गोविन्द शर्मा की बाल कहानी - गजराज सरजू

SHARE:

सुरगढ़ के राजा गजानंदसिंह के राज्‍य में घोड़ों से भी ज्‍यादा हाथी थे। वह वर्ष में एक बार हाथी मेला भी आयोजित करते थे। इस मेले में हाथियों क...

haathi

सुरगढ़ के राजा गजानंदसिंह के राज्‍य में घोड़ों से भी ज्‍यादा हाथी थे। वह वर्ष में एक बार हाथी मेला भी आयोजित करते थे। इस मेले में हाथियों की कई तरह की प्रतियोगिताएं होती थी। सर्वश्रेष्‍ठ रहने वाले हाथी को ‘गजराज' की उपाधि मिलती थी। गजराज बनने का मतलब होता था, हाथी के लिये वर्षभर के खाने का इंतजाम राजा की ओर से होता। हाथी के महावत को भी इनाम में नकद राशि मिलती थी।

इस बार के मेले में ‘सरजू' नाम के हाथी की धूम थी। यह पहली बार ही इस मेले में आया था। इसके महावत बिरजू ने हाथी को हृष्‍टपुष्‍ट बनाने और प्रशिक्षित करने में पूरे वर्ष मेहनत की थी। इसी का परिणाम था कि सरजू आखिरी परीक्षा के लिये चुने गये इन हाथियों में शामिल हो गया था। सभी को उम्‍मीद थी कि इस बार बिरजू का सरजू ही गजराज बनेगा।

आखिरी परीक्षा- दौड़ के लिये सभी हाथी एक कतार में खड़े थे। सभी को तोप के गोले की आवाज का इंतजार था। क्‍योंकि तोप चलने की आवाज के साथ ही हाथियों को दौड़ना शुरू करना था।

इस परीक्षा के समय स्‍वयं राजा गजानंद सिंह उपस्‍थित थे। राजा, रानी और राजकुमार एक ऊंचे मंच पर बैठे थे। उनसे थोड़ा नीचे एक और मंच बना था। उस पर राज्‍य के सामंत, सेठ और अधिकारी बैठे थे। उनसे नीचे दौड़ने के स्‍थान के दोनों तरफ बल्‍लियां लगाकर जन साधारण के खड़े होने की जगह बनाई हुई थी। हाथियों की यह दौड़ देखने बहुत लोग आये थे। सभी को गजराज को देखने की उत्‍सुकता थी। सबसे ज्‍यादा जोश में थे महावत। इन दस हाथियों के महावतों में हर कोई यही सोच रहा था कि उसका ही हाथी गजराज बनेगा। पर सभी आशंकित भी थे और जीत के लिये मन ही मन प्रार्थना भी कर रहे थे। बिरजू सोच रहा था- उसका सरजू गजराज बन गया तो खूब पैसे मिलेंगे। उनसे अपने टूटे घर की जगह नया घर बना लूंगा, अपने लिये एक खेत भी खरीद लूंगा।

तोप से गोला छूटा, महावतों ने इशारा किया और हाथी दौड़ने लगे। लोगों ने भी आवाजें करके और तालियां बजाकर हाथी दौड़ का स्‍वागत किया। देखते ही देखते सरजू सभी से आगे निकल गया। लोग ‘सरजू' ‘सरजू' चिल्‍लाने लगे। सरजू आम लोगों की भीड़ के पास से गुजर रहा था कि अचानक उसके कदम रूक गये। भीड़ में खड़े एक आदमी को उसने ध्‍यान से देखा। वह उसका महावत बिरजू नहीं था। फिर भी वह दौड़ को छोड़कर उसकी तरफ बढा। इतने में दूसरे हाथी आगे निकल गये। यह देखकर लोग हैरान रह गये। ‘अरे, यह क्‍या हुआ?' के अलावा उनके मुंह से कुछ नहीं निकल रहा था। बिरजू तो जैसे बेहोश हो गया था।

सरजू इस सबसे बेखबर उधर बढा, जिधर गांव के लोग खड़े थे। हालांकि दौड़ के रास्‍ते और उनके बीच लकड़ी की मजबूत बल्‍लियां थी, फिर भी कुछ लोग डर कर पीछे हट गये। सरजू सीधा वहां खड़े एक आदमी के पास गया। बल्‍ली के ऊपर से उसने अपने सूंड को बढा कर उस आदमी का सिर, कंधा और हाथ छूने लगा। ऐसा लगा, जैसे वह उसे दुलार रहा है, किसी बात के लिए उसे धन्‍यवाद दे रहा है। उस आदमी ने अपने हाथ से उसका सूंड सहलाया और थपकी दी।

इसके बाद सरजू फिर दौड़ने के स्‍थान पर आकर दौड़ने लगा। अब तक दूसरे हाथी काफी आगे निकल गये थे। बहुत पीछे दौड़ते सरजू पर अब लोग हंस रहे थे। यह सब नजारा राजा ने भी देखा। राजा गजानंद सिंह हैरान थे कि सबसे आगे सरजू था, फिर वह अचानक रूका क्‍यों? वह भीड़ में खड़े उस आदमी के पास क्‍यों गया?

