घोर लड़ाई चल रही, शब्द-अर्थ में रोज। किसको चिन्ता देश की, खड़े सोचते भोज॥105॥ बदल रहा है नित्य ही, देश-वेश-परिवेश। रिश्ते दिल के बाँट...
घोर लड़ाई चल रही, शब्द-अर्थ में रोज।
किसको चिन्ता देश की, खड़े सोचते भोज॥105॥
बदल रहा है नित्य ही, देश-वेश-परिवेश।
रिश्ते दिल के बाँटता, घूम रहा दरवेश॥106॥
हमको अपने देश पर, रहा सदा ही गर्व!
हाय! द्रोह की अग्नि को, फूँक रहे हैं सर्व॥107॥
सीमा पर आतंक है, धन-जन हानि फिजूल!
देशभक्त अब देश में, बाँट रहे त्रिशूल॥108॥
इतनी चिन्ता देश की, लो सीमा का भार!
दुश्मन के आतंक को, कुचलो अब तो यार!!109॥
सीमा की चिन्ता नहीं, हुआ अधर्मी राज!
हिन्दू-मुस्लिम-एकता, सिसक रही है आज॥110॥
राम मरे, ईसा मरे, बुद्ध मरे रहमान!
धर्म-नाम कुछ भी रहे, मरता है इन्सान॥111॥
मन्दिर-मस्जिद कर रहे, झगड़े रोज अपार!
कहाँ राम-रहमान का, कहता शिष्टाचार॥112॥
मन्दिर या मस्जिद बने, कहाँ पड़ेगा फर्क़!
भैय्या! तुमने देश को, बना दिया है नर्क॥113॥
मन्दिर - मस्जिद - चर्च सब, शान्ति - एकता - धाम।
आज दे रहे देख लो! हिंसा का पैग़ाम॥114॥
मन्दिर या मस्जिद बने, गुरूद्वारा या चर्च!
मानव के कल्याण हित, मानव करता खर्च॥115॥
सारी जगती एक है, केवल मानव धर्म!
तुम मानव को बाँटने, रचते रोज कुकर्म॥116॥
जप-तप या पूजा करो, अथवा पढ़ो नमाज़!
धर्म कभी कहता नहीं- ‘विघटित करो समाज'॥117॥
पता नहीं किस धर्म की, तुम करते हो बात!
चीख-चीख सब कह रहे, ‘करो सभी से घात'॥118॥
द्वेष-धर्म के नाम पर, मिट जायेगी सृष्टि!
फिर किसके कल्याण हित, तुम बदलोगे दृष्टि॥119॥
तेरे अन्दर राम हैं, छुपे हुए रहमान!
खुद उनको पहचान ले, बन जाये प्रतिमान॥120॥
अपने हृदय का करो, तुम इतना विस्तार।
डूबे प्रणय - सिन्धु में, मानव सृष्टि अपार॥121॥
जाति-धर्म के नाम पर, बढ़ा रहे क्यों क्लेश?
शान्ति और सौहार्द्र को, निगल रहा है द्वेष॥122॥
यह हिन्दू, यह मुसलमां, यह ईसा, यह बुद्ध!
धर्मध्वजाधारी करें, बातें बड़ी विशुद्ध॥123॥
मस्जिद में मुल्ला करे, तोड़-फोड़ की बात।
राम-धाम में बैठकर, रचे पुजारी घात॥124॥
खून-खून सब एक हैं, एक रंग है कर्म।
गहन चिकित्सा कक्ष में, चढ़े बदलता धर्म॥125॥
यह हिन्दू का खून है, यह मुस्लिम का खून!
जब तनकी चक्की पड़े, बन जाता है चून॥126॥
बना नहीं है आज तक, कोई भी विज्ञान!
जो मानव की रक्त से, करे धर्म पहचान॥127॥
नहीं नीति-सिद्धान्त कुछ, झूठ बोलना धर्म।
इनको नहीं सराहिए, पल-पल करें कुकर्म॥128॥
जहाँ तृप्ति औ' त्याग है, प्यार और सहकार।
बन जाता है स्वर्ग वह, घर-आंगन-परिवार॥129॥
नहीं असंभव धरा पर, पाना कोई लक्ष्य।
प्यार-समर्पण-त्याग से, मिलती वस्तु अलक्ष्य॥130॥
अभी अधूरी साधना, छोड़ दिया विश्वास!
