शुभ दीवाली धन , वैभव , सम्मान मिले , भण्डार रहे ना खाली । सद्भाव , प्रेम , आनंद बढ़े , सौ बरस रहे खुशहाली ॥ स्वस्थ रहें , दीर्घा...
शुभ दीवाली
धन , वैभव , सम्मान मिले , भण्डार रहे ना खाली ।
सद्भाव , प्रेम , आनंद बढ़े , सौ बरस रहे खुशहाली ॥
स्वस्थ रहें , दीर्घायु बनें , परिवार सुखी ,सम्पन्न रहे ।
सुन्दर सब के विचार बनें , ऐसी हो शुभ दीवाली ॥
देश प्रेम का अलख जगायें , स्वाभिमान भारत का जगे ।
तन-मन के सब रोग मिटे , जब योग करें रखवाली ॥
घर-घर योग की ज्योति जले , हर घर को मेरी बधाई ।
हर दिन होली की खुशियाँ , हर रात लगे दीवाली ॥
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हे कृष्ण
जब महाभारत युद्ध हुआ था, धर्म का तुमने साथ दिया।
अब भारतमाता रोती है, टुकड़ों में हमने बांट दिया॥
गीता के श्लोक तुम्हारे, बार-बार हम दुहराते हैं।
पर अपने मतलब के खातिर, हम अनर्थ कर जाते हैं॥
माता पिता दोनों कातिल हैं, गर्भ में कन्या मारी जाती।
घर की वधू जल जाती हैं, और गौमाता काटी जाती॥
अत्याचार ऊँचाई पर है, धर्म रो रहा धरती पर।
भ्रष्टाचार सिंहासन पर है, सदाचार हुआ देश बदर॥
गंगा यमुना हर नदियाँ, हर साँस हमारी दूषित है।
अर्द्ध नग्न रहती हैं नारियां, वातावरण प्रदूषित है॥
पहले ही अंधेर कर दिए, बोलो क्या मजबूरी है।
अब न लगाओ देर कन्हाई, आना बहुत जरूरी है॥
त्रेता में भक्तों को तारे, और द्वापर में अधर्मी मारे।
जितने भ्रष्ट दिखें कलियुग में, मार देना सारे के सारे॥
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चवन्नी बदनाम हुई - महंगाई तेरे कारण
सिक्के में सरकार का ठेंगा , देख लो एक रुपैया में ।
ठेंगा माने कुछ न मिले , महंगाई में एक रुपैया में॥
एक रुपये की इतनी गिरावट, कद्र कोई अब करता नहीं ।
एक किलो घी मिलता था, अब एक प्याज भी मिलता नहीं॥
महंगाई कम करती नहीं , सरकार हमारी रुलाती है ।
उस पर ठेंगा दिखलाती , जीवन को मज़ाक ब़़नाती है॥
चवन्नी अठन्नी कौड़ी हुईं , बाज़ार में कोई चलाता नहीं ।
रस्ते में कहीं दिख जाये , मुंह फेर ले कोई उठाता नहीं॥
एक अठन्नी भीख में दी तो, दूर ही रहना भिखारी से ।
तुम पर ही कहीं फेंक न दे, और स्वागत कर दे गाली से॥
अगर चवन्नी भीख में दे दी, बच के रहना भिखारी से।
मार - मार अधमरा न कर दे , घूंसा , लात , बैसाखी से॥
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निंदा, घोर निंदा और घनघोर निंदा
आतंकवादी घटनाएं भारत में होती रहती हैं।
छोटे मंत्री, बड़े मंत्री, और महामंत्री के उद्गार कुछ इस प्रकार होते हैं :-
आतंकवादियों की कायराना हरकतें बर्दाश्त नहीं करेंगे, हम इसकी निंदा करते हैं,
दूसरा :- हम तीव्र निंदा करते हैं,
तीसरा :- हम घोर निंदा करते हैं,
चौथा :- हम दिल से निंदा करते हैं।
अंत में महामंत्री :- पक्ष विपक्ष और जनता को एकजुट होकर मुकाबला करना चाहिए।
किसी ने पूछा एकजुट होकर कब और कहाँ जायें, किससे मुकाबला करें ? और कहीं वहीं पर धमाका हो गया तो ?
बड़े मंत्री :- आतंकी बख्श्ो नहीं जायेंगे, (भैया पहले पकड़ो तो)। और जिसे पकड़े हैं उसे रोज बिरियानी खिलाते हैं, उसकी सुरक्षा में करोड़ों खर्च होता है।
कभी मंत्रीगण एक स्वर में बोलते हैं :- इस घटना पर जब सामूहिक बैठक होगी तो आतंकवादियों की इतनी घनघोर निंदा करेंगे की उनकी रूह कांप जाएगी।''
यही सब सुनते जनता के कान पक गए, मोबाइल से ज़्यादा खतरनाक रेडिएशन देश के कर्णधारों की बातों में होता है।
कुछ महीनों बाद फिर एक धमाका और फिर वही बातें।
अंत में स्कैच बनाने वाले को धन्यवाद, बेचारा कुछ घंटों के प्रयास में दो-चार दाढ़ी और बगैर दाढ़ी वाले स्कैच तो बना ही देता है।
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भारत में आर्ट ऑफ लिविंग
कुत्ते तुम दर-दर जाते हो।
तब जाकर रोटी पाते हो।
हाय तुम्हारा क्या जीवन।
जीवन भर पूंछ हिलाते हो।
हे मानव हम पर हँसते हो।
पर कला हमारी सीखते हो।
मन ही मन पूंछ हिलाते हो।
और चापलूसी जब करते हो।
तब ऊँची कुर्सी पाते हो।
दौलत वाले बन जाते हो।
ये कुत्तागिरी क्यों करते हो।
क्यों हमें ही कुत्ता कहते हो ?
