प्रमोद भार्गव का आलेख – विकीलीक्‍स : मानवता से जुड़े कुछ सवाल?

SHARE:

तकनीक और मीडिया का अद्‌भुत तालमेल दुनिया की कूटनीतिक महाशक्‍तियों के खुफिया रहस्‍यों को बेपरदा कर इस तरह तार-तार कर देगा, विकीलीक्‍स के पहल...

तकनीक और मीडिया का अद्‌भुत तालमेल दुनिया की कूटनीतिक महाशक्‍तियों के खुफिया रहस्‍यों को बेपरदा कर इस तरह तार-तार कर देगा, विकीलीक्‍स के पहले इतनी बड़ी उम्‍मीद करना नामुमकिन बात थी। लेकिन अब तकनीक की ताकत ने उजागर कर दिया है कि तकनीक के क्षेत्र में दुनिया को इंटरनेट के जंजाल ने वाकई विश्‍वग्राम में तब्‍दील कर दिया है। गोपनीयता के संदर्भ में यहां यह कहावत भी बखूबी चरितार्थ हो रही है कि दीवारों के भी कान होते है और दीवारों के भीतर की गई गुफ्‍तगू कभी भी किसी भी देश की राष्‍ट्रीय सीमाओं को लांघकर अंतरराष्‍ट्रीय खबर बन सकती है। इंटरनेट के जरिये विश्‍व भर के कंप्‍यूटर स्‍क्रीन का हिस्‍सा बन कई देशों की नाक में दम कर सकती है। वेबसाइट विकीलीक्‍स के आस्‍ट्रेलियाई संस्‍थापक संपादक जूलियन अंसाज ने जो ढाई लाख सूचानाएं लीक की हैं, उनमें से बड़ी तादाद में फिलहाल अमेरिका की खुफियागिरी से जुड़ी सूचनाएं भले ही लग रही हैं लेकिन इन दस्‍तावेजों में दर्ज सूचनाओं को गोपनीय बनाए रखना वाकई जरूरी था अथवा नहीं यह अभी साबित होना है ? विकीलीक्‍स द्वारा जारी स्रोतों ने यह तो जग-जाहिर कर दिया है कि अमेरिका परमाणु व शांति समझौतों और मानवाधिकारों के उल्‍लंघन के सिलसिले में न केवल दोहरी नीतियां अपनाता था, बलिक उसका आचरण भी दोमुंहा था। लेकिन इसके साथ कुछ ऐसे रहस्‍यों से भी परदा उठा दिया गया है, जिन्‍हें यदि आतंकवादी क्रूर हिंसा का हिस्‍सा बना लेते हैं तो दुनिया की मानवता को भी खतरा उत्‍पन्‍न हो सकता है ?

विकीलीक्‍स से जुड़े मानवीय पहलुओं पर इसलिए भी दृष्‍टि डालना जरूरी है क्‍योंकि बलात्‍कार के आरोप में हिरासत में लिए जाने से ठीक पहले जूलियन असांज ने धमकी दी थी कि उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाही की गई तो वह उपलब्‍ध सूचनाओं को परमाणु बम जैसे घातक हथियार की तरह इस्‍तेमाल करने से भी नहीं चूकेगा ? हालांकि उसकी धमकी के परवाह किए बिना ब्रितानी हुकूमत ने अमेरिकी इशारे पर असांज को गिरफ्‍तार कर लिया। हालांकि अभिव्‍यक्‍ति की स्‍वतंत्रता की वकालत करने वाले इस गिरफ्‍तारी को मीडिया के कर्तव्‍यों में दखलंदाजी कहकर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन इसे आप विकसित देशों की कुटिल चतुराई भी कह सकते हैं क्‍योंकि जूलियन की गिरफ्‍तारी बोलने के अधिकार के ऐवज की बजाए एक यौन अपराध में की गई है। इसके बावजूद इस खुलासे को मीडिया के दायित्‍व पालन के दायरे में देखा जाए अथवा मीडिया को मिली आजादी की नैतिक मर्यादा के उल्‍लंघन के दायरे में यह अभी तय होना है। क्‍योंकि विकीलीक्‍स से वास्‍तव में किसी देश के संवैधानिक अधिकार का हनन हो भी रहा है अथवा नहीं, यह भी अभी तय होना बाकी है।

हालांकि असांज ने पहले ही झटके में अमेरिकी रहस्‍यों का इतना बड़ा पिटारा खोल दिया है कि जो अमेरिका के कूटनीतिक हितों को तो प्रभावित करता ही है, संबंधित देशों को सफाई पेश करते-करते भी अमेरिका थक जाएगा। विकीलीक्‍स के मुताबिक अमेरिका ने यूरोप के 200 चुनिंदा व सुरक्षित स्‍थलों पर आणविक हथियार युद्ध के लिए तैनात कर रखे हैं। लेकिन इस सुरक्षा संबंधी खुलासे से किसी और देश को नुकसान होने की बजाए अमेरिका की उस चाल को खमियाजा भुगतना पड़ेगा, जिसमें एक ओर तो वह भारत समेत अन्‍य विकासशील देशों पर परमाणु अप्रसार संधि करने का दबाव डालता है, लेकिन खुद दो सौ ठिकानों पर परमाणु हथियार जमा कर संधि की शर्तों की अवहेलना कर रहा है ?

