कहानी संग्रह - इक्कीसवीं सदी की चुनिंदा दहेज कथाएँ - (2) बबली तुम कहाँ हो?

SHARE:

अनुक्रमणिका 1 -एक नई शुरूआत - डॉ0 सरला अग्रवाल 2 -बबली तुम कहाँ हो -- डॉ0 अलका पाठक 3 -वैधव्‍य नहीं बिकेगा -- पं0 उमाशंकर दीक्षित 4 - बरखा...

dahej kahaniyan

अनुक्रमणिका


1 -एक नई शुरूआत - डॉ0 सरला अग्रवाल
2 -बबली तुम कहाँ हो -- डॉ0 अलका पाठक
3 -वैधव्‍य नहीं बिकेगा -- पं0 उमाशंकर दीक्षित
4 - बरखा की विदाई -- डॉ0 कमल कपूर
5- सांसों का तार -- डॉ0 उषा यादव
6- अंतहीन घाटियों से दूर -- डॉ0 सतीश दुबे
7 -आप ऐसे नहीं हो -- श्रीमती मालती बसंत
8 -बिना दुल्‍हन लौटी बारात -- श्री सन्‍तोष कुमार सिंह
9 -शुभकामनाओं का महल -- डॉ0 उर्मिकृष्‍ण
10- भैयाजी का आदर्श -- श्री महेश सक्‍सेना
11- निरर्थक -- श्रीमती गिरिजा कुलश्रेष्‍ठ
12- अभिमन्‍यु की हत्‍या -- श्री कालीचरण प्रेमी
13- संकल्‍प -- श्रीमती मीरा शलभ
14- दूसरा पहलू -- श्रीमती पुष्‍पा रघु
15- वो जल रही थी -- श्री अनिल सक्‍सेना चौधरी
16- बेटे की खुशी -- डॉ0 राजेन्‍द्र परदेशी
17 - प्रश्‍न से परे -- श्री विलास विहारी

 

(2) बबली तुम कहाँ हो ?

डॉ0 अलका पाठक

आज बस में बबली की सास मुझे मिली थीं। मिली नहीं मेरे पीछे बैठी थीं। बबली की सास और एक न जाने कौन महिला। हो सकता है बबली की सास की बहन अथवा ननद हो। सास उन्‍हें कह रही थीं ‘जिज्‍जी'। सो, दोनों में से कुछ भी होना सम्‍भव है। तो बबली की सास और जिज्‍जी। अब दिल्‍ली शहर में इतनी बसें और इन इतनी बसों में इत्त्ो-इत्त्ो आदमी क्‍या पता चलता है कि कहाँ का है कौन, कहाँ से आया, जाएगा कहाँ। पर एक बात पक्‍की है कि दोनों मेरठ की नहीं थीं क्‍योंकि बबली की सास कह रहीं थीं कि मेरठ की लड़कियाँ बड़े-बड़ों के कान काटती हैं। पता नहीं कि बबली की सास कहाँ रहती है, कहाँ जाती हैं, आती हैं? कहाँ जा रही थीं पर इत्ती बात समझ में आई कि बबली के पति के लिए रिश्‍ता आया है, लड़की देखने जा रही थीं।

बबली मरी नहीं है, तलाक भी नहीं हुआ है, पर पीहर में है। बबली की सास का कहना है कि -‘‘जिसे गरज होगी लेते रहेंगे तलाक, फिरें कचहरी मारे-मारे, हम तो लड़के वाले हैं। हमारी क्‍या बेइज्‍जती और सोनू कौन-सा सरकारी मुलाजिम है कि दूसरी करने से नौकरी छूट जाएगी। घर का काम है। दूसरी भी अगर बबली जैसी कंगलों की बेटी आ गई तो उसकी छुटटी करते कौन देर लगेगी?''

जिज्‍जी ने पूछा-‘‘सोनू तो मना नहीं करेगा?''

