाम से ही पीना शुरू कर दिया था और अब भी पी रहे थे पर तीन दिन तक उन्हें नशा नहीं चढ़ पाया था और वे अनिद्राग्रस्त, नींद में चलने वालों जैसे लग रहे थे। वे तीन घंटे क्लातिल्दे अर्मेन्टा की दुकान पर इंतज़ार करते रहे और सुबह की पहली बयार के साथ नींद पूरी तरह गायब हो गई। दोनों के हाथ अख़बार के अपने-अपने पुलिंदों पर कस गए और पेड्रो विकारियो ने उठना शुरू किया।
‘भगवान के लिए', क्लातिल्दे अर्मेन्टा फुसफुसाई- ‘उसे बाद के लिए छोड़ दो, कम से कम बिशप के सम्मान की ख़ातिर।'
‘शायद उस बात में किसी पवित्रात्मा की साँस थी,' वह अक्सर दोहराया करती थी। सच था कि स्वयं ईश्वर यही चाहता था पर पल भर के लिए ही। उन्होंने उसकी बात सुनी और विकारियों बंधु सोच में पड़ गए और उनमें से जो खड़ा हो गया था फिर से बैठ गया। दोनों अपनी आँखों से सांतियागो नासर का, जो अब चौराहा पार कर रहा था, पीछा करने लगे। ‘उनकी आँखों में उसके लिए दयाभाव ही अधिक था,' क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने कहा था। उसी वक़्त यूनीफ़ार्म पहने नन्स स्कूल की अनाथ लड़कियाँ भी बेतरतीबी के साथ, उछलती-कूदती चौराहा पार कर रही थीं।
प्लासिदा लिनेरो ठीक कहती थीः बिशप जहाज़ से नहीं उतरे थे। अधिकारियों और स्कूली बच्चों के अलावा गोदी पर अच्छी ख़ासी भीड़ जमा हो गई थी और हर तरफ मोटे-मोटे मुर्गों से लदी टोकरियाँ दिखाई देती थीं जिन्हें लोग बिशप के लिए भेंट स्वरूप लेकर आए थे क्योंकि कॉक्सकॉम्ब सूप बिशप को विशेष प्रिय था। माल चढ़ाने वाले प्लेटफ़ॉर्म पर इतनी अधिक जलाऊ लकड़ी इकट्ठा हो गई थी कि उसे बोट पर चढ़ाने के लिए बोट को दो घंटे रुकना पड़ता। पर वह रुकी नहीं। नदी के मोड़ पर डे्रगन की तरह फुफकारती दिखाई दी और तब तक संगीतकारों ने बिशप का वृंदगान बजाना शुरू कर दिया। बंद टोकरियों-क्रेटों में मुर्गे बाँग देने लगे जिससे कस्बे के दूसरे मुर्गे भी उत्तेजित हो गए और उनके सुर में सुर मिलाने लगे।
पुराने ज़माने की मशहूर पैडल-बोटें, जिनमें जलाऊ लकड़ियों का इस्तेमाल होता था, गायब हो रही थीं और जो बची थीं उनमें पिसानो प्लेयर या नववधुओं के ख़ास केबिन नहीं हुआ करते थे और वे धारा के विपरीत बड़ी मुश्किल से चल पाते थे। लेकिन यह बोट बिल्कुल नई थी और उसमें धुआँ निकलने के लिए एक की जगह दो चिमनियाँ थीं जिन पर आर्म बैंड की तरह झंडे पेंट किए हुए थे। इसके अलावा पीछे की तरफ पटियों से बने चक्कों ने उसमें समुद्री जहाज़ों वाली शक्ति भर दी थी। ऊपरी डेक पर कैप्टन के केबिन के पास सफ़ेद चोगे में बिशप अपने स्पेनिश कर्मचारियों के साथ खड़ा था। ‘उस समय बिलकुल क्रिसमस जैसा मौसम था,' मेरी बहन मार्गोट ने कहा। उसके अनुसार जैसे ही बोट सीटी बजाती गोदी के करीब से गुज़री, भाप की बौछार ने उन लोगों को भिगो दिया जो बिलकुल किनारे खड़े थे। सब कुछ एक क्षणिक दृष्टि-भ्रम जैसा थाः बिशप ने हवा में क्रास का निशान बनाना शुरू किया, और जब तक बोट दृष्टि से ओझल नहीं हो गई सामने प्लेटफ़ार्म पर खड़े लोगों की दिशा में वे यंत्रवत क्रास बनाते चले गये, बिना किसी दुर्भावना या अंतःप्रेरणा के, और जो कुछ उसके बाद वहाँ बचा रह गया वह था मुर्गों का शोरगुल।
सांतियागो नासर का यह सोचना जायज़ था कि उसके साथ धोखा हुआ है। उसने फादर कार्मेन अमाडोर के कहने पर कस्बे के हित में मनों लकड़ियाँ अर्पित की थीं और खुद छाँटकर स्वादिष्ट कलगियों वाले बधिया मुर्गे भी वही लाया था। लेकिन यह एक क्षणिक नाराज़ी थी। मेरी बहिन मार्गोट को, जो उसके साथ वहाँ गोदी पर थी, वह काफ़ी प्रसन्नचित्त नज़र आया था और मौज मस्ती की उसकी भूख अभी नहीं मिटी थी, जबकि एस्पिरीन से उसे कोई फायदा नहीं हुआ था। ‘वह निरुत्साहित नही लग रहा था बल्कि शादी में हुए खर्च के बारे में लगातार सोच रहा था।' उसने मुझे बताया था। क्रिस्टो बेदोया भी उनके साथ था, और जब उसने कुल खर्च का आँकड़ा बताया, सांतियागो नासर का मुँह खुला का खुला रह गया। वह, सांतियागो नासर और मेरे साथ चार बजे तक मौज-मस्ती करता रहा। सोने के लिए वह अपने घर भी नहीं गया बल्कि अपने दादा-दादी के यहाँ गप्पें मारता रहा था। वहीं उसने अलग-अलग मदों में हुए खर्चों के आँकड़े प्राप्त किए और हिसाब लगाया कि पार्टी में कुल कितना खर्च हुआ है। उसने एक-एक चीज़ याद की और बताया कि कैसे उन्होंने मेहमानों के लिए चालीस टर्की और ग्यारह सूअर कटवाए हैं और कैसे चौराहे पर जमा भीड़ के लिए दूल्हे ने चार बछड़े भूनने के लिए रख छोड़े हैं। उसने याद किया कि दो सौ पाँच क्रेट गैर कानूनी शराब पी गई है और दो हज़ार बोतल गन्ने की शराब लोगों में बाँटी गई है। कस्बे में एक भी ऐसा आदमी नहीं था, धनवान, गरीब कोई भी, जिसने किसी न किसी तरह इस भड़कीली पार्टी की रंगीनियों का लुत्फ़ न उठाया हो। ऐसी भव्य पार्टी कस्बे में पहले कभी नहीं देखी गई थी। सांतियागो नासर की खुली आँखों में स्वप्न नाचने लगे थे।
‘मेरे शादी का जश्न भी ऐसा ही होगा,' उसने कहा था, ‘उसके बखान के लिए ज़िंदगी बहुत छोटी पड़ेगी।'
बहन को लगा उसके करीब से कोई फरिश्ता गुज़र गया है। उसने फिर एक बार फ्लोरा मिगुएल के सुखद भविष्य के बारे में सोचा। उसे ज़िंदगी ने पहले ही बहुत कुछ दे रखा था और इस साल क्रिसमस पर उसे सांतियागो नासर भी मिल जाने वाला था। ‘अचानक मुझे एहसास हुआ कि उससे अच्छा शिकार तो कोई हो ही नहीं सकता,' उसने मुझसे कहा था। ‘कल्पना करो, सुंदर, स्वस्थ, बात का पक्का और महज़ इक्कीस साल की उम्र में ढेर सारी संपत्ति का मालिक।' जब भी हमारे यहाँ मेनियाक फ्रिटर्स का नाश्ता होता बहन उसे अक्सर घर बुला लेती थी और माँ उस दिन वही बनाने जा रही थी। सांतियागो नासर ने उत्साह के साथ उसका निमंत्रण स्वीकार कर लिया था।
‘मैं जल्दी से कपड़े बदल कर आता हूँ, तुम्हें रास्ते में ही पकड़ लूँगा,' उसने कहा था और तभी उसे यह भी याद आया कि वह घड़ी घर पर ही भूल आया है। ‘अभी समय क्या हुआ है?'
उस समय छः पच्चीस हुए थे। सांतियागो नासर ने क्रिस्टो बेदोया का हाथ पकड़ा और चौराहे की ओर चल पड़ा था।
‘मैं तुम्हारे घर पन्द्रह मिनिट में पहुँच जाऊँगा,' उसने मेरी बहन से कहा।
बहन ने बहुत कहा कि वे साथ ही चलें, देन न करें, क्योंकि नाश्ता तो पहले ही तैयार हो चुका था। ‘वह एक विचित्र आग्रह था,' क्रिस्टो बेदोया ने मुझे बताया। ‘इतना कि कभी-कभी मुझे लगता है मार्गोट पहले से जानती थी कि वे लोग उसे मार डालेंगे और इसलिए वह उसे तुम्हारे यहाँ छिपाना चाहती थी।' सांतियागो नासर ने उसे आगे निकलने के लिए मना लिया कि वह अपने घुड़सवारी वाले कपड़े पहनकर आएगा जिससे वहाँ से सीधे ‘डिवाइन फेस' जा सके जहाँ कुछ बछड़ों को बधिया किया जाना था। बिदा लेते उसने उसी तरह हाथ हिलाया जैसे कुछ देर पहले माँ को गुडबाइ करते हुए हिलाया था, फिर वह क्रिस्टो बेदोया के साथ चौराहे की तरफ चल दिया। उसी समय मेरी बहन ने उसे आखिरी बार देखा था।
गोदी पर खड़े लोगों में बहुत से लोग जानते थे कि वे उसकी हत्या करने वाले है। रिटायर्ड कर्नल डॉन लाज़ेरो अपॉन्ते ने, जो ग्यारह साल कस्बे के मेयर भी रहे, उससे उँगलियों के इशारे से ‘हैलो' कहा था। ‘मेरे पास यह विश्वास करने के अपने कुछ ठोस कारण हैं कि उस समय तक वह ख़तरे से बाहर हो चुका था' उन्होंने मुझसे कहा। फादर कार्मेन अमाडोर भी चिंतित नहीं थे। ‘जब मैंने उसे सही-सलामत और निश्चिंत देखा तो मैंने सोचा कि वह सब महज़ गप्पबाज़ी है,' उन्होंने मुझसे कहा था। किसी ने यह नहीं सोचा कि क्या सांतियागो नासर को किसी ने सावधान भी किया है क्योंकि यह असंभव लगता था कि किसी ने भी उसे न बताया हो।
वास्तव में मेरी बहन मार्गोट उन कुछ लोगों में से थी जिन्हें यह पता नहीं था कि वे उसे मारने वाले हैं। ‘अगर मुझे पता होता तो मैं उसे सूअर की तरह बाँधकर घर ले जाती' उसने जाँच-अधिकारी के सामने बयान दिया था। यह अजीब बात थी कि उसे कुछ पता नहीं था लेकिन इससे भी अधिक आश्चर्यजनक यह था कि मेरी माँ भी इस बारे में बिल्कुल अनभिज्ञ थीं क्योंकि, इसके बावजूद कि वर्षों से उन्होंने घर के बाहर कदम नहीं रखा था, दुनिया-जहान की ख़बरें सबसे पहले उन्हें ही पता चलती थीं। उनकी इस ख़ासियत की जानकारी मुझे तब से है जब मैं सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाया करता था। दिन बीतते रहे पर मेरे मन में उनकी वही छवि स्थिर हो गई थी, पीली और रहस्यमय, हाथ की बनी झाडू़ से सुबह के पीले उजास में आँगन बुहारती। काफ़ी की चुस्कियों के बीच सुस्ताते वह मुझे बतातीं कि जब हम गहरी नींद में थे दुनिया में क्या-क्या गुल खिल रहे थे। लगता था जैसे कस्बे के लोगों के साथ, ख़ासकर उनके हमउम्र लोगों के साथ वह संचार के किसी अदृश्य तंतु से जुड़ी हुई थीं और कई बार वह समय के बाहर की ख़बरें, जिन्हें जानना ईश्वरीय शक्तियों के लिए ही मुमकिन होता है, सुनाकर हमें आश्चर्यचकित कर देती थीं। लेकिन,उस दिन सबेरे उन्हें उस हादसे से स्ंपदन का हल्का सा एहसास भी नहीं हुआ जो रात तीन बजे से ही गर्भ में बिलबिला रहा था। वह आँगन बुहार चुकी थीं और जब मेरी बहन मार्गोट बिशप की अगवानी करने के लिए घर से निकली, माँ फ्रिटर्स के लिए मोनियाक पीस रही थीं। ‘मुर्गे बाँग दे रहे थे।' उस दिन को यादकर मेरी माँ अक्सर कहा करती थीं। दूर से आते शोर को वह कभी भी बिशप के आगमन के साथ नहीं जोड़ पाईं बल्कि उसे वह विवाहोत्सव का अंतिम शोरशराबा ही समझती रहीं।
हमारा घर मुख्य चौराहे से काफ़ी दूर नदी तट पर स्थित आमों के बगीचे में है। मेरी बहन मार्गोट नदी के किनारे-किनारे चल कर गोदी तक गई थी। वहाँ मौजूद भीड़ बिशप के आगमन को लेकर इतना अधिक उत्तेजित थी कि किसी और समाचार में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं रह गई थी। उन्होंने बीमारों को प्रवेश द्वार के बाहर ही रोक दिया था ताकि वे ईश्वर की दवा प्राप्त कर सकें। औरतें अपने बाड़ों से टर्की और सूअर के दूध पीते बच्चे और तरह-तरह की दूसरी खाने की वस्तुएँ लेकर भागती चली आ रही थीं और नदी के दूसरे छोर से इधर आती छोटी-छोटी नौकाओं में फूल लदे थे। किंतु जब बिशप ज़मीन पर कदम रखे बगैर बिदा हो गए तो दूसरी दमित ख़बर ने शर्मनाक आकार ग्रहण कर लिया और तभी मेरी बहन मार्गोट ने उन बेबाक और बेरहम स्वरों को अपनी तरफ आते हुए सुनाः कस्बे की सुंदरी, एंजेला विकारियो, जिसकी शादी पिछले दिन ही हुई थी, अपने माँ-बाप के यहाँ खदेड़ दी गई है क्योंकि उसके पति ने पाया कि वह कुँआरी नहीं है। ‘मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा ही मरने का वक़्त आ गया है,' मेरी बहन ने कहा। ‘उन्होंने किस्से को खूब उछाला, नमक-मिर्च लगाकर बताया पर कोई यह नहीं समझा सका कि इस बवाल में बेचारे सांतियागो नासर का नाम क्यों घसीटा जा रहा है।' सभी इतना भर कहते थे कि एंजिला विकारियो के भाई उसे ख़त्म करने के लिए मौके की ताक में हैं।
मेरी बहन दाँत किटकिटाती हुई, किसी तरह अपनी रुलाई को भीतर समेटती घर वापस आई। उसने माँ को डाइनिंग रूम में नीले फूलों वाली ख़ास पोशाक में देखा जिसे वह सिर्फ़ रविवार के दिन पहनती थीं। शायद वे सोच रही थीं कि हो सकता है बिशप हमसे मिलने घर आ जाए। टेबल सजाती वे रूमानी प्रेम का गीत गुनगुना रही थीं। बहन ने देखा वहाँ आज एक अतिरिक्त कुर्सी रखी हुई है।
‘यह सांतियागो नासर के लिए है,' मेरी माँ ने उसे बताया। ‘मुझे पता है तुमने उसे नाश्ते के लिए बुलाया है।'
‘इसे हटाइए, तुरंत!' मेरी बहन ने कहा।
फिर उसने उन्हें सब कुछ बताया। ‘लेकिन लग ऐसा रहा था जैसे उन्हें पहले से पता है,' उसने मुझे कहा था। ‘वैसे ही जैसे हमेशा होता थाः आप उन्हें कुछ बताना शुरू कीजिए और अभी आधा किस्सा ही सुना पाए होते हैं कि वह जान जाती हैं कि आगे और क्या-क्या हुआ था।' वह बुरी ख़बर मेरी माँ के लिए जटिल पहेली थी। सांतियागो नासर का नामकरण उन्होंने ही किया था और वे उसकी धर्म माता थीं। लेकिन खदेड़ी गई दुल्हन की माँ प्यूरा विकारियो से उनका खून का रिश्ता था। जो भी हो, ख़बर सुनते ही उन्होंने ऊँची एड़ी के जूते पहन लिए और चर्च जाते समय ओढ़ा जाने वाला शाल डाल लिया जिसे वे ग़मी में जाते समय ही पहनती थीं। पिता जी, जिन्होंने बेडरूम में ही सारी बातें सुन ली थीं, डाइनिंग रूम में आ गए और घबराकर पूछा कि वे कहाँ जा रही हैं।
‘अपनी दोस्त प्लासिदा को आगाह करने,' माँ ने उत्तर दिया, ‘यह भी कोई बात हुई कि सबको तो पता है कि उसके बेटे को वे लोग मार डालने वाले हैं और सिर्फ़ उसे ख़बर नहीं है।'
‘हमारे संबंध विकारियो परिवार से भी वैसे ही हैं, जैसे उससे हैं,' मेरे पिताजी ने कहा।
‘हमें हमेशा मृतक का पक्ष लेना चाहिए,' माँ ने जवाब दिया।
मेरे छोटे भाई एक-एक कर बेडरूमों से बाहर निकल आए। सबसे छोटा भाई हादसे को सूँघकर रोने लगा। मेरी माँ ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया बल्कि जीवन में पहली बार वे अपने पति की बात पर भी ध्यान नहीं दे रही थीं।
‘एक मिनिट रुको, मैं कपड़े बदल लूँ,' उन्होंने माँ से कहा।
पर वह बाहर निकल चुकी थीं। सिर्फ़ मेरा भाई जेमी, जो उस समय मुश्किल से सात साल का था, स्कूल -यूनीफ़ार्म में तैयार खड़ा था।
‘तुम जाओ माँ के साथ,' पिता जी ने आदेश दिया।
बिना कुछ समझे कि दरअसल हो क्या रहा है और वे कहाँ जा रहे हैं, जेमी उनके पीछे भागा और दौड़कर उनका हाथ पकड़ लिया। ‘वे अपने आप से बात करती चली जा रही थीं,' जेमी ने मुझे बताया। ‘नीच लोग,' वह अपनी साँसों में बुदबुदा रही थीं, ‘कमीने दरिंदे ऐसा कुछ कर ही नहीं सकते जो भयानक न हो।' उन्हें इसका भी एहसास नहीं रहा कि उन्होंने एक बच्चे का हाथ पकड़ रखा है। ‘देखने वालों ने समझा होगा मैं पगला गई हूँ,' उन्होंने मुझसे कहा था। ‘मुझे तो बस इतना याद है कि दूर कहीं बहुत से लोगों का शोर सुनाई पड़ रहा था, जैसे शादी की पार्टी फिर से शुरू हो गई हो और हर कोई चौराहे की ओर भागा जा रहा था।' उन्होंने इस संकल्प के साथ कदम तेज़ कर दिए कि जब जीवन-मरण का प्रश्न हो तब वे कुछ भी कर सकती हैं। तभी विपरीत दिशा से कोई भागा चला आ रहा था। उसे उनकी विक्षिप्तता पर दया आ गई।
‘परेशान मत होइये लूसिया सांतियागो,' करीब से निकलते हुए उसने ज़ोर से चिल्लाकर कहा, ‘वे उसे मार चुके हैं।'
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बेयार्दो सान रोमां, वही जिसने दुल्हन को खदेड़ दिया था, अभी पिछले साल अगस्त में ही यहाँ आया था, शादी से छः माह पहले। वह आम साप्ताहिक नाव से यहाँ पहुँचा था और घोड़े की जीन के साथ लटकने वाली रुपहली थैलियाँ लिए था जिनका रंग उसके बेल्ट के बकल और जूतों के रंग से मेल खा रहा था। उसकी उम्र तीस के आसपास थी लेकिन नौजवान बुलफाइटर जैसी कमर, सुलगती आँखों और नमकीन, तांबई त्वचा के कारण उम्र का पता नहीं चलता था। वह काफस्किन की जैकेट और टाइट पैन्ट तथा उसी रंग के दस्ताने पहने था। मेग्देलिना ऑलिवर उसी नाव से आई थी और पूरे सफर के दौरान उसकी बेबस नज़र उस पर स्थिर हो गई थी। ‘वह देवपुत्र लगता था,' उसने मुझसे कहा। ‘और यह तरस खाने वाली बात थी, क्योंकि मेरे जैसी कोई उसे आराम से मक्खन लगा कर ज़िंदा हजम कर सकती थी।' यह उसकी अकेले की राय नहीं थी। न ही इस निष्कर्ष पर पहुँचने वाली वह अंतिम इंसान थी कि बेयार्दो सान रोमां ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसे पहिली नज़र में पहचान लिया जाए।
अगस्त के अंत में स्कूल में मेरी माँ की एक चिट्ठी मुझे मिली थी जिसमें उन्होंने यूँ ही लिख दिया था, ‘यहाँ एक अजीब सा आदमी आया हुआ है।' अगले पत्र में उन्होंने लिखा, ‘उस अजीब आदमी को सब बेयार्दो सान रोमां पुकारते हैं और कहते हैं कि वह बहुत आकर्षक व्यक्ति है, पर मैंने उसे देखा नहीं है।' यह कोई नहीं जानता था कि वह आया किसलिए है। एक आदमी जो अपनी इस उत्सुकता को दबाए नहीं रख सका था, शादी से थोड़ी देर पहले पूछ ही बैठा और उसे जवाब मिला, ‘मैं शहर दर शहर घूम रहा था कि कोई ढंग की लड़की मिले तो शादी कर लूँ।' यह सच भी हो सकता है लेकिन अपने इसी अंदाज में वह कोई दूसरा जवाब भी दे सकता था क्योंकि उसका बोलने का ढंग ऐसा था कि उससे बात व्यक्त होने की जगह और छिप जाती थी।
जिस रात वह आया, सिनेमा घर में उसने यह बात फैला दी कि वह रेलवे इंजीनियर है और फिर समझाने लगा कि सुदूर देहातों में रेल-लाईन बिछाना कितना ज़रूरी है जिससे हम नदी की चंचल धाराओं को मात दे सकें। दूसरे दिन उसे एक टेलीग्राम भेजना था तो सीधे वह की-बोर्ड पर जा बैठा और खुद एक-एक शब्द प्रेषित किया। इसके अलावा तार बाबू को उसने कुछ नुस्खे भी बताए जिससे वह अपनी खस्ताहाल बैटरियों का बेहतर उपयोग कर सकता था। ऐसे ही आत्मविश्वास के साथ उसने सेना के एक डाक्टर से, जो अनिवार्य सेवा देने के बाद यहाँ आकर रहने लगा था, सीमावर्ती इलाकों में फैलने वाली बीमारियों के बारे में चर्चा की थी। उसे हुड़दंग के साथ देर रात तक चलने वाले उत्सव पसंद थे और वह एक पक्का नशेबाज, लड़ाई-झगड़े निबटाने वाला और ताश के खेल में बेईमानी करने वालों का दुश्मन था। एक इतवार मास के बाद उसने कस्बे के बहुत सारे कुशल तैराकों को चैलेंज किया और नदी के आर-पार की प्रतियोगिता में उनमें से सबसे तेज़ तैराक को बीस हाथ पीछे छोड़ दिया था। यह सब मेरी माँ ने मुझे चिट्ठी में लिखा और अंत में अपनी आदत के मुताबिक अपनी राय दी थी, ‘लगता है वह सोने-चाँदी में भी तैरने का आदी है।' यह उन्होंने उस अफवाह के चलते लिखा कि बेयार्दो सान रोमां न केवल सब कुछ कर सकता हैं, और बड़े क़ायदे के साथ कर सकता है, बल्कि उसके पीछे अंतहीन दौलत की ताक़त भी है।
अक्टूबर आते-आते मेरी माँ ने उसके बारे में अपना अंतिम फैसला देते हुए लिखा था, ‘लोग उसे बेहद चाहते हैं क्योंकि वह ईमानदार और दरियादिल इंसान है। और पिछले इतवार उसने घुटनों के बल कम्यूनियन प्राप्त किया और प्रार्थना लेटिन में की।' उन दिनों खड़े होकर कम्यूनियन प्राप्त करने की अनुमति ही नहीं थी और प्रार्थनाएँ लेटिन में ही संपन्न की जाती थीं लेकिन जब मेरी माँ किसी मामले की तह तक जाना चाहतीं तो इसी प्रकार बाल की खाल निकालने की आदी थीं। खैर, उस प्रशस्ति पत्र के बाद उनकी दो चिट्ठियों में बेयार्दो सान रोमां के बारे में कुछ नहीं था, तब भी नहीं जब कस्बे में इस बात का हल्ला मचा हुआ था कि वह एंजेला विकारियो के साथ विवाह का इच्छुक है। उस दुर्भाग्यपूर्ण विवाह के बहुत बाद उन्होंने मेरे सामने स्वीकार किया कि वे उसे समझ चुकी थीं पर तब जब अक्टूबर में लिखी चिट्ठी की गलतियाँ सुधारने में बहुत देर हो चुकी थी और यह भी कि उसकी सुनहरी आँखें उनके भीतर आतंक की सनसनी पैदा कर देती थीं।
‘उसमें मुझे शैतान नज़र आता था,' उन्होंने मुझसे कहा था, ‘लेकिन तुम्हीं ने मुझसे कहा था कि इस तरह की बातें लिखकर नहीं बतानी चाहिए।'
मेरी माँ से उसकी भेंट के कुछ समय बाद ही जब मैं क्रिसमस की छुटि्टयों में घर आया था तब उससे मिला था और मुझे भी वह वैसा ही अजीबोगरीब आदमी लगा जैसा लोग बताया करते थे। वह आकर्षक था लेकिन मेग्देलीना ऑलीवर के काव्यात्मक दृष्टिभ्रम से बहुत अलग। उसकी मजाकिया हरकतों से गफ़लत होती थी फिर भी वह मुझे काफ़ी संजीदा नज़र आया, किसी रहस्यमय तनाव को अपने अतिसुसंस्कृत व्यवहार से छिपाने की असफल कोशिश करता हुआ-सा। यहाँ तक कि वह मुझे बहुत दुखी व्यक्ति लगा था। उस समय वह एंजेला विकारियो के साथ अपने प्रेम अनुबंध को औपचारिक रूप दे चुका था।
यह कभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया कि दोनों की पहली मुलाकात कहाँ और कैसे हुई थी। जिस बोर्डिंग में बेयार्दो सान रोमां रहा करता था उसकी मालकिन का कहना था कि सितम्बर के आख़िर-आख़िर में एक दिन वह बरामदे में रॉकिंग चेयर पर लेटा झपकियाँ ले रहा था कि एंजेला विकारियो और उसकी माँ नकली फूलों से भरी टोकरियाँ लिए चौराहे पर से गुज़रीं। दोपहर दो बजे की भीषण गर्मी में गर्म सुलगते काले वस्त्र पहने उन दो जीवित प्राणियों को बेयार्दो सान रोमां ने उनींदी आँखों से देखा और पूछा कि जवान लड़की कौन है। मकान मालकिन ने उत्तर दिया कि वह साथ वाली दूसरी औरत की सबसे छोटी बेटी है और उसका नाम एंजेला विकारियो है। बेयार्दो सान रोमां चौराहे के उस पार तक अपनी आँखों से उनका पीछा करता रहा।
‘बड़ा खूबसूरत नाम रखा है।' उसने कहा था। फिर उसने अपना सिर रॉकर के पीछे टिका दिया और आँखें बंद कर लीं। ‘जब मेरी नींद खुले,' उसने कहा, ‘मुझे याद दिला देना कि मैं उससे शादी करने वाला हूँ।'
एंजेला विकारियो ने मुझे बताया कि बेयार्दो सान रोमां के प्रणय-निवेदन से पहले ही बोर्डिंग-हाउस की मालकिन ने इस घटना के बारे में उससे बात की थी। ‘मैं बुरी तरह चौंक गई थी,' उसने मुझसे कहा। उस बोर्डिंग-हाउस में रहने वाले तीन अन्य व्यक्तियों ने पुष्टि की कि इस तरह की घटना घटित हुई है पर चार दूसरे निश्चित रूप से कुछ कह नहीं सके। दूसरी ओर सभी के कथनों में इस तथ्य को लेकर एकरूपता थी कि एंजेला विकारियों और बेयार्दो सान रोमां ने एक-दूसरे को अक्टूबर में हुए राष्ट्रीय उत्सव के चैरिटी-शो में पहली बार देखा था, जहाँ एंजेला रैफल्स के गानों की संचालिका थी। बेयार्दो सान रोमां वहाँ आया और सीधे चैरिटी-शो में पहुँचकर निस्तेज, थकी हुई और सर से पाँव तक शोक-सागर में डूबी रैफलर के सामने जा खड़ा हुआ। उसने म्यूजिक-बाक्स की कीमत पूछी जिस पर मदर-ऑफ़-पर्ल्स जड़े हुए थे और जो निश्चित ही चैरिटी-शो का प्रमुख आकर्षण रहा होगा। एंजेला ने कहा कि वह बिकाऊ नहीं है बल्कि जो रैफल जीतेगा उसे देने के लिए है।
‘यह तो और भी अच्छा है,' उसने कहा। ‘इससे उसे प्राप्त करना और भी आसान और सस्ता हो जाएगा।'
एंजेला ने माना कि वह उसे प्रभावित करने में सफल हुआ था पर प्रेम के विपरीत किसी दूसरे कारण से। ‘मैं घमंडी लोगों को नापसंद करती हूँ और मैंने उससे अधिक घमंडी आदमी पहले कभी नहीं देखा था,' उस दिन को याद करते हुए उसने कहा। ‘इसके अलावा मुझे लगा वह ‘पोलैक' है।' उपस्थित लोगों की उत्तेजना के बीच म्यूजिक-बॉक्स के लिए रैल का गीत गाते हुए वह और ज़्यादा गुस्से में थी पर वही हुआ जिसका डर था, वह रैफल बेयार्दो सान रोमां ने जीत ली थी। वह सोच भी नहीं सकती थी कि सिर्फ़ उसे प्रभावित करने के लिए उसने रैफल के सारे टिकट खरीद लिए थे।
