(हाल ही में यशवंत कोठारी को श्री नाथवारा की प्रसिद्ध संस्था साहित्य मंडल द्वारा सम्मानित किया गया. उन्हें प्रभु श्रीनाथजी का चित्र उपरन...
(हाल ही में यशवंत कोठारी को श्री नाथवारा की प्रसिद्ध संस्था साहित्य मंडल द्वारा सम्मानित किया गया. उन्हें प्रभु श्रीनाथजी का चित्र उपरना शाल तथा साहित्य भूषण की मानद उपाधि भी दी गयी )
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प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी वार्षिकोत्सव पर महाविद्यालय की प्रगति का विवरण तैयार किया गया था। इस विवरण के कतिपय अत्यन्त महत्वपूर्ण अंश, किन्हीं विशेष कारणों से मेरे हत्थे चढ़ गये थे। वे आपकी सेवा में प्रस्तुत हैं -
1- इस महाविद्यालय के विगत सत्र में छात्र-संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई, जो महाविधालय की लोकप्रियता का प्रमाण है।
2- आलोचक सत्र में इस महाविद्यालय के मात्र पन्द्रह अध्यापकों के साथ छात्रों द्वारा मारपीट की गयी। यह संख्या पिछले सत्र की तुलना में केवल दस अधिक है, जो छात्र-अध्यापकों के मध्य सुधरते हुए सम्बन्धों की द्योतक है।
3- इस वर्ष प्रत्येक कक्षा में फेंके जाने वाले अण्डों तथा सड़े हुए टमाटरों के कारण महाविद्यालय में ही एक कोऑपरेटिव स्टोर खुलवा दिया गया है, ताकि छात्रों को ये पदार्थ उचित दाम पर मिल सकें। इस कार्य में हमें स्थानीय बैंक द्वारा ऋण-सुविधा भी मिली है; हम बैंक के आभारी हैं !
4- महाविद्यालय के स्टाफ रूप में हाथापाई तथा जूतम-पैजार के पचास मामले प्रकाश में आए। वस्तुतः ऐसे केसेज ज्यादा हैं, लेकिन अध्यापकों के गौरव तथा गरिमा के कारण हम इस संख्या को कम ही आंक रहे हैं।
5- छात्राओं के साथ छेड़छाड़, बदतमीजी, तथा इजहारे-इश्क के स्कैन्डल्स में इस बार भी अध्यापक, छात्रों से बाजी मार ले गए। इस कारण छात्र-अध्यापकों के सम्बन्धों में एक ‘त्रिकोणात्मक सुधार' हुआ है। यह स्तुत्य है !
6- इस महाविद्यालय के प्रांगण में पिछले कई वर्षों से एक अशोक वृक्ष लगा हुआ है। यह वृक्ष इस बार पुष्पित-पल्लवित हो गया - सह नव ऋतुसंहार का प्रमाण है। बधाई अशोक वृक्ष ! (विज्ञ पाठक अशोक के पुष्पित होने के कारणों की छानबीन स्वयं कर सकते हैं।)
7- पिछले सत्र की तुलना में, इस सत्र में छात्रों की नकल करने की प्रवृत्ति में भी बहुत वृद्धि हुई है। इस बार हमने इस क्रम में एक नवीन प्रयोग किया - परीक्षा हॉल में सामूहिक नकल अभियान चलाया गया। इसमें छात्रों ने दिल खोलकर सहयोग दिया। भविष्य में यह योजना राज्य-सरकार के पास सम्पूर्ण प्रान्त में क्रियान्वयन के लिए भेजी जाएगी।
8- इस सत्र में अनुशासनहीनता, घेराव, तोड़-फोड़, मारपीट, हड़ताल, ससपेन्सन, रेस्टीकेशन, बहाली, दादागिरी आदि की घटनाओं में इतनी अधिक वृद्धि हुई कि कॉलेज-प्रशासन को राज्य सरकार से इसके लिए अलग से मंत्रालयी स्टाफ मांगना पड़ा; तदुपरान्त एक वरिष्ठ लिपिक, दो कनिष्ठ लिपिक तथा तीन चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी इसी कार्य के लिए नियुक्त किए गए हैं। बेरोजगारी समाप्त करने के लिए हमारे कदम तेजी से बढ़ रहे हैं।