माँ तो ममता माँगती, जगत करे उपहास॥131॥
मन में दृढ़ विश्वास हो, त्याग-समर्पण-प्यार।
मिल जाता है एक दिन, मन चाहा उपहार॥132॥
छुपे हुए इस भूमि में, पुरखों के बलिदान!
जैतवार की भूमि यह, करती मौन बखान॥133॥
आपस में लड़कर हुए, क्यों जेलों में बन्द?
जाकर सीमा पर लड़ो, अरि के काटो फन्द॥134॥
बैर-द्वेष-घृणा सदा, यहाँ कराते जेल।
सखे! साथ परिवार के, रहे खेलते खेल॥135॥
वैर-द्वेष की जिन्दगी, छोड़ो! अब तो यार!
करो आज से ही शुरू, सभी परस्पर प्यार॥136॥
किस कारण से हो गयी, सोचो! भैया! जेल!
मिली मनोहर जिन्दगी, हुई व्यर्थ ही फेल॥137॥
जहाँ सत्य, इर्मान, श्रम, और साथ हो प्यार।
ऐसा धन व्यक्तित्व का, करता सदा निखार॥138॥
ऊँच-नीच का भेद तज, कर तू सबको प्रेम।
बाल न बाँका हो कभी, रहे सदा ही क्ष्ोम॥139॥
ममता के रिश्ते मिटें, करता कौन दुलार?
घर में भी सुनता नहीं, कोई मौन पुकार॥140॥
चलो चलें उस देश में, जहाँ बसें इन्सान।
पत्थर भी जिस देश में, कहलाते भगवान॥141॥
जहाँ पहुँचकर आदमी, बन जाता भगवान!
दुनिया में वह देश है, भारत बड़ा महान॥142॥
बात गयी, इज्जत गयी, लूट लिया है वेश।
बदल गया परिवेश जब, कहाँ बचा फिर देश॥143॥
बिकते कौआ-हंस हैं, यहाँ एक ही भाव!
भले-बुरे सब देखते, कोई खाय न ताव॥144॥
प्रेम-दया औ' त्याग का, भारत का इतिहास।
कहाँ गयी वह भावना, कैसे होय विकास॥145॥
तनक-मनक-सी बात पर, दिखा रहे हैं रोष!
नेताजी के बाप का, देश हुआ मदहोश॥146॥
नेह, त्याग, ममता हुए, आज यहाँ सब व्यर्थ!
अन्धायुग है स्वार्थ का, सबको किया अनर्थ॥147॥
रहते हैं जिस भवन में, औढ़ें जिसका नाम!
उसी भवन के नाम को, खूब किया बदनाम॥148॥
अपने हित को साधने, नियम बने चुपचाप!
देशभक्त ही देश को, आज खा रहे आप॥149॥
नहीं नियम औ' पात्रता, और न वैसी भक्ति!
चुगली-निन्दा-ईर्ष्या, आज बन गयीं शक्ति॥150॥
माली ही जब बाग का, बैठा आँखें मूँद!
पशु-पक्षी का दोष क्या, उन्हें न होती सूद॥151॥
जिस दिन तुमने था रखा, चोरों के सिर ताज।
छली गयी थी उसी क्षण, सखे! देश की लाज॥152॥
चोरों का क्या दोष है? उनका क्या आदर्श?
मिला कर्म है लूटना, करें सदा अपकर्ष॥153॥
मानवता से है नहीं, जिसे तनिक भी प्यार।
देश-जाति-परिवार पर, बन जाता वह भार॥154॥
देश-जाति परिवार सब, लगते भिन्न समाज।
जब तक मन में खोट है, पूजा और नमाज॥155॥
सत्य कभी करता नहीं, ऊँच-नीच का भेद।
पैदा करता झूठ ही, जाति-धर्म का भेद॥156॥
उच्च लक्ष्य रख सामने, करिये ऐसे काम।
याद करे संसार सब, रहे युगों तक नाम॥157॥
मन में दृढ़ संकल्प हो, सत्य-कर्म-सहवास।
मिले सफलता त्याग से, रख धीरज-विश्वास॥158॥
समय और श्रम का सखे! जो न करे सम्मान।
असफलता उनको मिले, निन्दा औ' अपमान॥159॥
सतत् परिश्रमहीनता, पैदा करे विवाद।
असफलता के मूल में, आलस औ' प्रमाद॥160॥
पर-दोषों को देख मत, ले प्रेरक गुण सीख!