उस रात जब एंजेला विकारियो घर लौटी तो वह म्यूज़िक बॉक्स घर पर रखा हुआ था, बाकायदा गिफ़्ट-पैक़ में ऑर्गेन्डी-बो के साथ। ‘मुझे यह कभी पता नहीं चल पाया कि उसे मेरे जन्म दिन के बारे में कैसे पता चला,' उसने मुझसे कहा। उसे अपने माता-पिता को यह समझाने में अच्छी ख़ासी मशक्कत करनी पड़ी थी कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसके कारण बेयार्दो सान रोमां उसे गिफ़्ट भेजे, वह भी ऐसे कि हर कोई देख ले, किसी से कुछ छिपा न रहे। बहरहाल, उसके दोनों भाई पेड्रो और पाब्लो तुरंत वह म्यूजिक बॉक्स उठाकर उसके मालिक को वापिस करने चल पड़े। हवा के झोंके की तरह वे कब वहाँ पहुँचे, कब वहाँ से बाहर निकले, किसी ने नहीं देखा। बेयार्दो सान रोमां के मायावी आकर्षण को समझने में विकारियो परिवार से भूल हुई थी क्योंकि दोनों जुड़वाँ भाई दूसरे दिन सबेरे ही लौट पाए और वह भी नशे में धुत्त, हाथों में म्यूज़िक-बॉक्स और बेयार्दो सान रोमां को साथ लिए जैसे रात भर की मौज-मस्ती से दिल न भरा हो।
एंजेला विकारियो एक गरीब परिवार की सबसे छोटी लड़की थी। उसके पिता पोसियो विकारियो मामूली सुनार थे, जिन्होंने अपनी आँखों की रोशनी सोने के बारीक काम के लिए समर्पित कर दी थी ताकि किसी तरह घर की प्रतिष्ठा बनी रह सके। उसकी माँ पुरिसिमा देल कार्मेन विवाह के पूर्व स्कूल में शिक्षिका थीं। उनकी दब्बू और कुछ उदास सी आकृति उनके चरित्र की दृढ़ता को अच्छी तरह छिपाए रखती थी। ‘वह बिलकुल नन लगती थीं, मर्सीडीज़ अब भी याद करती है। अपने पति की देखभाल और बच्चों को बड़ा करने में उन्होंने अपना सर्वस्व होम कर दिया था और कई बार लोग भूल जाते थे कि वे आसपास विद्यमान हैं। दोनों बड़ी बेटियों का विवाह बहुत देर से हुआ था। जुड़वाँ बेटों के अलावा उनकी एक मँझली बेटी भी थी जिसकी मौत रात के बुखार से हो गई थी। दो वर्ष बाद भी परिवार में उसकी मौत का मातम छाया हुआ था, जिसे घर के भीतर शांति के साथ किंतु सड़क पर पूरे अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता था। भाइयों को इस तरह बड़ा किया गया था कि वे मर्द बनें। लड़कियाँ अपनी शादी रचा सकें इस तरह पाली गई थीं। वे कढ़ाई कर सकती थीं, मशीन पर सिलाई करना, सलाइयों पर बुनाई करना, कपड़े धोना, इस्त्री करना, रंगीन काग़ज़ के फूल-पत्ते, खाने की मीठी गोलियाँ बनाना और शादियों के आमंत्रण-पत्र लिखना तक, इस तरह के कई कामों में वे दक्ष थीं। मृत्यु से जुड़े व्रतों और कर्मकांडों की पूर्ण उपेक्षा करने वाली उस ज़माने की आम लड़कियों के विपरीत वे चारों उस परंपरागत विज्ञान में पूर्ण पारंगत थीं जिसमें बीमार के पास बैठना, मरते हुए को दिलासा देना और मृतक को कफ़न पहनाना आदि सिखाया जाता है। उनकी एक ही बात मेरी माँ को बुरी लगती थी, वह थी, उनका सोने से पहले कंघी करना। ‘लड़कियों,' वह उनसे कहा करतीं, ‘रात में कंघी मत किया करो, नाविकों की रफ़्तार कम हो जाती है।' इस दुर्गुण को छोड़ दें तो उनके अनुसार उनसे बेहतर पली-बढ़ी बेटियाँ कस्बे में मिलना मुश्किल था। ‘वे आदर्श लड़कियाँ हैं,' यह कहते हुए हम उन्हें प्रायः सुनते थे। ‘कोई भी पुरुष उनके साथ प्रसन्न रहेगा क्योंकि उन्हें कष्ट उठाने के लिए ही पाला गया है।' फिर भी जिन्होंने दो बड़ी लड़कियों से विवाह किए थे उनके लिए घेरे को तोड़ना ख़ासा मुश्किल रहा क्योंकि हर जगह बहनें उनके साथ चलती थीं। वे ख़ास औरतों के लिए नृत्य आयोजित करती थीं और पुरुषों की योजनाओं के पीछे छिपे इरादों को पहले से भाँप लेती थीं।
एंजेला विकारियो चारों में सबसे सुंदर थी। मेरी माँ कहा करती थी कि वह इतिहास-प्रसिद्ध रानियों की तरह पैदा हुई है क्योंकि उसकी नाल जन्म के समय गर्दन में लिपटी हुई थी। लेकिन उसके आसपास असहायता का कुहासा छाया रहता था और उमंग के मामले में तो वह कंगाल थी जिससे उसके अनिश्चित भविष्य का पता चलता था। क्रिसमस की छुट्टियों में मैं उसे हर साल बार-बार देखता था और हर बार वह मुझे किसी अनाथ की तरह घर की खिड़की पर कढ़ाई करती और पड़ोसियों के साथ कुँआरी लड़कियों का गीत गाती मिलती थी। ‘वह फँसने के लिए एकदम तैयार माल है,' सांतियागो नासर मुझसे कहता था, ‘वही तुम्हारी बुद्धू कज़िन।' अचानक एक दिन, उसकी बहन के मातम से कुछ पहले, मैंने उसे सड़क पर किसी वयस्क महिला की तरह कपड़े पहने और घुँघराले बालों में देखा तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि यह वही है। लेकिन वह एक क्षणिक दृश्य ही थाः उत्साह का अभाव, जैसे-जैसे साल बीतते थे और बढ़ता जाता था। इसीलिए जब यह भेद खुला कि बेयार्दो सान रोमां उससे विवाह का इच्छुक है तो लोगों ने उसे एक बाहरी आदमी का विश्वासघात माना।
परिवार ने इसे न केवल गंभीरता से लिया बल्कि प्यूरा विकारियो को छोड़कर बाकी सभी आनंद-विभोर हो उठे। प्यूरा विकारियो ने शर्त रखी कि विवाह से पहले बेयार्दो सान रोमां को ठीक तरह से अपना पूरा परिचय देना होगा। तब तक किसी को पता ही नहीं था कि वह है कौन। लोगों के लिए उसका अतीत उस शाम से पीछे नहीं जाता था जब वह बोट से बहुरूपियों वाले कपड़े पहनकर उतरा था। उसके बाद वह अपने अतीत को लेकर इतना कटा-कटा सा रहता था कि कोई हवाई बकवास भी सच हो सकती थी। ऐसा कहा जा रहा था कि ट्रूप-कमांडर के रूप में उसने गाँव के गाँव नेस्तनाबूत किए और कासानेयर में आतंक मचाया, डेविल्स आइलैंड से बचकर भागा, पर्नाम्बुको में वह आजीविका के लिए दो पालतू भालू लिए घूमा करता था और विंडवर्ड चैनल में उसने सोने से लदे स्पेनिश जहाज़ के मलबे को खोज निकाला था। बेयार्दो सान रोमां ने बेहद आसानी से इन सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दियाः उसने अपना पूरा परिवार कस्बे में ला खड़ा किया।
वे चार थेऋ पिता, माँ और दो उत्तेजक बहनें। वे अधिकारियों की नंबर प्लेट वाली टी फ़ोर्ड मॉडल कार में आए जिसके हॉर्न से, जो बत्तखों की तरह क्वेक-क्वेक चीख रहा था, सड़कों पर हड़कंप मच गया। उसकी माँ अल्बर्टा सायमंड्स कुराकाओ की विशाल मुलाट्टो औरत थी जो स्पेनिश और पापियामेंटो की घालमेल भाषा बोलती थी। अपनी युवावस्था में वह एंटाइल्स की दो सौ सबसे खूबसूरत महिलाओं में सबसे खूबसूरत महिला चुनी गई थी। दोनों बहनें, जिन्होंने अभी-अभी जवानी में कदम रखा था, कूदती-फाँदती खिलंदड़ी बछियों जैसी लगती थीं। लेकिन मुख्य आकर्षण थे उनके पिता, जनरल पेट्रोनियो सान रोमां, पिछली सदी के गृहयुद्ध के हीरो और कंज़रवेटिव शासन के गौरव, जिन्होंने कर्नल ऑरलिआनो बुएंडिया को तुकुरिंका के जंगलों से मार-खदेड़ा था। मेरी माँ अकेली थीं जो उनसे मिलने नहीं गईं क्योंकि उन्हें पता था वह कौन हैं। ‘यह समझ में आता है कि उन दोनों की शादी हो जाना चाहिए,' उन्होंने मुझसे कहा। ‘पर यह एक बात हुई और उस आदमी से हाथ मिलाना बिल्कुल दूसरी बात है, जिसने जेरीनाल्डो मारक्वेज़ की पीठ में गोली मारने का आदेश दिया था।' उनके चित्र इतने प्रसिद्ध थे कि जैसे ही वह अपनी कार की खिड़की से हैट हिलाते हुए निकले, हर कोई उन्हें पहचान गया। वह गेहुँए रंग का लिनन का सूट और ऊँचाई तक बंधे तस्मों वाले कार्डोवन जूते पहने हुए थे। नाक पर सुनहरी फ्रेम का चश्मा था जो एक बकसुए की सहायता से नाक की उठान पर टिका भर हुआ था और एक बारीक चेन से बँधा था जिसका दूसरा सिरा बास्कट के बटन में अटका हुआ था। बहादुरी के तमगे उनके कोट पर छाती के आसपास सजे हुए थे और हाथ में एक बेंत थी जिसकी मूठ पर राष्ट्र-र्चिी उकेरा हुआ था। ख़स्ताहाल सड़कांें की तपती धूल से अटी कार से सबसे पहले वही बाहर निकले और उसके बाद उनका पायदान पर खड़ा होना ही काफ़ी था कि कस्बे की जनता समझ ले कि बेयार्दो सान रोमां जिससे चाहे उससे शादी कर सकता है।
खुद एंजेला विकारियो उससे शादी नहीं करना चाहती थी। ‘मुझे लगता था वह मेरे लिए कुछ ज़्यादा ही बड़ा आदमी है,' उसने मुझे बताया। फिर, बेयार्दो सान रोमां ने सारे परिवार पर तो अपनी मोहिनी माया चला दी पर एंजेला से उसने एक बार प्रणय-निवेदन तक नहीं किया था। एंजेला विकारियो उस रात के आतंक को कभी नहीं भूली जब उसके माँ-बाप, दोनों बड़ी बहनें और उनके पति बरामदे में इकट्ठा हो गए और उसके पीछे पड़ गए कि उस आदमी के साथ शादी करनी ही पड़ेगी जिसे उसने ठीक से देखा भी नहीं है। जुड़वाँ भाई इस झंझट में नहीं पड़े। ‘वह सब हमें औरतों की समस्याओं जैसा लगा,' पाब्लो विकारियो ने मुझसे कहा था। माँ-बाप का यह तर्क अकाट्य सिद्ध हुआ कि ऐसे परिवार को जो अपनी गरिमामय कंगाली में जी रहा है, नियति के पुरस्कार को ठुकराने का कोई अधिकार नहीं है। एंजेला विकारियो ने प्रेम के अभाव वाला पहलू सामने रखने की बहुत कोशिश की पर माँ ने एक वाक्य में उसे धराशायी कर दियाः
‘प्यार करना सीखा भी जा सकता है।'
उन दिनों की आम सगाइयों के विपरीत जो लंबी चलती थीं और तामझाम के साथ हुआ करती थीं, यह सगाई बेयार्दो सान रोमां के हठ के कारण चार माह में संपन्न हो गई। उसे और छोटा करना संभव नहीं हो पाया क्योंकि प्यूरा विकारियो की माँग थी कि पारिवारिक मातम पूरा हो जाने तक उन्हें इंतज़ार करना चाहिए। लेकिन बेयार्दो सान रोमां ने इंतज़ार को इतना आनंदमय बना दिया कि वह बहुत जल्दी और बिना किसी परेशानी के व्यतीत हो गया। ‘एक रात उसने मुझसे पूछा कि मुझे कौन सा घर सबसे अधिक पसंद है', एंजेला विकारियो ने मुझसे कहा था ‘और मैंने बिना सोचे विचारे कि उसका आशय क्या हो सकता है, कह दिया कि कस्बे का सर्वोत्तम घर ज़ीयस का है, जिसकी पत्नी मर चुकी है।' कोई मुझसे पूछता तो मैं भी यही कहता। वह हवादार पहाड़ी पर बना था और टैरेस से बैंगनी एनीमोन्स से आच्छादित दलदल की छटा देखते ही बनती थी। गर्मियों के खुले आकाश में क्षितिज पर केरेबियन समुद्र और कार्टाजेना डि इंडिया से आती घुमक्कड़ नावें दिखाई देती थीं। उसी रात बेयार्दो सान रोमां क्लब पहुँचा और ज़ीयस के साथ डॉमीनोस खेलने बैठ गया।
‘ज़ीयस,' उसने कहा, ‘मैं तम्हारा मकान खरीदना चाहता हूँ।'
‘वह बिकाऊ नहीं है,' ज़ीयस ने उत्तर दिया।
‘मैं उसमें रखे पूरे साज़ो-सामान के साथ उसे खरीदूँगा।'
विधुर ज़ीयस ने पुराने संस्कारों के अनुकूल उसे समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि घर की सभी वस्तुएँ उसकी पत्नी ने अपनी पूरी ज़िन्दगी में एक-एक कर जोड़ी थीं और वे चीजे़ं उसके लिए आज भी उसकी पत्नी के अविभाज्य अंग हैं जो उसे उसकी याद दिलाती रहती हैं। ‘ऐसा लग रहा था जैसे यह कहते हुए उसने अपना दिल ही निकालकर दिखा दिया हैं,' मुझे डॉ. डायनीसियो इगुआरान ने बताया जो उनके साथ ही खेल रहे थे। ‘मुझे पूरा यकीन था कि वह मान बेचने से पहले मर जाना पसंद करेगा क्योंकि उस घर में उसने प्यार के तीस वर्ष बिताए थे।' बेयार्दो सान रोमां को भी उसके तर्क समझ में आ रहे थे।
‘तो फिर ठीक है,' उसने कहा, ‘आप मुझे खाली घर ही बेच दीजिए!'
किन्तु विधुर खेल के अंत तक अपनी बात पर अड़ा रहा। तीन दिन बाद बेयार्दो सान रोमां पूरी तैयारी के साथ डॉमिनो टेबल पर फिर लौट कर आया था।
‘ज़ीयस,' आते ही उसने कहा, ‘तुम्हारे मकान की क्या कीमत है?'
‘उसकी कोई कीमत नहीं है।'
‘जो मरजी हो, बोलो।'
‘मुझे दुख है बेयार्दो,' विधुर ने उससे कहा, ‘पर नौजवान पीढ़ी दिल की बातें नहीं समझ पाती।'
बेयार्दो सान रोमां ने एक पल नहीं गँवाया। ‘पाँच हजार पेसोज़ ले लो और सौदा पक्का करो,' उसने कहा।
‘तुम बेकार पत्थर से तेल निकालने की कोशिश कर रहे हो,' उसने उत्तर में कहा, किंचित स्वाभिमान के साथ। ‘इस कीमत पर तो असंभव।'
‘दस हजार,' बेयार्दो सान रोमां ने कहा। ‘अभी, इसी वक्त और एक पर एक जमे करारे नोटों की थप्पियाँ।'
विधुर ने सहमकर उसकी तरफ देखा। उसकी आँखों में आँसू छलछला आए थे। ‘वे क्रोध के आँसू थे।' मुझे डॉक्टर डायनीसियो इगुआरान ने बताया जो न केवल एक अच्छे डॉक्टर थे बल्कि विद्वान लेखक भी थे। ‘कल्पना करोः ढेर सारी रकम सामने पड़ी हो और हाथ लगाने का दिल न करे, सिर्फ आत्मा की दुर्बलता के कारण!' विधुर ज़ीयस के मुँह से कोई आवाज़ नहीं निकली उसने बेहिचक इन्कार में सिर हिला दिया।
‘एक आखिरी मेहरबानी और कर दीजिए,' बेयार्दो सान रोमां ने कहा। ‘सिर्फ पाँच मिनट मेरा इंतज़ार कर लें।
पाँच मिनट बाद वह वापस आया और घोड़े की जीन के साथ लटकने वाली रूपहली थैलियों से निकाल-निकालकर हज़ार पेसो के दस बंडल नोट, जिन पर स्टेट बैंक की सील अब भी चमक रही थी, टेबल पर रख दिए। विधुर ज़ीयस की मृत्यु दो महीने बाद हो गई थी। ‘उसकी मृत्यु का कारण वही घटना थी,' डॉ. डायनीसियो इगुआरान ने कहा। ‘हम सबकी तुलना में वह अधिक स्वस्थ था, लेकिन स्टेथेस्कोप लगाकर तुम देखते तो तुम्हें उसके दिल में आँसुओं के बुलबुले फूटते सुनाई देते।' लेकिन न केवल उसने मकान पूरे साज़ो-सामान के साथ बेच दिया वरन बेयार्दो सान रोमां से किश्तों में रकम देने को कहा क्योंकि उसके पास कोई पुराना टं्रक भी नहीं बचा था जिसमें वह उस सांत्वना राशि को रख पाता।
ना तो कोई सोच सकता था और ना ही किसी ने कहा कि एंजेला विकारियो कुँआरी नहीं है। उसका कोई पूर्व मंगेतर भी नहीं था और वह अपनी बहनों के साथ माँ के कठोर अनुशासन में पली-बढ़ी थी। यही नहीं, शादी के पहले प्यूरा विकारियो ने उसे बेयार्दो सान रोमां के साथ उस घर को देखने भी अकेले नहीं जाने दिया जहाँ वे शादी के बाद रहने वाले थे। वह स्वयं उसके अंधे पिता को साथ लेकर जाती थीं ताकि उसके सतीत्व पर नज़र रख सकें। ‘सिर्फ एक चीज़ मैने भगवान से माँगी थी कि वह मुझे खुदकुशी करने का हौसला दें,' एंजेला विकारियो ने मुझसे कहा। ‘लेकिन उसने मुझे वह भी नहीं दिया।' वह इतना क्षुब्ध थी कि उसने अपनी माँ को सच बता देने का निर्णय कर लिया था ताकि वह बलि का बकरा बनने से बच सके, लेकिन उसकी दो अंतरंग सहेलियों ने, जो कपड़ों पर फूल काढ़ने में उसकी सहायता किया करती थीं, उसे ऐसा करने से रोक दिया था। ‘बिना सोचे-समझे मैंने उनकी बात मान ली,' उसने मुझसे कहा, ‘क्योंकि उन्होंने मुझे विश्वास दिला दिया था कि वे पुरुषों के मामलों की विशेषज्ञ हैं और उनकी चालाकियों को अच्छी तरह पहचानती हैं।' उन्होंने उसे भरोसा दिलाया कि अधिकांश स्त्रियों का कौमार्य बचपन की उछल-कूद में भंग हो ही जाता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि टेढ़ा से टेढ़ा पति भी किसी भी कहानी पर विश्वास कर लेता है बशर्ते बाहर यह बात किसी को पता न हो। अंत में उन्होंने यह भरोसा दिलाया था कि अधिकांश पुरुष पहली रात इतने डरे होते हैं कि वे बिना स्त्री की सहायता के कुछ करने धरने में समर्थ नहीं होते और सच का सामना होने पर वे अपनी अक्षमताओं का कोई समुचित स्पष्टीकरण भी नहीं दे पाते। ‘बस वे उसी पर विश्वास करते हैं जो उन्हें चादर पर दिखाई देता है,' उन्होंने उससे कहा था। और फिर उन्होंने बूढ़ी औरतों की कौमार्य भंग को लेकर बताई जाने वाली चालाकियों को समझाया था, नई-नवेली दुल्हन जिसमें सुहागरात के बाद वाली सुबह घर के आँगन में सूरज की रोशनी के नीचे चादर फैलाकर अपनी शुद्धता के दाग को प्रदर्शित करती है।
इसी भ्रम में उसका विवाह हो गया था और जहाँ तक बेयार्दो सान रोमां का प्रश्न था उसने प्रसन्नता को अपनी शक्ति और धन के भार से खरीदने के चक्कर में विवाह किया था क्योंकि जैसे-जैसे उत्सव की योजना विस्तृत होती जाती उसके मन में उसे और विशाल बनाने के उन्मत्त विचार जन्म लेते जाते। जब बिशप आगमन की घोषणा हुई तो उसने शादी की तारीख़ एक दिन आगे बढ़वाने की कोशिश की ताकि बिशप उनकी शादी सम्पन्न करा सकें किन्तु एंजेला विकारियो इस पर कतई सहमत नहीं थी। वास्तव में, उसने मुझसे कहा था, “मैं ऐसेे व्यक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने के विरुद्ध थी जो सूप के लिए मुर्गों की कलगियाँ कटवा लेता है और मुर्गों को कूड़ेदान में फेंक देता है।' फिर भी, बिशप के आशीर्वाद के बग़ैर विवाहोत्सव ने खुद ही ऐसा शक्तिशाली आकार ग्रहण कर लिया कि वह बेयार्दो सान रोमां के हाथों से बाहर निकल गया और उसका स्वरूप कस्बे के सामूहिक उत्सव में बदल गया था।”
उस बार जनरल पेट्रोनियो सान रोमां और उनका परिवार नेशनल कांग्रेस की समारोह नौका में वहाँ आए थे जो उत्सव समाप्त होने तक गोदी में लंगर डाले पड़ी रही। उनके साथ बहुत सी प्रतिष्ठित हस्तियाँ वहाँ आई थीं पर वे सब नए चेहरों की भीड़ में गुम हो गईं। उपहार सामग्रियाँ बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गईं और उनमें से कुछ बहुत उत्ड्डष्ट उपहारों को प्रदर्शित करने के लिए कस्बे के पुराने विद्युत पावर प्लांट की जगह को नया रूप दिया गया। बाकी उपहारों को तत्काल विधुर ज़ीयस के पुराने घर में पहुँचा दिया गया। जिसे पहले ही नए जोड़े के लिए सज्जित कर दिया गया था। दूल्हे को एक कन्वर्टिबल कार भेंट में मिली थी जिस पर निर्माता के मोनो के साथ उसका नाम गॉथिक शैली में उकेरा हुआ था। वधू को शानदार तिजोरी और शुद्ध सोने का डाइनिंग सेट उपहार में मिला जो चौबीस मेहमानों की ख़ातिरदारी के लिए पर्याप्त था। वे एक बैले कंपनी और दो आर्केस्ट्रा पार्टिया भी लेकर आए थे जो स्थानीय बैंड और वहाँ आए कई दूसरे ब्रास और एकार्डियन वादकों के समूहों द्वारा बजाए जा रहे अलग संगीत के साथ मिलकर सारे विवाहोत्सव को कोलाहल और हुड़दंग में तब्दील किए दे रहे थे।
विकारियो परिवार ईंट की दीवारों वाले साधारण से मकान में रहता था जिसका छप्पर घास-फूस का था और उसकी दो अटारियों पर जनवरी में गौरैया के बच्चे शोर मचाते थे। सामने की ओर एक टैरेस था जो फूल-पौधों के गमलों से भरा था और आगे बड़ा सा आँगन था जहाँ फलों के पेड़ों के नीचे खुली मुर्गियाँ हुड़दंग मचाती रहती थीं। मकान के पिछवाड़े जुड़वाँ बंधुओं ने सूअर पाल रखे थे जहाँ एक पत्थर पर उनकी बलि दी जाती थी और वहीं एक टेबल पर उनकी सफाई का इंतज़ाम था। पोसियो विकारियो को अंधत्व प्राप्त होने के बाद यह काम घर की आय का अच्छा साधन बन गया था। यह धंधा पेड्रो विकारियो ने शुरू किया था लेकिन जब वह सेना में भर्ती हो गया तब उसके जुड़वाँ भाई ने भी कसाइयों का यह काम सीख लिया।
घर के भीतर मुश्किल से इतनी जगह थी कि गुज़ारा किया जा सके। इसलिए बड़ी बहनों ने उत्सव की विशालता को समझते हुए कस्बे में एक और मकान किराए पर लेने की कोशिश की। ‘कल्पना करो,' एंजेला विकारियो ने मुझे बताया, ‘उन्होंने प्लासिदा लिनेरो के मकान के बारे में सोचा, पर सौभाग्य से मेरे माता-पिता अपनी पुरानी टेक पर अड़े रहे कि हमारी बेटियों का विवाह या तो हमारे सूअर-बाड़े में होगा, नहीं तो नहीं होगा।' आिख़र उन लोगों ने मकान की पीले रंग से पुताई की, दरवाज़ों को ठोंक-पीटकर दुरुस्त किया, र्फश की मरम्मत कर डाली और इस तरह मकान को उस हंगामाखेज़ शादी के लायक बनाकर छोड़ा। जुड़वाँ बंधुओं ने सूअरबाड़े से अपने सूअर हटाकर वहाँ भी चूने की पुताई कर दी, लेकिन इसके बावजूद साफ लगता था जगह अब भी पर्याप्त नहीं है। अंत में बेयार्दो सान रोमां के सद्प्रयासों से उन्होंने आँगन की चारदीवारी को गिरा दिया, पड़ोस के मकान को नाच-गाने के आयोजन के लिए खाली करा लिया और लकड़ी की बेंचों को इमली के पेड़ों के नीचे रख दिया, ताकि लोग उन पर आराम से बैठ कर भोजन कर सकें।
दूल्हे से इस हैरतअंगेज़ कारनामे की उम्मीद नहीं थी कि ठीक शादी वाले दिन वह दुल्हन को लेने दो घंटे विलंब से आएगा और इधर एंजेला विकारियो अड़ गई थी कि जब तक वह दूल्हे को घर में नहीं देख लेगी दुल्हन का श्रृंगार नहीं करेगी। ‘कल्पना करो,' उसने मुझसे कहा था, ‘यदि वह आता ही नहीं तो मैं कितना खुश होती, लेकिन खुशी नामुमकिन होती अगर शादी के कपड़े पहनने के बाद वह मुझे छोड़ देता।' उसकी यह सतर्कता स्वाभाविक थी क्योंकि इससे बड़ा सामाजिक दुर्भाग्य कोई नहीं है कि लड़की दुल्हन का गाउन पहनने के बाद छोड़ दी जाए। दूसरी ओर, ये तथ्य कि एंजेला विकारियो ने कुँआरी न होने के बावजूद पवित्र चादर ओढ़ ली थी और नारंगी फूल धारण कर लिए थे, बाद में पवित्रता के प्रतीकों का अपमान मान लिए जाते। मेरी माँ अकेली थीं जिन्होंने उसके इस साहसिक कदम की सराहना की कि उसने अपने असली पत्ते आिख़र तक बचाकर रखे। ‘उन दिनों ईश्वर ऐसी बातें समझता था,' उन्होंने मुझे समझाते हुए कहा था। दूसरी तरफ, तब तक कोई नहीं जानता था कि बेयार्दो सान रोमा के हाथ में कौन से पत्ते हैं। तब से जब वह फ्रॉक-कोट और टॉप- हैट पहनकर वहाँ आया और अपनी यातना की सृष्टि को नृत्य के बीच से उठाकर ले गया था, वह आदर्श दूल्हे की प्रसन्न छवि बना रहा।
और सांतियागो नासर कौन से पत्ते चलने वाला है यह भी किसी को पता नहीं था।
मैं पूरे समय उसके साथ रहा, चर्च में और फिर विवाहोत्सव में। क्रिस्टो बेदोया और मेरा भाई लुइस एनरिक भी हमारे साथ थे और हममें से किसी को भी उसके व्यवहार में परिवर्तन की रत्ती भर झलक भी नहीं दिख पाई थी। मुझे इस बात को कई बार दोहराना पड़ा है, क्योंकि हम चारों एक साथ बड़े हुए थे, स्कूल में और छुट्टियों के अपने गैंग में हम साथ-साथ रहते आए थे और कोई भी यह विश्वास नहीं करता था कि हममें से किसी एक का रहस्य हम चारों का रहस्य बने बगैर रह सकता है, ख़ासकर इतना बड़ा रहस्य।
सांतियागो नासर पार्टी प्रेमी था और उसका मृत्यु पूर्व का अधिकांश समय शादी में हुए खर्च का हिसाब-किताब करते बीता था। उसने अनुमान लगाया कि चर्च में फूलों की सजावट का खर्च चौदह बेहतरीन जनाज़ों पर होने वाले खर्च के बराबर है। यह सूक्ष्म विश्लेषण मुझे वर्षों परेशान करता रहा क्योंकि सांतियागो नासर प्रायः मुझसे कहा करता था कि बंद अंधेरे में रखे फूलों की गंध का सीधा संबंध मृत्यु से होता है और उस दिन चर्च जाते समय रास्ते में उसने मुझसे यह बात कई बार दोहराई थी। ‘मैं अपने जनाज़े में फूल कतई नहीं चाहता।' उसने मुझसे कहा था, बिना यह सोचे कि अगले ही दिन मुझे इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे वहाँ न हों। चर्च से विकारियो के घर के रास्ते पर उसने सड़कों पर लगाई रंगीन झालरों पर, संगीत और आतिशबाज़ी पर और यहाँ तक कि उन कच्चे चावलों पर हुए खर्च का हिसाब भी लगा लिया था जिनकी बौछार हमारे स्वागत में की गई थी। भरी दोपहर में नव-विवाहित जोड़े ने धीरे-धरे आँगन का एक चक्कर लगाया। बेयार्दो सान रोमां हमारा अच्छा दोस्त बन गया था, कुछ चुस्कियों का दोस्त, जैसा उन दिनों कहा जाता था और टेबल पर हमारे साथ बैठा वह काफी संयत लग रहा था। बिना चादर और गुलदस्ते के और पसीने के कारण मैले हो चुके साटिन के कपड़ों में एंजेला विकारियो अब एक विवाहित महिला लग रही थी। सांतियागो नासर ने बेयार्दो सान रोमां को हिसाब लगाकर बताया कि अब तक विवाह में नौ हज़ार पेसो खर्च हो चुके हैं। ज़ाहिर है एंजेला ने इसे असभ्यता माना था। ‘मेरी माँ ने मुझे सिखाया है कि दूसरों के सामने इस तरह रुपए-पैसों की चर्चा कभी नहीं करनी चाहिए,' उसने मुझसे कहा था। उधर, दूसरी तरफ बेयादो सान रोमा ने इसे उदारता के साथ लिया, बल्कि कुछ गर्व के साथ। ‘हाँ, करीब-करीब,' उसने कहा, ‘लेकिन अभी तो शुरूआत है। जब तक इसका समापन होगा खर्च दुगुने के आसपास पहुँच जाएगा।'