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अब काले धन की बारी है
जनलोकपाल बिल आएगा, अब काले धन की बारी है।
सरकार कदम क्यों उठाती नहीं, जाने कैसी लाचारी है॥
दुनिया में कुछ देश हैं ऐसे , काले धन का बैंक जहाँ ।
भारत के कुछ बेइर्मानों का , काला धन है जमा वहाँ ॥
भारत सरकार बनायें सूची , कौन वहाँ आता जाता ।
पिछले पचास बरस में देखे , कितनों ने खोला खाता ॥
जहाँ न माता पिता न पूर्वज , देव, गुरू, तीरथ न धाम ।
कुछ काले धन वालों का है , वही देश अब चारों धाम ॥
भ्रष्टाचार के बीसों तरीके , ‘ऊँचे लोग' इर्ज़ाद किये ।
घोटाले पर किया घोटाला , भारत को बर्बाद किये ॥
भ्रष्टाचार के ओलम्पिक में , सभी पदक हम लायेंगे ।
एक से दस तक हम ही रहेंगे , सीना तान के आयेंगे ॥
नीयत खोटी , मन है काला , तो धन भी होगा काला ।
बेशर्म कहो , गद्दार कहो , इन्हें फर्क नहीं पड़ने वाला ॥
ये बात नहीं है करोड़ों की , ये बात है अरबों खरबों की ।
ये बात नहीं है शरीफों की , ये बात है भ्रष्ट लुटेरों की ॥
बहुत दिनों तक छुपते रहे , अब सामने लाना जरुरी है ।
काले धन के मतवालों का , नकाब उठाना जरुरी है ॥
जिस दिन धन भारत आयेगा,चारों ओर खुशहाली होगी ।
होगा विकास हर गांव नगर का , हर दिन दीवाली होगी ॥
दोहे ---
( 1 )
भारत में लाखों असली रावण, पर मरता है नकली रावण।
लाखों रावण मुस्काते हैं, जब जलता है नकली रावण॥
( 2 )
दो अक्टूबर को न मिले, उस चीज का नाम बतायें।
जुगाड़ कहीं से हो जाए , तो गाँधी जयंती मनायें॥
( 3 )
संसद के रक्षक मारे गए, अपराध बड़ा नहीं कहलाता।
एक भी सांसद मर जाता, तो अफजल फाँसी चढ़़ जाता।
( 4 )
पश्चिमी सभ्यता संस्कृति के प्रेमी , कलंकित न करो त्योहारों को।
गरबा को पब, डिस्को न समझो , बख्श दो पावन त्योहारों को॥
( 5 )
तारीख पे तारीख मिलती है, महंगाई, भ्रष्टाचार मिटाने की।
अंतिम तारीख अब जनता देगी, सत्ता से हट जाने की।
( 6 )
खूनी बलत्कारी आतंकवादी, बड़े जेलों से हटाए जाएंगे।
लाखों भ्रष्ट अफसर नेता, सब यहीं तो डाले जाएंगे॥
( 7 )
अन्ना हजारे ने विरोध किया, कांग्रेस की किस्मत फूट गई।
हिसार में जमानत जब्त हुआ, महाराष्ट्र में लुटिया डूब गई॥
नकल न करो-अकल लगाओ
हेलो का कोई अर्थ नहीं, फिर भी कहते हो हेलो-हेलो।
फोन मोबाइल में बातें हो, सब राधे - राधे बोलो॥
अगर नहीं कह सकते राधे, नाम किसी भगवान का लो। हे
लो आज से नहीं कहेंगे, हर कोई संकल्प करो॥
उत्तर भारत में कहते हैं, राधे-राधे श्याम मिला दे।
कृष्ण को पाना बहुत सरल है,कहते रहो हर दिन राधे॥
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हर पल को जियें भरपूर
कितने अपने छोड़ चले हैं , कितने छोड़ के जायेंगे।
जीवन का कटु सत्य यही है , आये हैं सो जायेंगे॥
जन्म-मरन तो बस में नहीं,हर पल को जियें संदेश यही।
जिस पल को जिया नहीं हमने, वो लौट कभी न आयेंगे॥
सुबह सुहानी , शाम सुरमई , रात चांदनी बिखरी हुई।
प्रकृति की ऐसी सुन्दरता को , नैनों में अपने बसायेंगे॥
बिखरा दें हम बीज खुशी के , अपने घर के आंगन में।
जितना बांटो , बढ़ती जाये , ऐसी फसल उगायेंगे॥
औरों के दुख दर्द से जब , दो नैन हमारें भर आयें।
जीवन तब सार्थक होगा , आँसू मोती बन जायेंगे॥
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विवेकानंद मार्ग-3 धमतरी (छत्तीसगढ़)
सम्पर्क-07722-232233 / 9406016503
behtreen rachnaaye...
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