ए क प्रसिद्ध शायर का कलाम है कि मौत का एक दिन मुअयनन है नींद क्यों रात भर नहीं आती। अब आलम ये हैं कि नींद भी नहीं आती और दिन रात मानव तना...
एक प्रसिद्ध शायर का कलाम है कि मौत का एक दिन मुअयनन है नींद क्यों रात भर नहीं आती। अब आलम ये हैं कि नींद भी नहीं आती और दिन रात मानव तनाव के शिकंजे में फंसा हुआ है। सुबह उठने पर प्रेशर बनने का तनाव, नहाने का तनाव, नाश्ते का तनाव, बस, टैक्सी पकड़ने का तनाव, दफ्तर समय पर पहुंचने का तनाव, बॉस की डांट खाने का तनाव। काम पूरा करने का तनाव। पत्रावली का तनाव। ठेकेदार का तनाव। कहां नही है जीवन में तनाव। घर पर पत्नी से झगड़े का तनाव। बच्चों की पढ़ाई का तनाव। स्कूल में प्रवेश का तनाव। पास हो गये तो नौकरी का तनाव। रोजगार मिल जाये तो ऊपर की कमाई का तनाव। मकान का तनाव। तनाव-तनाव- और बस तनाव।
सास के लिए बहू का तनाव, ससुर के लिए समधी का तनाव, देवर और देवरानी का तनाव। ननद का भौजाई से तनाव। गांव से शहर आने का तनाव और शहर से वापस गांव जाने का तनाव, मगर सब जी रहे हैं तनाव में। बिना तनाव की जिन्दगी की तलाश में आदमी बस तनाव ही तनाव झेल रहा है। रोटी का तनाव, मकान का तनाव, कपड़े का तनाव, सौन्दर्य प्रतियोगिता का तनाव, हारने का तनाव, जीतने का तनाव। तनाव तेरे कितने नाम। जहां जाओ तनाव। कहीं से आओ तो तनाव। किसी के यहां जाओ तो तनाव। सड़क पर तनाव, घर पर तनाव, कोर्ट, कचहरी, थाना पुलिस में तनाव। अस्पताल में तनावों का क्या कहना।
एक बार किसी डाक्टर, वैध, हकीम, प्राकृतिक चिकित्सक के चक्कर में पड़ कर तो देखिये। वो आपके मामूली जुकाम को कैंसर, एड्स या गंभीर हृदय रोग साबित करके आपके जीवन में ऐसा तनाव भर देगा कि बची हुई जिन्दगी केवल उस डॉक्टर की फीस का तनाव ही झेलते रह जायेंगे। कभी किसी खाकी वर्दी के चक्कर में पड़ जाइये, पूरे परिवार में नहीं मोहल्ले तक में तनाव व्याप्त हो जायेगा। कर्फ्यू या धारा एक सौ चंवालीस के तनाव का क्या कहना। इन दिनों प्रशासन का तनाव ऐसा हावी होता है कि आदमी-आदमी नहीं रहता। साम्प्रदायिक तनाव, जातिवाद का तनाव, मन्दिर का तनाव, मण्डल का तनाव, शेषन का तनाव, पूरी दुनिया में बस तनाव ही तनाव। एक तनाव से बचो तो शादी, रोजगार का तनाव। नौकरी मिल जाये तो छोकरी का तनाव। लड़की की शादी कर दो तो दान, दहेज और ससुराल वालों के तनाव, जो पीहर वालों को जीने तक नहीं देते। कोई करे तो क्या करे। जीये तो कैसे जीये। आधुनिक समाज का सबसे नायाब तोहफा है तनाव। सुबह उठने से रात सोने तक तनाव का एक नया खजाना खुल गया। धारावाहिकों का तनाव, अखिल भारतीय कार्यक्रमों का तनाव, समाचारों का तनाव, विज्ञापनों का तनाव, नंगेपन के तनाव, चुनावों के तनाव, मृत्यु, हत्या, बलात्कार, अपहरण के तनाव, तनाव न हुआ जिन्दगी हो गया। मरने का तनाव, जीने का तनाव, बच्चे हों तों तनाव न हों तो तनाव। तनाव एक परेशानी है। तनाव एक त्रासदी है, जिसे हम सभी को भुगतना पड़ रहा है। मानसिक तनाव, शारीरिक तनाव, आर्थिक तनाव, सामाजिक तनाव, मनोवैज्ञानिक तनाव वैज्ञानिक तनाव, हे भगवान इतने तनाव, और कितने तनाव।