दौड़ में प्रथम आये हाथी के लिए गजराज की घोषणा राजा के मुंह से सुनने की सभी प्रतीक्षा में थे। राजा ने इसकी घोषणा न करके अपने सैनिकों को भेजकर भीड़ में खड़े उस आदमी को बुलाया। उससे पूछा- तुम कौन हो? यह हाथी रूक कर तुम्‍हारे पास क्‍यों आया?

उसने कहा, “महाराज, पहले तो मैं खुद ही नहीं समझा कि यह हाथी मेरे पास क्‍यों आया है। क्‍योंकि मैं न तो इसका मालिक हूं और न महावत। मैं तो एक वैद्य हूं। गांव में रहता हूं। गरीबों और जानवरों का इलाज करता हूं। फिर मुझे याद आया। कई साल पहले जड़ी बूटियों की खोज में मैं एक जंगल में गया था। वहां एक गड्‌ढे में हाथी का एक बच्‍चा घायल पड़ा था। मैंने गड्‌ढे में उतर कर उसके घावों पर दवा लगाई थी। दो तीन दिन तक उसके घाव पर दवा लगाने से वह ठीक होने लगा था। उसके बाद मैं चला आया। हो न हो, वह बच्‍चा ही यह हाथी है। मैंने तो इसे नहीं पहचाना, लगता है इसने मुझे पहचान लिया और मुझे धन्‍यवाद देने आया था। मुझे खुशी के साथ अफसोस भी हो रहा है। मेरे कारण यह दौड़ से बाहर हो गया और गजराज कहलाने से रह गया।”

राजा ने पूछा, “तुम वैद्य हो तो वहां जनसाधारण में क्‍यों खड़े थे? मेरे राज्‍य के दूसरे वैद्य तो वहां मंच पर सामंतों- अधिकारियों के साथ बैठे हैं।”

“महाराज, मैं गांव के गरीबों का और जानवरों का इलाज करता हूं। अमीरों का इलाज करने वाले वैद्य हमें अपने से छोटा समझते हैं। हम उनके बराबर कैसे बैठ सकते हैं?”

यह सुनकर राजा को आश्‍चर्य हुआ। राजा ने कहा, “कम पैसे लेकर गांव वासियों और मूक पशुओं का इलाज करने वाला छोटा कैसे हुआ? यदि हमारी राजधानी के वैद्यों की यह सोच है तो बहुत गलत है। आज के बाद तुम लोग अपने को छोटा मत समझना। राजा का इलाज करने वाला राज वैद्य कहलाता है तो गांव में चिकित्‍सा करने वाला वैद्यराज कहलायेगा। जाओ, तुम उस मंच पर बैठो।”

राजा की यह घोषणा सुनकर राजवैद्य और नगर के दूसरे वैद्यों को अपनी सोच पर शर्म महसूस हुई। वे आगे आकर उस वैद्य को अपने साथ मंच पर लेकर गये। लोगों ने इस पर काफी देर तक राजा की जय के नारे लगाए।

राजा ने हाथियों की तरफ देखा और बोले- दौड़ में प्रथम आने वाला हाथी ही गजराज कहलाने का अधिकारी है। पर सरजू को भी हारा हुआ कैसे कहा जाये? भला करने वाले का अहसान मानना तो मानवीय गुण है। मनुष्‍यों में यह गुण कम होता जा रहा है। पर पशु कहलाने वाले हाथी में अभी यह गुण जिंदा है। उसने अहसान प्रकट करने के लिए जीतहार की परवाह भी नहीं की। इसलिए मैं इस बार दो हाथियों को गजराज की उपाधि देता हूं, एक सरजू को और एक प्रथम रहने वाले को.... इसके बाद तो लोगों ने इतने जोर से तालियां बजाई और नारे लगाए कि राजा के आगे की बात किसी को सुनाई ही नहीं दी।

----

 

गोविन्‍द शर्मा

ग्रामोत्‍थान विद्यापीठ

संगरिया- 335 063 (राज.)

COMMENTS

BLOGGER: 2
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: गोविन्द शर्मा की बाल कहानी - गजराज सरजू
गोविन्द शर्मा की बाल कहानी - गजराज सरजू
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhoiXzWuN0ZcLsXvnqB83L4wt-xHJ0lKntWvHJ2lsQSf_cyZsPRfbsBu50-H42txWQYsdea9LW05NdPKJ0UkkexstapmVRg3dAh73UpqTJKJc9TZsiImesxTi1R6VVgbonuxqF9/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhoiXzWuN0ZcLsXvnqB83L4wt-xHJ0lKntWvHJ2lsQSf_cyZsPRfbsBu50-H42txWQYsdea9LW05NdPKJ0UkkexstapmVRg3dAh73UpqTJKJc9TZsiImesxTi1R6VVgbonuxqF9/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2011/01/blog-post_2514.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2011/01/blog-post_2514.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content