पाकिस्‍तान के सिलसिले में भी अमेरिका की चालाक कुटिलता विकीलीक्‍स ने पेश की है। अमेरिका की मंशा थी कि किसी तरह वह पाकिस्‍तान खुफिया तंत्र की आंखों में धूल झोंककर पाकिस्‍तान के परमाणु संयंत्र से परिशोधित यूरेनियम गायब कर दे। हालांकि विकीलीक्‍स ने ही दलील दी है कि अमेरिका के मंसूबे मई 2009 तक इस यूरेनियम को हटाने में पूरे नहीं हो पाए थे। अमेरिका परमाणु हथियार में प्रयोग में लाए जाने वाले यूरेनियम को इसलिए हटाना चाहता था, जिससे यह आंतकवादियों के हाथ न लग जाए। पाकिस्‍तान के परमाणु संयंत्रों में यूरेनियम की बड़ी उपलब्‍धता इस बात का भी संकेत हैं कि पाकिस्‍तान लगातार आणविक हथियारों का निर्माण करने में लगा है। यह जखीरा यदि खुदा-न-खास्‍ता आतंकवादियों के हाथ लग जाता है तो वाकई दुनिया की मानवता खतरे में पड़ सकती है। क्‍योंकि अफगानिस्‍तान के बाद आतंकवादियों का बड़ा ठिकाना पाकिस्‍तान ही है। वहां की सेना और सरकार भी खासतौर से भारत के बरखिलाफ आतंकवादियों को उकसाती व प्रोत्‍साहित करती रहती है। लेकिन सही मायनों में खौफ की यह दुनिया तब ज्‍यादा भयावह थी, जब इसकी जानकारी गोपनीय थी। उजागर होने के बाद तो दूसरे देशों को अमेरिका के बराबर परमाणु ताकत हासिल करने में जुट जाना चाहिए अथवा अमेरिका को विवश किया जाना चाहिए कि जिन 200 ठिकानों पर उसने घातक हथियार जमा हैं, उन्‍हें समुद्र में नष्‍ट करे। अमेरिका से आगे के परमाणु व शांति समझौते इसी शर्त पर होंगे तो दुनिया परमाणु युद्ध के खौफ से मुक्‍त होगी ? दूसरी तरफ पाकिस्‍तानी आतंकवादियों से सुरक्षित रहने की चेतावनी भी विकीलीक्‍स के स्रोत देते हैं।

इराक और अफगानिस्‍तान से संबंधित अमेरिका की कूटनीतिक चालाकियों का भी भण्‍डाफोड़ विकीलीक्‍स ने किया है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर कई अरब देशों की नींद हराम है और वे अमेरिका पर ईरान को काबू में लेने का सामूहिक दबाव बना रहे हैं। अरब देशों के पर्याप्‍त दबाव के चलते ही अमेरिका ने ईराक को नेस्‍तनाबूद किया। इस तरह के संदेश यह भी जाहिर करते हैं कि नस्‍लीय दृष्‍टि से एक जैसे देशों के जब परस्‍पर हित टकराते हैं तो वे अपन ही नस्‍ल का वंशनाश करने से नहीं हिचकते ? विकीलीक्‍स द्वारा सार्वजनिक किए दस्‍तावेजों में दर्ज तथ्‍यों पर भरोसा करें तो यही नतीजा निकलता है। शायद इसीलिए जब अमेरिका ईराक पर हमला बोलता है तो कोई भी मुसलिम राष्‍ट्र अमेरिका के खिलाफ न तो आवाज बुलंद करता है और न ही आगे बढ़कर ईराक की सैन्‍य मदद करता है।

विकीलीक्‍स ने तिब्‍बत में चीन, तिब्‍बतियों का किस बेरहमी से दमन करने में लगा है यह भी खुलासा किया है। यही नहीं चीन अपने ही देश में अधिकारों की मांग करने वाले लोगों की मुहिम को किस तरह से कुचलता हुआ जापान के बाद विश्‍व की दूसरी महाशक्‍ति बन बैठा है, इन प्रमाणों का जखीरा भी विकीलीक्‍स में दर्ज है। विघटन के बाद भी रूस किस तेजी से आधुनिक परमाणु हथियारों व अन्‍य सामरिक तैयारियों में लगा है, ये ब्‍यौरे भी जूलियन असांज ने इस तहलका मचा देने वाली वेबसाइट में डाले हैं।