सांतियागो नासर ने इस पर प्रस्ताव रखा कि वह एक-एक पेनी का हिसाब करके यह बात सिद्ध कर देगा। उसकी ज़िंदगी उतनी ही बची थी। क्रिस्टो बेयोदा ने जब दूसरे दिन गोदी पर उसे अंतिम आँकड़ा बताया, उसकी मृत्यु के पैंतालीस मिनट पहले, तो हिसाब लगाकर उसने कहा था कि बेयार्दो सान रोमां का अनुमान बिल्कुल सही था।
जब तक मैंने दूसरों की स्मृतियों को कतरा-कतरा सहेजने का निश्चय नहीं कर लिया तब तक विवाहोत्सव की मेरी स्मृति बहुत अस्पष्ट और भ्रामक थी। वर्षों मेरे घर में चर्चा हुआ करता था कि नव विवाहितों के सम्मान में मेरे पिता ने बचपन के बाद पहली बार वॉयलिन बजाया था, कि मेरी बहन ने, जो एक नन थी, मेरेंग्यू नृत्य किया था और कि डॉ. डायनीसियो इगुआरान ने, जो मेरी माँ के चचेरे भाई थे, अपने लिए उनके साथ शासकीय बोट से जाने की व्यवस्था कर ली थी ताकि वह उस समय उपस्थित न रहें, जब दूसरे दिन बिशप यहाँ आएँगे। इस रोजनामचा को तैयार करते समय लोगों के साथ हुई चर्चाओं के दौरान मैंने स्मृति की गहराइयों में दबे कई छोटे-छोटे अनुभवों को देखकर बाहर निकाला और पुनर्प्रतिष्ठापित किया है। उनमें से एक बेयार्दो सान रोमां की बहनों के बारे में है कि उनके मखमली वस्त्रों के पीछे सोने की जड़ाऊ पिनों की सहायता से तितलियों के पंख टँके थे और इन वस्त्रों ने उनके पिता के भारी हैट और मैडलों से अधिक लोगों का ध्यान खींचा था। बहुत से लोग जानते थे कि पार्टी की खुमारी में मैंने मर्सीडीज़ बार्चा के सामने विवाह का प्रस्ताव रख दिखा दिया था और जैसा कि चौदह साल बाद, जब हमारी शादी हो गई, उसने बताया कि तब उसने हाल ही में प्रायमरी स्कूल की पढ़ाई खत्म की थी। वास्तव में मेरे मन में उस अप्रिय रविवार की सबसे ज़बरदस्त छवि आँगन में बीचोंबीच स्टूल पर अकेले बैठे पोसियो विकारियों की है। लोगों ने उन्हें वहाँ यह सोच कर बिठा दिया था कि वह एक सम्मानपूर्ण स्थान है, जबकि मेहमान उनसे टकरा रहे थे और उन्हें कोई ऐरा-गैरा समझ इधर-उधर हटा देते थे कि बार-बार लोगों के रास्ते में न आएँ, और वह भी हर तरफ अपना बर्फ की तरह सफेद सिर हिलाते रहते थे, किसी सनकी की तरह जो अभी हाल में अंधा हुआ है, और उन प्रश्नों के जवाब देते रहे थे जिन्हें उनसे नहीं पूछा गया था, और यह समझकर कि किसी ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया है खुद भी हाथ हिला देते जबकि किसी ने उनकी तरफ देखा तक नहीं होता था। कलफ के कारण गत्ते की तरह अकड़े हुए कपड़ों में, हाथ में नई लिग्नम की छड़ी लिए, जिसे ख़ास पार्टी के लिए खरीदा गया था, गफलत के अपने छोटे से घेरे में वह बहुत खुश नज़र आ रहे थे।
छः बजे, औपचारिक कार्यक्रम समाप्त होते ही धीरे-धीरे सारे सम्माननीय अतिथि विदा हो गए। जलती हुई रोशनियों और पियानों पर पुनः जाग उठी वाल्ट्ज़ धुनो के साथ बोट चल दी और अचानक पल भर के लिए हम अनिश्चितता की अथाह गहराइयों में फेंक दिए गए। और जब हमने दोबारा एक दूसरे को पहचाना तो आश्वस्त होकर फिर से उत्सव के हुड़दंग में समा गए। नव-विवाहित जोड़ा कुछ समय बाद हंगामे और भीड़ के बीच अपनी खुली कार में घिसटता हुआ दिखाई दिया।
बेयार्दो सान रोमां ने राकेट चलाए और भीड़ के हाथों से लेकर गन्ने की शराब पी और कुछ देर बार एंजेला विकारियो के साथ कार से उतरकर सुंबीअंबा नृत्य के भँवर में डूबने-उतराने लगा। अंत में उसने हमें आखिरी दम तक नाचते रहने का आदेश दिया और भयभीय पत्नी को लेकर ड्रीम हाउस की ओर बढ़ गया, जहाँ कुछ दिन पहले विधुर ज़ीयस सुख से रहा करता था।
लोगों की रंगरेलियाँ आधी रात के बाद छोटे-छोटे गुटों में बिखर गईं और वहाँ जो बचा रह गया वह थी चौराहे के एक ओर बनी क्लातिल्दे अर्मेन्टा की दुकान। सांतियागो नासर और मैं, मेरे भाई लुइस एनरिक और क्रिस्टो बेदोया के साथ वहाँ से सीधे मारिया एलेजेंड्रीना सर्वेन्ट्स के यहाँ चले गये थे। कई दूसरे लोगों के साथ विकारियो बंधु भी वहीं चले आए थे और हमारे साथ बैठे शराब पीते रहे और सांतियागो नासर के साथ नाचते-गाते रहे थे, उसे मारने के पाँच घंटे पहले तक। मुख्य पार्टी की कुछ चिनगारियाँ अब भी चारों ओर बिखरी हुई थीं और हर कोने से संगीत की धुनें और लड़ने-भिड़ने की आवाज़ें बीच-बीच में हवा में तैरती हुई हम तक पहुँच रही थीं। बिशप की बोट के भोंपू की चीखें सुनाई पड़ने तक यही सब चलता रहा।
प्यूरा विकारियो ने मेरी माँ को बताया था कि उन्होंने बेटियों के साथ मिलकर शादी के बाद की गंदगी को साफ किया और रात ग्यारह बजे सोने चली गई। थोड़ी देर पहले, लगभग दस बजे, जब चौराहे पर कुछ पियक्कड़ अभी भी नाच-गा रहे थे, एंजेला विकारियो ने डे्रसिंग टेबल पर रखा अपना छोटा सूटकेस लेने के लिए, जिसमें उसकी कुछ निजी चीजें़ रखी थीं एक आदमी को भेजा था। उसने रोजाना पहने जाने वाले कपड़ों वाला बड़ा सूटकेस भी मँगवाया था पर नौकर कुछ हड़बड़ी में था। वह गहरी नींद में थीं जब दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ हुई थी। ‘वे तीन हल्की थपकियाँ थीं,' उन्होंने मेरी माँ को बताया था, ‘लेकिन उनमें एक अजीब सा आशंका का स्पर्श था।' उन्होंने मेरी माँ को बताया कि किसी की नींद न टूटे इसलिए उन्होंने बिना लाइट जलाए दरवाज़ा खोला और स्ट्रीट-लाइट्स के प्रकाश में देखा कि खुली सिल्क शर्ट में और अस्तव्यस्त पैंट को किसी तरह संभाले बेयार्दो सान रोमां दरवाजे़ पर खड़ा है। ‘वह सपनों वाले हरे रंग में चमक रहा था, ‘प्यूरा विकारियो ने मेरी माँ से कहा। एंजेला विकारियो अंधेरे में थी, इसलिए वह उसे तभी देख पाईं जब बेयार्दो सान रोमां ने उसे बाँह पकड़कर रोशनी में खींचा। उसकी साटन की डे्रस तार-तार हो चुकी थी और वह कमर पर तौलिया लपेटे थी। प्यूरा विकारियो ने सोचा, उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई है और व घाटी की तलहटी में मरे पड़े हैं।
‘हे ईश्वर!' उनके मुँह से आतंकित शब्द बाहर निकले, ‘मेरी बात का जवाब दो, तुम लोग ज़िंदा हो या मर चुके हो।'
बेयार्दो सान रोमां ने कमरे के भीतर कदम नहीं रखा, सिर्फ पत्नी को भीतर ठेला और बिना एक शब्द कहे पल भर ठिठककर खड़ा रह गया। इसके बाद उसने प्यूरा विकारियो के गाल का चुंबन लिया और गहरे उदास स्वर में किन्तु बड़ी कोमलता के साथ कहा, ‘हर बात के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया, मम्मी,' वह बोला,
‘आप संत हैं।'
अगले दो घंटे प्यूरा विकारियो क्या करती रहीं, वही जानती थीं और उस रहस्य के साथ ही वह दफ्न हुईं। ‘बस मुझे इतना याद है कि वे एक हाथ से मेरे बाल पकड़े थीं और दूसरे से मुझे ज़ोर-ज़ोर से पीट रही थीं, इस कदर क्रोधोन्मत्त होकर कि मुझे लगा वे मुझे मार ही डालेंगी,' एंजेला विकारियो ने मुझे बताया था। पर यह सब भी उन्होंने इतने रहस्यमय अंदाज़ में किया कि उनके पति और दोनों बड़ी बेटियाँ, जो दूसरे कमरों में सो रहे थे, दूसरे दिन सबेरे तक कुछ भी नहीं जान पाए जबकि जो अनर्थ होना था हो चुका था।
माँ द्वारा तुरंत बुलवाए जाने पर दोनों जुड़वाँ भाई तीन बजने से कुछ पहले घर आए।
उन्होंने एंजेला विकारियो को डाइनिंग-रूम के कोच पर औंधे मुँह पड़ा पाया। उसके चेहरे पर चोटों के निशान थे, लेकिन वह रोना बंद कर चुकी थी। ‘उस समय तक मेरा सारा डर जाता रहा था,' उसने मुझसे कहा। ‘बल्कि मुझे लग रहा था जैसे मौत की बेहोशी को मेरे शरीर से खींचकर बाहर निकाल दिया गया है। मैं बस इतना चाहती थी कि जो कुछ होना है जल्दी हो जाए और मैं हवा में तैरकर नीचे आऊँ और सो जाऊँ।' पेड्रो विकारियो ने, जो जुडवाँ भाइयों में ज़्यादा दमदार था, बहन को कमर से पकड़कर हवा में लहराया और डायनिंग-टेबल पर पटक दिया।
‘हाँ तो लड़की,' उसने गुस्से से काँपते हुए पूछा। ‘अब बताओ कि वह है कौन?'
एंजेला ने केवल उतना समय लिया जितना नाम लेने के लिए ज़रूरी था। उसने नाम को परछाइयों में ढूँढ़ा, उसने उसे यहाँ और उस संसार के ढेर सारे उलझे नामों के बीच ढूँढ़ निकाला और फिर निशाना साधकर तीर चला दिया। एक तितली की तरह जिसकी मर्ज़ी नहीं चलती और जिसकी सज़ा पहले से मुकर्रर होती है, वह नाम तीर के साथ दीवार में धँस गया।
‘सांतियागो नासर,' उसने कहा।
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बचाव पक्ष के वकील ने मज़बूती के साथ तर्क रखा कि हत्या अपने सम्मान की रक्षा के न्यायसंगत अधिकार के अंतर्गत की गई है और अदालत ने उसे नेकनीयती के साथ स्वीकार कर लिया। जुड़वाँ बंधुओं ने ट्रायल के अंत में घोषणा की कि इस पवित्र उद्देश्य के लिए वे यह अपराध हज़ार बार और कर सकते हैं। उन्होंने अपराध के चंद मिनटों के भीतर चर्च के सामने आत्मसमर्पण करके यह इशारा कर दिया था कि उनके बचाव का तर्क क्या होगा। उत्तेजित अरब समुदाय पीछा कर रहा था और वे भड़भड़ाते हुए चर्च के भीतर घुसे और साफ़ फल वाले चाकुओं को फादर की टेबल पर रख दिया। दोनों ही मृत्यु की भीषण कार्रवाई के बाद बेहद थके हुए थे। उनके हाथ और कपड़े पसीने में शराबोर थे और चेहरों पर पसीने के साथ ताज़ा रक्त भी लिथड़ा हुआ था किन्तु फादर ने उनके समर्पण को एक गरिमामय कार्य के रूप में स्वीकार कर लिया।
‘हमने सरेआम उसका कत्ल किया है,' पेड्रो विकारियो ने कहा, ‘लेकिन हम बेगुनाह हैं।
‘शायद ईश्वर के सामने,' पादरी अमाडोर के मुँह से निकला।
‘ईश्वर के सामने और लोगों के सामने भी,' पाब्लो विकारियो ने कहा। ‘सवाल इज्ज़त का था।'
इसके अलावा अपनी जुनूनी बातों से पाशविक बर्बरता का जो चित्र उन्होंने लोगों के मन में बिठा दिया था वह वास्तविकता से परे तो था ही, उसमें इतना अतिरेक भी था कि लोगों ने यह उचित समझा कि चंदा करके प्लासिदा लिनेरो के घर के सामने वाले दरवाज़े की मरम्मत करा दी जाए जो चाकुओं के वार से कट-फट गया था। रायोहाचा जेल में, जहाँ उन्होंने मुकदमे के तीन साल काटे थे, क्योंकि वे ज़मानत नहीं दे सकते थे। वहाँ के पुराने कैदियों ने बताया कि वे सचरित्र और मिलनसार थे पर उनमें पश्चाताप का कोई लक्षण नज़र नहीं आता था। फिर भी लगता यही था कि विकारियो बंधुओं ने सांतियागो नासर को आम हत्यारों की तरह लोगों की नज़रों से दूर महज़ निबटाया नहीं था बल्कि ऐसा बहुत कुछ भी किया था कि लोग जानें कि वे कत्ल पर आमादा हैं और उन्हें रोक लें, पर वे नाकामयाब रहे।
जैसा कि कई साल बाद उन्होंने मुझे बताया उन्होंने उसकी तलाश मारिया एलेजेंड्रिना सर्वेन्ट्स के यहाँ से शुरू की, जहाँ वे उसके साथ दो बजे तक थे। यह तथ्य दूसरी बहुत सी बातों की तरह मुकदमे के खुलासे में कहीं नहीं आया। जुड़वाँ बंधु कहते रहे कि वे वहाँ उसे ढूँढ़ने गऐ थे पर सच यह था कि सांतियागो नासर उस समय वहाँ था ही नहीं, क्योंकि हम लोग पहले ही रात्रि-संगीत के एक और अड्डे की तरफ निकल चुके थे, बहरहाल यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि वे वहाँ से ढूँढ़ने आए ही थे। ‘वे अगर यहाँ आए होते तो वापस जा नहीं सकते थे,' मारिया एलेजेंड्रिया सर्वेन्ट्स ने मुझसे कहा था और चूँकि मैं उसे अच्छी तरह जानता था, मुझे उसकी बात पर यकीन है। दूसरी ओर, वे उसकी तलाश में क्लातिल्दे अर्मेन्टा के यहाँ गए और उसके इंतज़ार में काफी देर बैठे भी रहे पर वे भी अच्छी तरह जानते थे कि वहाँ हर कोई रुक सकता है पर सांतियागो नासर किसी हालत में नहीं। ‘वही एकमात्र खुली जगह थी,' उन्होंने जाँचकर्ता अधिकारी से कहा। ‘देर-सबेर उसे बाहर आना ही था,' रिहा होने के बाद उन्होंने मुझसे कहा लेकिन सभी जानते थे कि प्लासिदा लिनेरो के घर का दरवाज़ा भीतर से बंद रहता था, यहाँ तक कि दिन में भी, और पिछले दरवाज़े की चाबी सांतियागो नासर हमेशा अपने पास रखता है। जब वह घर लौटा था पीछे से ही गया था और उस समय भी विकारियो बंधु दूसरी तरफ चौराहे पर एक घंटे से उसका इंतज़ार कर रहे थे और अगर बिशप की अगवानी करने के लिए बाद में वह चौराहे की तरफ खुलने वाले दरवाज़े से ही बाहर निकला तो इसका कारण इतना अप्रत्याशित था कि जाँचकर्ता अधिकारी जिसने रपट लिखी थी कुछ भी समझ नहीं पाया।
आज तक कोई मृत्यु ऐसी नहीं थी जिसकी पूर्वघोषणा इतनी सटीक रही हो। बहन ने उन्हें नाम बताया और तुरंत ही विकारियो बंधु सुअर-बाड़े में आ गए जहाँ वे अपने औज़ार रखा करते थे। वहाँ से उन्होंने दो सबसे अच्छे चाकू उठाएः एक आर-पार काटने वाला, दस इंच बाई दो इंच लंबा और आधा इंच मोटा और दूसरा बारीक कतरने वाला, सात इंच बाई डेढ़ इंच लम्बा और आधा इंच मोटा। चाकुओं को कपड़े के चीथड़े में लपेटकर वे उनकी धार तेज़ करने के लिए गोश्त-बाजार ले गए, जहाँ उस समय दुकानें खुलना शुरू ही हुई थीं। उतनी सुबह दुकानों पर अधिक ग्राहक भी नहीं थे लेकिन बाइस व्यक्तियों ने बताया कि जो कुछ वहाँ कहा गया उन्होंने सब कुछ अपने कानों से सुना था और वे सभी सहमत थे कि जो कुछ कहा गया था वह इसीलिए कहा गया था कि कोई उन्हें सुन ले। उनके कसाई दोस्त फाउस्तीनो सान्तोस ने उन्हें तीन-बीस पर आते देखा था। वह छींछड़ो के डिब्बे को बाहर ठेलते हुए यही सोच रहा था कि आज सोमवार को ये लोग कैसे आ गए, वह भी इतनी सुबह और उस पर अपने विवाहोत्सव वाले सूट पहने। वह उन्हें शुक्रवार को आता देखने का आदी था, हालाँकि थोड़ा दिन निकल जाने के बाद और जानवर काटते वक़्त पहने जाने वाले चमड़े के एॅप्रन में। ‘मैने सोचा वे इतनी चढ़ा चुके हैं' फाउस्तीनो सान्तोस ने मुझसे कहा, ‘कि न केवल वे यह भूल चुके हैं कि क्या वक़्त हुआ है बल्कि यह भी कि आज दिन कौन सा है।' उसने उन्हें याद दिलाया था कि आज सोमवार है।
‘यह तो हर कोई जानता है, गधे,' पाब्लो विकारियो ने मजाक में उससे कहा। ‘ हम तो ज़रा अपने चाकुओं की धार पैनी करने आए हैं।'
उन्होंने पत्थर पर धार बनाना शुरू कियाः हमेशा की तरह पाब्लो क्रैंक चला रहा था और पेड्रो पत्थर पर चाकू को उलट-पलट रहा था। साथ में दूसरे कसाइयों के साथ विवाह की भव्यता के बारे में चर्चा भी चल रही थी। उनमें से कुछ ने शिकायत की कि एकजात होने के बावजूद केक बाँटते समय उनका ध्यान नहीं रखा गया, जिस पर दोनों ने वादा किया कि वे उन सबके यहाँ केक ज़रूर पहुँचाएँगे। आिख़र में उन्होंने पत्थर पर चाकुओं को टनटनाकर देखा और पाब्लो ने अपना चाकू लैम्प के पास टिकाकर रख दिया जिसकी धार से चमचमाते फौलाद की चिनगारियाँ बिखरने लगीं। ‘हम लोग सांतियागो नासर का कत्ल करने वाले हैं,' उसने कहा।
भले आदमियों के रूप में उनकी नेकनामी की जडें़ इतनी गहरी थीं कि किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। ‘हमने सोचा यह एक पियक्कड़ की बकबक है,' कसाईयों ने घोषित किया, वैसे ही जैसे विक्टोरिया गुज़मान और दूसरे कई लोगों ने बाद में कहा था। बहुत बाद में मैंने कुछ कसाईयों से पूछा था कि कत्लोगारद का व्यवसाय करने वाले कसाई की आत्मा में क्या इंसान का कत्ल करने की प्रवृत्ति भी पाई जाती है। उन्होंने इसका ज़ोरदार खंडन किया, ‘एक बछड़े की बलि देते समय हम उससे आँख मिलाने की हिम्मत नहीं कर सकते।' उन्हीं में से एक ने मुझसे कहा कि वह उस जानवर का माँस नहीं खा सकता जिसकी बलि उसने खुद दी हो। दूसरे ने बताया कि ऐसी गाय को मारते हुए उसके हाथ काँप जाते हैं जिसे वह पहले से जानता हो, और ख़ुदा न ख़ास्ता अगर उसका दूध भी पिया हो तो फिर उसे मारने का सवाल ही पैदा नहीं होता। मैंने उन्हें याद दिलाया कि विकारियो बंधु उन्हीं सूअरों की बलि देते थे जिन्हें वे न केवल पाल-पोसकर बड़ा करते थे, बल्कि बड़े प्यार से उन्हें उनके नामों से बुलाया भी करते थे। ‘ठीक है,' उनमें एक ने जवाब दिया, ‘लेकिन आप यह न भूलें कि उन्होंने उनके इंसानी नाम नहीं बल्कि फूलों के नाम रखे हुए थे।' फाउस्तीनो सान्तोस अकेला था जिसने पाब्लो विकारियो की धमकी में शक्यता की झलक महसूस की थी और मज़ाक-मज़ाक में पूछा भी था कि आिख़र सांतियागो नासर का कत्ल करने की कौन सी ज़रूरत आन पड़ी है जबकि बहुत से अमीर मौजूद हैं जिनका नंबर पहले लगना चाहिए।
‘यह सांतियागो नासर को मालूम है,' पेड्रो विकारियो ने जवाब दिया।
फाउस्तीनो सान्तोस ने मुझे बताया कि इसके बावजूद उसके मन में आशंका बनी रही और बाद में उसने एक पुलिस वाले को, जो मेयर के नाश्ते के लिए एक पाउंड कलेजी लेने आया था, पूरी बात बताई थी। ब्रीफ के अनुसार पुलिस वाले का नाम लिएन्ड्रो पोरनॉय था। अगले साल वह एक राष्ट्रीय उत्सव के दौरान एक सांड द्वारा गले में सींग भोंक दिए जाने के कारण मारा गया था। मैं उससे कोई बात नहीं कर पाया लेकिन क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने इस बात की पुष्टि की कि जब विकारियो बंधु उसकी दुकान पर बैठे इंतज़ार कर रहे थे, वह पुलिस वाला वहाँ आने वाला पहला आदमी था।
क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने अभी-अभी अपने पति को छुट्टी देकर खुद काउंटर संभाला था। यह उन लोगों का रोज़ का काम था। सुबह के समय दूध बेचना और दिन भर घरेलू सामान और शाम को छः बजे दुकान बार में बदल जाया करती थी। क्लातिल्दे अर्मेन्टा सुबह तीन तीस पर दुकान खोलती थी और उसके पति डॉन रोजे़लियो डि ला फ्लोर के ज़िम्मे बार था जिसे बंद होने तक वहीं संभालता था। उस रात विवाहोत्सव के बाद छुटपुट ग्राहक लगातार आते रहे इसलिए वह तीन बजे के बाद ही सोने जा पाया और तब तक क्लातिल्दे अर्मेन्टा भी, रोज़ से थोड़ा पहले दुकान आ गई क्योंकि वह बिशप के आने से पहले सब काम निपटा लेना चाहती थी।
विकारियो बंधु वहाँ चार दस पर आए थे। उस समय तक खाने का सारा सामान बिक चुका था पर क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने उन्हे एक बोतल गन्ने की शराब बेची थी सिर्फ इसलिए नहीं कि उसके मन में उनके प्रति आदर भाव था बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने उसके यहाँ शादी का खास केक का एक टुकड़ा भिजवा दिया था। उन्होंने दो लंबे-लंबे घूँटों में पूरी बोतल गटक ली और इसके बावजूद शराब का कोई असर उन पर नहीं था। ‘वे जड़ हो गए थे,' क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने मुझे बताया, ‘और किरासिन पी लेते तो भी उनका ब्लड-प्रेशर नहीं बढ़ता।' फिर उन्होंने अपनी-अपनी जाकेट उतारी, बाकायदा उन्हें कुर्सी के पीछे टाँगा और शराब की एक और बोतल माँगने लगे। उनकी कमीजे़ सूखे पसीने से गंदी हो गई थीं और एक दिन की बढ़ी दाढ़ी में वे जंगली जानवर लग रहे थे। दूसरी बोतल वे धीरे-धीरे पी रहे थे, आराम से बैठकर और लगातार सड़क के उस पार प्लासिदा लिनेरो के घर की ओर ताकते हुए, जहाँ खिड़कियों में अंधेरा था। बालकनी पर सबसे बड़ी खिड़की सांतियागो नासर के बेडरूम की थी। पेड्रो विकारियो ने क्लातिल्दे अर्मेन्टा से पूछा कि क्या उसने उस खिड़की में रोशनी देखी थी और उसने जवाब दिया कि नहीं, पर उसे लगा, यह बड़ी अजीब दिलचस्पी है।
‘क्या उसे कुछ हो गया है?' उसने पूछा।
‘नही,' पेड्रो विकारियो ने जवाब दिया, ‘असल में कत्ल करने के लिए हम उसे बहुत देर से ढूँढ़ रहे हैं।'
जवाब इतना तुरत-फुरत आया था कि उसे लगा शायद उसके कान कुछ का कुछ ग़लत-सलत सुन रहे हैं। पर तभी उसका ध्यान उनके पास रखे, मैले-कुचैले कपड़ों में लिपटे चाकुओं की ओर चला गया।
‘अच्छा, तो क्या मैं जान सकती हूँ कि सुबह-सुबह तुम लोग उसे क्यों मार डालना चाहते हो।'
‘कारण उसे मालूम है,' पेड्रो विकारियो ने जवाब दिया।
क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने उन्हें ध्यान से देखाः वह उन्हें इतना अच्छी तरह जानती थी कि दोनों को अलग-अलग पहचान सकती थी, ख़ासकर जब से पेड्रो विकारियो सेना से लौटकर आया था। ‘वे दोनों बच्चों जैसे लग रहे थे,' उसने मुझसे कहा और इस विचार से वह भयभीत हो गई थी क्योंकि उसका दृढ़ विश्वास था कि केवल बच्चे ही कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए उसने जल्दी से जग में दूध भरकर रखा और अपने पति को जगाकर दुकान में जो कुछ चल रहा था बता दिया। डॉन रोज़ेलियो डि ला फ्लोर ने ऊँघते हुए उसकी बातें सुनीं।
‘क्या बकवास कर रही हो,' उसने पत्नी से कहा, ‘वे दोनों किसी को मारने वाले नहीं हैं, और किसी अमीर आदमी को तो बिल्कुल नहीं।'
क्लातिल्दे अर्मेन्टा दुकान पर वापस आई तो देखा जुड़वाँ बंधु पुलिस अधिकारी लिएन्ड्रो पोरनॉय के साथ, जो मेयर के लिए दूध लेने आया था, बातचीत में मशगूल हैं। उसने उनकी बातचीत तो नहीं सुनी लेकिन उसे लगा उन लोगों ने उसे अपनी योजना के बारे में कुछ न कुछ अवश्य बताया है क्योंकि जब वह जाने लगा तो उसकी नज़र चाकुओं पर गड़ गई थी। कर्नल लेज़ारों अपॉन्ते चार बजे से कुछ पहले जाग गए थे। वह दाढ़ी बनाकर फुरसत ही हुए थे कि लिएन्ड्रो पोरनॉय ने आकर उन्हें विकारियो बंधुओं के इरादे की पूरी जानकारी दी। पिछली रात उन्होंने इतने सारे झगड़ों का निपटारा किया था कि सुबह-सुबह फिर से एक और झंझट में उलझने की उन्हें कोई जल्दी नहीं थी। उन्होंने आराम से कपड़े पहने, बार-बार टाई की गाँठ को दुरुस्त किया और इसके बाद बिशप के स्वागत के लिए गर्दन के चारों तरफ कंधे पर मदर मेरी का अधोवस्त्र डाल लिया। जब वह प्याज़ की कतलियों के साथ तली हुई कलेजी का नाश्ता कर रहे थे तब उनकी पत्नी ने बड़े उत्साह के साथ बताया कि बेयार्दो सान रोमां ने एंजेला विकारियो को वापस उसके माँ-बाप के यहाँ खदेड़ दिया है, लेकिन इस सूचना को उन्होंने किसी तमाशे के रूप में नहीं लिया।
‘हे भगवान!' उन्होंने मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘बिशप यह जानकर क्या कहेंगे!'