बबली की सास हँसीं, बोलीं-‘‘मरद की जात कै दिन सोक मनावै।

दूसरी का मुँह देखा और भूल गया कि कोई थी भी कभी कि नां!'' जिज्‍जी ने मान लिया। बात ठीक। मरद की जात होती ही ऐसी है। रोवेगी तो बबली टुसुर-टुसुर। कंगलों के घर जन्‍मी तो रोयेगी ही। बताओ ऐसा भी कभी हुआ है कि लड़की छाती पर बैठी हो और माँ ने कत्तर तलक नहीं जोड़ कर रखी। बेटियों की माँएं तो छोछक की धोती भी उठाकर धर देती हैं कि बेटी के दहेज में जायेगी। गरीब-से-गरीब की बेटियाँ कशीदा सीख-सीख कर दहेज जोड़ती हैं। और नहीं तो क्रोशिया से थालपोश, मेजपोश बुन-बना लेती हैं। गुड़िया, बटुआ, पंखा, बनाती ही रहती हैं। न कुछ हुआ तो मोमजामे की पुरानी थैलियों के कंगरों पे बटन टाँक-टाँक ही ऐसे बटुए बनते हैं कि महाराज देखते ही रह जाओ। बेटी जात। मारी भली कि सम्‍हारी भली। पर बबली की महतारी को देखो लौंडिया से कुछ दहेज का सामान नहीं बनवाकर रखा। ठूँठ एम.ए.। स्‍कूल में मास्‍टरनी। बस, बबली का तो दिमाग आसमान पर। सरकारी नौकरी। परमानेंट। सोनू का काम नया है, जमते-जमते जमेगा। दे-देता ससुर दो-ढाई लाख। काम जमने में क्‍या देर थी? देर तो पैसे की है। पैसा हाथ हो तो सुरग हथेली पर बना ले। बाप ने नंगी-बूची विदा कर दी, फिर मरद का सुख भी चाहिए! मैंने तो फटकने न दी। ताक-झाँक तो बहुत की। पढ़ी-लिखी पकी उमर की। सोनू को बचाकर रखना मुश्‍किल हो गया पर तुम डाल-डाल हम पात-पात! दो दफे रह गई। पर मजाल है.......अब पड़ी रह बाप के घर। दे नहीं सकता था तो अब खिलाए! अब बताओ कुल इक्‍कीस हजार नकद! इक्‍कीस हजार में क्‍या होवे है? छह तोले तो सोना चढ़ाया था। धोती-साड़ी थी पाँच। हो गया पूरा।

‘‘गहने बबली ले गई?''

‘‘ठेंगा, हमने तो पहले ही अंडर कर लिया था। सोना-कपड़ा।''

‘‘अपने पीहर का?''

‘‘पीहर का क्‍या था? गले का, चार चूड़ी और चटर-मटर.......।''

‘‘वो ले गई?''

‘‘कैसे ले जाती? धरवा लिया पहले ही दिन। लच्‍छन न देखे थे? कैसे सिर उघाड़े बैठी थी?''

‘‘ब्‍याह के आई बबली। मैं बार-बार सिर ढाँपूं और आँचल सिर पे टिके ही नहीं झट सरक जाए। पता नहीं सरक जावै था कि मरी जान बूझ कर सरका लेवे ही। बस, उसके यों ही चलित्तर देखकर माथा ठनक गया कि यों नहीं है घर-गृहस्‍थी वाली। नौकरी करती है तो क्‍या जेठ-ससुर के सामने सिर उघाड़े डोलेगी? फिर सोनू के पापा भी कहने लगे कि हमने तो बेटे की ससुराल का सूट पहन कर नहीं जाना। कंगलों ने कमीज-पैंट में किस्‍सा काट दिया।''

‘‘बस, भेज दी पीहर। अब बसानी है लौडिया तो बात कर आदमियों जैसी। न तो घर लगे ब्‍याह का-सा। जो आवै सो ही पूछे कि सोनू का ब्‍याह हुआ, कैसा हुआ? घर तो ब्‍याह का-सा लगा नहीं। एक कोने में तो सोफा-सा पड़ा है, अलमारी दी है पर च�दर देखो कितनी पतली ढम-ढम वाजै। क्रीम-पौडर पोतने की मेज तक न दी। वकसिम-सी पकड़ा दी। न टी.वी., न फ्रिज, वी.सी.आर., बर्तनों के नाम पर देखो पर एक डिनर सैट। परात, कुल ग्‍याहर थाल, तास, कलसा और टोकनी। लो, हो गए बर्तन।''

बबली की सास के दुःख से जिज्‍जी द्रवित थीं। लत्ता-कपड़ा पूछा! कुल ग्‍यारह साड़ियाँ बबली की, और एक-एक नाम से सास-नन्‍दों की। चोले की और भात की। बस। गुडडो बक्‍स खुलाई की धोती लेने लगी तो मैंने कहा रहन दे गुडडो। नंगी क्‍या नहायेगी, क्‍या निचोड़ेगी? पर शाबाश है, महतारी को। ऐसी सिखा-पढ़ाकर भेजी कि ऐसी बनकर बोली लौंडिया कि सब आपकी है। जो और जितनी चाहिए ले लीजिए! बता कुल ग्‍यारह तो धोती लेकर आई है उसमें से कितनी दे देगी और कितनी पहन लेगी।

हमारे नन्‍दोई तो दहेज देखते ही बोले कि लौटा दो लौंडिया को दहेज के संग ही। आज ही पटेल नगर वालों का रिश्‍ता ले लेते हैं। हमारी भी कुछ इज्‍जत है कि नहीं। क्‍या दो-चार जने देखेंगे, क्‍या थू-थू करेंगे। कहाँ लड़के को भेज दिया। बस जी, ‘‘हमने कहा जै राम जी की।''

