सी.पी. राजू का आलेख : भैरवप्रसाद गुप्त के कथा-साहित्य में बेरोज़गारी का चित्रण

SHARE:

  इक्कीसवीं सदी की ओर अग्रसर विज्ञानी मानव अनेक अभिशापों से ग्रसित है। बेरोज़गारी उनमें से एक भयंकर अभिशाप है। वर्तमान आर्थिक युग में जीविको...

 

clip_image002

इक्कीसवीं सदी की ओर अग्रसर विज्ञानी मानव अनेक अभिशापों से ग्रसित है। बेरोज़गारी उनमें से एक भयंकर अभिशाप है। वर्तमान आर्थिक युग में जीविकोपार्जन ही मनुष्य के जीवन का लक्ष्य रह गया है। किसी देश में कम से कम बेरोज़गारों का होना वहाँ की आर्थिक प्रगति और विकास का परिचायक होता है। जब जनसंख्या की वृद्धि आर्थिक विकास वृद्धि से अधिक हो जाती है, तब बेरोज़गारी का उदय होता है। बेरोज़गारी का अर्थ काम के अवसरों की कमी है।

भारत में बेरोज़गारी का रूप भयंकर बन गया है। साधारण या उच्च शिक्षा प्राप्त अनेक युवक-युवतियाँ रोज़गार कार्यालयों में लाईन लगाकर कई दिनों तक दस बजे से पाँच बजे तक खड़े रहने पर भी, केवल बेरोज़गारी में नाम ही लिखा पाता है। फलस्वरूप उसके मन में इस देश और समाज के प्रति विरक्ति की भावना उत्पन्न होती है। इसी भावना का फल है कि भारत जैसे आध्यात्मिक देश में भी आत्महत्याओं की अधिकता होती है। बेरोज़गार युवक देश के लिए विनाशकारी, अनुशासन हीन, विद्रोही और क्रांतिकारी बन जाते हैं। इसलिए देश का सर्वप्रथम कर्तव्य बेरोज़गारी दूर करना है और जन-सामान्य को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदत्त करना होता है। गुप्तजी ने अपने कथा-साहित्य के माध्यम से समाज में प्रचलित बेरोज़गारी का चित्रण किया है।

भारतीय गाँवों में युवक पढ़-लिखकर बड़े हो जाते हैं, तब उनके सामने नौकरी की समस्या खड़ी हो जाती है। वे नौकरी के लिए कोशिश करते हैं, किन्तु नौकरी न मिलने से वे बेकार रहते हैं। गुप्तजी के सती मैया का चौरा उपन्यास में मुन्नी ने बेरोज़गारी के प्रति अपना विचार व्यक्त किया है। मुन्नी सोचता है- ओह! बेकारी कितना बड़ा अभिशाप है! यह इन्सान को मुर्दा बना देता है 1। अन्त में गाँव में काम न मिलने पर माँ-बाप को बिना बताए गाँव छोड़कर मुन्नी नौकरी की तलाश में मद्रास जाने की तैयारी करता है।

समाज में आज पढ़े-लिखे युवकों के सामने बेरोज़गारी एक प्रश्न चिह्न है। पढ़ाई के समय युवक यही महत्वाकांक्षा रखते हैं कि अध्ययन के बाद उन्हें कहीं न कहीं नौकरी मिलेगी। पर पढ़ाई के बाद नौकरी न मिलने पर वे दुःखी बन जाते हैं। उनकी आशाएँ टूट जाती हैं।

-तुम ने अपनी महत्वाकांक्षा के संबन्ध में क्या बताया-आफ़ताब ने पूछा।

-मैं ने बताया कि मेरी कोई भी महत्वाकांक्षा नहीं है-सरल ने बताया-मुझे एक नौकरी चाहिए, कोई भी 2

हमारे समाज में शिक्षित और अशिक्षित सभी प्रकार के बेरोज़गार देखे जा सकते हैं। पर उनमें शिक्षितों की संख्या अधिक रहती है। इसका उल्लेख करते हुए छोटी सी शुरुआत उपन्यास में सरल कहता है- मैं नौकरी के लिए एक जमाने से भूखा हूँ। लेकिन आज तक किसी ने एक नेवाला भी मेरी थाल में नहीं डाला! मैं नौकरी तलाशते हुए पढ़ाई आगे बढ़ाता रहा। नौकरी नहीं मिली और मैं परीक्षा पर परीक्षा पास करता गया 3

ज्योतिष कहानी में गुप्तजी ने समाज में व्याप्त बेरोज़गारी का गंभीर रूप चित्रण किया है। कहानी में सदानन्द के पिता ने उन्हें इसलिए पढ़ाया कि पढ़-लिखकर सदानन्द को नौकरी मिलेगा, तब परिवार से गरीबी हट जाएगी। लेकिन वैसा नहीं हुआ तो घर की हालत से आजिज आकर पिताजी ने सदानन्द से कहा- तू पढ़ा-लिखा होकर हमारे साथ यहाँ क्यों भूखों मर रहा है? जाकर कहीं कोई नौकरी-चाकरी क्यों नहीं ढूँढ़ता? आँख से ओझल कहीं तू भूखों मर भी जायेगा तो हमें उतना दुःख नहीं होगा जितना यहाँ तुझे भूखे देखकर होता है । यह सुनकर सदानन्द कहता है- मैं क्या करता, कहाँ जाता? 4