फिर भी, नाश्ता समाप्त करने से पहले उन्होंने अर्दली की बात को याद किया, फिर दोनों सूचनाओं को पास-पास रखकर देखा तो पाया कि वे किसी पहेली वाले खिलौने के गुटकों की तरह एक दूसरे में फिट बैठ गई हैं। इसके बाद वे चौराहे की ओर चल दिए और वहाँ से नई गोदी की तरफ, जहाँ बिशप के आगमन के उत्साह में आसपास के घर जीवंत हो उठे थे। ‘मुझे अच्छी तरह से याद है कि उस वक़्त पाँच बजने ही वाले थे और बारिश शुरू हो चुकी थी,' कर्नल लेज़ारों अपॉन्ते ने मुझे बताया। रास्ते में उन्हें तीन लोगों ने रोका और रहस्यमय स्वर में बताया कि विकारियो बंधु सांतियागो नासर का कत्ल करने के लिए उसका इंतज़ार कर रहे हैं, पर उनमें से केवल एक ही यह बता सका कि किस जगह।
वे दोनों उन्हें क्लातिल्दे अर्मेन्दे की दुकान पर मिल गए। ‘देखते ही मुझे लगा ये गप्पबाज़ मसखरों के सिवा कुछ हो ही नहीं सकते,' अपना तर्क पेश करते हुए उन्होंने मुझसे कहा, ‘क्योंकि जितना मैंने सोचा था वे उतना पिए हुए नहीं थे।' उन्होंने उनके इरादों के बारे में कोई पूछताछ नहीं की, बस उनके चाकू छीन लिए और उन्हें सोने के लिए घर भेज दिया। जिस आत्मविश्वास के साथ उन्होंने पत्नी की चेतावनी को लिया था उसी तरह का व्यवहार उन्होंने उनके साथ किया। ‘सोचो,' उन्होंने कहा, ‘बिशप तुम लोगों को इस हालत में देखेंगे तो क्या कहेंगे!'
दोनों चले गए। क्लातिल्दे अर्मेन्दा को मेयर के लापरवाह रवैये पर एक बार फिर निराशा हुई क्योंकि उसकी समझ से जब तक सच्ची बात सामने नहीं आ जाती जुड़वाँ भाइयों को हवालात में बंद रखा जाना चाहिए था। कर्नल अपॉन्ते ने आखिरी दलील के रूप में उनके चाकू उसके सामने लहरा दिए।
‘अब उनके पास किसी को भी मारने के लिए कुछ भी नहीं है,' उन्होंने कहा।
‘इस कारण नहीं,' क्लातिल्दे अर्मेन्टा बोली, ‘बल्कि उन बेचारों को उस भयानक कर्तव्य से उबारने के लिए जो ज़बरदस्ती उन पर लद गया है।'
क्योंकि उसने सूँघ लिया था। उसे पक्का यकीन था कि विकारियो बंधु सज़ा को अंजाम देने से अधिक इस बात के लिए उतावले हैं कि कोई आकर उन्हें रोक ले। लेकिन कर्नल अपॉन्ते की आत्मा को सुकून मिल गया था।
‘केवल शक की बिना पर किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता,' उन्होंने कहा। ‘बस अब सांतियागो नासर को सावधान कर देना है और उसके बाद... जय हो!'
क्लातिल्दे अर्मेन्टा हमेशा याद करती थी कि उसका मन कर्नल अपॉन्ते के गोल-मटोल डीलडौल को देखकर एक तरह के दयाभाव से भर जाता था पर दूसरी तरफ मुझे लगता था कि वह एक खुशमिजाज़ आदमी हैं, हालाँकि कुछ सनकी, जिसका कारण वे आध्यात्मवादी क्रियाएँ थीं जिन्हें उन्होंने पत्राचार के ज़रिए सीखा था। उस सोमवार का उनका व्यवहार उनकी कमअक्ली का पक्का सबूत था। सच बात यह है कि वे सांतियागो नासर को भूल ही गए थे और जब वह उन्हें गोदी पर दिखाई दिया तो उन्होंने अपनी पीठ थपथपाई कि उनका निर्णय एकदम सही था।
विकारियो बंधुओं ने अपनी योजना के बारे में एक दर्जन से अधिक लोगों को बताया था जो दूध खरीदने वहाँ पहुँचे थे और उन लोगों ने छः बजे तक उस ख़बर को कस्बे के हर कोने में पहुँचा दिया था। क्लातिल्दे अर्मेन्टा को यह असंभव प्रतीत हुआ कि सड़क के उस पार वाले मकान में यह ख़बर पहुँची होगी। उसके विचार से सांतियागो नासर वहाँ था ही नहीं क्योंकि उसने बेडरूम की लाइट जलती नहीं देखी थी। उसने कई लोगों से कहा था कि यदि वह दिखाई दे तो उसे सावधान कर दें। उसने एक नवदीक्षित नन के हाथ, जो चर्च के लिए दूध ले जाती थी, फादर अमाडोर तक यह ख़बर पहुँचा दी। चार बजे के बाद जब उसने प्लासिदा लिनेरो के किचन की लाइट जलती देखी तो एक भिखारिन के ज़रिए, जो रोज़ उससे ईश्वर के नाम पर दूध ले जाती थी, विक्टोरिया गुज़मान के पास भी यह सूचना भिजवा दी थी। जब बिशप की बोट का भोंपू सुनाई दिया तो सभी उनसे भेंट करने के लिए दौड़ पड़े और उस समय हमारे जैसे गिने-चुने लोग ही थे जिन्हें पता नहीं था कि विकारियो बंधु सांतियागो नासर का कत्ल करने के लिए उसका इंतज़ार कर रहे हैं। यहाँ तक कि लोगों को विस्तृत ब्योरों के साथ हत्या का कारण भी पता चल चुका था।
क्लातिल्दे अर्मेन्टा अभी दूध बेचने वाले काम से निपटी भी नहीं थी कि विकारियो बंधु अख़बार में लिपटे दो और चाकू लिए लौट आए। एक, आर-पार काटने वाला, मज़बूत, जंग लगा बारह इंच लंबा और तीन इंच चौड़ा, जिसे पेड्रो विकारियो ने खराद में काम आने वाले फौलाद को ठोक-पीटकर बनाया था क्योंकि युद्ध के कारण जर्मन चाकू मिलना बंद हो गए थे। दूसरा, थोड़ा छोटा मगर चौड़ा और वक्राकार। जाँचकर्त्ता ने अपने ब्रीफ में उसका रेखाचित्र बना दिया था, शायद इसलिए कि उसका वर्णन करना उसे बहुत मुश्किल लग रहा था और वह सिर्फ इतना लिख सका कि वह शमशीर जैसा दिखाई देता था। इन्हीं चाकुओं से अपराध किया गया था। दोनों चाकू अनगढ़, बेडौल और घिसे-पिटे थे
फाउस्तिनो सान्तोस के कुछ पल्ले नहीं पड़ रहा था कि मामला क्या है। ‘वे चाकुओं की धार तेज़ करने दोबारा आए,' उसने मुझसे कहा, ‘और इस बार भी चिल्ला- चिल्लाकर सबको सुनाते रहे कि वे सांतियागो नासर की आँतें बाहर निकाल लेंगे, तो मैंने सोचा वे लोग मसखरेपन पर उतर आए हैं। इसलिए भी कि मैंने चाकूओं परध्यान नहीं दिया था तो मुझे लगा ये वही पहले वाले चाकू हैं।' लेकिन क्लातिल्दे अर्मेन्टा के यहाँ जैसे ही वे अंदर घुसे उसने भाँप लिया कि इस बार उनका संकल्प कुछ डगमगाया हुआ है।
वास्तव में वे एक असहमति से दो-चार होकर उधर आए थे। जितना एक जैसे वे बाहर से दिखाई देते थे उतना ही अलग भीतर से थे, बल्कि आपत्ति के समय वे बिलकुल विपरीत आचरण करने लगते थे। हम यार-दोस्त इस अंतर को ग्रामर स्कूल के दिनों से पहचानते थे। पाब्लो विकारियों अपने भाई से छः मिनट बड़ा था और किशोरावस्था तक वही अधिक कल्पनाशील और दृढ़-निश्चयी भी था। मुझे पेड्रो विकारियो ज़्यादा भावुक और शायद इसीलिए दुराग्रही लगा करता था। बीस साल की उम्र में दोनों सेना में भर्ती होने गए थे पर पाब्लो विकारियो को परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभालने के बहाने घर भेज दिया गया था। पेड्रो विकारियो ने ग्यारह माह पुलिस पेट्रोल में नौकरी की थी। सैन्य अनुशासन ने, जो मृत्यु की आशंका के कारण और सख्त हो गया था, दूसरों पर रौब जमाने की उसकी प्रवृत्ति को परिपक्व बना दिया और उसे भाई के लिए निर्णय लेने की आदत पड़ गई थी। सेना से वह सार्जन्ट्स ब्लेनोरेज़िया भी साथ लेकर आया था जो सैनिक इलाज के पाशविक तरीकों के अलावा डॉ. डाइनीसियो इगुआरान के आर्सेनिक के इंजेक्शनों और परमेंगनेट के घोल से उसकी सफाई के बावजूद बना रहा और अंततः जेल प्रवास के दौरान ही उसका इलाज हो पाया। हम सभी दोस्त इस बात पर एकमत थे कि पेड्रो विकारियो के भीतर जब से बैरकों की आत्माओं ने प्रवेश पाया है और जब से वह बुलेट से हुए घाव की और उसमें गहरे धँसी कपास की बत्ती की अनोखी स्टाइल में खुले आम शर्ट उठाकर नुमाइश करने लगा है तब से पाब्लो विकारियो ने छोटे भाई की तरह उसकी सरपरस्ती मंजूर कर ली है। यहाँ तक कि वह उस महापुरुष के ब्लेनोरेज़िया को एक तरह के गर्वीले युद्ध मैडल की तरह देखता था।
पेड्रो विकारियो ने खुद घोषित किया कि सांतियागो नासर का कत्ल करने का निर्णय उसी का था और पीछे-पीछे उसका भाई भी साथ हो लिया। लेकिन जब मेयर ने उनके चाकू छीन लिए तो यह मान लेने वाला भी वही था कि अब उनका कर्तव्य पूरा हो चुका है लेकिन तभी पाब्लो विकारियो ने कमान हाथ में ले ली। जाँचकर्ता को दिए अपने बयानों में उन्होंने इस मतभेद का ज़िक्र नहीं किया था। लेकिन पाब्लो विकारियो ने बाद में कई बार मेरे सामने पुष्टि की कि अपना संकल्प पूरा करने के लिए भाई को मनाना आसान नहीं था। लग सकता है कि यह एक सामान्य घबराहट का झोंका था, पर सच्ची बात यह है कि उसका भाई पेशाब करने इमली के पेड़ के नीचे गया तो बहुत कोशिश करने के बाद भी दहशत की वजह से बूँद-बूँद पेशाब ही निकल पाया, जबकि पाब्लो विकारियो अकेला ही सूअर-बाड़े में गया और दोनों चाकू ढूँढ़कर लाया। ‘मेरा भाई कभी नहीं जान पाया कि वह कैसा अनुभव था,' पेड्रो विकारियो ने मुझे अपने एकमात्र इंटरव्यू में बताया, ‘वह काँच के चूरे का पेशाब था।' जब पाब्लो विकारियो चाकू लेकर लौटा तो भाई को इमली के पेड़ से कसकर लिपटा हुआ पाया। ‘वह दर्द के ठण्डे पसीने में नहाया हुआ था,' उसने मुझे बताया, ‘और यह समझाने की कोशिश कर रहा था कि जो कुछ करना है मैं अकेला ही करूँ क्योंकि वह चींटी मारने के काबिल भी नहीं रहा है।' फिर वह एक बेंच पर बैठ गया, जिन्हें विवाह-भोज के लिए पेड़ों के नीचे लगाया गया था और पूरे कपड़े उतारकर गहरी साँसे लेने लगा। ‘अपने घाव की बत्ती बदलने में उसने आधा घंटा खराब कर दिया,' पाब्लो विकारियो ने मुझे बताया। वास्तव में उसने दस मिनट से अधिक नहीं लिए थे लेकिन यह सब पाब्लो विकारियो के लिए इतना कठिन और अबूझ सा था कि उसने समझा उसका भाई कोई चाल खेल रहा है जिससे समय बरबाद होता रहे और सबेरा हो जाए। इसलिए उसने उसके हाथ में ज़बर्दस्ती चाकू थमाया और पूरी ताकत के साथ उसे घसीटता हुआ बहन की खोई हुई इज़्ज़त की तलाश में निकल पड़ा। ‘इस काम से बचने का कोई रास्ता नहीं है,' उसने भाई से कहा, ‘लगभग ऐसा कि जैसे हम उसे अंजाम दे ही चुके हैं।'
सूअर बाड़े के छोटे दरवाज़े से खुले चाकू लिए वे बाहर निकले तो भौंकते कुत्तों का शोर उनका पीछा कर रहा था और हल्का प्रकाश फैलने लगा। ‘बारिश नहीं हो रही थी,' पाब्लो विकारियो ने याद करते हुए कहा। ‘बल्कि बिलकुल उल्टा था। समुद्री हवा बह रही थी और एक-एक तारे को गिना जा सकता था।' ख़बर इतनी आम हो चुकी थी कि जब हार्तेन्सिया बाउते ने किसी काम से दरवाज़ा खोला और उन्हें अपने घर के सामने से गुज़रते देखा तो रोने लगी, और सांतियागो नासर के लिए रोने वाली वह पहली इंसान थी। ‘मैंने सोचा वे उसका कत्ल कर चुके हैं,' उसने मुझसे कहा, ‘क्योंकि स्ट्रीट-लैम्प की रोशनी में मैंने चाकुओं को देखा तो मुझे लगा उनसे खून टपक रहा है।' उस बेतुकी सड़क पर बहुत थोड़े से मकानों के दरवाज़े खुले हुए थे और उनमें से एक घर था पाब्लो विकारियो की मंगेतर प्रूडेंशिया कोट्स का। जब भी जुड़वाँ बंधु वहाँ से गुजरते थे, ख़ासकर शुक्रवार के दिन बाज़ार जाते हुए, तो उसके यहाँ काफी ज़रूर पीते थे। वे बाहिरी दरवाज़े को ठेलकर भीतर आए और तुरंत पालतू कुत्तों से घिर गए, जिन्होंने सुबह के उजास में उन्हें पहचान लिया था। किचन में जाकर उन्होंने प्रूडेंशिया कोट्स की माँ का अभिवादन किया। तब तक काफी तैयार नहीं हुई थी।
‘काफी फिर कभी पी लेंगे,' पाब्लो विकारियो ने कहा, ‘फिलहाल हम जल्दी में है।'
‘मैं समझ सकती हूँ, मेरे बेटों,' उन्होंने कहा, ‘इज़्ज़त इंतज़ार नहीं करने वाली।'
लेकिन जो भी हो, वे इंतज़ार करते रहे, और इस बार पेड्रो विकारियो ने सोचा कि उसका भाई जान-बूझकर बेकार समय बरबाद कर रहा है। जब वे काफी पी रहे थे तब चूल्हे की आग को तेज़ करने के लिए कुछ पुराने अख़बार लिए जवानी के शोले बिखराती प्रूडेंशिया कोट्स किचन में आई। ‘मुझे उनके इरादे का पता था,' उसने मुझे बताया, ‘और मैं ना केवल उससे असहमत नहीं थी बल्कि मैं उससे शादी ही नहीं करती यदि उसने वह नहीं किया होता जो एक मर्द को करना ही चाहिए।' किचन से निकलने से पहले पाब्लो विकारियो ने उससे अख़बार के पन्ने लिए और बाहर आकर भाई को थमा दिए कि चाकुओं को उनमें लपेटकर रख ले। प्रूडेंशिया कोट्स किचन में खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थी कि वे मुख्य दरवाजे़ से बाहर निकलते दिखाई दिए और उसके बाद वह उसी शिद्दत के साथ तीन साल तक उसका इंतज़ार करती रही जब तक पाब्लो विकारियो जेल से बाहर नहीं आया और जीवन भर के लिए उसका पति नहीं बन गया।
‘अपना ध्यान रखना,' उसने उनसे कहा। तो, यही कारण था कि क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने समझा कि जुड़वाँ बंधुओं का संकल्प डगमगा रहा है और उसने उन्हें एक बोतल तेज़ रम पेश की जिससे वे नशे में एकदम बेसुध हो जाएँ। ‘उस दिन,' उसने मुझे बताया, ‘मुझे एहसास हुआ कि हम औरतें दुनिया में कितनी अकेली हैं।' पेड्रो विकारियो ने उसके पति का शेविंग किट लाने को कहा तो उसने ब्रश, शेविंग क्रीम, लटकने वाला आईना और नया ब्लेड लगा हुआ सेफ्टी रेज़र लाकर उसे दिया, लेकिन उसने अपने गोश्त काटने वाले चाकू से ही दाढ़ी बनाई। क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने सोचा यह मर्दानगी के प्रदर्शन की हद है। ‘वह फिल्म के कातिलों की तरह लग रहा था,' उसने मुझसे कहा। लेकिन जैसा कि बाद में पेड्रो विकारियो ने मुझे बताया, और सच ही बताया कि सेना में रहते हुए उसने चाकू से दाढ़ी बनाना सीख लिया था और तब से दाढ़ी वह किसी और तरीके से बना ही नहीं पाता था। जब कि उसके भाई ने बाकायदा डॉन रोजे़लियो डि फ्लोर से सेफ्टी रेज़र का इस्तेमाल किया और बड़े सौम्य-शालीन तरीके से दाढ़ी बनाई। उसके बाद वे धीरे-धीरे बोतल से घूँट-घूँट शराब पीते रहे और सुबह जल्दी उठने वालों की सूजी आँखों से सड़क के उस पार वाले मकान की अंधेरी खिड़की की तरफ ताकते रहे जब कि इस बीच खरीदारों के भेष में लोग आते और बेजरूरत दूध खरीदते, खाने की वे चीज़े माँगते जो दुकान में होती नहीं, क्योंकि वे जानना चाहते थे कि सचमुच वे दोनों सांतियागो नासर का कत्ल करने के लिए उसका इंतज़ार कर रहे हैं।
विकारियो बंधु उस खिड़की को रोशन होता हुआ नहीं देख सके। सांतियागो नासर चार-बीस पर घर ज़रूर आया पर उसे अपने बेडरूम में जाने के लिए लाइट जलाने की आवश्यकता ही नहीं थी क्योंकि सीढ़ियों का बल्ब रात भर जलता रहता था। अंधेरे में वह कपड़े पहने ही पलंग पर लेट गया क्योंकि उसके पास आराम करने के लिए सिर्फ एक घंटा था और विक्टोरिया गुज़मान जब उसे जगाने के लिए ऊपर आई ताकि वह बिशप की अगवानी के लिए तैयार हो सके, तो उसे उसी हालत में लेटे हुए पाया। जब तीन बजे के बाद मारिया एलेजेंड्रीना सर्वेन्ट्स ने संगीतकारों की छुट्टी की और नाचघर की बत्तियाँ बुझाईं जिससे उसकी आनंददायक मुलट्टो लड़कियाँ थोड़ा आराम कर सकें, तब तक हम लोग साथ-साथ ही रहे थे। लड़कियाँ तीन दिन से दिन-रात काम कर रही थीं, पहले ख़ास-ख़ास मेहमानों की सेवा में गुप्त रूप से और उसके बाद बंधन तोड़कर खुलेआम, हम जैसों के लिए जो उत्सव की मौजमस्ती के बावजूद अभी तक अतृप्त थे। मारिया एलेजेंन्ड्रीना सर्वेन्ट्स के बारे में हम लोग कहा करते थे कि वह जीवन में सिर्फ एक बार सोएगी, जब मरेगी। वह मेरे जीवन में आई सर्वाधिक सुरुचिपूर्ण और कोमल औरत थीं, और बिस्तर पर उतनी दमदार और उत्तेजक, पर वह बहुत सख्त भी थी। वह इसी खुले घर में जन्मी, पली-बढ़ी और तैयार हुई थी जहाँ किराए पर कमरे उपलब्ध थे और एक बहुत बड़ा आँगन था जिसे परामारिबो के चाइनीज़ बाज़ार से लाए झाड़-फानूस लगाकर नाचघर का रूप दे दिया गया था। उसी ने हमारी पीढ़ी के ब्रह्मचर्य का हनन किया और जितना हमें सीखना चाहिए था उससे बहुत ज़्यादा सिखा दिया, पर जो सबसे ज़रूरी बात हमें सिखाई वह यह थी कि खाली बिस्तर से गमगीन जगह दुनिया में कहीं नहीं है। जब सांतियागो नासर ने उसे पहली बार देखा तो अपने होश खो बैठा। मैंने उसे सावधान किया था कि ‘बाज़ जंगबाज सारस का पीछा करे, तो समझो जीवन भर दर्द उसका पीछा करे।' लेकिन एलेजें़ड्रीना सर्वेन्ट्स के मायावी संकेतों की चकाचौंध में उसने मेरी बात नहीं सुनी। पन्द्रह साल की उम्र में उस पर उसका नशा छा गया और वह उसके आँसुओं की मलिका बन गई। फिर एक रात इब्राहीम नासर उसे कोड़े मारता हुआ खदेड़ लाया और एक साल तक ‘डिवाइन फेस' से निकलने नहीं दिया। तबसे उनके बीच एक गहरे अनुराग का रिश्ता बन गया जिसमें पे्रम की अराजकता नहीं थी। बल्कि वह उसका इतना आदर करने लगी कि उसकी मौजूदगी में वह किसी के साथ हमबिस्तर नहीं होती थी। छुट्टियों में मैं वहाँ आता तो थके होने का बहाना बना कर वह हम सबको चलता कर देती और भीतर से साँकल नहीं लगाती और नाचघर की बत्ती जलती छोड़ देती कि बाद में मैं गुप्त रूप से उसके पास आ सकूँ।
सांतियागो नासर में दूसरों को बेवकूफ बनाने की लगभग जादुई क्षमता थी और उसका प्रिय खेल था मुलट्टो लड़कियों को बेवकूफ बनाना। वह उनकी आलमारियों में रखे कपड़ों को अदल-बदल देता जिससे वे अपने को अपने आप से अलग और उसके समान समझने लगतीं जो वह नहीं होती थीं। एक बार एक मुलट्टो लड़की ने किसी दूसरी के भीतर अपने आप को इतना सटीक दोहराया जाता हुआ पाया कि वह अचानक चीख-चीखकर रोने लगी। ‘मुझे महसूस हुआ कि मैं आइने से बाहर निकल आई हूँ,' उसने कहा। लेकिन उस रात हम सबको जाना ही पड़ा और सांतियागो नासर आखिरी बार उन मुलट्टो लड़कियों के रूपांतरण का जादू दिखाने से रह गया क्योंकि मारिया ऐलेजेंड्रीना सर्वेन्ट्स हमें भगाने पर आमादा हो गई थी और इसके लिए बेहद बचकाने और अजीबोगरीब बहाने बनाने लगी जिनकी कडुआहट ने आिख़र सांतियागो नासर के जीवन की दिशा ही बदल डाली। ख़्ौर, उन संगीतकारों को साथ लेकर हमने फिर से गाना-बजाना शुरू कर दिया जबकि इधर विकारियो बंधु सांतियागो नासर का कत्ल करने के लिए उसका इंतज़ार कर रहे थे। उसी ने करीब चार बजे प्रस्ताव रखा कि विधुर ज़ीयस की पहाड़ी पर चला जाए और नए जोड़े के लिए विवाह-गीत गाए जाएँ।
हम न सिर्फ उस मकान की खिड़की के नीचे नाचते-गाते रहे बल्कि बगीचे में हम लोगों ने पटाखे फोड़े और राकेट चलाए लेकिन हमें फार्म हाउस में जीवन की कोई हलचल दिखाई नहीं दी। हम यह सोच ही नहीं पाए कि भीतर कोई है ही नहीं, ख़ासकर इसलिए कि दूल्हेे की नई कार बाहर ही खड़ी थी, साटन रिबन और मोम के नारंगी फूलों से सजी-धजी, जैसे विवाह के बाद जोड़े को लेकर अभी-अभी आकर खड़ी हुई हो। मेरा भाई लुइस एनरिक जो किसी पेशेवर साजिंदे की तरह गिटार बजा रहा था, जोड़े को छेड़ने के लिए अचानक शादी के द्विअर्थी गीत गाने लगा। उस समय तक बारिश शुरू नहीं हुई थी बल्कि खुले आकाश में टंगा हुआ चाँद दिखाई दे रहा था और पहाड़ी की तलहटी में स्थित कब्रगाह में सेंट एल्मों का प्रकाश झिलमिला रहा था। दूसरी ओर चाँदनी में नहाए केलों के रूपहले बगीचे, उदास दलदली समुद्री किनारा और यहाँ तक कि सुदूर कैरेबियन समुद्र की टिमटिमाती वक्राकार, प्रकाश-रेखा भी दिखाई पड़ती थी। सांतियागो नासर ने दूर समुद्र में लुपलुपाती रोशनी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वह उस नौका की संतप्त आत्मा है जो सेनेगल से लाए जा रहे गुलाम हब्शियों के साथ उस जगह जलमग्न हो गई थीं उस समय यह कल्पना करना संभव नहीं था कि उसकी अंतरात्मा उसे प्रताड़ित कर रही है, हालाँकि उस वक्त तक उसे पता नहीं था कि एंजेला विकारियो के क्षणिक वैवाहिक जीवन का अंत दो घंटे पहले हो चुका है। बेयार्दो सान रोमां उसे उसके माता-पिता के घर पैदल घसीटता हुआ ले गया था ताकि कार की आवाज़ से उसकी बदकिस्मती का डिंडोरा पिटने की संभावना न रहे और जब वह विधुर ज़ीयस को ऐशगाह में अकेले वापस आया तो बिना बत्तियाँ जलाए अंधेरे में ही भीतर घुसा।
जब हम पहाड़ी से नीचे उतरे तो मेरे भाई ने बाज़ार में एक ठेले पर तली हुई मछलियाँ खाने का प्रस्ताव रखा लेकिन सांतियागो नासर की इच्छा नहीं थी क्योंकि वह बिशप के आने से पहले कम से कम एक घंटा सो लेना चाहता था। वह क्रिस्टो बेदोया के साथ नदी के किनारे-किनारे, गरीबों की नाश्ते-पानी की जगहों को, जो अभी खुल ही रही थीं, उलांघता हुआ मोड़ तक पहुँचा और वहाँ दोनों ने हाथ हिलाकर हमसे बिदा ली। हमने उसे आखिरी बार तभी देखा था।
अपने घर के पिछवाड़े उसने क्रिस्टो बेदोया से बिदा ली, जिससे उसकी बाद में गोदी पर मिलने की बात हो चुकी थी। अंधेरे में उसे भीतर आता देखकर हमेशा की तरह कुत्ते भौंकने लगे, जिन्हें उसने चाबियों का गुच्छा खनखनाकर शांत कर दिया। विक्टोरिया गुज़मान चूल्हे पर रखे काफ़ी पॉट पर नज़र रखे हुए थी जब वह किचन पर से होता हुआ अपने बेडरूम की तरफ बढ़ गया।
‘व्हाइटी,' उसने उसे पुकारते हुए कहा, ‘काफ़ी एकदम तैयार है, ले आऊँ?'