बन्धु! बना व्यक्तित्व को, ज्यों गाँवों की लीक॥161॥
रखो नियंत्रण रोष पर, अपना दोष विचार।
वाणी औ' व्यवहार ही, पैदा करें विकार॥162॥
मात-पिता-गुरू-देवता, हैं ऐसे दिनमान।
इनके ही आशीष से, सखे! होय कल्यान॥163॥
प्रेम सुखद अनुभूति है, यह अद्भुत अनुबंध।
काल-चक्र के तोड़ता, पल भर में प्रतिबन्ध॥164॥
मिल-जुल कर रहना सखे! करना कर्म-विकास।
पा जाओगे एक दिन, जीवन में प्रकाश॥165॥
कम खाना-कम बोलना, सुनें अधिक विद्वान।
हो विद्वानों की सभा, बोलें अमित प्रमान॥166॥
गप्पें मत हाँका करो, बोलो सदा सटीक।
सत-चिन्तन रखता सखे! मन वाणी को ठीक॥167॥
सदा सत्य साहित्य का, अध्ययन आता काम।
बन जाता है आदमी तन-मन से निष्काम॥168॥
मिटा नहीं है आज तक, सखे! सनातन धर्म।
यही देश की अस्मिता, यही हमारा कर्म॥169॥
भारत की पहचान है, सखे! सनातन धर्म।
यह युग-युग की सभ्यता, पूर्वजों का मर्म॥170॥
दीप जलाओ प्यार का, अन्धकार भग जाय।
मानवता की हंसिनी, फूले नहीं समाय॥171॥
समय प्रतीक्षा का नहीं, तुमने किया बवाल!
दीप जलाओ बन्धुवर! साथी करें सवाल॥172॥
अन्धकार जब दूर हो, मानवता हरषाय।
पापी-मन बंजर पड़ा, हरियाली छा जाय॥173॥
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डॉ.महेश ‘दिवाकर' - एक परिचय
नाम : डॉ0 महेश चन्द्र साहित्यिक नाम : ‘दिवाकर'
जन्म तिथि : 25.1.1952
जन्म स्थान : ग्राम- महलकपुर माॅफी, देहली-राष्ट्रीय राजमार्ग,
पो0 पाकबड़ा (मुरादाबाद) उ0प्र0, भारत
पिता का नाम : स्व0 कृपाल सिंह पंवार
माता का नाम : श्रीमती विद्या देवी पंवार
पत्नी का नाम : डॉ0 चन्द्रा पंवार, पी-एच0डी0 (हिन्दी)
शिक्षा : पी-एच.डी., डी.लिट.(हिन्दी), पी.जी. डिप्लोमा इन जर्नलिज्म
सम्प्रति : अध्यक्ष, रीडर एवं शोध निदेशक,
पत्रकारिता, उच्च हिन्दी अध्ययन एवं शोध विभाग
गुलाबसिंह हिन्दू (स्नातकोत्तर) महाविद्यालय, चाँदपुर-स्याऊ (बिजनौर) उ0प्र0, भारत
लेखन विधाएं : कविता, नयी कविता, गीत, मुक्तक, कहानी, निबन्ध, रेखाचित्र, संस्मरण, शोध, समीक्षा, सम्पादन,
पत्रकारिता, यात्रावृत्त, अनुवाद, साक्षात्कार।
प्रकाशित कृतियाँ :
(क) मौलिक कृतियाँ :
(अ) शोध ग्रंथ
1. हिन्दी नयी कहानी का समाजशास्त्रीय अध्ययन (पी-एच0डी0) -1990
2. बीसवीं शती की हिन्दी कहानी का समाज-मनोवैज्ञानिक अध्ययन (डी0लिट्0) -1992
3. हिन्दी गीति काव्य- 2010
(आ) समीक्षा-ग्रंथ
4. सर्वेश्वर का कवितालोक -1994
5. नवगीतकार डॉ0 ओमप्रकाश सिंह : संवेदना और शिल्प - 2010
(इ) साक्षात्कार संग्रह
6. भोगे हुए पल (बीस साक्षात्कारों का संग्रह)-2005
7. आपकी बात : आपके साथ (इक्कीस साक्षात्कारों का संग्रह)-2009
(इर्) नयी कविता संग्रह
8. अन्याय के विरूद्ध -1997
9. काल भेद -1998
(उ) गीत संग्रह
10. भावना का मन्दिर -1998
11. आस्था के फूल -1999
(ऊ) मुक्तक-गीति संग्रह
12. पथ की अनुभूतियाँ -1997
13. विविधा -2003
14. युवको! सोचो! -2003
15. सूत्रधार है मौन! -2007
16. रंग-रंग के दृश्य -2009
(ओ) खण्ड काव्य