लेखक के लिए लिखने का तनाव, बाद में छपवाने का तनाव, छप जाये तो प्रति प्राप्त करने का तनाव, पारिश्रमिक प्राप्त करने का तनाव। सम्पादक को खुश करने का तनाव। प्रकाशक को पटाने का तनाव। कृति को चर्चित करने का तनाव। गोष्ठी को सफल कराने का तनाव। टेंशन से आजकल कोई भी अछूता नहीं है। जो अपने आप को तनाव मुक्त समझता है, वह संसार का सबसे सुखी इंसान है, मगर आजकल सुखी इंसान मिलते कहां है। किशोर हो या युवा, बालक हो या वृद्ध सबके सब तनाव से मरे जा रहे हैं। बाहर निकलो तो आतंकवाद का तनाव, घर पर रहो तो घर वालों का तनाव। जिन्दगी में तनावों का एक मात्र इलाज मौत है, मगर सावधान यह क्षेत्र भी तनाव से मुक्त नहीं है मरने का तनाव, मर कर स्वर्ग जाने का तनाव। लेकिन तनाव को कौन जीत सकता है, अर्थात् कोई नहीं, केवल पशु ही तनाव मुक्त रह सकता है। मिलावट, पर्यावरण, कालाबाजारी, चोरी, अपहरण किस चीज का नहीं है तनाव।
राजनीतिक तनावों का तो कहना ही क्या ? कुर्सी गई तो तनाव, कुर्सी आई तो तनाव। दिल्ली में रहने का तनाव, दिल्ली छोड़ने का तनाव, आराम करने जाओ तो आराम करने का तनाव। काम करना चाहो तो नौकरशाही का तनाव। दलों का तनाव और दलदल में डूबते जाने का तनाव। हर जरूरी काम को इसलिए आगे के लिए छोड़ देते हैं कि यह तनाव दूर हो जाये तो करेंगे और तनाव है कि भूत की तरह पीछे लगा रहता है। यात्रा करने जायें तो घर से ही तनाव शुरू हो जाते हैं जो रेल्वे स्टेशन से लगाकर पूरी यात्रा तक पीछा नहीं छोड़ते है। घर बैठे रहे तो भी तनाव। पढ़ लिख जाने के अपने तनाव हैं। धनवान धन के तनाव से ग्रस्त हैं और बेचारा गरीब अपनी गरीबी का तनाव भोग रहा है। सोचा चलो तनाव पर घरवाली से बात की जाये, मगर घर वाली के तनावों का ताना बाना ऐसा कि ज्यों कि त्यों धर दीन्ही चदरिया। बस के कण्डक्टर से पूछा-भाई तनाव में क्यों रहते हो ? उसने छूटते ही जवाब दिया, बिना टिकट सफर करने वालों का तनाव सबसे ज्यादा है और ऊपर से चेंकिंग का तनाव।
एक अध्यापक से पूछा-भैया तुम्हारा जीवन तो बड़ा आदर्श और शान्त होगा ?
वह बिफर पड़े बोले-क्यों जलाते हो साहब ! छात्रों का तनाव और ऊपर से स्थानान्तरण का तनाव झेलो तो जानूं।
अन्त मैं सोचा एक गरीब आदमी से पूछूं उसे किस का तनाव है। उसका जवाब आया।
हजूर मैं तो रोटी के तनाव से ग्रस्त हूं। गरज यह है कि पूरी दुनिया तनाव ग्रस्त है। युद्ध का तनाव, प्रेम का तनाव, शांति का तनाव। बस तनाव․․․․․तनाव․․․․․और तनाव․․․․․․। है कोई इलाज किसी ओझा, फकीर, सन्यासी या आधुनिक भगवान के पास।
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यशवन्त कोठारी
86, लक्ष्मीनगर ब्रह्मपुरी बाहर
जयपुर302002 फोन 2670596
sundar,vyangy lekh
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय पोस्ट !
जवाब देंहटाएंपोला की बधाई .