सांतियागो नासर ने उससे कहा कि काफ़ी वह बाद में पियेगा और यह आदेश भी दिया कि उसे जगाने के लिए ठीक पाँच तीस पर वह दिविना फ्लोर को भेज दे और साथ ही कुछ साफ़ कपड़े भी, जैसे उसने उस समय पहने थे, भिजवा दे। वह पलंग पर लेटा ही था कि विक्टोरिया गुज़मान को दूध माँगने वाली भिखारिन से क्लातिल्दे अर्मेन्टा का सन्देश मिला। ठीक पाँच तीस पर उसने उसके निर्देश का पालन करते हुए जगाया, पर उसने दिविना फ्लोर को नहीं भेजा और साफ़ लिनेन का सूट लेकर खुद गई क्योंकि वह अपनी बेटी को अपने बिगड़ैल नवाब के खूनी पंजों से दूर रखने का कोई मौका नहीं छोड़ती थी।
मारिया एलेजेंड्रीना सर्वेन्ट्स ने दरवाज़े की साँकल खुली रख छोड़ी थी। मैंने अपने भाई से बिदा ली और बरामदा पार किया जहाँ मुलट्टो लड़कियों की पालतू बिल्लियाँ ट्यूलिप के पौधों के बीच आपस में गुथी हुई सो रही थीं। मैं बेडरूम का दरवाज़ा हल्के से ठेलकर अंदर आ गया। बत्तियाँ बुझी हुई थीं लेकिन जैसे ही आगे बढ़ा मैंने वहाँ एक उत्तप्त औरत की गंध महसूस की और एक जोड़ी अनिद्राग्रस्त तेंदुआ आँखों को अंधेरे में अपनी ओर घूरता पाया। और उसके बाद मेरा क्या हुआ मुझे खुद नहीं मालूम। फिर घंटियों की आवाज़ सुनाई दी।
घर लौटते हुए मेरा भाई क्लातिल्दे अर्मेन्टा की दुकान में सिगरेट खरीदने चला गया। शराब के नशे में वह इतना धुत्त था कि वहाँ की उसकी स्मृतियाँ एकदम गड्ड-मड्ड थीं, फिर भी पेड्रो विकारियो द्वारा पेश जानलेवा शराब वह नहीं भूल पाया। ‘वह तरल आग थी,' उसने मुझे बताया। पाब्लो विकारियो, जो सो गया था, उसकी आहट से हड़बड़ा उठ बैठा और उसे चाकू दिखाने लगा।
‘हम सांतियागो नासर का कत्ल करने वाले हैं,' उसने भाई से कहा था। पर मेरे भाई को यह सब याद नहीं था। ‘मगर याद भी रहता तो भी मैं विश्वास नहीं करता,' उसने कई बार मुझसे कहा। ‘कौन उल्लू होगा जो यह सोचता कि वे जुड़वाँ भाई किसी का कत्ल कर सकते हैं क्योंकि दोनों को वे एक साथ देख चुके थे। मेरे भाई को अपना जवाब याद नहीं रहा मगर जिस तरह क्लातिल्दे अर्मेन्टा और विकारियो बंधु उसका जवाब सुनकर भौचक रह गए उसे ब्रीफ में प्रमाण के रूप में अलग से दर्ज किया गया। उनके अनुसार मेरे भाई ने कहा था, ‘सांतियागो नासर मर चुका है।' उसके बाद उसने धर्माध्यक्ष की तरह कुछ आशीर्वचन कहे, दहलीज़ पर चौखट से टकराया और फिर लड़खड़ाता हुआ बाहर निकल गया। चौराहे पर उसे विपरीत दिशा में जाते हुए फादर अमाडोर मिले थे। वे उपासना-वस्त्र पहने गोदी की तरफ जा रहे थे और एक अनुचर उनके पीछे घंटी बजाता चल रहा था। इसके अलावा, कुछ मददगार बिशप के सामूहिक मास के लिए वेदी उठाए चले जा रहे थे। विकारियो बंधुओं ने उन्हें देखकर हवा में क्रास का निशान बनाया।
क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने मुझसे कहा कि जब फादर उसी दुकान के सामने से निकल गए तो उसकी आखिरी उम्मीद भी चुक गई। ‘मैंने सोचा, उन्हें मेरा संदेश नहीं मिला,' उसने मुझसे कहा। बहरहाल, कई वर्ष बाद, जब वे संसार से अवकाश लेकर कालाफेल रेस्ट होम की उदासी में जीवन बिता रहे थे, फादर अमाडोर ने मुझे बताया कि दरअसल क्लातिल्दे अर्मेन्टा का संदेश उन्हें मिल गया था, बल्कि उससे भी पुख्ता जानकारी उनके पास थी पर उस समय वह गोदी पर जाने की तैयारी में बेहद व्यस्त थे। ‘सच बात तो यह है कि मेरी समझ में ही नहीं आया कि मैं क्या करूँ, ‘उन्होंने मुझसे कहा। ‘सबसे पहले तो मुझे लगा कि यह मेरा काम है ही नहीं, बल्कि प्रशासन का है, लेकिन फिर मैंने मन बना लिया था कि जाते-जाते प्लासिदा लिनेरो से कह दूँगा।' लेकिन जब वह चौराहे तक आए सब कुछ भूल चुके थे।' ‘आप समझिए,' उन्होंने मुझसे कहा, ‘उस मनहूस दिन बिशप आ रहे थे।' जब अपराध हो रहा था वह इतना निराश थे और उन्हें अपने आप पर इतनी शर्मिंदगी महसूस हो रही थी कि उन्हें सिर्फ़ एक बात सूझीः उन्होंने फायर-अलार्म बजवा दिया।
मेरा भाई लुइस एनरिक घर के भीतर किचन के दरवाज़े से पहुँचा जिसे मेरी माँ ने खुला छोड़ रखा था ताकि मेरे पिता को हमारे आने की आहट से असुविधा न हो। सोने से पहले वह बाथरूम गया और वहीं टॉयलेट पर बैठे-बैठे उसे नींद आ गई और सुबह जब मेरा भाई जेमी स्कूल जाने के लिए उठा तो उसने उसे टाइल्स पर औंधे मुँह गिरा और नींद में गाना गाते पाया। मेरी नन बहन अस्सी प्रूफ नशे में बिशप का इंतज़ार नहीं कर सकती थी और वह मेरे भाई को जगाने में भी असमर्थ रही। ‘जब मैं उसे उठाने के लिए बाथरूम गई थी उस समय पाँच बजे थे।' उसने मुझे बताया। बाद में मेरी दूसरी बहन मार्गोट गोदी पर जाने से पहले नहाने के लिए बाथरूम गई तो पहले उसे बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला और किसी तरह घसीटते हुए उसके बेडरूम तक लेकर आई। नींद के दूसरे छोर पर, अचेतन में उसने बिशप के बोट की पहली चिंघाड़ सुनी। उसके बाद वह गहरी नींद में चला गया, शराबखोरी और धमाचौकड़ी के कारण पूरी तरह ध्वस्त। पर कुछ देर बाद ही उसे जागना पड़ा जब मेरी नन बहन अपने कपड़े पहनने की कोशिश करती, दौड़ती हुई उसके कमरे में आई और उसके कान में चीखी ः
‘उन्होंने सांतियागो नासर का कत्ल कर दिया है!'
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फादर कार्मेन अमाडोर के लिए चाकुओं के घावों की जाँच उस कठिन शव-परीक्षण की शुरूआत भर थी जिसे डॉ. डाइनीसियों इगुआरान की अनुपस्थिति में उन पर लाद दिया गया था। ‘यह सब ऐसा था जैसे मौत हो जाने के बाद हम लोगों ने उसका दोबारा कत्ल किया हो,' उम्रदराज़ पादरी ने कालाफेल के एकांत में मुझसे कहा। ‘लेकिन मेयर का आदेश था, एक हिंसक जानवर आदेश, चाहे कितना ही मूर्खतापूर्ण हो पालन तो करना ही था।' बात पूरी तरह ठीक नहीं थी। उस बेतुके सोमवार की अफरातफरी में कर्नल अपॉन्ते ने इलाके के गवर्नर से टेलीफोन पर इस बारे में बात की थी। गवर्नर ने उसे शुरुआती कार्रवाइयाँ करने का आदेश दिया और कहा था कि इस बीच वह किसी जाँचकर्ता मजिस्ट्रेट को भेज रहा है। मेयर पुराना ट्रूप कमांडर था जिसे विधि-संबंधी कार्यों का कोई अनुभव नहीं था, ऊपर से वह इतना अहंकारी था कि किसी जानकार से पूछकर काम शुरू करे यह भी उसे गवारा नहीं था। पहली बात जो उसे परेशान कर रही थी वह थी शव परीक्षण की समस्या। क्रिस्टो बेदोया, जो मेडिकल का छात्र था, स्वयं को सांतियागो नासर का अंतरंग मित्र बताकर मामले से अलग हो गया। मेयर ने सोचा डॉ. डाइनीसियो इगुआरान के लौटने तक लाश को रेफ्ऱीजरेटर में रखा जा सकता है पर कस्बे में मनुष्य की देह के नाप की फ्रीज़र नहीं मिल पाया, बाज़ार में एक कामचलाऊ फ्रीज़र था पर वह खराब पड़ा था। लोगों की ताक-झाँक के लिए लोहे की खाट पर लेटी लाश कमरे में खुली पड़ी थी और पास ही ताबूत बनाने वाले कारीगर एक रईस के लिए उपयुक्त कफ़न तैयार कर रहे थे। बेडरूमों से और पड़ोसियों के यहाँ से पंखे लाकर वहाँ लगा दिये गए थे लेकिन तमाशाइयों की भीड़ इतनी जबरदस्त थी कि कमरे में रखा फर्नीचर पीछे खिसकाना पड़ा, परिंदों के पिंजरे और फर्न के गमलों को बाहर निकालना पड़ा और उसके बावजूद गर्मी असहनीय थी। उस पर, मौत की गंध सूंघकर कुत्ते बेचैन हो उठे थे जिससे वहशत और बढ़ गई थी। जब मैं वहाँ पहुँचा था सांतियागो नासर किचन में मृत पड़ा था और रोती-चीखती दिविना फ्लोर एक डंडे से चिंचियाते, भौंकते कुत्तों को हँकालने का प्रयास कर रही थी।
‘कुछ मदद करो,' उसने चिल्लाकर मुझसे कहा, ये उसकी अँतड़ियाँ खाना चाहते हैं।'
हमने कुत्तों को घुड़साल में बंद कर दिया था। बाद में प्लासिदा लिनेरो ने जनाजा निकलने तक उन्हें दूर कहीं छोड़ आने के लिए कह दिया था। पर पता नहीं कैसे वे वहाँ से भाग निकले और दोपहर के आसपास एक साथ पागलों की तरह गुर्राते हुए फिर अंदर घुस आए। प्लासिदा लिनेरो पहली बार बेबस हो उठीं।
‘कमीनो, कुत्तो,' वे चीखीं, ‘इन्हें गोली से उड़ा दो।'
उनकी आज्ञा का तत्काल पालन किया गया और घर में फिर से शांति फैल गई। उस समय तक लाश की हालत से सब बेख़बर थे। उसका चेहरा साबुत बचा रह गया था और उस पर वही भाव थे जो थोड़ी देर पहले गाना गाते समय थे। क्रिस्टो बेदोया ने अँतड़ियों को समेटकर पेट के भीतर किया और ऊपर से लिनन के कपड़े की पट्टी बाँध दी थी। इसके बावजूद दोपहर तक घावों से चाशनी के रंग का चिपचिपा तरल पदार्थ रिसने लगा जो मक्खियों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था, और ऊपरी होंठ पर बैंगनी रंग का धब्बा दिखने लगा था जो तालाब में किसी बादल की छाया की तरह धीरे-धीरे फैलने लगा और सर के बालों तक जाकर थम गया था। फिर उसके चेहरे ने, जो हमेशा बेफ़िक्र और खुशनुमा लगा करता था, वीभत्स रूप अख्तियार कर लिया और उसकी माँ ने उसे एक रूमाल से ढँक दिया। कर्नल अपॉन्ते को अब समझ में आया था कि वे और इंतज़ार नहीं कर सकते इसलिए उन्होंने फादर अमाडोर को शव परीक्षण करने का आदेश दे दिया। ‘एक हफ्ते बाद उस पर छुरे-चाकू चलाना और भी मुश्किल होगा,' उन्होंने कहा। पादरी ने सलामांका में मेडीसिन और सर्जरी का अध्ययन किया था लेकिन पढ़ाई पूरी करने से पहले ही उन्होंने सेमिनरी में दाखिला ले लिया था और मेयर भी यह समझते थे कि उनके शव परीक्षण की कोई कानूनी अहमियत नहीं होगी। बहरहाल, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके आदेश का तुरंत पालन हो।
वह एक कत्लेआम था जिसे पब्लिक स्कूल में संपन्न किया गया। एक ड्रगिस्ट जो सारी कार्रवाईयाँ दर्ज करता जाता था और चिकित्सा का एक प्रथम वर्षीय छात्र जो छुट्टियों में घर आया था, फादर की सहायता कर रहे थे। उनके पास गिने-चुने मामूली चीर-फाड़ के उपकरण थे और कुछ दूसरे ज़रूरी उपकरणों की कमी बढ़ई-सुनारों के औज़ारों से पूरी कर ली गई थी। शव का मलीदा बना दिया गया पर फादर अमाडोर की रिपोर्ट संतुलित जान पड़ती थी और जाँच अधिकारी ने अपनी ब्रीफ में उसे महत्वपूर्ण सबूत के रूप में दर्ज किया। ज़ख्म बहुत सारे थे मगर उनमें सात ज़ख्म घातक माने गए। दो गहरे अंदरूनी आघातों से लीवर चाक-चाक हो गया था। चार चीरे पेट में लगे थे जिनमें से एक इतना गहरा था कि उसने अमाशय को पूरी तरह नष्ट कर दिया था। बड़ी आँत में छः तिरछे चाकू धँसे थे और छोटी आँत में कई घाव लगे थे। पीठ पर केवल एक घाव था जो रीढ़ की तीसरी हड्डी के आसपास लगा था जो दाहिनी किडनी को चीरता हुआ आरपार निकल गया था। पेट का कोटर खून के थक्कों से भरा हुआ था और छानबीन के लिए उसे और कुरेदा गया तो पेट के लसलसे दलदल में लिथड़ा वर्जिन ऑफ कार्मेल का एक मैडल प्रकट हुआ जिसे सांतियागो नासर ने चार वर्ष की उम्र में निगल लिया था। गले के नीचे वाले हिस्से में दो जगह चोटें थीं ः एक, दाहिनी तरफ़ वाली ऊपर से दूसरी पसली में, जिसने फेफड़े को नुकसान पहुँचाया और दूसरी बाँई काँख के बिलकुल करीब। दाहिने हाथ पर गहरा घाव था। उसके हाथों और बाँहों पर छः मामूली ज़ख्म थे और दो आड़े लंबे चीरे थे, एक दाहिनी जाँघ पर और दूसरा पेट की मांसपेशियों में। रिपोर्ट में लिखा गया, ‘वह सलीब पर लटके ईसा मसीह का प्रतिरूप लगता था।' उसका मस्तिष्क एक सामान्य अंग्रेज़ के मस्तिष्क से साठ ग्राम ज़्यादा भारी और फादर अमाडोर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि सांतियागो नासर ने आला दर्जे़ का दिमाग और शानदार भविष्य पाया था। तथापि, अपने अंतिम नोट में उन्होंने इस बात की तरफ़ भी इशारा किया कि उसका जिगर बढ़ा हुआ था जो पीलिया के ख़राब इलाज का नतीजा था। ‘मतलब हर हाल में,' उन्होंने मुझसे कहा, ‘उसके पास इने-गिने साल ही जीने के लिए बचे थें' डॉ. डाइनीसियो इगुआरान, जिन्होंने सांतियागो नासर का बारह वर्ष की उम्र में पीलिया का इलाज किया था, शव परीक्षण की रिपोर्ट याद करते बेहद नाराज़ हुए। ‘सिर्फ़ एक पादरी ही ऐसी बेहूदा बात सोच सकता है,' उन्होंने मुझसे कहा, ‘अब उसे कौन समझाए कि अविकसित गैलीशियन इस्पहानी लोगों के मुकाबले हम गर्म इलाकों के लोग पैदा ही मोटे जिगर के साथ होते हैं।' रिपोर्ट एक पंक्ति के इस निष्कर्ष के साथ समाप्त की गई कि मृत्यु सात प्रमुख घावों में से किसी एक से हुए अतिरिक्त स्राव के कारण हुई थी।
उन्होंने एक बिलकुल अलग शरीर हमें वापस किया था। आधी खोपड़ी कपालछेदन से बरबाद हो गई थी और लेडी-किलर चेहरा जिसे मौत ने भी साबुत छोड़ दिया था अब अपनी पहचान खो बैठा था। इसके अलावा, फादर ने कटी-फटी अँतड़ियों को जड़ से उखाड़ दिया था और अब वह समझ नहीं पा रहे थे उनका क्या करें, तो गुस्से में ईश्वर को पुकारते उन्हें कचरे के डिब्बे में फेंक दिया। स्कूल की खिड़कियों से झाँकने वाले आखिरी दर्शकों की उत्सुकता समाप्त हो गई, सहायकों को चक्कर आने लगे और कर्नल अपॉन्ते, जिसने अनगिनत वहशी कत्लेआम देखे और खुद संपन्न कराए थे, शाकाहारी और आध्यात्मिक हो गए। लाश के खोल के भीतर कपड़ों की चिंदियाँ और चूना भरकर बोरा सीने वाले सुई-धागे से सिल दिया गया था, जो हाथ लगाते ही टूटने-बिखरने लगा और बड़ी मशक्कत के बाद ही हम उसे सिल्क से मढ़े हुए नए ताबूत में रख पाए। ‘मुझे लगा था इस तरह वह अधिक देर सुरक्षित रहेगा,' फादर अमाडोर ने मुझसे कहा। लेकिन हुआ था ठीक उल्टा। उसे हम सबेरा होने से पहले दफ्न कर आए क्योंकि हालत इतनी ख़राब हो चुकी थी कि घर में साँस लेना दूभर हो रहा था।
मंगलवार की बादलों से भरी सुबह हो रही थी। उस लंबे अवसादग्रस्त समय के तत्काल बाद सोना मेरे लिए असंभव था इसलिए, इस उम्मीद में कि मारिया एलेजेंड्रीना सर्वेन्ट्स ने अपने घर के दरवाजे़ पर साँकल नहीं लगाई होगी, मैं दरवाज़ा ठेलकर अंदर आ गया। कद्दू के आकर के लैम्प पेड़ों पर लटके हुए थे और नाचघर वाले आँगन में जगह-जगह शोक-चिह्न बना रही थीं। मैंने हमेशा की तरह मारिया एलजेंड्रीना सर्वेन्ट्स को सुबह-सुबह जागते हुए पाया, वह भी नंगा, जैसी कि उसकी आदत थी बशर्ते कोई अजनबी घर पर न हो। वह किसी तुर्की हूर की तरह अपने राजसी पलंग पर उकडूँ बैठी थी और आसपास एक बड़ी सी प्लेट में तरह-तरह की खाने की चीज़ें सजी हुई थीःं बछड़े के गोश्त का कटलेट, उबला मुर्गा, पोर्क लॉयन, केले और बहुत सारी सब्ज़ियाँ। यह भोजन पाँच लोगों के लिए भी काफ़ी था पर शोक मनाने का उसका तरीका ही यह थाः ढेर सारा खाना, और मैंने उसे इतने दर्द भरे अंदाज़ में खाना खाते पहले कभी नहीं देखा था। मैं उसके पास कपड़े पहने ही चुपचाप लेट गया और शोक मनाने लगा पर अपने तरीके से। मैं सांतियागो नासर के दुर्भाग्य की तीव्रता के बारे में सोच रहा था जिसने उसकी बीस वर्षो की खुशियाँ वापिस छीन ली थीं, सिर्फ मौत नहीं बल्कि देह की दुर्गति, उसके विखंडन और उसके संपूर्ण विध्वंस के साथ। मैं सपना देखने लगा कि एक छोटी सी बच्ची को गोद में लिए एक औरत आ रही है और वह बच्ची बिना रुके बकर-बकर हाथ में लिए मक्के के दाने चबा रही है और उसका छूँछ औरत की चोली में गिरता जा रहा है। वह औरत बोलीः ये कठफोड़वे की तरह मक्का चबाती है, छिछोर कमीनी कहीं की।' अचानक मैंने महसूस किया, किसी की आतुर ऊँगलियाँ मेरे शर्ट के बटन खोल रही हैं और फिर शैतानी प्यार की ख़तरनाक गंध मेरे नथुनों में समाने लगी। वह मेरी पीठ पर लेटी हुई थी मैं उसकी दलदली मुलायमियत के आनंद में धँसता चला जा रहा था। लेकिन अकस्मात वह रुक गई, लगा दूर से उसकी खँखारने की आवाज़ आ रही है, फिर वह फिसली, बिस्तर से नहीं मेरी जिंदगी से।
‘नहीं, मैं नहीं कर सकती,' उसने कहा, ‘तुम्हारे अंदर उसकी गंध है।'
सिर्फ मुझसे ही नहीं उस दिन हर चीज़ से सांतियागो नासर की गंध आ रही थी। विकारियो बंधुओं को वह लॉक-अप की दीवारों से आती लग रही थी जहाँ मेयर ने उन्हें तब तक के लिए बंद कर रखा था जब तक उनके बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जाता। ‘मैंने पता नहीं कितनी बार साबुन लगाया और पत्थर से पूरा शरीर रगड़-रगड़ कर धोया लेकिन गंध जाने का नाम ही नहीं लेती थी,' पेड्रो विकारियो ने मुझे बताया। तीन रातें बिना नींद के बीत गईं, पर उन्हें आराम नहीं मिल पाया क्योंकि जैसे ही उन्हें आभास होता कि नींद आ गई है, वही अपराध वे पुनः दोहराना शुरू कर देते। अब बूढ़ा हो चला पाब्लो विकारियो उस अंतहीन दिन के बारे में मुझे बता रहा था और बिल्कुल मासूमियत के साथ उसने कहा, ‘असल में जैसे ही हमें नींद आती हम पाते कि नींद में हम जगे हुए हैं।' यह बात सुनकर मैं सोचने को बाध्य हो गया कि विचारों की यह स्पष्टता ही जेल में उनके लिए सर्वाधिक असत्य रही होगी। वह दस बाई दस का कमरा था जिसमें बहुत ऊँचाई पर लोहे के सरियों वाले झरोखे थे और आराम करने के लिए एक ओर चटाइयाँ थीं। कमरें में एक पोर्टबल लेट्रीन और पास में एक मोरी थी, जहाँ वाशबेसिन और घड़े में पीने का पानी रखा था। कर्नल अपॉन्ते, जिनके आदेश पर इसे बनवाया गया था, का कहना था कि कस्बे में कोई होटल इतना मानवोचित नहीं है। मेरा भाई लुईस एनरिक सहमत था क्योंकि एक रात वादकों के साथ हुए झगड़े के बाद उसे वहीं रखा गया था और मेयर ने उसे एक मुलट्टो लड़की अपने साथ रखने की सुविधा प्रदान की थी। विकारियो बंधु भी उस दिन सुबह आठ बजे के लगभग शायद यही सोच रहे थे क्योंकि उन्हें पक्का यकीन हो गया था कि अब वे अरब समुदाय से पूरी तरह सुरक्षित हैंं। कर्तव्य पूरा करने के अभिमान से उनकी छाती फूली हुई थी और उनकी एकमात्र परेशानी वह गंध थी जो लगता था जाएगी ही नहीं। उन्होंने एक ड्रम पानी और कपड़े धोने वाला साबुन मँगवाया और रगड़-रगड़कर बाहों और चेहरे पर लगा खून साफ़ किया, कपड़े उतारकर उन्हें धोया पर कोई फायदा नहीं हुआ। पेड्रो विकारियो ने जुलाब और पेशाब लाने वाली गोलियाँ और विसंक्रमित कपड़े की पट्टियाँ भी मंगवाईं, जिससे वह अपने घाव की बत्ती बदल सके। दवाइयों के असर से सुबह-सुबह उसने दो बार सफलतापूर्वक पेशाब की, फिर भी जैसे-जैसे दिन चढ़ने लगा, उसकी हालत पतली होती गई और गंध का स्थान इस पुरानी तकलीफ़ ने ले लिया। दोपहर को दो बजे, जब भीषण गर्मी उन्हें पिघला सकती थी, पेड्रो विकारियो के लिए पलंग पर लेटे रहना मुश्किल था, पर उसी तकलीफ़ के चलते वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। जाँघों के बीच का दर्द का गोला उठता हुआ गले तक पहुँच चुका था। उसका पेशाब बंद था और जीवन में फिर कभी सो न सकने की आशंका से वह दहशत में आ गया। ‘मैं ग्यारह माह तक जागता रहा,' उसने मुझे बताया और मैं उसे अच्छी तरह जानता हूँ, वह सच कह रहा था। खाना वह एक कौर नहीं खा पाया और पाब्लो विकारियो अपने हिस्से के खाने में से थोड़ा-बहुत टूँग ज़रूर लेता था, पर पन्द्रह मिनिट बाद ही हैजे की महामारी वाले दस्त करके बाहर निकाल देता था। छः बजे शाम को, जब सांतियागो नासर के शव का परीक्षण जारी था, मेयर को तुरंत बुलवाया गया क्योंकि तब तक पेड्रो विकारियो का शक पक्का होता जा रहा था कि उसके भाई को ज़हर दिया गया है। ‘वह मेरे सामने पानी में तब्दील होता जा रहा था', पेड्रो विकारियो ने मुझसे कहा, ‘और हम इस विचार से छुटकारा नहीं पा रहे थे कि यह तुर्कियों की किसी साज़िश का परिणाम है।' तब तक पोर्टेबल लेट्रीन दो बार पूरी भर चुकी थी और गार्ड उसे छः बार टाउन हाल के पाखाने ले जा चुका था। कर्नल अपॉन्ते ने बिना दरवाजे़ वाले उस पाखाने में गार्ड द्वारा उसे ठेलते हुए देखा। वह इतनी तेज़ी से पानी बाहर निकाल रहा था कि जहर के बारे में सोचना बिलकुल असंगत नहीं था। लेकिन जब यह बात पक्की हो गई कि उन्होंने वही पानी पिया है और वही खाना खाया है जो प्यूरा विकारियो द्वारा भेजा गया था तो ज़हर वाली बात आई-गई हो गई। इसके बावजूद मेयर कैदियों से इतना प्रभावित हुए थे कि जाँचकर्ता न्यायाधीश के आने तक और रायोहाचा जेल में स्थानांतरित करने तक वह उन्हें विशेष गार्ड की सुरक्षा में अपने घर ले गए।
जुड़वाँ बंधुओं की आशंका कस्बे के माहौल के कारण थी। अरब समुदाय बदला लेगा इस पर किसी को शक नहीं था पर ज़हर की बात विकारियो बंधुओं के अलावा कोई नहीं सोच पाया। धारणा यह थी कि वे अंधेरा होने का इंतज़ार करेंगे जिससे झरोखों से पेट्रोल फंेंककर कैदियों को ज़िंदा जला देने में आसानी रहे। लेकिन यह भी दूर की कौड़ी ही लगती थी क्योंकि अरब समुदाय आमतौर पर शांतिप्रेमी माना जाता था। सदी की शुरूआत में वे कैरेबियन शहरों में बस गए थे, बेहद कठिन और दूरस्थ जगहों में भी, जहाँ वे रंगीन कपड़े, और दूसरी छोटी-मोटी और सस्ती चीज़े बेचते थे। वे मेहनती और उदार थे और अब भी अपनी कबीला संस्ड्डति को अपनाए हुए थे। वे आपस में अपनी शादियाँ करते थे, अपना गेहूँ मँगाते थे, भेंड़-बकरियाँ पालते थे, अपने बैंगन और दूसरी सब्ज़ियाँ उगाते थे और ताश खेलना उनका शगल था जो उन्हें जीवंत बनाए रखता था। पुरानी पीढ़ी अब भी अपनी मातृभाषा अरबी बोलती थी जिसे उन्होंने दूसरी पीढ़ी तक कुछ हद तक बचाए रखा था पर तीसरी पीढ़ी के लोग, सांतियागो नासर को छोड़कर, अरबी में सुनते थे और स्पेनिश में जवाब देते थे। इसलिए यह सोचना कल्पनातीत था कि वे अचानक अपनी सरलता छोड़कर एक ऐसी हत्या के प्रतिशोध के लिए तैयार हो जाएँगे जिसके लिए हम सभी दोषी थे। दूसरी तरफ प्लासिदा लिनेरो का परिवार भी, जो पैसा था तब तक काफ़ी मजबूत और लड़ाका कुनबा माना जाता था, यहाँ तक कि दो-दो धाकड़ हत्यारे उनके यहाँ पलते थे, पर अब प्रतिशोध का नाम भी नहीं ले रहा था।
अफ़वाहों से परेशान, कर्नल अपॉन्ते एक-एक कर प्रत्येक अरब परिवार से मिल आए और मामले की तह तक पहुँचे। उन्होंने पाया कि वे स्तब्ध और दुखी हैं, कुछ ने घरों पर शोकसूचक निशान बना रखे हैं तो कुछ घुटनों पर बैठे विलाप कर रहे हैं पर किसी के मन में बदले की भावना नहीं थी। अपराध की तात्कालिक उत्तेजना से सुबह-सुबह हल्का आक्रोश ज़रूर था पर उनके अगुआ कह रहे थे कि किसी भी हालत में पिटाई से अधिक कुछ नहीं होता। यह बात भी नोट करने लायक थी कि आिख़र बूढ़ी सुज़ाना अब्दाला के पैशन-फ्लावर और नागदमनी के काढ़े वाले टोटकों से ही पाब्लो विकारियो के दस्त और उसके भाई के रक्ताभ प्रवाह का इलाज हो पाया था। पेड्रो विकारियो उसके बाद लंबी गहरी नींद में चला गया और उसके भाई को भी पश्चाताप-मुक्त निद्रा नसीब हुई और जब मंगलवार को सबेरे मेयर के बुलाने पर प्यरिसिमा विकारियो बेटों को अलविदा कहने आई तो उन्हें उसी हालत में सोते हुए पाया।
कर्नल अपॉन्ते के सुझाव पर पूरा परिवार, बहनों और उनके पतियों समेत, वहाँ से चला गया। कस्बे की थकान की आड़ में दुबककर निकलते हुए उन्हें किसी ने नहीं देखा, जबकि हम, कुछ बचे हुए लोग मौत वाली उस रात सांतियागो नासर को दफ्न कर रहे थे। मेयर के अनुसार उन्हें कस्बे की आत्मा के ठंडे होने तक बाहर रहना था पर वे लौटकर आए ही नहीं। प्यूरा विकारियो ने अपनी तिरस्ड्डत बेटी का चेहरा रूमाल से ढँक रखा था ताकि चोटें किसी को दिखाई न दें और उसे लाल कपड़े पहनाए गए थे कि कोई यह न समझ ले कि वह अपने गुप्त प्रेम का मातम मना रही है। बिदा होते समय उन्होंने फादर अमाडोर से विनती की कि वे थाने जाकर उनके बेटों के लिए पश्चाताप करें लेकिन पेड्रो विकारियो ने साफ़ मना कर दिया और अपने भाई को भी समझा दिया कि उनके पास पश्चाताप करने का कोई कारण नहीं है। वे दोनों वहीं रहे और जेल स्थानांतरण के बाद जब रायोहाचा जाने का वक्त आया वे सारे हादसे से पूरी तरह उबर चुके थे, यहाँ तक कि उन्हें अपनी बेगुनाही का इतना पक्का यकीन हो चुका था कि उन्होंने अपने परिवार की तरह रात के अंधेरे में निकलने से इंकार कर दिया और खुले आम, धड़ल्ले से, दिन की रोशनी में कस्बे से रवाना हुए। पिता, पोन्सियो विकारियो कुछ दिन बाद मृत्यु को प्राप्त हो गए। ‘नैतिक पीड़ा उन्हें खा गई,' एंजेला विकारियो ने मुझसे कहा था। सजा काटने के बाद जुड़वाँ बंधु वहीं, रायोहाचा में रहने लगे जो मॅनौर से, जहाँ पूरा परिवार रह रहा था, एक दिन की यात्रा के बराबर दूर था। प्रूडेंशिया कोट्स ने वहीं जाकर पाब्लो विकारियो से शादी की। उसने अपने पिता की दुकान में जे़वरात बनाने का काम सीखा था और बाद में वह एक मशहूर सुनार बना। प्रेम और नौकरी से जुदा पेड्रो विकारियो तीन वर्ष बाद फिर से सेना में भर्ती हुआ और सार्जेन्ट का पहला मेडल प्राप्त किया। फिर एक सुबह तवायफ़ों के गीत गाते उनकी टुकड़ी गुरिल्ला इलाके में घुसी और उसके बाद उसका कोई समाचार नहीं मिला।
अधिकांश लोगों के लिये एकमात्र पीड़ित था बेयार्दो सान रोमां। वे मानते थे कि नाटक के दूसरे अभिनेता गौरव के साथ, बल्कि कुछ तो बड़ी भव्यता के साथ ज़िंदगी का दिया अपना पार्ट अदा करते रहे। सांतियागो नासर ने अपराध की गरिमामय भरपाई की, विकारियो बंधुओं ने अपना पौरुष सिद्ध किया और बेइज़्ज़त बहन को उसका सम्मान वापस मिला। एकमात्र बेयार्दो सान रोमां ही था जिसने सब कुछ खो दिया था, और लोग उसे ‘बेचारा बेयार्दो' कहने लगे थे। इसके बावजूद उसकी याद लोगों को अगले शनिवार तक, जिस दिन चंद्रग्रहण पड़ा था, नहीं आई थी। हुआ यह कि विधुर ज़ीयस ने उस दिन मेयर से कहा कि उसने अपने मकान के ऊपर अंधेरे में चमकते एक पक्षी को फड़फड़ाते देखा है और उसे लगता है वह उसकी पत्नी की आत्मा है जो अपनी सम्पत्ति वापस माँग रही है। सुनकर मेयर ने उसकी भौंह पर चपत मारकर देखा मगर विधुर की दृष्टि से उसका कोई संबंध नहीं था।
‘शिट,' वे झल्ला उठे, ‘उस बदनसीब को तो मैं बिलकुल भूल ही गया हूँ!'