‘‘बबली के भइया-भतीजे आए लेने। पूछने लगे कि कब विदा कराने आओगे। टाल दिया। पंडित से महूरत निकलवा कर खबर करते हैं। अब करती है खबर हमारी जूती। काट चक्‍कर। काटे। कहने लगा कि लिवा लाओ बबली को। तब खुलकर बात हुई पैसों की। बोला-पहले बताते। न होता तो मैं रिश्‍ता न करता। यह तो हम भी जानते हैं। हमने कहा कि इतनी जमीन-जायदाद है, कर दे सोनू के नाम। और कर जा बबली को। लेने तो हम जाते नहीं। वो भी एक ही काइयाँ निकला। बोला-बबली के नाम कर दूँगा। बस, हमने कर दी राम-राम, श्‍याम-श्‍याम! तुम्‍हारा रास्‍ता अलग-हमारा रास्‍ता अलग। जो बता दी उससे एक सूत इधर नहीं, उधर नहीं। हम डटे रहे। बेटी का बाप है। जायेगा कहाँ? झख मार कर आएगा हमारी देहरी पर।''

‘‘आया फिर?''

‘‘आया? अजी बबली भेज दी। सोनू की दुकान पर। फोन किया सोनू ने।

मैं गई। मैंने पकड़ी चुटिया और निकाल बाहर करी कि जवानी इतनी जोर मार रही है तो बैठ जा बाजार में। बहू-बेटियाँ दान-दहेज के संग बसै करैं हैं ः समझी? बड़ी मास्‍टरनी बनै थी। टुसुर-टुसुर रोकर भागती ही नजर आई। मैं पढ़ी ना हूँ, गुनी तो हूँ-ऐसी एम.ए., बी. ऐओं को तो यों ही चरा दूँ!''

‘‘अब ये रिश्‍ता?''

‘‘पहले ठहर कर ली। नकद एक लाख। स्‍कूटर, टी.वी., फ्रिज, वी.सी. आर और इक्‍कीस तोले सोना दे रहे हैं। और सामान की लिस्‍ट दे दी। बिल्‍कुल चूँ-चपड़ न की।''

‘‘पहली की ना पूछी?''

‘‘पूछ करके क्‍या करता? बता दी कि लौंडिया कहीं और लगी हुई थी। ऐसी को रखता कौन? बबली के नाम सतीश से चार चिटठी लिखवा रखी है। जरुरत पड़ेगी तो दिखा देंगे।''

‘‘सतीश?''

‘‘सोनू का दोस्‍त नहीं है, दालमिल वालों का? वही।''

मुझे नहीं पता बबली कि तुम कौन हो, कहाँ हो। तुम्‍हारी सास से पता पूछती तो वह मुझे बताती तो नहीं, पर इसे पढ़ो तो जान लेना कि तुम्‍हारा अपराध यह था कि ब्‍याह पर तुम्‍हारे सिर पर पल्‍ला ठहरता नहीं था। सरक-सरक जाता था। तुमने खाना खाकर अपने जूठे बर्तन नहीं माँजे थे,़ महरी तो बहुओं की जूठन उठाती नहीं। उसको कौन-सी साड़ी आई थी? सोनू की नाड़ी मनुष्‍य की और तुम्‍हारी मृग। तुम्‍हारी सास को पंडितजी ने कहा है कि नाड़ी-दोष है और उससे बड़ा दोष है कि तुमने एक तो औरत का जन्‍म लिया, दूसरा यह कि गरीब बाप के यहाँ लिया। समझ गई हो न। सोनू का रिश्‍ता हो गया होगा। सुबह तुम्‍हारी सास बात पक्‍की करने ही जा रही थीं। मैंने तुम्‍हारी सास से तुम्‍हारा पता पूछने को मुँह खोला था पर निकला यह कि - ‘‘तुम्‍हारी बेटी नहीं है क्‍या?'' न तो तुम्‍हारी सास की समझ में आया, न मेरी, पर बबली क्‍या तुम जानती हो कि इस सवाल को पूछने में मेरी आँख से जो गिरा वह आँसू तुम्‍हारा तो नहीं था?

तुम कहाँ हो बबली?

'''

2-सी, सूर्या अपार्टमेण्‍ट, सेक्‍टर-13, रोहिणी, दिल्‍ली-85

--

(क्रमशः अगले अंकों में जारी...)

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी संग्रह - इक्कीसवीं सदी की चुनिंदा दहेज कथाएँ - (2) बबली तुम कहाँ हो?
कहानी संग्रह - इक्कीसवीं सदी की चुनिंदा दहेज कथाएँ - (2) बबली तुम कहाँ हो?
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh2iTym0oY3cdrR1hDuJ33JvEIt3Rj8dX_qth5wdkz00lWN040Z-TcWvwpNVNm_Zr3PwgG1GmF-_BU8TLcKNw7z4QDE3eDZ-UDuUQkVHZrM9JfNEUJ5tg396cO6d0xKOZUxA_Q9/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh2iTym0oY3cdrR1hDuJ33JvEIt3Rj8dX_qth5wdkz00lWN040Z-TcWvwpNVNm_Zr3PwgG1GmF-_BU8TLcKNw7z4QDE3eDZ-UDuUQkVHZrM9JfNEUJ5tg396cO6d0xKOZUxA_Q9/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2011/05/2_31.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2011/05/2_31.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content