17. वीरबाला कुँवर अजबदे पंवार -1997
18. महासाध्वी अपाला -1998
19. रानी चेनम्मा -2010
(औ) यात्रा-वृत्त
20. सौन्दर्य के देश में - 2009
(ख) सहलेखन कृतियाँ :
1. डॉ0 परमेश्वर गोयल की साहित्य साधना- 2005
2. बाबू बाल मुकुन्द गुप्त : जीवन और साहित्य- 2007
(ग) सम्पादित अभिनन्दन ग्रंथ :
1. बाबू सिंह चौहान : अभिनंदन ग्रंथ ('98)
2. प्रो0 विश्वनाथ शुक्लः एक शिव संकल्प(अभिनंदन ग्रंथ) (2002)
3. गंधर्व सिंह तोमर ‘चाचा' : अभिनन्दन ग्रंथ (2000)
4. प्रो0 रामप्रकाश गोयल : अभिनन्दन ग्रंथ (2001)
5. बाबू लक्ष्मण प्रसाद अग्रवाल : अभिनंदन ग्रंथ (2007)
6. महाकवि अनुराग गौतम : अभिनन्दन ग्रन्थ
7. प्रो0 हरमहेन्द्र सिंह बेदी : अभिनंदन ग्रंथ ('09)
8. प्रवासी साहित्यकार सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक' अभिनन्दन ग्रंथ ('09)
(घ) सम्पादित स्मृति ग्रंथ :
1. स्व0 डॉ0 रामकुमार वर्मा : स्मृति ग्रंथ ('01)
2. स्व0 कैलाशचन्द्र अग्रवाल : जीवन और काव्य-सृष्टि ('91)
(ङ) सम्पादित कोश :
1. रूहेलखण्ड के स्वातंत्रयोत्तर प्रमुख साहित्यकार : संदर्भ कोश ('99)
2. भारत की हिन्दी सेवी प्रमुख संस्थाएँ : संदर्भ कोश (2000)
3. दोहा संदर्भ कोश (2007)
4. गीति-काव्य संदर्भ कोश (यंत्रस्थ)
(च) सम्पादित काव्य संकलन :
1. यादों के आर-पार ('88)
2. प्रणय गंधा ('90)
3. प्रेरणा के दीप ('92)
4. अतीत की परछाइयाँ (कहानी संकलन)('93)
5. नेह के सरसिज ('94)
6. काव्यधारा ('95)
7. वंदेमातरम् (देशभक्ति की गीति रचनाएँ)('98)
8. नइर् शती के नाम ('01)
9. हे मातृभूमि भारत! (देशभक्ति की गीति रचनाएँ)('01)
10. आखर-आखर गंध ('02)
11. क्या कह कर पुकारूँ? (भक्ति एवं आध्यात्मिक गीति रचनाएँ)('03)
12. बाल-सुमनों के नाम ('96)
13. समय की शिला पर (दोहा संकलन)('97)
14. आजू-राजू ('98)
15. नन्हें-मुन्नें ('98)
16. मुरादाबाद जनपद के स्वातंत्रयोत्तर प्रतिनिधि रचनाकार (2010)
(छ) सम्पादित काव्य संकलन (विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में समाहित) :
1. विद्यापति वाग्विलास ('83) (एम0ए0 प्रथम वर्ष हिन्दी के लिए)
2. विद्यापति सुधा ('85) (एम0ए0 प्रथम वर्ष हिन्दी के लिए)
3. एकांकी संकलन ('90) (बी0ए0 द्वितीय वर्ष हिन्दी के लिए)
(ज) सम्पादित काव्य संकलन (साहित्यकार विश्ोष)
1. नूतन दोहावली ('94)
2. ओरे साथी! ('06)
(झ) सम्पादित विशिष्ट ग्रंथ
1. तुलसी वांगमय ('89)
2. अभिव्यक्ति : समाज और वाङ्गमय ('02)
3. हिन्दी पत्रकारिता : स्वरूप, आयाम और सम्भावना ('06)
4. पर्यावरण और वांगमय ('07)
सम्मान/पुरस्कार :
1. साहित्य लोक, प्रतापगढ़, द्वारा ‘साहित्य श्री' (94)
2. शिक्षा, साहित्य एवं कला विकास समिति, बहराइच द्वारा ‘शिक्षाश्री' (95)
3. काव्य लोक, जमशेदपुर द्वारा ‘विद्यालंकार' (97)
4. शिव संकल्प साहित्य परिषद नर्मदापुरम, होशंगाबाद (म0प्र0) द्वारा ‘काव्यश्री' (सं0 2055)
5. संस्कृति, साहित्यिक संस्था, मुरैना (म0प्र0) द्वारा ‘संस्कृति-सम्मान-97'