भारत के प्रति कमोबेश उदार व्‍यवहार प्रदर्शन करने वाला अमेरिका भारत की भी पीठ में छुरा भौंकने से नहीं चूका। मुंबई हमले के सिलसिले में जब अमेरिका भारत का पक्ष ले रहा था, उसी समय इस्‍लामाबाद में तैनात उसके राजनयिक ने वाशिंगटन मेल से एक संदेश भेजते हुए अमेरिका को चेताया कि पाकिस्‍तान की आतंकवादियों से जुड़ी गतिविधियां सार्वजनिक हुईं तो इसका पाकिस्‍तान की गुप्‍तचार संस्‍था आईएसआई की छवि धूमिल होने के साथ पाकिस्‍तान से संबंधों में खटास पैदा होगी। भारत से जुड़े कुल 3038 गोपनीय संदेश जग जाहिर हुए हैं, लेकिन इनमें खास बात यह कि भारत का न तो कहीं भी दुर्बल पक्ष सामने आया है और न ही दोहरी नीतियों से जुड़ी कूटिल चालाकियां।

इस वेबसाइट पर मानवीयता से जुड़े ऐसे पहलुओं को भी उजागर किया गया है जो मानवीय सरोकारों से जुड़े हैं। इनमें मधुमेह के रोग से उपचार और सांप का जहर उतारने वाली दवा कंननियों के निर्माण स्‍थलों के नाम भी दर्ज हैं। यहां अमेरिकी कंपनियां दवाएं बनाती हैं। भारत के कर्नाटक और ओडीसा में भी क्रोमाइट की ऐसी खदानों का उल्‍लेख है जहां कैंसर के उपचार से जुड़ी दवाएं बनाई जाती हैं। इन रहस्‍योद्‌घटनों के पीछे जूलियन असांज का क्‍या मकसद रहा है इसे समझना मुश्‍किल है। वैसे जीवन रक्षक दवाएं तो पूरे विश्‍व की मानव जाति के काम आती हैं। उनका इस्‍तेमाल केवल दवा निर्माता कंपनी या देश नहीं करते बल्‍कि दुनिया के पीड़ित जीवनदान पाते हैं।

यहां गौरतलब यह भी है कि वैश्‍विक महाशक्‍ति बना रहने वाला देश दुनिया के खबर लिए बिना, दुनिया के कमजोर देशों में हस्‍तक्षेप किया बिना, दुनिया के विकासशील देशों की प्राकृतिक संपदा हड़पे बिना और उन्‍हें बाजार के रूप में इस्‍तेमाल किए बिना कैसे और कब तक वैश्विक महाशक्‍ति बना रह सकता है ? साम्‍यवादी चीन भी तो ऐसी ही दमनकारी और दोगली नीतियों को अमल में लाकर ठीक अमेरिका के नीचे वाले पायदान पर पहुंच गया ? हिन्‍दी-चीनी भाई-भाई कहते हुए उसने हमारे साथ कौन सा सौहार्दपूर्ण रवैया अपनाया ? ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर भारत के पूर्वोत्तर राज्‍यों को बाढ़ की त्रासदी और सूखे की महामारी झेलने को मजबूर कर देने की चाबी उसके हाथ में पहुंचने वाली है और हम लाचारी में हाथ बांधे खड़े रहकर मुंह भी नहीं खोल पा रहे हैं ? वैसे भी अमेरिका के बाबत जो सूचनाएं लीक होकर सामने आई हैं उनकी जानकारियां तो संबंधित देशों को पहले भी थीं, विकीलीक्‍स की फेहरिश्‍त ने जानकारियों पर पुष्‍टि की मोहर भर लगाई है। इन सूचनाओं के खुलासे के बाद अमेरिकी राजनयिकों और दूतावासों को ऊंच-नीच का कुछ समय के लिए भले ही सामना करना पड़े, फिलहाल अमेरिका के मित्र देश से न तो कोई संबंध बिगड़ने वाले हैं और न ही अमेरिका अपनी दोगली नीतियों में बदलाव के लिए मजबूर होने वाला है।

----

pramodsvp997@rediffmail.com

प्रमोद भार्गव

शब्‍दार्थ 49, श्रीराम कॉलोनी

शिवपुरी (म.प्र.) पिन-473-551

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. असान्जे ने वेब पत्रकारिता का एक नया पैराडायिम रच दिया है ....उनका सूत्र वाक्य है कि घिनैने उद्येश्यों की खातिर छुपाई जाने वाली जानकारी अनुचित और अनैतिक है ,उसका पर्दाफ़ाश होना ही चाहिए !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही अच्छा काम किया है असांज ने... उनकी रिहाई के लिये जनांदोलन करना चाहिये..

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्रमोद भार्गव का आलेख – विकीलीक्‍स : मानवता से जुड़े कुछ सवाल?
प्रमोद भार्गव का आलेख – विकीलीक्‍स : मानवता से जुड़े कुछ सवाल?
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh5uGctWRdNU3CV41Fg79NQoo-yvETaf1ireG7hHgN_axskTVNKs_k0WscL76AaTBUbSnGWRKFU84Dyr2U64Q-4fXIhd1KJEPLy43QWAt6muZKHBJN8tdI79aSp4-otULAlXIR4/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh5uGctWRdNU3CV41Fg79NQoo-yvETaf1ireG7hHgN_axskTVNKs_k0WscL76AaTBUbSnGWRKFU84Dyr2U64Q-4fXIhd1KJEPLy43QWAt6muZKHBJN8tdI79aSp4-otULAlXIR4/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2010/12/blog-post_3658.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2010/12/blog-post_3658.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content