मुरादाबाद - साहित्यिक संस्था ‘अक्षरा' के तत्वावधान में नवीन नगर, काँठ रोड, मुरादाबाद स्थित मानसरोवर कन्या इंटर कॉलेज के सभागार में...
मुरादाबाद - साहित्यिक संस्था ‘अक्षरा' के तत्वावधान में नवीन नगर, काँठ रोड, मुरादाबाद स्थित मानसरोवर कन्या इंटर कॉलेज के सभागार में दिनांक 17 अक्तूवर, 2011 को सम्मान समारोह एवं प्रसिद्ध गीतकार श्री गोपालसिंह नेपाली एवं जनकवि बाबा नागार्जुन के जन्म शताब्दी वर्ष पर उनकी पावन स्मृति में विमर्श संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विख्यात गीतकार श्री गोपालसिंह नेपाली एवं जनकवि बाबा नागार्जुन के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर चर्चा के साथ-साथ रायबरेली से पधारे वरिष्ठ नवगीतकवि डॉ. ओमप्रकाश सिंह को उनकी उल्लेखनीय साहित्य साधना एवं नवगीत के प्रति समर्पण के लिए अंगवस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिन्ह, श्रीफल भेंटकर ‘अक्षरा श्रेष्ठ काव्य सृजन सम्मान-2011' से सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ शारदा के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन से हुआ । तत्पश्चात श्री कृष्ण कुमार ‘नाज़' द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । इसके बाद संस्था के संयोजक योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम' ने सम्मानित व्यक्तित्व डॉ. ओमप्रकाश सिंह के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘गीत-नवगीत को समर्पित डॉ. ओमप्रकाश सिंह जिनके नौ नवगीत संग्रह, एक दोहा संग्रह, एक ग़ज़ल संग्रह व एक नाटक संग्रह प्रकाशित है तथा तीन नवगीत संग्रह, एक मुक्तक संग्रह, तीन उपन्यास, एक हाइकू संग्रह व एक कहानी संग्रह प्रकाशन की प्रतीक्षा में हैं, एक बहुआयामी साहित्यकार हैं । डॉ. सिंह को सम्मानित कर संस्था स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रही है ।'
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विख्यात नवगीतकार श्री माहेश्वर तिवारी ने कहा कि ‘हिंदी भाषा और साहित्य की जिस मशाल को डॉ. ओमप्रकाश सिंह अपनी सृजनात्मकता से जलाए हुए हैं वह उनकी अनवरत गीत-नवगीत साधना का ही पर्याय है ।' मुख्य अतिथि प्रसिद्ध गीतकार श्री ब्रजभूषण सिंह गौतम ‘अनुराग' ने कहा कि ‘डॉ. ओमप्रकाश सिंह के गीत कथ्य और शिल्प की नई परिभाषा गढते हैं।' अन्य वक्ताओं में प्रमुखरूप से श्री अवनीश सिंह चौहान, डा. महेश दिवाकर, श्री अशोक विश्नोई आदि ने सम्मानित व्यक्तित्व डॉ. ओमप्रकाश सिंह के रचनाकर्म के संदर्भ में अपने-अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम में सम्मान के पश्चात हुए एकल काव्य-पाठ डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने अपना गीत प्रस्तुत करते हुए कहा-
‘आँगन में
अब नहीं अंकुरित
रिश्तों के पौधे
चुभते रहे
मौन काँटे भी
नई सदी रूँधे
प्यासी आँखें
पूछ रही हैं
कब होगा मंगल'