6. साहित्यकार परिषद, मुरादाबाद द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान-99'।
7. विवेक गोयल स्मृति साहित्य पुरस्कार- 1999 (बरेली)।
8. महावीर सेवा संस्थान, प्रतापगढ़ द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि- 99'।
9. आ0 श्री चन्द्रकविता महाविद्यालय एवं शोध संस्थान, हैदराबाद द्वारा ‘कवि कोकिल सम्मानोपधि-99'
10. श्री साइर्ंदास बालूजा साहित्य कला अकादमी, नयी दिल्ली द्वारा प्रशस्ति-पत्र-सम्मान-2000
11. साहित्य लोक, नाँगल (बिजनौर) द्वारा साहित्य साधना सम्मान-2000
12. दिल्ली साहित्य समाज द्वारा ‘साहित्य गौरव- 2001'
13. साहित्य साधना परिषद, मैनपुरी द्वारा ‘कैलाशोदेवी स्मृति साहित्य सम्मान- 2001'
14. संस्कार भारती उ0प्र0, हापुड़ द्वारा ‘स्वर्गीय महेशचन्द्र गुप्त प्रथम स्मृति साहित्य सम्मान- 2001'
15. भारतीय साहित्य परिषद, मुरादाबाद शाखा द्वारा ‘साहित्यकार सम्मान- 2001' महामहिम राज्यपाल, उ0प्र0 प्रो0 विष्णुकान्त शास्त्री के कर-कमलों द्वारा मुरादाबाद में प्रदत्त।
16. प्रकाश समाज सेवा-समिति, उ0प्र0 लखनऊ द्वारा ‘रूहेलखण्ड साहित्यकार सम्मान- 2001' माननीय श्री केशरीनाथ त्रिपाठी, विधानसभा अध्यक्ष, उ0प्र0 के कर-कमलों द्वारा बरेली में प्रदत्त।
17. साहित्य प्रोत्साहन हिन्दी सेवी संस्था, लखनऊ ‘स्व भगवतीचरण वर्मा- स्मृति-सम्मान-2002'
18. बैसवारा हिन्दी शोध संस्थान, रायबरेली द्वारा ‘स्व0 शिवमंगल सिंह ‘सुमन' स्मृति साहित्य-सम्मान-2003'
19. महाकौशल संस्कृति व साहित्य परिषद, मध्यप्रदेश द्वारा स्व0 पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति ‘साहित्य शिरोमणी सम्मान-2004'
20. तुलसी पीठ, जबलपुर द्वारा स्व0 सुनृत कुमार वाजपेयी स्मृति स्वरूप ‘तुलसी सम्मान- 2004'
21. कादम्बरी, जबलपुर द्वारा ‘रामेन्द्र तिवारी स्मृति सम्मान - 2004'
22. मानव भारती, हिसार द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान- 2006'
23. लायनेस क्लब, मुरादाबाद द्वारा हिन्दी दिवस पर ‘शिक्षक एवं साहित्यकार सम्मान- 2007'
24. परमार्थ साहित्यिक संस्था, मुरादाबाद द्वारा ‘शकुन्तला प्रकाश गुप्ता स्मृति साहित्य सम्मान-2008'
25. अहिन्दी हिन्दी भाषी लेखक संघ, दिल्ली द्वारा ‘विशिष्ट सम्मान-2008'
26. भारतीय-नार्वेजीय अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक फोरम (नार्वे) द्वारा ‘विशिष्ट साहित्य सम्मान-2008'
27. हिन्दी साहित्य एवं कला परिषद्, अमृतसर (पंजाब) द्वारा ‘विशिष्ट सम्मान-2009'
28. राष्ट्रीय हिन्दी परिषद, मेरठ द्वारा ‘हिन्दी रत्न सम्मान-2009'
29. अखिल भा0राष्ट्र भाषा विकास संगठन, गाजियाबाद द्वारा ‘वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान-2009'
अन्य साहित्यिक उपलब्धियाँ :
v संस्थापक अध्यक्ष : अखिल भारतीय साहित्य कला मंच
v पूर्व संयुक्त सचिव - हिन्दुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद (राज्यपाल उ0प्र0 द्वारा नामित)(13 दिसम्बर, 2001 से 13 दिसम्बर, 2004)
