साठ वर्षों से अधिक के आजाद भारत की जो तस्वीर उभर कर सामने आती है उसे देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि आधुनिक भारत के निर्माण में सबसे ज्यादा...
साठ वर्षों से अधिक के आजाद भारत की जो तस्वीर उभर कर सामने आती है उसे देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि आधुनिक भारत के निर्माण में सबसे ज्यादा योगदान पण्डित जवाहर लाल नेहरु, श्री मती इन्दिरा गांधी और स्वर्गीय राजीव गांधी का रहा है। नेहरु जी व श्रीमती इन्दिरा गांधी ने लम्बे समय तक देश के प्रधान मंत्री की बागडोर संभाली और वही किया जो इस देश के लिए उचित था। जरुरी था। नेहरु जी एक स्वप्न दृष्टा थे, उन्हें देश की हकीकत मालूम थी। आजादी की लड़ाई में सक्रिय भाग लेने के कारण उन्होंने पूरे देश का बार बार दौरा किया था। वे विदेशों में शिक्षित - दीक्षित थे, मगर वे जानते थे कि देश के गरीब किसान, मजदूर का हित किसमें है। उन्होंने समाजवाद का भारतीय माडल दिया जो उस वक्त की जरुरत थी। वे गंगाजमुनी तहजीब के हिमायती थे। अपने लेखन में भी उन्होंने इसी बात की ओर बार बार ध्यान आकृष्ट किया है।
नेहरु के समाजवादी माडल के कारण ही भारत एक गुट निरपेक्ष राष्ट्र के रुप में उभर कर सामने आया। नेहरु जी की पंचशील नीति आज भी भारत सरकार की विदेश नीति का आधार है नेहरु जी की पंच वर्षीय योजनाओं के प्रारुप के कारण ही आज पूरे देश में योजनाएँ बनती है और साकार रुप लेती है। 1947 से 1962 तक का समय भारतीय जनमानस के लिए नवजागरण का दौर था। देश में एक नई युवा पीढ़ी अंगडाई ले रही थी, देश धीरे धीरे मगर सही दिशा में आगे बढ़ रहा था। पण्डित नेहरु के कार्यकाल ‘1947-1962' में पंचवर्षीय योजनाओं के अलावा समाजवादी माडल पर काम हुआ। उस वक्त नेहरु के ही प्रयासों से इस माडल के कारण देश में प्रगति विकास और वैज्ञानिक सोच बना। उन्होंने देश में जल-विधुत का विकास किया। उन्होंने नाभिकीय उर्जा, परमाणु उर्जा के विकास की भी नीव रखी। पंचशील सिद्धान्त के सहारे भारतीय विदेश नीति को गुट निरपेक्ष रखा जो आज भी हमारी नीति है। नेहरु ने औद्योगिक विकास, कृषि विकास, वैज्ञानिक विकास की नीव रखी। जिस पर बाद के प्रधान मंत्रियों ने एक शानदार इमारत बनाई। लेकिन नेहरु को चीन से विश्वासघात मिला।
नेहरु जी के असामयिक अवसान के बाद अल्प समय के लिए लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधान मंत्री बने। उन्होंने जय जवान जय किसान के रुप में देश को एक नई राह पर ले जाने के सफल प्रयोग किये। लेकिन शास्त्री जी को ज्यादा समय नहीं मिला और इन्दिरा गांधी देश की प्रधान मंत्री बनी। वे एक लौह महिला के रुप में सामने आई। उन्होंने वही किया जो इस देश के लिए उनके हिसाब से आवश्यक था। श्रीमती गांधी अपने प्रगतिशील विचारों के साथ हमेशा भारतीय समाज को दिशा देती रही। उनके कार्यकाल में बैंक का राष्ट्रीयकरण एक क्रान्तिकारी कदम था, जिसने पूरे देश के आर्थिक जगत में एक क्रान्ति कर दी। राजाओं का प्रिवीपर्स बन्द करने के निर्णय के भी बडे दूरगामी प्रभाव पड़े। श्री मती इन्दिरा गांधी ने पूर्वी पाकिस्तान के सरदर्द को हमेशा हमेशा के लिए समाप्त कर बंगला देश का निर्माण कर दिया। वे सच में दुर्गा सिद्ध हुई।