इसके पश्चात जनकवि बाबा नागार्जुन एवं प्रसिद्ध गीतकवि गोपाल सिंह नेपाली के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित विमर्श संगोष्ठी में उपस्थित साहित्यकारों ने जहाँ एक ओर बाबा नागार्जुन के समग्र साहित्य को विशाल कैनवास वाले वैविध्यपूर्ण कथ्य, शिल्प और भाषा का साहित्य बताया वहीं नेपालीजी को वासंती मादकता और राष्ट्रीय चेतना का प्रमुख गीतकार बताया ।वरिष्ठ कवि श्री कृष्ण कुमार ‘नाज़' ने इस अवसर पर बाबा नागार्जुन के व्यक्तित्व और कृतित्व के संदर्भ में कहा कि ‘बाबा नागार्जुन हिंदी, मैथिली और संस्कृत के उदभट विद्वान तो थे ही साथ ही पाली और अंग्रेज़ी भाषा में भी उन्हें पांडित्य प्राप्त था । प्रगतिवादी कविता के महत्वपूर्ण कवियों में प्रमुख बाबा नागार्जुन ने अपने काव्य की अंतर्वस्तु में जीवन की विसंगतियों के साथ-साथ अंतर्विरोधों को भी अपनी अभिव्यक्ति दी है।' मुख्यअतिथि वरिष्ठ गीतकार श्री ब्रजभूषण सिंह गौतम ‘अनुराग' ने राष्ट्रीय गीतकवि नेपाली जी की सृजनात्मकता के संदर्भ में कहा कि ‘पंत जी के बाद प्रकृति चित्रण के प्रति उत्कट ललक नेपाली जी के व्यक्तित्व का अंग बन गई थी। नेपाली जी के गीत जनमानस की भावनात्मक ऊर्जा को गति प्रदान करते हैं और उनके राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत गीत राष्ट्रभक्ति की नई परिभाषा गढ़ते हैं।' कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विख्यात नवगीतकार श्री माहेश्वर तिवारी ने कहा कि ‘चाहे जनकवि के रूप में विख्यात बाबा नागार्जुन हों या रेशमी गीतों के चितेरे नेपाली जी, दोनों ने ही जीवन के खुरदुरे यथार्थ की अनगिनत यंत्रणाओं को झेला और अपने सशक्त रचनाकर्म के माध्यम से विद्रूपताओं और विसंगतियों पर करारी चोट करते हुए जनमानस में चेतना जगाने का महत्वपूर्ण काम किया ।बाबा और नेपाली जी दोनों ने ही चमक-धमक से दूर रहकर सादा-फक्कड़ जीवन जीते हुए अपनी कविताओं से समाज को नई दिशा दी।' अन्य वक्ताओं में प्रमुखरूप से श्री योगेन्द्र कुमार, डा. महेश दिवाकर, श्री रामलाल अंजाना आदि ने नेपालीजी एवं नागार्जुन जी के रचनाकर्म के संदर्भ में अपने-अपने विचार व्यक्त किए ।
इसके साथ-साथ स्थानीय कवियों सर्वश्री डॉ. अजय ‘अनुपम', शिव अवतार ‘सरस', श्रेष्ठ वर्मा, रामलाल ‘अंजाना', विकास मुरादाबादी, मनोज वर्मा ‘मनु', योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई, विवेक कुमार ‘निर्मल', कृष्ण कुमार ‘नाज़', अतुल जौहरी, यू.पी.सक्सेना ‘अस्त', रामदत्त द्विवेदी, ब्रजभूषण सिंह गौतम ‘अनुराग', अशोक विश्नोई, जिया जमीर, रामदत्त द्विवेदी, डा. महेश दिवाकर, अनुज शर्मा, ओ.पी.सिंह, सुरेन्द्रप्रकाश गुप्ता उर्फ़ जुगनू जादूगर, रविशंकर तिवारी आदि ने भी चर्चा में भाग लिया । कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के संयोजक योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम' ने किया तथा आभार अभिव्यक्ति श्री मनोज वर्मा ‘मनु' ने प्रस्तुत की।
संयोजकः योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम'
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- योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम'
AL-49, सचिन स्वीट्स के पीछे,
दीनदयाल नगर फेज़-प्रथम्,
काँठ रोड, मुरादाबाद (उ0प्र0)
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