वे तुरंत एक छोटी सी टुकड़ी लेकर पहाड़ी पर गए जहाँ फार्म हाउस के सामने उन्हें खुली कार दिखाई दी। फिर उनकी नज़र बेडरूम में टिमटिमाती इकलौती रोशनी की तरफ़ गई, लेकिन दरवाज़ा खटखटाने पर भीतर से कोई आवाज़ नहीं आई। दरवाज़ा तोड़ा गया और सारे घर की तलाशी ली गई जहाँ चंद्रग्रहण का धुँधला प्रकाश छिटका हुआ था। ‘लगता था चीजे़ं पानी के भीतर तैर रही हैं,' मेयर ने मुझसे कहा। बेयार्दो सान रोमां बिस्तर पर बेहोश पड़ा था, उसी हालत में जैसा प्यूरा विकारियो ने उसे मंगलवार की सुबह देखा था, पैन्ट और सिल्क शर्ट में, नंगे पैर। र्फश पर खाली बोतलें लुढ़की पड़ी थीं और बहुत सी अनखुली बोतलें पलंग के आसपास रखी थीं पर खाने का एक कतरा वहाँ नहीं था। ‘अल्कोहल के कुप्रभाव की आखिरी पायदान पर वह था,' मुझे डॉ. डायनीसियो इगुआरान ने बताया, जिन्होंने तुरंत उसका इलाज शुरू कर दिया था। कुछ घंटो बाद उसे होश आया और जैसे ही वह सोचने-समझने के काबिल हुआ उसने भरसक सौजन्यता के साथ, जितनी वह उस हालत में बरत सकता था, उन्हें निकाल बाहर किया।
‘कोई मेरा घंट नहीं उखाड़ सकता,' उसने कहा, ‘मेरा बाप भी नहीं, जो युद्ध के दो-दो मोटे-मोटे गोले लटकाए घूमता रहता है।'
मेयर ने जनरल पेट्रोनियो सान रोमां को टेलीग्राम करके इस घटना की सूचना दी, जस की तस मुहावरों समेत। लगता था जनरल सान रोमां अपने बेटे की बात का एक-एक अक्षर अच्छी तरह समझ गए, क्योंकि वह खुद नहीं आए और अपनी पत्नी को दोनों लड़कियों और दो उम्रदराज़ औरतों के साथ, जो उनकी बहनें लगता थीं, उसके पास भेज दिया। वे मालवाहक जहाज़ से आईं, बेयार्दो सान रोमां की बदकिस्मती से गले-गले तक बिंधी हुईं और बिखरे खुले बालों की नुमाइश करती। ज़मीन पर पैर रखने से पहले उन्होंने जूते उतारे और दोपहर की चिलचिलाती धूप में धूल भरी जलती सड़क पर, बालों को खींच-खींचकर जड़ से उखाड़ती चीखती-चिल्लाती, जैसे खुशी से पागल हो उठी हों, पैदल चलती हुई वे सब पहाड़ी चढ़ गईं। मैंने मेग्देलीना ऑलिवर की बालकनी से उन्हें उधर जाते हुए देखा और मुझे याद है उन्हें देखकर मेरे मन में विचार आया था कि इस प्रकार का शोक प्रदर्शन दूसरी, अधिक बड़ी शर्मिन्दगी को छिपाने के लिए ज़रूरी है।
कर्नल लेज़ारो अपॉन्ते पहाड़ी पर बने घर तक उनके साथ गए और कुछ देर बाद डॉ. डायनीसियो इगुआरान अपने गधे पर, जिसका उपयोग वे इमरजेंसी में किया करते थे, चढ़कर वहाँ पहुँचे। जब सूरज कुछ ऊपर आया शहर के दो कर्मचारी गर्दन तक कंबल से ढँके बेयार्दो सान रोमां को बाँस पर लटकते दलारे पर टाँगकर नीचे लाए। पीछे-पीछे पछाड़ खा-खाकर गिरती-पड़ती, चीखती-चिल्लाती औरतें चल रही थीं। मेग्देलीना ऑलिवर ने सोचा वह मर चुका है।
‘हे भगवान!' उसके मुँह से निकला, ‘कैसी तबाही है!'
वह फिर से शराब में डूब गया था लेकिन उसे देखकर यह विश्वास नहीं होता था कि वे एक जीवित व्यक्ति को लेकर आ रहे हैं क्योंकि उसका दाहिना हाथ धरती को छूता हुआ लटक रहा था और जैसे ही उसकी माँ उसे उठाकर वापस दलारे पर रखती वह फिर नीचे लटकने लगता था। परिणामस्वरूप लटकते हाथ ने पहाड़ी के किनारे से गोदी तक ज़मीन पर लीक बना दी थी। उसका यही कुछ बचा रह गया था ः एक पीड़ित की स्मृति।
उन्होंने फ़ार्म हाउस को जस का तस छोड़ दिया था। जब मैं छुट्टियों में घर आता, मैं और मेरा भाई शराब के नशे में झूमते हुए वहाँ की छानबीन किया करते और उजाड़ कमरों में रखी कीमती वस्तुओं को हर बार कम होता हुआ पाते। एक बार हमें वहाँ एंजेला विकारियो का छोटा बैग मिला जो उसने शादी की रात अपनी माँ के यहाँ से मँगवाया था लेकिन हमने उसकी तरफ अधिक ध्यान नहीं दिया था। हम समझ रहे थे उसमें औरतों के सौंदर्य प्रसाधन और साफ़-सफ़ाई संबंधी चीज़े ही रखी हुई हैं पर उनके वास्तविक उपयोग के बारे में मुझे कई वर्ष बाद पता चला जब एंजेला विकारियो ने मुझे बताया कि वस्तुएँ पति को मूर्ख बनाने के लिए बूढ़ी स्त्रियों ने उसे दी थीं। अपने विवाहित जीवन के पाँच घंटों का यही सुराग उसने वहाँ छोड़ रखा था।
वर्षों बाद यह तथ्य लिखते हुए जब मैं सबूतों के आखिरी कतरों की खोज में वहाँ लौटा तब तक योलांडा ज़ीयस की खुशियों की राख तक वहाँ से उड़ चकी थी। कर्नल लेज़ारो अपॉन्ते की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद चीजे़ वहाँ से एक-एक कर गायब होती गई थीं। यहाँ तक कि मोक्पाक्स के उस्ताद कारीगरों द्वारा निर्मित छः आइनों वाला लंबा-चौड़ा डे्रसिंग टेबल भी नहीं बचा, जिसे कमरे में ही बनवाया गया था क्योंकि बना-बनाया अंदर लाने के लिए दरवाज़ा छोटा पड़ता था। शुरू में विधुर ज़ीयस यह सोचकर खुश होता था कि उसकी पत्नी प्रेत-शक्ति की सहायता से अपनी चीज़े वापस ले जा रही है। कर्नल लेज़ारो अपॉन्ते उसका मज़ाक उड़ाया करते थे। लेकिन एक रात उन्हें लगा घर की झाड़-फूँक करवा के वास्तविकता का पता लगाया जाए और योलांडा ज़ीयस की आत्मा ने अपने हाथ से लिखकर इस बात की पुष्टि की कि अपने मौत के घर के लिए वह खुद अपनी कीमती चीजे़ं ले जा रही है। घर क्रमशः ढहने लगा था। दरवाजे़ पर रखी शादी वाली कार धीरे-धीरे टूटने-फूटने लगी और अंत में उसका जंग लगा ढाँचा ही बचा रह गया। कई वर्षों तक उसके मालिक के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। एक ब्रीफ में उसके द्वारा दिया एक बयान मिलता है लेकिन वह इतना छोटा और किताबी है कि उसे देखकर लगता है, ज़रूरी खानापूरी करने के लिए उसने यूँ ही लिख दिया था। उससे बात करने की मैंने सिर्फ एकबार कोशिश की, घटना के तेईस साल बाद, पर वह मुझसे चिढ़ा हुआ था और मामूली जानकारियाँ भी, जिससे नाटक में उसके किरदार का थोड़ा-बहुत खुलासा हो सके, देने से उसने इंकार कर दिया था। बहरहाल, उसके घर वाले भी उसके बारे में हमसे ज़्यादा नहीं जानते थे और उन्हें भी इस बात का हल्का सा भी अंदाज़ा नहीं था कि वह बिना किसी ख़ास मकसद के, महज़ एक ऐसी लड़की से शादी करने जिसे उसने देखा तक नहीं था, उस बहके हुए कस्बे में क्योंकर चला आया था।
दूसरी ओर एंजेला विकारियो के बारे में मुझे बीच-बीच में ख़बर लगती रहती थी जिनसे मेरे मन में उसकी एक आदर्श छबि बनती चली गई। मेरी नन बहन उत्तरी गुआज़िरा के बचे-खुचे काफिरों के धर्म-परिवर्तन हेतु अक्सर वहाँ जाया करती थी और रास्ते में वह आदतन केरेबियन नमक में भुने उस गाँव में, जहाँ एंजेला की माँ ने उसे ज़िन्दा दफ्न किया हुआ था, रुककर उससे मिला करती थी। ‘तुम्हारी कज़िन का नमस्कार,' वह मुझसे हमेशा कहा करती थी। मेरी दूसरी बहन मार्गोट भी शुरू-शुरू में उससे मिलने गई थी और उसी ने मुझे बताया था कि उसने वहाँ एक पक्का हवादार मकान खरीद लिया है जिसमें बड़ा सा आँगन है और जिसमें एक ही समस्या है कि ज्वार की चाँदनी रात में वहाँ मछलियाँ बहकर आ जाती हैं और सुबह-सुबह बेडरूम में तड़फड़ाती मिलती हैं। उस समय जो भी उससे मिला था सभी इस बात पर सहमत थे कि वह अपनी कढ़ाई की मशीन में पूरी तरह व्यस्त है और अपनी लगन के चलते सब कुछ भूल चुकी है।
बहुत समय बाद, उद्विग्नता और कुहासे के उस दौर में, जब मैं गुआज़िरा के शहरों में विश्वकोष और चिकित्सा की किताबें बेचते हुए अपने आप को समझने की कोशिश कर रहा था, इत्तफ़ाकन उस मौत के गाँव पहुँच गया। समुद्र की ओर खुलती एक मकान की खिड़की में एक औरत दोपहर की तपन में झुलसती बड़ी तन्मयता के साथ मशीन पर कढ़ाई कर रही थी। आँखों पर स्टील-फ्रेम का चश्मा चढ़ाए पीले-सफ़ेद बालों वाली वह शोकग्रस्त औरत सिर झुकाए अपने काम में इस कदर डूबी हुई थी कि उसके ठीक सिर पर पिंजरे में बंद तोते की लगातार चीख-पुकार से वह कतई परेशान नहीं लग रही थी। जब मैंने खिड़की की चौखट में उसे देखा तो मेरा अंतर्मन यह मानने के लिए कतई राज़ी नहीं हुआ कि यह वही औरत है जिसके बारे में मैं सोच रहा था, क्योंकि यह मेरी कल्पना से परे था कि ज़िंदगी खराब साहित्य के इतना करीब पहुँच सकती है। मगर वह वही थीः ड्रामें के तेईस साल बाद वाली एंजेला विकारियो।
हमेशा की तरह यह मेरे साथ दूर के भाई की तरह पेश आई और मेरे सवालों के जवाब काफ़ी स्थिरचित्त और विनोद-वृत्ति के साथ दिए। वह इतनी समझदार व हाज़िरजवाब हो चुकी थी कि भरोसा नहीं होता था कि यह वही एंजेला विकारियो है। वह अपनी जिंदगी को जिस अंदाज में समझ पाई थी, देखकर सर्वाधिक आश्चर्य होता था। कुछ ही मिनटों बाद वह मुझे उम्रदराज़ नहीं लगी जितनी पहली नज़र में भ्रम हुआ था, बल्कि वैसी ही युवा लग रही थी जैसी वह मेरी स्मृति में थी और लगता था बीस साल की उम्र में जिस लड़की को मजबूरन प्रेमरहित विवाह झेलना पड़ा था वहा कोई और लड़की थी। उसकी माँ अपने चिड़चिड़े बुढ़ापे में एक बिगड़ैल प्रेतछाया-सी लग रही थीं। उन्होंने अतीत में जाने से साफ़ इंकार कर दिया और इस वृत्तांत के लिए उनसे कुछ असंबद्ध जुमले ही प्राप्त हो सके जो मेरी माँ के साथ बातचीत में वह कभी-कभार कह देती होंगी या कुछ दूसरे जिन्हें मैं अपनी स्मृति को खरौंचकर निकाल सका। वह उसके परे जा चुकी थीं जहाँ एंजेला विकारियो को ज़िन्दा मार देना संभव था लेकिन खुद बेटी ने उनकी योजनाओं को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था क्योंकि वह अपनी बदकिस्मती पर रहस्य का पर्दा कभी नहीं पड़ने देती थी। बल्कि, जो भी जानना चाहता, सारे हादसे को विस्तार के साथ सुना देती, सिवा एक बात के, और वह बात कभी सामने नही आ पाई, कि उसकी बरबादी का वास्तविक कारण कौन था। और कैसे और क्यों? क्योंकि कोई यह मानता ही नहीं था कि सांतियागो नासर मुलज़िम हो सकता है। वे दोनों दो अलग-अलग दुनिया के निवासी थे और किसी ने उन्हें एक साथ कभी नहीं देखा था, एकांत में तो किसी कदर नहीं। सांतियागो नासर इतना अक्खड़ किस्म का आदमी था कि उसकी ओर कभी उसका ध्यान ही नहीं गया होगा। ‘तुम्हारी कज़िन बूबी,' उसकी बात करनी होती तो वह कहता था। दरअसल हम उसे मुर्गियों का शिकार करने वाला बाज़ कहते थे। पिता की तरह वह अकेला निकलता और वीरान जंगलों में जो भी कुँआरी कली दिखाई देती, नोच लेता। पर कस्बे में एक रवायती रिश्ता फ्लोरा मिग्यूएल से और दूसरा तूफानी रिश्ता मारिया एलेजेंड्रीना सर्वेन्ट्स से था जिसने उसे चौदह माह दीवाना बना रखा था। इनके अलावा किसी भी लड़की की ओर वह आँख उठाकर भी नहीं देखता था। इसलिए, हाल में जो कहानी सुनी जाती थी, और बेहद भौंडी कहानी, वह यह थी कि एंजेला विकारियो किसी ऐसे आदमी को बचा रही है जिससे वह वास्तव में प्रेम करती थी और उसने सांतियागो नासर का नाम सिर्फ इसलिए लिया कि उसने सोचा कि उसके खिलाफ़ उसके भाई कुछ नहीं कर सकेंगे। जब मैं उससे दोबारा मिला तो सच्चाई उगलवाने की बहुत कोशिश की, तरह-तरह के तर्क दिए पर उसने इस बार कढ़ाई में से सिर ही बाहर नहीं निकाला। ‘उसकी इतनी पिटाई मत करो कि मर ही जाए,' उसने कहा, ‘वह वही था।'
यह बात छोड़कर बाकी सब उसने विस्तार से बताया, यहाँ तक कि सुहागरात के हादसे के बारे में भी। उसने बताया कि उसकी सहेलियों ने पति को तब तक शराब पिलाते रहने के लिए कहा था जब त वह होशोहवाश न खो बैठे, फिर बेहद शर्मीली होने का ढोंग करे ताकि वह लाइट बंद कर दे और अंधेरे में झूठे कौमार्य का फिटकिरी वाला गाढ़ा डूश लेने में और चादर पर मरक्यूरोक्रोम का लाल धब्बा फैलाने में आसानी रहे। अंत में उन्होंने यह भी समझाया कि सबेरे आंगन में चादर फैलाकर पूरे नाज़ोनखरे के साथ कौमार्य का सबूत पेश करे। कुटनियों का दो बातों पर ध्यान नहीं गया ः पियक्कड़ के रूप में बेयार्दो सान रोमां का अतुलनीय सामर्थ्य और एंजेला विकारियो की निर्विकार सौजन्यता, जिसे माँ ने उसके भीतर ठूँस-ठूँसकर भर दिया था। ‘मैंने उनका बताया एक भी काम नहीं किया,' उसने कहा, ‘क्योंकि जितना मैं उनके बारे में सोचती थी उतने ही वे मुझे बहुत ओछे नज़र आते जिन्हें किसी पर आज़माना ठीक नहीं था, ख़ासकर उस गरीब पर तो बिलकुल नहीं जो मेरे साथ विवाह की बदनसीबी लिए पैदा हुआ था।' इसलिए उसने रोशनी में ही कपड़े उतारने शुरू कर दिए क्योंकि उसे लग रहा था कि वह बेकार ही डर पाले हुए है। इसी बात ने उसकी ज़िन्दगी बरबाद कर दी। ‘यह बहुत आसान था,' उसने मुझसे कहा, ‘क्योंकि मैंने मरने की तैयारी कर ली थी।'
सच्चाई यह है कि अपनी बदनसीबी की बातें इतनी बेशर्मी के साथ वह इसलिए बताती थी कि दूसरी, वास्तविक बदनसीबी, जो उसके भीतर सुलग रही थी, को वह झुठला सके। जब तक उसने मुझे नहीं बताया कोई सोच भी नहीं सकता था कि उस पल से, जब बेयार्दो सान रोमां उसे खदेड़कर घर छोड़ आया था, वह उसके जीवन का हिस्सा बन गया था। वह निर्णायक विजय थी। ‘अचानक, जब माँ ने मुझे पीटना शुरू किया मुझे उसकी याद आने लगी,' उसने मुझसे कहा। ‘वार कम तकलीफ़ पहुँचा रहे थे क्योंकि वह जानती थी कि वे सान रोमां के लिए हैं। वह अपने आप पर थोड़े अचरज के साथ उसी के बारे में सोचती रही और सुबकती हुई डाइनिंग रूम के काउच पर लेट गई। ‘मैं चोटों के कारण या मेरे साथ कुछ ग़लत हुआ इसलिए नहीं रो रही थी,' उसने मुझे बताया। ‘मैं उसके लिए रो रही थी।' वह तब भी उसी के बारे में सोच रही थी जब माँ ने अर्निका का पुल्टिस चेहरे पर लगाया था और उस समय तो और भी अधिक जब सड़कों पर चीख-पुकार मची थी और फायर अलार्म की घंटियाँ बजना शुरू हो गई थीं और माँ ने आकर उसे बताया था कि अब वह सो सकती है क्योंकि जो कुछ भी बदतर होना था वह हो चुका है।
बिना कोई भ्रम पाले उसके बारे में सोचते काफ़ी वक्त हो चुका था। जब एक बार उसे माँ की आँखों की जाँच कराने रायोहाचा के अस्पताल जाना पड़ा, रास्ते में वे होटल डैल प्यूर्टो में रुके, जिसका मालिक उनका परिचित था। प्यूरा विकारियो को प्यास लगी थी। वह बेटी की ओर पीठ किए पानी पी रही थीं तभी एंजेला ने अपने विचारों को हाल में चारों ओर लगे आइनों में साकार होते हुए देखा। एंजेला विकारियो ने लंबी साँस लेते हुए सिर घुमाया तो उसे सामने से गुज़रते हुए और फिर होटल से बाहर निकलते देखा। उसकी नज़र उन पर नहीं पड़ी थी। दिल के टुकड़ों को सहेजते उसने माँ की तरफ देखा। प्यूरा विकारियो ने पानी पी लिया था और वह आस्तीन पर होंठ पोंछ रही थीं। फिर वह अपने नए चश्में में उसकी तरफ देखकर मुस्करा दीं। उस मुस्कुराहट में पहली बार एंजेला विकारियो ने उनके वास्तविक स्वरूप को देखा ः अपनी कमजोरियों की उपासना करने वाली एक गरीब औरत। ‘शिट,' वह बुदबुदाई। वह इतना परेशान हो गई थी कि वापसी का पूरा सफर उसने जोर-जोर से गाना गाते पूरा किया और घर पहुँचकर सीधे पलंग पर लुढ़क गई और तीन दिन तक लगातार रोती रही।
उसका पुनर्जन्म हुआ था। ‘उसे लेकर मैं बावली हो गई,' उसने मुझसे कहा, ‘दिमाग घूम गया था मेरा।' उसे देखने के लिए उसे सिर्फ आँखें बंद करनी पड़ती थीं। समुद्र की लहरों में उसकी साँसें सुनाई देतीं और आधी रात को उसके शरीर से निकलती चिनगारियाँ उसकी नींद उड़ा देतीं। पूरा हफ्ता उसे एक पल आराम नहीं मिल पाया तब उसने उसे पहला पत्र लिखा। वह एक छोटा सा औपचारिक पत्र था जिसमें उसने लिखा कि उसने उसे होटल से निकलते हुए देखा था और उसे अच्छा लगता यदि उसने भी उसे देखा होता। वह उसके उत्तर की प्रतीक्षा करती रही, पर सब बेकार। दो माह निराश होकर उसने दूसरा पत्र भेजा, उसी हल्के व्यंग्य में लपेटकर कि पत्र का उत्तर न देना अच्छी बात नहीं है। छः माह बाद वह उसे छः पत्र लिख चुकी थी जिनके उत्तर नदारद थे फिर भी उसे इस बात का संतोष था कि वे उसे मिल रहे होंगे।
जीवन में पहली बार खुद अपने भविष्य के बारे में सोचते एंजेला विकारियो को यह एहसास हुआ कि घृणा और प्रेम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जितने अधिक पत्र वह लिखती उतना ही प्रेमरोग के कोयले दहक उठते और साथ ही माँ के प्रति एक सुखद विद्वेष भी सुलगने लगता। ‘उन पर नज़र पड़ते ही पेट में बगूले उठने लगते,' उसने मुझे बताया, ‘पर होता यह था कि इधर उन्हें देखा और उधर सान रोमां की याद आई।' परित्यक्ता पत्नी का उसका जीवन एक अधेड़ कुँआरी के जीवन की तरह लगता जो किसी तरह सहेलियों के साथ सिलाई-कढ़ाई करते हुए घिसट रहा था, पर जब उसकी माँ सो जातीं वह कमरे में बैठी सुबह तक चिट्ठियाँ लिखती रहती, चिट्ठियाँ जिनका कोई गंतव्य नहीं था। अब वह समझदार, दबंग और अपनी मर्ज़ी की मालिक थी, और अब वह फिर से कुँआरी हो गई थी, सिर्फ उसके लिए। सिवा अपने किसी और का दखल उसे बर्दाश्त नहीं होता और जिस काम की धुन लगती उसे करके रहती।
आधी जिन्दगी उसने हर सप्ताह एक पत्र लिखा। ‘कई बार मुझे लगता मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं हैं,' उसने हँसते हुए मुझे बताया, ‘पर मेरे लिए इतना ही बहुत था कि वे उसे मिल रहे थे।' शुरूआत में वे एक मंगेतर के पत्र होते थे फिर वे गुप्त प्रेमिका के छोटे-छोटे संदेशों में बदल गए। रूठी प्रिया के खुशबूदार कार्ड, व्यावसायिक पत्र, प्यार के पैगाम से होते हुए आिख़रकार वे ठुकराई गई औरत के क्रुद्ध पत्रों में तब्दील हो गए जिनमें अपनी ख़ौफनाक बीमारियों का ज़िक्र होता ताकि पति जल्दी वापस आ जाए। एक रात उसने अच्छे मूड में एक पत्र लिखा और उस पर स्याही फैला दी और फिर उसे कूड़ेदान में डालने की जगह नीचे ‘पुनश्च' लिखकर एक नोट लगा दिया ः ‘अपने प्यार की गवाही के रूप में अपने आँसू भेज रही हूँ।' कई बार, रो-रोकर थक जाती तो अपने पागलपन का ख़ुद मज़ाक बनाने लगती। चिट्ठियाँ पोस्ट करने वाली लड़कियों को उसने छः बार बदला और छहों बार लड़कियों ने ईमानदारी से उसकी चिट्ठियाँ पोस्ट कीं। जो एक बात उसके मन में कभी नहीं आई वह यह थी कि हार मान ले। इधर सान रोमां उसके उन्माद के प्रति पत्थरदिल बना रहा और उसे पत्र लिखना किसी निराकार को लिखने जैसा ही था।
दसवें साल, एक सुबह तेज़ हवाएँ चल रही थीं और वह इस एहसास के साथ जाग उठी कि वह उसके बिस्तर पर नंगा लेटा है। और उसी समय उसने एक सुलगता हुआ पत्र लिख मारा, बीस पन्नों वाला, जिसमें उसने बिना लाग-लपेट के अपने दिल में उसे अपशकुनी रात से सड़ रही सारी कडुवी सच्चाइयाँ बयान कीं। बड़ी बेशर्मी के साथ उसने उन अमिट निशानों के बारे में लिखा जो वह उसके शरीर पर छोड़ गया था, उसकी ज़बान के नमक के बारे में और उसके अफ्रीकन औज़ार की उत्तप्त झुर्रियों के बारे में उसने लिखा। शुक्रवार को उसने वह पत्र अपनी सहेली को दिया जो हर शुक्रवार दोपहर बाद कढ़ाई करने आती थी और वापसी में उसके पत्र पोस्ट करने के लिए ले जाया करती थी। उसे पूरा विश्वास था कि यह उसका आखिरी पत्र है जो उसकी वेदना का शमन कर देगा। मगर कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद वह पूरी तरह बेपरवाह हो गई कि वह क्या लिख रही है और किसे लिख रही है पर लिखती वह रही, सत्रह साल, अनवरत, बिना नागा।
अगस्त माह में एक दोपहर जब वह अपने सहेलियों के साथ कढ़ाई कर रही थी, उसने दरवाजे़ की तरफ किसी की आहट सुनी। वह कौन था यह जानने के लिए उसे आँखें उठाकर देखने की ज़रूरत नहीं पड़ी। ‘वह मोटा हो गया था और उसके सिर के बाल झड़ने लगे थे। आसपास की चीज़ों को देखने के लिये भी उसे चश्मे की ज़रूरत पड़ती थी,' उसने मुझे बताया। ‘लेकिन था वही, भगवान उसका सत्यानाश करे, वह आ गया था!' वह डर गई क्योंकि उसे पता था कि वह भी उसे उतना ही जर्जर देख रहा था जितना वह उसे देख रही थी और उसके भीतर उसके जैसा प्रेम नहीं था कि यह बात वह सहन कर सके। उसकी कमीज़ पसीने से तर-बतर थी, वैसी ही जैसा उसने मेले में पहली बार मिलने पर देखी थी और वह वही बेल्ट बाँधे था और वही अनसिले चाँदी की कढ़ाई वाले चमड़े के बैग लिए था। बेयार्दो सान रोमां ने दरवाजे़ के भीतर कदम रखा और वहाँ बैठी दूसरी आश्चर्यचकित औरतों को अनदेखा करते बैगों को सिलाई मशीन के ऊपर रख दिया।
‘यही सही,' उसने कहा, ‘मैं आ गया हूँ।'
एक बैग में कपड़े रखे थे जिससे वह वहाँ कुछ दिन गुज़ार सके और दूसरे में दो हज़ार पत्र थे जो एंजेला ने उसे लिखे थे। उन्हें क्रमवार तारीखों के अनुसार रखकर, रंगीन रिबन से बाँधा गया था और किसी को भी खोला नहीं गया था।
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हुआ यह कि वर्षों हमारे बीच किसी दूसरे विषय पर चर्चा ही नहीं होती थी। हमारी दिनचर्या, जो पहले सीधी लकीर पर चलती थी, अब किसी लट्टू की तरह एक सामूहिक चिंता की धुरी पर चक्कर खाने लगी। सबेरे मुर्गों की बाँग हमें उन अनपेक्षित संयोगों के उलझे धागे सुलझाते हुए पाती जिन्होंने उस बेतुकी घटना को संभव किया, हालाँकि यह बात साफ़ थी कि हम किसी रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए ऐसा नहीं करते थे बल्कि यह जाने बिना हम रह ही नहीं पा रहे थे कि एक ख़ास जगह पर नियति ने हमें कौन सा लक्ष्य हासिल करने के लिए बिठाया था।
बहुत से कभी नहीं जान पाए। क्रिस्टो बेदोया, जो बाद में मशहूर सर्जन बना, कभी अपने आप को नहीं समझा सका कि आिख़र किस सनक में वह बेकार ही दो घंटा अपने दादा-दादी के यहाँ बैठा रहा जबकि उसके घरवाले उसे आगाह करने के लिए घर पर इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन अधिकतर ऐसे लोग जो अपराध रोकने के लिए कुछ कर सकते थे पर जिन्होंने कुछ नहीं किया था, अपने आप को दिलासा देते हुए पाए गए कि इज़्ज़त के पवित्र मामलों में सिर्फ उनका ही प्रवेश हो पाता है जो खुद नाटक का हिस्सा होते हैं। ‘इज़्ज़त ही प्यार है।' मेरी माँ कहती रहीं। हार्तेसिया बाउते को, जिसका नाटक में इतना ही पार्ट था कि उसे खून में सने हुए दो चाकुओं को देखना था जो दरअसल तब तक खून में सने हुए नहीं थे, मतिभ्रम हो गया और पश्चाताप में पागल होकर एक दिन सड़क पर नंगी दौड़ने लगी। सांतियागो नासर की मंगेतर फ्लोरा मिग्यूएल विद्वेष से इतना भर गई कि बॉर्डर पेट्रोल के एक लेफ्टिनेंट के साथ भाग गई जिसने बाद में उससे विचादा के रबर कामगारों के बीच वेश्यावृत्ति कराना शुरू कर दिया। दाई ऑरा विलेरॉस ने, जिसने तीन पीढ़ियों को इस दुनिया में लाने का काम किया था, जैसे ही यह ख़बर सुनी पेट की मरोड़ से दोहरी हो उठी और मरते दम तक पेशाब करने के लिए उसे कॅथेटर का इस्तेमाल करना पड़ा। क्लातिल्दे अर्मेन्टा के शरीफ पति डॉन रोजे़लियो डि ला फ्लोर, छियासी साल की उम्र में, जिसकी तेजस्विता चमत्ड्डत करती थी, बिस्तर से आखिरी बार उठा और यह देखने गया कि सांतियागो नासर को उसी के घर के बंद दरवाजे़ पर ठेलकर किस तरह टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया है तो वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका और वहीं लुढ़क गया। प्लासिदा लिनेरो ने अंतिम क्षण में दरवाज़ा इसलिये बंद कर दिया था पर वह इस अपराध बोध से कुछ समय बाद उबर गई थी। ‘मैंने दरवाज़ा इसलिये बंद कर दिया कि दिविना फ्लोर ने मुझसे कसम खाकर कहा था कि उसने मेरे बेटे को अंदर आते अपनी आँखों से देखा है,' उन्होंने मुझे बताया, ‘और यह सच नहीं था।' दूसरी ओर उसने अपने आप को इस बात के लिए कभी माफ नहीं किया कि उसने पेड़ों की पूर्वसूचनाओं को पक्षियों की अशुभसूचनाओं के साथ गड्डमड्ड कर दिया था और उसे काली मिर्च चबाने की गंदी आदत पड़ गई।