अपरिचय का घेरा कहानी में बेकारी की समस्या मुख्य रूप से दिखाई पड़ती है। कहानी में कई युवक बेकारी के कारण जीवन से जैसे हारे हुए लगते हैं। इसी तरह गाँव का लछमन भी बेकार है। घर में माँ-बाप, भैया-भाभी लछमन को डाँटा करते हैं कि वह किसी काम पर जाए। खाना खाते समय, उठते-बैठते समय यहाँ तक कि हर समय उसे डाँट खानी पड़ती थी। असह्य लछमन काम की तलाश में गाँव छोड़कर मद्रास चला जाता है। वहाँ पर जाकर घरेलु बच्चों को पढ़ाने के काम में लग जाता है, जिससे कमाई भी अच्छी होने लगती है। लछमन को बार-बार गाँव की याद आती थी। शहर में हर तरह की सुख-सुविधाएँ होते हुए भी लछमन अपने आप को अकेला महसूस कर रहा था। गाँव जाने की सोचता, लेकिन फिर उसे लगता कि अगर वह गाँव लौटेगा तो घरवालों से फिर बेकारी के कारण ताने-बाने सुनने होंगे, यह सोचकर मज़बूरन उसे मद्रास में ही रहना पड़ता है।

समाज में आज नौकरी मिलना है तो सिर्फ शिक्षित होना ही नहीं बल्कि घूस भी देना पड़ता है। छोटी सी शुरुआत उपन्यास में गुप्तजी ने सरल के भाई द्वारा इसका उल्लेख किया है। सरल का भाई कहता है- नौकरी की तलाश में तो वह मिडिल पास करने के बाद से ही लगा है। उसे नौकरी कहाँ मिलेगी? दो बार तो यहाँ की पुलिस ही उसके खिलाफ रिपोर्ट कर चुकी है। डाक खाने में और फिर रेलवे में वह चुन लिया गया था। पुलिस रिपोर्ट भेजने के लिए पाँच हज़ार और दस हज़ार रुपये माँगे थे। इतने रुपये बड़े भैया कहाँ से देते, वे एक हज़ार और पाँच सौ तक देने को तैयार थे। लेकिन नायब ने इनकार करते हुए कहा, मैं ने आपकी औकात को ध्यान में रखकर ही कम से कम माँगा है। रेलवे में टी.टी की जगह है, लड़के की नियुक्ति हो गयी, तो वह एक-दो महीने में ही दस हज़ार पीट लेगा। डाक खाने की नौकरी प्रतिष्ठा की और उन्नति की दृष्टि से बहुत अच्छी है। यों तो उसे नैकरी मिलेगी नहीं5

संक्षेप में, मनुष्य की आवश्यकताओं को यदि संतुष्ट किया जाना है तो उन्हें रोज़गार मिलना चाहिए। बेरोज़गारी केवल दरिद्रता एवं दुःखों को ही जन्म नहीं देती, अपितु सामाजिक संगठन पर प्रतिकूल प्रभाव भी डालती है।

यद्यपि बेरोज़गारी सर्वत्र व्याप्त है, तथापि भारत में यह अत्यधिक है। इसके अतिरिक्त, बेरोज़गारी का दुखदायी स्वरूप यह है कि पंचवर्षीय योजनाओं के उपरान्त भी बेरोज़गारों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। शिक्षित वर्ग में बेरोज़गारी गंभीर रूप धारण किए हुए हैं।

संदर्भ

1 . सती मैया का चौरा पृष्ठ सं 85

2. छोटी सी शुरुआत पृष्ठ सं 62

3. वही, पृष्ठ सं 24

4. ज्योतिष (मंगली की टिकुली कहानी संग्रह) पृष्ठ सं 85

5. छोटी सी शुरुआत पृष्ठ सं 72

---

Dr. Raju. C.P,

Asst.Professor in Hindi,

St.Thomas’ College Thrissur, Kerala

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सी.पी. राजू का आलेख : भैरवप्रसाद गुप्त के कथा-साहित्य में बेरोज़गारी का चित्रण
सी.पी. राजू का आलेख : भैरवप्रसाद गुप्त के कथा-साहित्य में बेरोज़गारी का चित्रण
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgLDcBeSnjGpugix9nDpRUKmpuE-whwvauQcf7fL9eJB2gigqcepv57BkeTjHPyNMB11e2l7XhEfmymQ5yhMVO0w4mdu9Q0t_xxwdTraazhPInKBEu65gaGMlf53LNIRBVpUFAF/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgLDcBeSnjGpugix9nDpRUKmpuE-whwvauQcf7fL9eJB2gigqcepv57BkeTjHPyNMB11e2l7XhEfmymQ5yhMVO0w4mdu9Q0t_xxwdTraazhPInKBEu65gaGMlf53LNIRBVpUFAF/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2011/03/blog-post_1720.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2011/03/blog-post_1720.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content