9- इस वर्ष कनवोकेशन के शुभ अवसर पर आमन्त्रित प्रमुख अतिथि को हॉल में नहीं घुसने दिया गया। अध्यक्ष महोदय को पीछे वाले रास्ते के अन्दर लाया गया। उन्होंने कई अत्यन्त प्रतिभा सम्पन्न छात्रों को डिग्रियां बांटी।
इन छात्रों के नाम तथा प्रदत्त्ा मानद उपाधियों का विवरण इस प्रकार है -
1․ श्री पहाड़तोड़ सिंह - डॉ․ ऑफ हड़ताल
2․ श्री हथौड़ा नाथ - मास्टर ऑफ तोड़फोड़
3․ श्री लुच्चा खां - बैचलर ऑफ घेराव
4․ सुश्री हीरा रानी - डिप्लोमा इन लव-एफेयर्स
10- हमारे महाविद्यालय मे इस वर्ष श्रमदान का भी आयोजन अभूतपूर्व विधि से किया गया। हड़ताल के दौरान, छात्रों द्वारा महाविद्यालयीय प्रांगण मे बाहर से पत्थर, ईंटें आदि अन्दर फेंके गये। इस प्रकार लगभग पचीस श्रम-दिवसों का लाभ हमें मिला। इस प्रकार की कार्यवाही पिछले वर्ष नहीं हो पाई, इसका हमें हार्दिक दुःख है।
11- प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी, महाविद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार अयोग्य तथा रिश्तेदार छात्रों केा दिये गए। इसी कारण महाविद्यालय में शान्ति है।
12- इस वर्ष महाविद्यालय के होस्टल में कुछ छात्र एक कन्यारत्न को पकड़ लाये। इस बात की जांच जारी है। इस प्रकार कुल मिलाकर हमने तीस जांच समितियां बनाई हैं। आज तक किसी समिति ने अपनी रपट प्रस्तुत नहीं की है। इस कारण महाविद्यालय में ही एक स्थायी आयोग के गठन पर राज्य सरकार विचार कर रही है। (तालियां)
13- महाविद्यालय में कार्यरत महिलाओं की सुविधा हेतु विशेष प्रबन्ध किये जा रहे हैं। महिलाओं के कहा गया है कि वे अपने पति घर में ही छोड़कर आएं, यहां प्रियतम उपलब्ध हैं। हम आश्वासन देते हैं कि आरामदेह अभिसार केंद्रों का प्रबंध हर कार्यालय में अनिवार्यतः रहेगा तथा उनकी सुरक्षा की जाएगी।
14- इस महाविद्यालय के तीन छात्रों को राज्य-सरकार ने, अपना छात्र-परामर्शदाता नियुक्त करने की घोषणा की है। छात्रों को बधाई देते हुए उल्लेख है कि ये छात्र, सरकार की हड़ताल घेराव आदि के ‘नियोजन'में परामर्श देंगे।
15- इस वर्ष के छात्रसंघ चुनावों के उल्लेख बिना यह रपट अधूरी रह जाएगी। चुनाव के दौरान अध्यापकों को हेलमेट वितरित किए गए तथा उनका आम बीमा किया गया। सभी छात्रों के पास पिस्टल या छुरे थे जो उन्होंने बहादुरी से इस्तेमाल किये और सफलता के कीर्तिमान बनाये।
मारपीट आदि की घटनाओं में एक अध्यापक, दो छात्र मारे गए तथा बीस घायल हुए। यह संख्या पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक है, जो लोकतन्त्र की जड़ें मजबूत करती है।
इस रपट के कई महत्वपूर्ण अंश मुझे नहीं मिल पाये, इसका खेद है। अगर आपको कहीं से मिल जाएं तो सूचित करें। अग्रिम धन्यवाद !
आमीन !
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यशवन्त कोठारी
86, लक्ष्मीनगर ब्रह्मपुरी बाहर,
जयपुर 302002 फोन 2670596
एक 'आदर्श' महाविद्यालय की अच्छी रिपोर्ट !
जवाब देंहटाएंएड्रेस मिल जायेगा क्या इस पावन विद्यालय का..एक बार दर्शन करने को जी चाहता है. :)
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