अपराध घटित होने के बारह दिन बाद जाँचकर्ता मजिस्ट्रेट एक ऐसे कस्बे में आया था जो खुद एक खुला जख्म था। टाउन हाल के गंदगी से बजबजाते लकड़ी के आफिस में बैठकर उसने जाँच शुरू की। लपट मारती गर्मी में काफ़ी में गन्ने की शराब मिलाकर पीते हुए सबसे पहले उसे पुलिस बुलानी पड़ गई क्योंकि बिनबुलाई भीड़ बेकाबू हो रही थी और लोग गवाही देने के अलावा नाटक में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताने के लिए उतावले हो रहे थे। उसने अभी-अभी कानून की डिग्री प्राप्त की थी और इस वक्त भी लिनेन का काला सूट पहने था जिस पर डिग्री वाला बिल्ला मढ़ा था। सोने की अंगूठी पहने और चेहरे पर नए-नए अभिभावक की गरिमा लिए वह एक अध्ययनशील आदमी लगता था। लेकिन आिख़र तक मुझे उसके नाम का पता नहीं चल पाया। उसके चरित्र के बारे में हमें जो भी सूचनाएँ मिलीं उस ब्रीफ से ही मिलीं जो रायोहाचा के न्याय महल के तहख़ानों में दबी पड़ी थी और बीस साल बाद जिसकी खोजबीन में कई लोगों ने मेरी सहायता की। वहाँ फाइलों का कोई वर्गीकरण नहीं किया गया था और उस औपनिवेशिक इमारत में जो दो दिन तक सर फ्रान्सिस ड्रेक का हेडक्वार्टर रहा था, सौ साल से ज़्यादा पुरानी जर्जर फाईलों का र्फश पर अंबार लगा था। उस उजाड़ इमारत में ज्वार के समय निचला तल पानी से भर जाता था और बिना जिल्द की फाइलें तैरती नज़र आती थीं। गुमशुदा मामलों के दलदल में घुटनों तक खड़े होकर खुद मैंने कई बार खोज की और पाँच साल की मशक्कत के बाद एक दिन इत्तफ़ाकन मुझे उसके 322 पृष्ठ मिल गए जबकि ब्रीफ 500 पृष्ठों से अधिक की रही होगी।
उन पृष्ठों में न्यायाधीश के नाम का उल्लेख कहीं नहीं था पर इतना साफ़ था कि वह साहित्य के बुखार में जलता मनुष्य रहा होगा। कम से कम उसने स्पेनिश क्लासिक्स और कुछ लैटिन पुस्तकें अवश्य पढ़ी होंगी और नीत्शे से भी, जो उस ज़माने में न्यायाधीशों का प्रिय लेखक हुआ करता था, वह परिचित रहा होगा। हाशिए पर लिखी टिप्पणियाँ केवल रंग के कारण नहीं वास्तव में खून से लिखी हुई मालूम पड़ती थीं। नियति से प्राप्त इस पहेली की गूढ़ता ने उसे भीतर तक उद्वेलित कर दिया था और कई बार वह अपनी बात कविता में लिखने लगता था जो उसके कामकाज की निष्ठुरता के एकदम विपरीत था। सबसे बड़ी बात, उसने इस बात को कभी वैधानिक नहीं माना कि इतनी स्पष्टता के साथ पूर्व-घोषित मृत्यु के सम्पादन में ज़िंदगी इतने सारे गैर साहित्यिक, बल्कि साहित्य में निषिद्ध संयोगों का इस्तेमाल करे।
सर्वाधिक चिंतित वह इस बात से था कि विस्तृत जाँच के बाद भी उसे एक भी संकेत इस बात का नहीं मिला, नामुमकिन सा भी नहीं, कि दुराचार का दोषी सांतियागो नासर ही था। एंजेला विकारियो की सहेलियाँ, जिन्होंने पति को धोखे में डालने का तरीका उसे बताया था, लगातार यही कहती रहीं कि एंजेला उनसे अपनी हर बात बता देती थी और उसने कभी किसी का नाम नहीं लिया था। ब्रीफ में उन्होंने दर्ज कराया ः ‘उसने हमें चमत्कार के विषय में तो बताया था पर संत के विषय में नहीं।' जहाँ तक एंजेला विकारियो का प्रश्न था वह एक इंच भी हिलने को तैयार नहीं थी। जब मजिस्टे्रट ने उससे अपनी तिरछी भाषा में पूछा कि आिख़र मृतक सांतियागो नासर कौन था तो उसने तुरंत कहा ः ‘वह मेरा गुनहगार था।'
उसने ब्रीफ में शपथ लेकर यही कहा था लेकिन इसके आगे कैसे और क्यों का कोई जवाब उसमें नहीं मिलता। मुकदमें के दौरान, जो मात्र तीन दिन चला, जनता के प्रतिनिधि ने आरोप की इस कमज़ोरी पर सर्वाधिक बल दिया था। सांतियागो नासर के विरुद्ध वास्तविक सबूत की अनुपलब्धता से जाँचकर्ता मजिस्टे्रट हैरान-परेशान हो उठा और कई बार उसे लगता, उसकी मेहनत निराशा में तब्दील हो गई है। पृष्ठ क्रमांक 416 के हाशिए पर दवाख़ाने की लाल स्याही से उसने खुद अपने हाथ से लिखा ः मुझे एक पूर्वाग्रह दे दो और मैं संसार को हिलाकर रख दूँगा। इस निराशाजनक वक्तव्य के नीचे उसने उसी रक्ताभ स्याही से एक खुशनुमा स्केच भी बनाया जिसमें एक दिल और उसे चीरता हुआ तीर बना था। सांतियागो नासर के करीबी दोस्तों की तरह उसकी भी यही राय थी कि आखिरी घंटों में मृतक के क्रियाकलाप उसके निर्दोष होने के सबसे पक्के सबूत थे।
सांतियागो नासर यह बात भली-भाँति जानता था कि उस अपमान का, जिसका आरोप उस पर लगाया था, क्या मूल्य चुकाना पड़ सकता है। इस तथ्य के बावजूद सच बात यह थी कि अपनी मृत्यु की सुबह उसके मन में किसी प्रकार का शक नहीं था। आसपास की दुनिया के पाखंड से वह अच्छी तरह परिचित था और उसे यह भी पता होगा कि जुड़वाँ बंधुओं का सीधा सरल स्वभाव अपमान बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं रखता था। कस्बे में बेयार्दो सान रोमां को ठीक से जानने वाला कोई नहीं था पर सांतियागो नासर को अच्छी तरह पता था कि शहरी आधुनिकता के आवरण के नीचे वह भी अपने जातीय संस्कारों का गुलाम ही होगा। इस तरह उसका जानबूझकर लापरवाह बने रहना एक तरह की खुदकुशी ही कहा जाता। इसके अलावा जब आिख़र में उसे पता चला कि विकारियो बंधु उसका कत्ल करने के लिए उसका इंतज़ार कर रहे हैं तब, जैसा कि कई बार उल्लेख किया गया, उसकी प्रतिक्रिया निर्दोष होने के कारण आश्चर्य में डूब जाने की रही थी न कि आतंकित होकर भागने की।
मेरी निजी राय यह है कि अपनी मृत्यु को समझे बिना ही वह मर गया। मेरी बहन से वादा करने के बाद कि वह हमारे घर नाश्ता करेगा वह क्रिस्टो बेदोया के साथ गोदी की तरफ चल दिया और दोनों इतने नििश्ंचत लग रहे थे कि भ्रम फैल रहा था। ‘वे दोनों इतने खुश दिखाई दे रहे थे,' मेमे लोइज़ा ने मुझे बताया, ‘कि मैंने भगवान का शुक्रिया अदा किया क्योंकि मुझे लगा शायद मामला आपस में सुलटा लिया गया है।' बेशक, कई लोग थे जो सांतियागो नासर को उतना पसंद नहीं करते थे। विद्युत संयंत्र के मालिक पोलो सेरिल्लो की राय में उसके चेहरे पर दिखाई देने वाली शांत निर्मलता उसका भोलापन नहीं बल्कि एक गहरी चालबाज़ी हुआ करती थी। ‘उसने सोचा होगा पैसेवाला होने के कारण कोई उसे छू नहीं सकेगा,' उसने मुझसे कहा। फाउस्टा लोपेज़ ने जोड़ा, ‘सभी तुर्क यही समझते हैं।' इंदालेसियो पार्दो उसी बीच क्लातिल्दे अर्मेन्टा की दुकान के सामने से गुज़रा तो जुड़वाँ बंधुओं ने उससे कहा कि जैसे ही बिशप रवाना होंगे वे सांतियागो नासर का कत्ल करने चल देंगे। दूसरों की तरह उसने सोचा कि यह सुबह उठने वालों की खामखयाली है पर क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने उसे यह मानने के लिए मजबूर कर दिया कि उनका इरादा पक्का है और उससे कहा कि वह तुरंत जाकर सांतियागो नासर को आगाह कर दे।
‘बेकार परेशान हो रहे हो, पार्दो,' पेड्रो विकारियो ने उससे कहा। ‘उसको तुम मरा हुआ ही समझो, चाहे कुछ भी हो जाए।'
दरअसल यह बिल्कुल खुली धमकी थीः इंदालेसियो पार्दो और सांतियागो नासर के बीच दाँत काटी दोस्ती थी यह बात जुड़वाँ बंधु जानते थे और उन्होंने सोचा अपराध न हो पाए और उन्हें शर्मिंदगी भी न उठानी पड़े इसके लिए यह आदमी एकदम ठीक है। लेकिन इंदालेसियो पार्दो ने गोदी से लौटते समूह में सांतियागो नासर को क्रिस्टो बेदोया की बाहों में बाहें डाले आते देखा तो सावधान करने की उसकी हिम्मत ही नहीं पड़ी। ‘मैं घबरा गया था।' उसने मुझे बताया। उसने दोनों की पीठ पर एक-एक धौल जमाई और उन्हें अपने रास्ते जाने दिया था। उसकी तरफ दोनों का ध्यान ही नहीं गया क्योंकि उस वक्त भी दोनों शादी के खर्च का हिसाब करने में व्यस्त थे।
उन्हीं की तरह और लोग भी गोदी से चौराहे की तरफ लौट रहे थे। अच्छी खासी भीड़ थी लेकिन एस्कालेस्टिका सिस्नेरोस का ध्यान इस बात की तरफ गया था कि वे दोनों एक गोल घेरे के बीच बिना किसी दिक्कत के चलते चले जा रहे थे क्योंकि लोगों को पता था कि सांतियागो नासर जल्द ही मर जाने वाला है और कोई उसे छूने की हिम्मत नहीं कर रहा था। क्रिस्टो बेदोया ने भी अपने प्रति भीड़ के व्यवहार की इस विचित्रता को याद करते हुए मुझसे कहा, ‘वे हमारी तरफ इस तरह देख रहे थे जैसे हमारे चेहरों पर पेन्ट पुता हो।' सारा नोरीगा, जो उस वक्त अपनी जूतों की दुकान खोल ही रही थी, सांतियागो नासर के पीले पड़े चेहरे को देखकर डर गई थी। लेकिन उसने उसे ढाँढ़स बँधाया। ‘तुम समझ सकती हो, सारा डार्लिंग, कि रात भर की हुड़दंग के बाद...' उसने चलते-चलते उससे कहा।
सेलेस्ते दांगांद पाजामा पहने बैठा उन सभी का मजाक उड़ा रहा था जो बिशप का सम्मान करने गोदी पर गए थे। सांतियागो नासर को देखा तो उसे काफ़ी पीने के लिए बुलाया। ‘मैंने इसलिए बुलाया कि सोचने के लिए थोड़ा समय मिल जाए।' पर सांतियागो नासर ने कहा कि वह जल्दी में है क्योंकि उसे तुरंत कपड़े बदल कर मेरी बहन के साथ नाश्ता करने मेरे घर जाना था। ‘यह क्या गड़बड़झाला है, मैंने सोचा,' सेलेस्ते दांगांद ने मुझसे कहा, ‘क्योंकि जब उसे पता था कि कुछ ही देर बाद क्या होने वाला है तो मुझे लगा अब वे उसे मारने वाले नहीं होंगे।' यामिल शेयूम अकेला था जिसने वही किया जैसा करने का उसने निश्चय किया था। जैसे ही उसने अफवाह सुनी वह तुरन्त अपनी सूखे मेवों की दुकान के दरवाज़े पर खड़ा होकर सांतियागो नासर का इंतज़ार करने लगा कि जैसे ही वह सामने से गुजरे उसे सावधान कर दे। वह उन अंतिम अरबी लोगों में से था जो इब्राहीम नासर के साथ यहाँ आए थे और उसकी मृत्यु होने तक ताश के खेल में वह उसका जोड़ीदार था। अब भी उस परिवार का कबाइली सलाहकार और सांतियागो नासर से पूरे अधिकार के साथ बात करने वाला वह अकेला व्यक्ति था। बहरहाल, उसने सोचा कि यदि अफवाह बेसिर पैर की हुई तो वह बेकार परेशान होगा, इसलिए उसने क्रिस्टो बेदोया से पहले चर्चा करना ज़रूरी समझा क्योंकि हो सकता है उसे इस विषय में अधिक जानकारी हो। वे दोनों उधर से गुज़रे तो उसने बेदोया को आवाज़ देकर बुलाया जिसका जवाब इशारे में देकर बेदोया ने सांतियागो नासर की पीठ पर धौल जमाते हुए कहा ‘अच्छा, शनिवार को मिलते हैं।' और यामिल शेयूम के पास चला आया।
सांतियागो नासर चौराहा पार कर चुका था पर चलते-चलते यामिल शेयूम से अरबी में उसने कुछ कहा था जिसका अरबी में ही जवाब देते हुए यामिल शेयूम हँसते-हँसते लोट-पोट हो रहा था। ‘वह हमारी भाषा में शब्दों का एक खेल था और हम जब भी मिलते थे इस तरह मज़ाक कर लिया करते थे।' यामिल शेयूम ने मुझे बताया। सांतियागो नासर हड़बड़ी में हाथ हिलाते हुए आगे चौराहे पर मुड़ गया। यही आखिरी बार था जब उन दोनों ने उसे देखा।
क्रिस्टो बेदोया ने यामिल शेयूम की बात सुनी और भागा कि सांतियागो नासर को किसी भी कीमत पर तुरंत पकड़ ले। उसने उसे चौराहे पर मुड़ते देखा था लेकिन समूहों में तेज़ी से इधर-उधर गुज़रती भीड़ में उसे वह कहीं नहीं दिखा। जिनसे भी उसने पूछा एक ही जवाब मिलता था ः ‘अभी-अभी तुम्हारे साथ ही तो था।'
इतने कम समय में उसका घर पहुँचना असंभव था फिर भी जब सामने वाला दरवाज़ा खुला तो पता करने के लिए क्रिस्टो बेदोया भीतर चला आया। र्फश पर पड़े काग़ज़ को वह भी देख नहीं पाया। धुँधले लिविंग-रूम से दबे पाँव गुज़रते हुए वह कोशिश कर रहा था कि शोर बिलकुल न हो क्योंकि लोगों के आने-जाने का समय अभी नहीं हुआ था, इसके बावजूद कुत्तों ने सूँघ लिया और पिछवाड़े से भौंकते हुए उसके पास आ गए। उसने उन्हें चाबी हिलाकर शांत किया, जैसा कि उसने उनके मालिक से सीखा था, और कुत्तों के आगे-आगे किचन की ओर बढ़ गया। बरामदे में दिविना फ्लोर मिली जो एक मटके में पानी और पोंछे का कपड़ा लिए लिविंग रूम साफ़ करने जा रही थी। उसने उसे बताया कि सांतियागो नासर अभी घर नहीं आया है। किचन में पहुँचकर उसने देख विक्टोरिया गुज़मान खरगोश का गोश्त चूल्हे पर चढ़ा रही थी। वह तुरंत समझ गई। ‘उसका कलेजा मुँह को आ रहा था।' विक्टोरिया गुज़मान ने मुझे बताया। क्रिस्टो बेदोया ने पूछा कि क्या सांतियागो नासर घर आ चुका है और उसने अनजान बनते हुए भोलेपन से कहा कि वह अभी तक सोने नहीं आया है।
‘भयानक बात है,' क्रिस्टो बेदोया ने उसे बताया, ‘वे उसका कत्ल करने के लिए उसे ढूँढ़ रहे हैं।'
विक्टोरिया गुजमान भूल गई कि वह कुछ नहीं जानती।
‘वे बेचारे गरीब बच्चे क्या किसी का कत्ल करेंगे!' उसने कहा।
‘दोनों शनिवार से लगातार पिए जा रहे हैं,' क्रिस्टो बेदोया ने उससे कहा।
‘यही तो बात है,' उसने जवाब दिया। ‘दुनिया में ऐसा कोई शराबी नहीं है जो खुद अपनी गंदगी खाए।
क्रिस्टो बेदोया लिविंग रूम में वापस आया जहाँ दिविना फ्लोर ने अभी-अभी खिड़कियाँ खोली थीं। ‘बेशक, उस समय बरसात नहीं हो रही थी,' क्रिस्टो बेदोया ने मुझे बताया। ‘करीब सात बजने वाले थे और खिड़कियों से सूरज की सुनहरी किरणें भीतर झाँक रही थीं।' उसने एक बार फिर दिविना फ्लोर से पूछा कि क्या उसने सांतियागो नासर को लिविंग रूम के दरवाज़े से आते हुए वास्तव में नहीं देखा। इस बार वह उतना आश्वस्त नहीं थी। फिर प्लासिदा लिनेरो के बारे में पूछने पर उसने बताया कि वह अभी-अभी उनके टेबल पर काफ़ी रखकर आई है पर उन्हें जगाया नहीं है। यह हमेशा का काम था कि वे सात बजे उठकर अपनी काफ़ी पीती थीं और उसके बाद नीचे आकर बताती थीं कि खाने में क्या बनना है। क्रिस्टो बेदोया ने घड़ी की तरफ देखा ः छः छप्पन हुए थे। फिर वह दूसरी मंजिल पर गया कि कहीं सांतियागो नासर वहाँ तो नहीं है।
बेडरूम भीतर से बंद था क्योंकि सांतियागो नासर अपनी माँ के बेडरूम से होकर बाहर निकला था। अपने घर की तरह क्रिस्टो बेदोया उस घर के चप्पे-चप्पे से परिचित था, बल्कि घर के लोगों से भी पूरी तरह घुला-मिला था, इसलिए वह प्लासिदा लिनेरो के बेडरूम का दरवाज़ा ठेलकर अंदर घुसा और वहाँ से बगल वाले कमरे में आ गया। झरोखे से धूमिल प्रकाश की एक शहतीर भीतर आ रही थी और दलारे में एक सुंदर औरत करवट लिए सो रही थी। उसका सुंदर हाथ, जैसे दुल्हन का हाथ हो, उसके गाल पर रखा था और चेहरे पर अजीब सा मायावी आकर्षण था। ‘वह एक दैवी चेहरा था।' क्रिस्टो बेदोया ने मुझे बताया। वह पल भर के लिए मंत्रधुग्ध होकर उसे देखता रहा फिर बाथरूम से होते हुए दबे पाँव सांतियागो नासर के कमरे में चला आया। बिस्तर पर सलवटें नहीं थीं और कुर्सी पर अच्छी तरह से प्रेस की हुई राइडिंग डे्रस रखी हुई थी और कपड़ों के ऊपर हैट रखा था। र्फश पर जूते और उसमें लगने वाले स्पर्स रखे थे। टेबल पर रखी सांतियागो नासर की कलाई घड़ी में छः अट्ठावन हुए थे। ‘अचानक मुझे लगा वह घर आया था ताकि हथियार लेकर निकल सके,' क्रिस्टो बेदोया ने मुझे बताया। पर उसे मॅग्नम दराज़ में रखी दिखाई दे गई। ‘मैंने कभी बंदूक नहीं चलाई थी,' क्रिस्टो बेदोया ने मुझे बताया, ‘फिर भी मैंने रिवाल्वर साथ लेने का विचार किया कि सांतियागो नासर को दे दूँगा।' उसने रिवाल्वर शर्ट के नीचे बेल्ट में खोंस लिया पर अपराध हो जाने के बाद ही उसे पता चला कि रिवाल्वर खाली है। वह दराज़ बंद ही कर रहा था कि दरवाज़े पर काफ़ी का मग लिए प्लासिदा लिनेरो दिखाई दीं।
‘हे भगवान! प्लासिदा लिनेरो ने कहा, ‘तुमने तो मुझे डरा ही दिया था।'
क्रिस्टो बेदोया पूरी रोशनी में उन्हें देखकर स्तब्ध रह गया। वह डे्रसिंग गाउन पहने थीं जिस पर परिंदे कढ़े हुए थे, बाल खुले थे और चेहरा निचुड़ा हुआ लग रहा था। अकबकाते हुए उसने किसी तरह समझाया कि वह सांतियागो नासर को ढूँढ़ रहा है।
‘वह बिशप की अगवानी में गया है,' प्लासिदा लिनेरो ने कहा।
सीधे चला गया,' उसने कहा।
‘मेरे ख्याल से,' उन्होंने कहा। ‘वह दुनिया की सबसे बुरी माँ का बेटा है'
उन्होंने बात आगे नहीं बढ़ाई क्योंकि उन्हें लगा क्रिस्टो बेदोया असहज हो रहा है। ‘भगवान माफ करें,' प्लासिदा लिनेरो ने मुझे बताया, ‘लेकिन सच यही है कि वह इतना घबराया हुआ था कि पल भर के लिए मुझे लगा वह चोरी करने आया है।' उन्होंने उससे पूछा कि आिख़र मामला क्या है। क्रिस्टो बेदोया को पता था कि वह शक के घेरे में है पर सच बोलने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी। ‘कुछ ख़ास नहीं, दरअसल मैं एक मिनट नहीं सो पाया हूँ,' उसने उनसे कहा।
बिना कोई विस्तृत स्पष्टीकरण दिए वह वहाँ से खिसक लिया। ‘वैसे भी हर पल वह यही कल्पना करती रहती थीं कि उन पर डाका डाला जा रहा है,' उसने मुझसे कहा। चौराहे पर फादर अमाडोर को, जो असफल मास के बाद कपड़े लिए लौट रहे थे, उसने लगभग झँझोड़ दिया, पर उसे लगा वह सांतियागो नासर की कोई मदद नहीं कर सकते सिवा उसकी आत्मा को सुरक्षा प्रदान करने के। वह फिर भी गोदी की तरफ बढ़ ही रहा था कि क्लातिल्दे अर्मेन्टा की दुकान के सामने से किसी ने उसे पुकारा। पेड्रो विकारियो, शर्ट के सारे बटन खोले और कोहनियों तक आस्तीन मोड़े, पीला और सुस्त चेहरा लिए किसी मरियल कुत्ते की तरह दरवाजे़ पर खड़ा था और खुला चाकू हाथ में लिए लहरा रहा था। उसका आचरण इतना ज़्यादा उद्धत और फूहड़ था कि किसी नौटंकी की तरह लगता था पर वह भी कोई अकेला या सर्वाधिक प्रत्यक्ष आचरण नहीं था जिसे उसने अंतिम अस्त्र के रूप में अपनाया था कि अब कोई आकर उसे रोक ही लेगा।
‘क्रिस्टोबल,' वह चीखा, ‘उस सांतियागो नासर को बता देना कि हम उसका कत्ल करने के लिए यहाँ उसका इंतज़ार कर रहे हैं।'
क्रिस्टो बेदोया उसे रोककर उस पर एहसान ही करता। ‘यदि मुझे रिवाल्वर चलाना आता होता तो आज सांतियागो नासर जिंदा होता,' उसने मुझे बताया। आर्मर प्लेटेड बुलेट की विनाशक शक्ति के बारे में तरह-तरह की बातें सुन चुकने के कारण यह विचार उसके मन में आया ज़रूर था।
‘यह जान लो कि उसकी जेब में मॅग्नम रखी है जिसकी गोली लोहे के इंजन को आर-पार कर देती है,' उसने चिल्लाकर कहा।
पेड्रो विकारियो जानता था कि यह सच नहीं है। ‘राइडिंग सूट पहने बगैर वह कभी बंदूक साथ नहीं रखता था,' उसने मुझे बताया। बहरहाल, उसने इस संभावना पर भी विचार किया कि हो सकता है जब उसने उसकी बहन की इज़्ज़त लूटने का इरादा किया हो तब से रखने लगा हो।
‘मरे हुए लोग गोली नहीं चला सकते,' उसने चीखकर कहा।
और तभी पाब्लो विकारियो दहलीज पर नमूदार हुआ। वह भी अपने भाई की तरह पीला और मरियल दिखाई दे रहा था। वह अब भी शादी वाली जैकेट पहने था और हाथ में अख़बार में लिपटा चाकू लिए हुए था। ‘यदि वह नहीं होता तो मेरे लिए बताना मुश्किल था कि दोनों में से कौन, कौन है,' क्रिस्टो बेदोया ने मुझे बताया। उसके पीछे-पीछे क्लातिल्दे अर्मेन्टा बाहर निकली और चिल्लाकर क्रिस्टो बेदोया से कहने लगी कि जल्दी करे क्योंकि इस दब्बू कस्बे में वही है जो इस दुर्घटना को रोकने में समर्थ है।
इसके बाद जो कुछ हुआ वह लोगों की आँखों के सामने, उनकी देखरेख में हुआ। जो लोग गोदी से लौट रहे थे, चीख-पुकार सुनकर ठिठक गए और धीरे-धीरे चौराहे के आसपास भीड़ में अपनी जगह बनाने लगे क्योंकि सभी देखना चाहते थे कि अपराध किस तरह घटित होता है। क्रिस्टो बेदोया ने अपने कई परिचितों से पूछा कि क्या उन्होंने सांतियागो नासर को देखा है, पर किसी ने नहीं देखा था। सोशल क्लब के दरवाज़े पर वह कर्नल अपॉन्ते से उलझ गया और उन्हें सब कुछ बताया जो क्लातिल्दे अर्मेन्टा के यहाँ उसने देखा था।
‘ऐसा हो ही नहीं सकता,' कर्नल अपॉन्ते ने कहा, ‘मैंने तो उन्हें घर जाकर सोने के लिए कहा था।'
‘मैंने उन्हें अभी-अभी सूअर काटने वाले चाकू लहराते हुए देखा है,' क्रिस्टो बेदोया ने झल्लाते हुए कहा।
‘ऐसा कैसे हो सकता है, क्योंकि उनके चाकू तो मैंने छीन लिए थे और उनसे कहा था घर जाकर सोएँ,' मेयर ने कहा। ‘शायद तुमने उन्हें उसके पहले देखा होगा।'
‘मैंने उन्हें सिर्फ दो मिनट पहले देखा है और दोनों के पास सूअर काटने वाले चाकू थे,' क्रिस्टो बेदोया ने चिढ़कर कहा।
‘ओह्, शिट,' मेयर ने कहा। ‘तब वे दो नए चाकू लेकर वापस आ गए होंगे।'
उन्होंने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया, पर फिर वह अंदर जाकर डॉमिनो के आयोजन की कुछ तारीख़ों में उलझ गए और जब बाहर निकले तब तक अपराध हो चुका था। क्रिस्टो बेदोया ने इसके बाद एकमात्र घातक भूल कीः उसके मन में आया कि शायद आखिरी वक्त पर सांतियागो नासर अपने घर न जाकर हमारे यहाँ नाश्ता करने चला गया होगा और यह सोचकर वह उधर चल दिया। नदी किनारे तेज़ी से बढ़ते उसने रास्ते में हर एक से उसके बारे में पूछा पर किसी ने उसे नहीं देखा था। इस बात से वह अधिक चिंतित नहीं हुआ क्योंकि हमारे घर जाने के और भी रास्ते थे। पहाड़ी पर रहने वाली प्रास्पेरा अरांगो ने उसे रोककर अंतिम साँस ले रहे अपने पिता के लिए मदद माँगी जिसे बिशप के हवाई आशीर्वाद से कोई लाभ नहीं हुआ था। ‘मैंने वहाँ से गुज़रते हुए उसे देखा था,' मेरी बहन मार्गोट ने मुझे बताया, ‘और उसका चेहरा मुझे उसी समय मरा सा लग रहा था।' क्रिस्टो बेदोया ने चार मिनट में बीमार की हालत का जायज़ा लिया और प्रास्पेरा को कुछ समय बाद आकर दवा देने का आश्वासन दिया पर बीमार को बेडरूम में उठाकर ले जाने में उसके तीन मिनट और खर्च हो गए। वहाँ से निकलते ही उसे दूर कहीं चीखने-चिल्लाने का शोर सुनाई दिया और उसे लगा चौराहे की तरफ रॉकेट छोड़े जा रहे हैं। उसने उधर भागने की कोशिश की मगर कमर में अजीब ढंग से लटका रिवाल्वर आड़े आ रहा था। किसी तरह आखिरी छोर पर पहुँचते ही पीछे से उसने मेरी माँ को पहचान लिया जो बड़ी मुश्किल से मेरे भाई को घसीटती हुई चली जा रही थीं।
‘लूसिया सांतियागा,' उसने चिल्लाकर उनसे पूछा, ‘आपका धर्म-पुत्र कहाँ है?'