इन्दिरा गांधी ने आपातकाल लगाया जो लम्बे समय तक बहस का मुद्दा बना रहा लेकिन दूसरी आजादी कुल ढ़ाई वर्ष चली। जनता पार्टी में फूट पड़ गई। फिर चुनाव हुए और इन्दिरा गांधी ने शानदार जीत दर्ज कर दिल्ली में सत्ता पर कब्जा कर लिया। सत्ता संगठन पर एक साथ कब्जा कर उन्होंने सिद्ध कर दिया कि वे ही देश को सही दिषा में ले जा सकती है। देश उनके नेतृत्व में लगभग 16 वर्ष आगे बढता रहा। देश के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय रहा। उन्होंने 18 माई 1974 के पोकरण में परमाणु विस्फोट किया। आपरेशन ब्लू स्टार के माध्यम से उन्होने देश की एकता और अखण्डता को बनाये रखा। उनके कार्य काल में ही देश की अर्थ व्यवस्था में सुधार हुए। हरित क्रान्ति-दुग्धक्रान्ति की नीव उन्होने ही रखी। उन्होने भारतीय जनमानस को गर्व से जीने का स्वाभिमानी तरीका सिखाया। आपातकाल के बाद वे चुनाव हारी मगर जनता पार्टी की असफलता के बाद वे वापस पूरी ताकत से देश को आगे बढ़ाने में लग गई। अपने ही अंगरक्षकों की गोली का शिकार होने के बाद राजीव गांधी देश के प्रधान मंत्री बने। कम्प्यूटर क्रान्ति, मोबाइल क्रान्ति, दूरसंचार क्रान्ति तथा पंचायती राज को एक नई दिशा राजीव गांधी ने दी।
राजीव गांधी के अल्प कार्य काल में देश में कम्प्यूटर सूचना प्रोधोगिकी और दूरसंचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण नीतियां बनाई गई। जिसके कारण करोड़ों युवाओं को रोजगार मिला। देश की विदेशी मुद्रा भण्डार में अत्यधिक वृद्धि हुई और कभी सोना गिरवी रखने वाली चन्द्रशेखर सरकार की तुलना में राजीव की दूरगामी नीतियों से देश खुशहाल हुआ। उन्होंने शिक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में क्रान्तिकारी सुधार किये। अपने मंत्री वी.पी. सिंह की महत्वाकांक्षा के कारण राजीव को दूसरे कार्यकाल का अवसर नहीं मिला। लिट्टे ने उनकी हत्या कर दी। राजीव गांधी का सपना था एक युवा और विकसित भारत जो आज हकीकत बन गई है। राजीव गांधी को समय कम मिला।
फिर सत्ता-परिवर्तन का एक ऐसा दौर चला जब देश पीछे रह गया और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं हावी हो गई। कांग्रेस से टूट कर गये, मोरार जी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, एच.डी.देवगौडा, आइ.के.गुजराल और चन्द्रशेखर जैसे लोग प्रधान मंत्री बने। इनके पास देश के लिए कोई दूर दृप्टि नहीं थी, ये अल्प कालीन प्रधान मंत्री देश को कोई दिशा नहीं दे सके। इनके कार्यकाल व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ गये। अटल बिहारी वाजपेई ने जरुर दूसरा परमाणु विस्फोट कर देश का नाम रोशन किया।
आगे चलकर पी.वी.नरसिंहाराव देश के प्रधान मंत्री बने और देश में खुली अर्थव्यवस्था की हवा चली। देश एक नई दिशा की और चल पड़ा। मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों के कारण देश के व्यापार, उद्योग व कृषिजगत में नये परिवर्तन हुए। डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने तेजी से सुधारो को लागू किया। इस सरकार ने पंचायती राज, ग्रामीण विकास के क्षैत्र में नये सुधार किये। शिक्षा का अधिकार दिया। महिलाओं के सशक्तिकरण के सफल प्रयास किये।
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मान्यवर
जवाब देंहटाएंनमस्कार
बहुत सुन्दर. अच्छा काम कर रहे हैं आप .
मेरे बधाई स्वीकारें
साभार
अवनीश सिंह चौहान
पूर्वाभास http://poorvabhas.blogspot.com/