मेरी माँ मुड़ी तक नहीं, उसका चेहरा आँसुओं से भीगा हुआ था।
‘ओह्, मेरे बेटे,' उन्होंने जवाब दिया, ‘लोग बता रहे हैं उन्होंने उसे मार डाला।'
और इस तरह सब घटित हुआ। इधर क्रिस्टो बेदोया उसे ढूँढ़ रहा था और उधर संतियागो नासर अपनी मंगेतर, फ्लोर मिग्यूएल के यहाँ चला आया, जिसका घर उसी छोर पर था जहाँ से क्रिस्टो बेदोया ने उसे आखिरी बार देखा था। ‘यह बात मेरे ज़ेहन में आई ही नहीं कि वह वहाँ भी हो सकता है,' उसने मुझसे कहा, ‘क्योंकि वे लोग दोपहर से पहले कभी सोकर नहीं उठते।' सुना यह जाता था कि परिवार के बुज़्ाुर्ग नाहिर मिग्यूएल के आदेशानुसार उनके यहाँ सभी बारह बजे तक सोते रहते थे। ‘इसीलिए फ्लोरा मिग्यूएल जो अब बच्ची नहीं रही थी, गुलाब के फूल की तरह लगती थी,' मर्सेडीज का कहना है। सच बात यह है कि वे लोग दरवाज़ा देर तक बंद रखा करते थे, कई दूसरों की तरह, लेकिन वे सबेरे जल्दी उठने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले लोग थे। सांतियागो नासर और फ्लोरा मिग्यूएल के परिवारों ने दोनों की शादी करने का निर्णय ले लिया था। किशोरावस्था में ही सांतियागो नासर की सगाई हो चुकी थी और अब उसे जल्द ही कार्यरूप देने का समय आ चुका था क्योंकि शायद वह भी अपने पिता की तरह शादी को उसकी उपयोगिता के आधार पर तौलता था। जहाँ तक फ्लोरा मिग्यूएल का प्रश्न था वह अपने फूलकुमारी होने का मज़ा ले रही थी पर उसमें समझदारी और आत्मविश्वास का सर्वथा अभाव था और अधिकतर वह अपनी पीढ़ी की दुलहनों की सखी-सहेली ही बनी रही आई थी। इसलिए वह विवाह उसके लिए ऊपर वाले की मेहरबानी ही कहा जाएगा। उनकी सगाई बिना किसी तामझाम और पारिवारिक उत्तेजना के बेहद सीधे ढंग से संपन्न हुई थी। कई बार स्थगित होने के बाद आखिर विवाह अगले क्रिसमस पर होना तय हुआ था।
उस सोमवार फ्लोरा मिग्यूएल की नींद बिशप की बोट की पहली चिंघाड़ सुनकर खुल गई थी और कुछ समय बाद ही उसे ख़बर लग गई थी कि विकारियो बंधु सांतियागो नासर का कत्ल करने के लिए उसका इंतज़ार कर रहे हैं। उसने मेरी नन बहन से, दुर्घटना के बाद सिर्फ उसी ने उससे बात की थी, कहा कि उसे यह तक याद नहीं है कि किसने उसे यह ख़बर दी। ‘मैं सिर्फ इतना जानती हूँ कि सुबह छः बजे तक सभी को इस बात का पता चल चुका था,' उसने उसे बताया। फिर भी उसे भरोसा नहीं था कि वे सांतियागो नासर का कत्ल कर सकते हैं, पर उसके दिमाग में यह बात ज़रूर आई कि वे लोग एंजेला विकारियो से शादी करने के लिए उसे मजबूर ज़रूर कर सकते हैं। जिससे उसकी इज़्ज़त बरकरार रहे। सोच-सोचकर वह अपमान के भँवर में डूबती उतराती रही। जब आधा कस्बा बिशप की प्रतीक्षा कर रहा था तब वह अपने बेडरूम में रोती बिलखती उन पेटी भर चिट्ठियों को क्रम से जमाती रही जिन्हें स्कूल के दिनों से सांतियागो नासर उसे लिखता रहा था।
जब भी वह फ्लोरा मिग्यूएल के घर की तरफ से गुज़रता, चाहे घर पर कोई हो, न हो, सांतियागो नासर खिड़की के काँच पर अपनी चाबी से खरौंचकर किरकिराहट की आवाज़ निकाला करता था। उस सोमवार वह अपनी गोद में चिट्ठियों का बक्सा लिए उसका इंतज़ार कर रही थी। सांतियागों नासर उसे सड़क से नहीं देख सकता था पर उसने उसे आते हुए पहले ही देख लिया था।
‘आ जाओ,' उसने नासर से कहा।
कोई भी, यहाँ तक कि डॉक्टर भी सुबह छः पैंतालीस पर उस घर में कभी नहीं आया था। सांतियागो नासर ने अभी-अभी क्रिस्टो बेदोया को यामिल शेयूम की दुकान पर छोड़ा था और चौराहे पर इतने सारे लोग उसकी तरफ़ ताक रहे थे कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि किसी ने भी उसे अपनी मंगेतर के यहाँ जाते हुए नहीं देखा होगा। जाँचकर्ता मजिस्टे्रट ने बहुत कोशिश की कि कम से कम एक आदमी ऐसा मिल जाए जिसने उसे वहाँ जाते देखा हो, मेरी तरह वह भी लगातार बारीकी से तलाश करता रहा, पर वह आदमी मिलना असंभव हो गया। अपनी ब्रीफ के पृष्ठ 382 पर हाशिए में लाल स्याही से उसने एक और उद्धरण लिखाः नियति हमें अदृश्य बना देती है। सच यही है कि सांतियागो नासर मुख्यद्वार से, सबकी आँखों के सामने वहाँ गया और उसने ऐसा भी कुछ नहीं किया था कि कोई देख न पाए। फ्लोरा मिग्यूएल गुस्से में हरी-पीली होती बैठक में उसका इंतज़ार कर रही थी। उसके वस्त्रों पर खराब शगुन वाली झालर लगी थी, जिन्हें वह विशेष उत्सवों पर ही पहना करती थी और नासर के भीतर आते ही उसने बक्से को उसके हाथों में धर दिया।
‘तो तुम आ गए,' उसने कहा। ‘और मैं समझ रही थी वे तुम्हें मार डालेंगे!'
सांतियागो नासर इतना हैरान-परेशान हो गया कि उसके हाथ से बक्सा टपककर नीचे गिर गया और वे प्रेमविहीन पत्र र्फश पर बिखर गए। उसने फ्लोरा मिग्यूएल को रोकना चाहा लेकिन वह दौड़कर बेडरूम में चली गई और अंदर से चटखनी लगा दी। कई बार उसने दरवाज़ा खटखटाया और इतनी जोर से आवाजे़ें दीं कि पल भर में सारा परिवार घबरा कर वहाँ इकट्ठा हो गया। रक्त संबंधी और शादियों के नाते जुड़े छोटे-बड़े कुल मिलाकर वे चौदह लोग थे। सबसे आिख़र में आने वाले पिता जी, नाहिर मिग्यूएल थे, जो अपनी लाल दाढ़ी और बद्दू खफ्तान में आए थे, जिसे वह अपने जन्मस्थान से लाए थे और घर में हमेशा पहना करते थे। मैंने उन्हें कई बार देखा था। वह लंबे-चौड़े तंदरुस्त व्यक्ति थे लेकिन उनकी जिस बात से मैं सर्वाधिक प्रभावित था वह थी उनके चेहरे पर छाई अधिकार की चमक।
‘फ्लोरा, दरवाज़ा खोलो,' उन्होंने अपनी भाषा में पुकारा।
वह अपनी बेटी के बेडरूम में चले गए और इस बीच पूरा परिवार सांतियागो नासर को घूरता खड़ा रहा। वह झुककर र्फश पर बिखरी चिट्ठियों को उठाकर बक्से में रख रहा था। ‘ऐसा लगता था वह एक प्रकार का प्रायश्चित कर रहा है,' उन सबने मुझसे कहा। कुछ मिनटों बाद नाहिर मिग्यूएल बेडरूम से बाहर आए, हाथ से कुछ इशारा किया और पूरा परिवार तुरंत वहाँ से ग़ायब हो गया।
वह सांतियागो नासर से लगातार अरबी में बात करते रहे। ‘शुरू में ही मैं समझ गया कि मेरी बात उसके पल्ले नहीं पड़ रही है,' उन्होंने मुझे बताया। फिर उन्होंने नासर से साफ़ शब्दों में पूछा कि क्या उसे पता है विकारियो बंधु उसका कत्ल करने के लिए उसका इंतज़ार कर रहे हैं। ‘सुनते ही वह पीला पड़ गया और इस तरह भौंचक रह गया कि यह सोचना ग़लत होगा कि वह ढोंग कर रहा था,' उन्होंने मुझसे कहा। उन्होंने यह भी माना कि उसके व्यवहार में आतंक की जगह भ्रम अधिक प्रकट हो रहा था।
‘सिर्फ तुम जानते हो कि वे सही हैं या ग़लत,' उसने नासर से कहा। ‘पर जो भी हो, तुम्हारे पास दो ही रास्ते हैंः या तो तुम यहीं छिपे रहो, इसी घर में जो तुम्हारा ही घर है या फिर मेरी राइफल लेकर बाहर जाओ।'
‘मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि यह क्या बकवास है,' सांतियागो नासर ने कहा।
वह बड़ी मुश्किल से इतना ही कह पाया और यह उसने स्पैनिश में कहा था। ‘वह एक पानी में भीगी नन्ही चिड़िया जैसा लग रहा था,' नाहर मिग्यूएल ने मुझे बताया। उन्हें उसके हाथ में रखे बक्से को थामना पड़ा क्योंकि उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि उसे कहाँ रखे और दरवाज़ा खोल सके।
‘दो के सामने तुम अकेले होगे,' उन्होंने उससे कहा।
सांतियागो नासर वहाँ से चल दिया। चौराहे पर लोग अपनी-अपनी जगह पर जमे हुए थे जैसा परेड वाले दिनों में होता है। उन सभी ने उसे बाहर निकलते देखा और समझ गए कि अब तो उसे पता चल ही गया होगा कि वे उसका कत्ल करने वाले हैं और वह इतना अकबकाया हुआ था कि अपने घर का रास्ता भूल रहा था। लोगों ने बताया कि किसी ने अपनी बालकनी से चिल्लाकर कहाः ‘उधर से नहीं, तुरुक, इधर से, गोदी वाले रास्ते से जाओ।' सांतियागो नासर ने उस आवाज़ की तरफ देखने की कोशिश की पर तभी यामिल शेयूम ने चिल्लाकर उससे अपनी दुकान में आने के लिए कहा और अपनी गन लाने भीतर चला गया। लेकिन यामिल शेयूम को याद नहीं था कि गोलियाँ कहाँ रखी हैं और इस बीच हर तरफ़ से चीख-पुकार मचने लगी और सांतियागो नासर कभी आगे जाता कभी पीछे। इतनी सारी आवाज़ों के बीच काफ़ी देर वह पागलों की तरह इधर-उधर डोलता रहा। यह तो साफ़ था कि वह किचन के रास्ते घर जाना चाहता है पर अचानक वह मुड़ा, ज़रूर उसे याद आ गया होगा कि सामने वाला दरवाज़ा खुला है।
‘देखो, वह आ रहा है,' पेड्रो विकारियो ने कहा।
दोनों ने उसे एक साथ देखा। पाब्लो विकारियो ने अपना जैकेट उतारकर बेंच पर रखा और अख़बार में लिपटे चाकू को बाहर निकालकर शमशीर की तरह हाथ में ले लिया। दुकान छोड़ने से पहले बिना किसी पूर्व योजना के दोनों ने अपने-अपने ऊपर हवा में क्रॉस का निशान बनाया। तभी क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने पेड्रो विकारियो को शर्ट पकड़कर धर दबोचा और चिल्लाकर सांतियागो नासर से भागने के लिए कहा कि वे उसे मारने के लिए आ रहे हैं। वह इतनी तेज़ चीख थी कि दूसरी सभी आवाज़ें उसमें डूब गईं। ‘पहले वह चौंक उठा,' क्लातिल्दे अर्मेन्टा ने मुझे बताया, ‘क्योंकि उसे समझ में नहीं आया कि कौन, कहाँ से चिल्ला रहा है।' लेकिन जब उसने क्लातिल्दे अर्मेन्टा को देखा तो साथ ही पेड्रो विकारियो को भी देख लिया जिसने अर्मेन्टा को धक्का देकर ज़मीन पर गिराया और दौड़कर अपने भाई के पास पहुँच गया। अपने घर से सांतियागो नासर मुश्किल से पचास गज़ दूर था। उसने मुख्य दरवाजे़ की तरफ़ दौड़ लगा दी।
पाँच मिनट पहले ही किचन में विक्टोरिया गुजमान ने प्लासिदा लिनेरो को वह सब बताया था जिसे सभी पहले से जानते थे। प्लासिदा लिनेरो मज़बूत हृदय वाली औरत थीं इसलिए बात सुनकर भी उनके चेहरे पर घबराहट का कोई निशान नहीं था। उन्होंने विक्टोरिया गुजमान से पूछा कि क्या उसने उनके बेटे को कुछ बताया है। इस पर उसने ईमानदारी से झूठ बोल दिया कि जब वह काफ़ी पीने नीचे आया तब उसे कुछ भी पता नहीं था। लिविंग रूम में उस समय दिविना फ्लोर पोंछा लगा रही थी और उसने सांतियागो नासर को चौराहे वाले दरवाज़े से भीतर आते और खुली सीढ़ियों से ऊपर बेडरूम की ओर जाते देखा था। ‘मुझे साफ़ दिखाई दिया था,' दिविना फ्लोर ने मुझे बताया। ‘वह अपना सफ़ेद सूट पहने हुए था और उसके हाथ में कुछ था, शायद गुलाब के फूलों की बुके, हालाँकि मैं भरोसे के साथ नहीं कह सकती कि क्या था।' प्लासिदा लिनेरो ने जब सांतियागो नासर के बारे में उससे पूछा तो दिविना फ्लोर ने उन्हें भरोसा देकर शांत कर दिया।
‘वह अभी एक मिनट पहले ही अपने कमरे में गए है,' उसने उनसे कहा।
तभी प्लासिदा लिनेरो ने र्फश पर पड़े काग़ज़ को देखा लेकिन उसे उठाने का विचार उनके मन में नही आया और उसमें क्या लिखा है उन्हें तभी पता चला जब दुर्घटना के बाद की बौखलाहट के बीच किसी ने वह काग़ज़ उन्हें दिखाया था। उन्होंने दरवाज़े से विकारियो बंधुओं को हाथों में खुले चाकू लिए भागते हुए घर की ओर आते देखा। वह उस समय जहाँ थीं वहाँ से वह उन्हें तो देख सकती थीं लेकिन अपने बेटे को नहीं जो दूसरे छोर से दरवाज़े की ओर दौड़ता आ रहा था।' मुझे लगा वे लोग घर के भीतर आकर उसे मारना चाहते हैं।' उन्होंने मुझे बताया। वह भागती हुई दरवाज़े तक आईं और उसे बंद कर दिया। जब वे लोहे का अड़ंगा लगा रही थीं तभी उन्होंने सांतियागो नासर की आतंकित चीखें और दरवाजे़ की तेज़ भड़भड़ाहट सुनीं लेकिन उन्होंने सोचा वह ऊपर है और बालकनी से विकारियो बंधुओं को चिढ़ा रहा है। उसकी सहायता के लिए वे ऊपर चली गईं।
अंदर आने में सांतियागो नासर सिर्फ कुछ सेकण्डों से चूका और दरवाज़ा बंद हो गया। उसने दरवाजे़ पर कई मुक्के मारे और फिर फुर्ती के साथ खाली हाथ ही अपने शत्रुओं का सामना करने के लिये पीछे मुड़ गया। ‘मैं तो घबरा गया क्योंकि वह अपने वास्तविक आकार से दुगना बड़ा दिख रहा था,' पाब्लो विकारियो ने मुझे बताया। सांतियागो नासर ने हाथ उठाकर पेड्रो विकारियो के पहले वार को, जो सीधा चाकू ताने दाहिनी तरफ़ से आ रहा था, रोकने की कोशिश की।
‘कुत्ते की औलाद!' वह चिल्लाया।
चाकू उसके दाहिने हाथ की हथेली को चीरता हुआ उसके बाईं तरफ पूरा धँस गया। उसकी दर्द भरी चीख सबने सुनी।
‘ओह् माँ...!'
पेड्रो विकारियो ने अपनी कसाई भुजाओं से खींचकर चाकू बाहर निकाला और उसी जगह दोबारा घोंप दिया। ‘आश्चर्य की बात यह थी कि चाकू बिल्कुल साफ़ बाहर निकल आता था,' पेड्रो विकारियो ने जाँचकर्ता अधिकारी से कहा। ‘मैंने उसी जगह कम से कम तीन बार घोंपा पर एक बूँद खून बाहर नहीं आया।' सांतियागो नासर तीसरे वार के बाद दोहरा हो गया और उसके हाथ मुड़कर पेट पर बँध गए। उसने मुँह से बछड़े की तरह डकारने की आवाज़ निकाली और पलटने की कोशिश की। तभी पाब्लो विकारियो ने, जो उसकी बाईं तरफ़ था, उसकी पीठ पर एक भरपूर वार किया और खून का तेज़ फव्वारा ऊपर उठा और पाब्लो की शर्ट भीग गई। ‘खून से उसकी बू आ रही थी,' उसने मुझसे कहा। तीन घातक प्रहारों के बाद सांतियागो नासर फिर उनकी ओर घूमा और अपनी माँ के दरवाज़े से पीठ टिकाकर, असहाय सा खड़ा रह गया जैसे उनकी मदद करना चाहता हो कि दोनों बराबरी से अपने-अपने हिस्से की हत्या कर सकें। ‘उसके बाद उसकी चीखें बंद हो गईं,' पेड्रो विकारियो ने जाँचकर्ता अधिकारी को बताया। ‘बल्कि इसके विपरीत मुझे ऐसा लगा जैसे वह हँस रहा है।' फिर दोनों बड़े आराम के साथ बारी-बारी से दरवाज़े के सहारे खड़े सांतियागो नासर पर वार पर वार करते रहे क्योंकि तब तक वे डर के उस पार चमचमाती झील में तिरने लगे थे। कस्बा खुद अपने अपराध से आतंकित चीख रहा था पर दोनों उन आवाज़ों को नहीं सुन सके। ‘मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सरपट भागते घोड़े पर बैठा घुड़सवार हूँ।' पाब्लो विकारियो ने घोषणा की। अचानक उन्हें होश आ गया क्योंकि वे थक गए थे, उन्हें लग रहा था कि सांतियागो नासर कभी गिरेगा ही नहीं। ‘ऑक थू।' पाब्लो विकारियो ने मुझसे कहा, ‘तुम कल्पना नहीं कर सकते, मेरे भाई, कि आदमी को मारना कितना कठिन काम है।' थक-हार कर पेड्रो विकारियो ने उसके दिल में चाकू घोंपने का निश्चय किया पर उसने उसकी काँख पर वार किया जहाँ सूअर का दिल होता है। दरअसल दरवाज़े से टिका सांतियागो नासर इसलिए नहीं गिर रहा था कि वे खुद उसे थामे हुए वार पर वार किए जा रहे थे। निराश होकर पाब्लो विकारियो ने उसके पेट पर तिरछा वार किया जिससे उसकी अंतड़ियाँ बाहर निकल आईं। पेड्रो विकारियो ने भी यही करना चाहा पर वह उस वीभत्स दृश्य से भयभीत हो उठा और उसकी कलाई मुड़ गई और एक लंबा गहरा वार जाँघ पर पड़ा। सांतियागो नासर पल भर दरवाज़े से टिका स्थिर खड़ा रहा फिर उसने सूरज की रोशनी में चमकती नीली अंतड़ियों को देखा और घुटनों के बल लुढ़क गया।
बेडरूम में उसे ढूँढ़ते और चीखते पुकारते हुए प्लासिदा लिनेरो को कुछ और आवाज़ें भी सुनाई दीं जो उनकी नहीं थीं और न जाने कहाँ से आ रही थीं। वे देखने के लिए चौराहे की तरफ खुलने वाली खिड़की की तरफ चली गईं और उन्होंने विकारियो बंधुओं को चर्च की ओर भागते देखा। पीछे-पीछे अपनी जगुआर गन लिए यामिल शेयूम उनके पीछे दौड़ रहा था और साथ में कुछ निहत्थे अरब भी थे। तब प्लासिदा लिनेरो ने सोचा कि अवश्य ही ख़तरा टल गया है। वहाँ से वे बेडरूम की बालकनी में निकल आईं और तब उन्होंने सांतियागो नासर को दरवाज़े के सामने मुँह के बल धूल में पड़ा देखा। वह आहिस्ता-आहिस्ता अपने ही खून के दलदल से ऊपर उठने की कोशिश कर रहा था। किसी तरह वह खड़ा हुआ और एक तरफ़ झुका अपनी लटकती अँतड़ियों को दोनों हाथों में थामे किसी नशेबाज़ के टेढ़े-मेढ़े कदमों से धीरे-धीरे चलने लगा।
अपने घर का करीब सौ गज़ चक्कर लगाकर वह किचन के रास्ते भीतर दाखिल हुआ। उसे अब भी इतना बोध था कि वह सड़क से नहीं गया क्योंकि वह रास्ता लम्बा था बल्कि बगल वाले घर से होता हुआ गया। पौंचो लेनाओ, उसकी पत्नी और उनके पाँच बच्चों को उनके दरवाजे़ से महज़ बीस गज़ दूर क्या हुआ है कोई ख़बर नहीं थी। ‘हमने चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें ज़रूर सुनी थीं,' पत्नी ने मुझे बताया, ‘लेकिन हम समझे वह बिशप के उत्सव का होहल्ला है।' वे लोग नाश्ता करने बैठे थे कि उन्होंने खून में लथपथ सांतियागो नासर को हाथों में अंतड़ियाँ संभाले अंदर आते देखा। पौंचो लेनाओ ने मुझे बताया, ‘जो चीज़ मैं जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँगा वह थी मल की भीषण बदबू।' लेकिन सबसे बड़ी बेटी, अर्जेनिडा लेनाओ के अनुसार सांतियागो नासर अपनी पुरानी शानदार चाल में, कदमों का पूरा ध्यान रखते हुए चल रहा था, और घुँघराले घने बालों में उसका अरबी चेहरा पहले से ज़्यादा खूबसूरत लग रहा था। जब वह उनके नज़दीक से गुज़रा तो उन्हें देखकर हल्के से मुस्कराया और बेडरूम से होता हुआ पिछवाड़े की तरफ चल दिया। ‘हमें डर के मारे साँप सूंघ गया था,' अर्जेनिडा लेनाओं ने मुझे बताया। नदी के उस पार अपने बाड़े में मेरी मौसी वेनीफ्रीडा मारक्वेज़ मछली छील रही थीं। उन्होंने उसे अपने घर का रास्ता ढूँढ़ते और सधे कदमों से पुरानी गोदी की सीढ़ियाँ उतरते हुए देखा। ‘सांतियागो, मेरे बच्चे,' वह चिल्लाकर बोली, ‘तुम्हे क्या हो गया है?'
‘उन्होंने मेरा कत्ल कर दिया है, विनी मौसी,' उसने कहा।
आखिरी सीढ़ी पर वह लड़खड़ाया पर तुरंत संभलकर खड़ा हो गया। ‘उसने उस धूल को भी साफ़ किया जो उसकी अँतड़ियों पर चिपक गई थी,' मेरी मौसी ने मुझे बताया। फिर वह पीछे के दरवाज़े से, जो छः बजे से खुला हुआ था, अपने घर गया और किचन में औंधे मुँह गिर गया।
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रचना समय
गैब्रियल गर्सिया मार्केस
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संपादक
बृजनारायण शर्मा
अनिल जनविजय
विजय वाते
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अतिथि सम्पादक
हरि भटनागर
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आवरण ः
प्रस्तुति ः प्रीति भटनागर
एशियन कम्युनिटी आट्र्स एवं कथा
यू.के., लंदन के सहयोग से प्रकाशित
प्रकाशक ः
रचना समय
197ए सेक्टर-बी, सर्वधर्म कॉलोनी,
कोलार रोड, भोपाल-42
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(मूलतः रचना समय में प्रकाशित, अनुमति से पुनर्प्रकाशित)
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