v तीन दर्जन से अधिक शोध छात्रों को पी-एच0डी0 उपाधि निर्देशन।
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' : सृजन के विविध आयाम (400 पृष्ठ) - 1995
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' : सृजन के बीच (200 पृष्ठ) - 1999
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' : समीक्षा के निकस पर (600 पृष्ठ) - 2010
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' : व्यक्ति और रचनाकार शीर्षक पर लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से एम0 फिल0 लघु शोध प्रबंध- 2003
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' का जीवन व साहित्य शीर्षक पर कुरूक्ष्ोत्र विश्वविद्यालय से एम0फिल0 लघु शोध प्रबंध- 2003
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' की प्रकाशित कृतियों का समीक्षात्मक अध्ययन शीर्षक पर एम0 जे0 पी0 रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली से एम0ए0 लघु प्रबंध।
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' के काव्य में राष्ट्रीय चेतना शीर्षक पर एम0 जे0 पी0 रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली से एम0 ए0 लघु शोध प्रबंध
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' के काव्य में विविध स्वर शीर्षक पर एम0 जे0 पी0 रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली से एम0 ए0 लघु शोध प्रबंध
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' : संवेदना व शिल्प शीर्षक पर एम0 जे0 पी0 रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली से एम0 ए0 लघु शोध प्रबंध
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' : की साहित्य साधना शीर्षक पर कामराज मदुरै विश्वविद्यालय से एम0फिल0 - 2007
v डॉ.महेश ‘दिवाकर' का साहित्य : संवेदना और शिल्प शीर्षक पर रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में पी-एच0डी0 हेतु शोध कार्य सम्पन्न।
v मुरादाबाद जनपद के साहित्यकारों के सन्दर्भ में डॉ0 महेश ‘दिवाकर' के साहित्य का अध्ययन शीर्षक पर रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में पी-एच0डी0 हेतु शोध कार्य सम्पन्न।
v वीरबाला कुँवर अजबदे पंवार (खण्डकाव्य) पर गुरूनानकदेव विश्वविद्यालय, अमृतसर (पंजाब) से एम0फिल-2008
v अकाशवाणी से समय -समय पर अनेक रचनाएँ प्रसारित।
v राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में आयोजित अनेकशः संगोष्ठियों और सेमिनारों में विविध विषयों पर व्याखान।
v देश-विदेश की अनेकशः पत्र-पत्रिकाओं और काव्य संकलनों में समय-2 पर विविध विधाशः रचनाएँ प्रकाशित।
v नार्वे और स्वीडन की सांस्कृतिक एवं साहित्यिक यात्रा- 5 दिसम्बर 2008 से 16 दिसम्बर 2008 तक।
सम्पर्क :
डॉ.महेश ‘दिवाकर', डी0लिट्0
‘सरस्वती भवन',
(डॉ.महेश ‘दिवाकर')
मिलन विहार, दिल्ली रोड,
मुरादाबाद (उ0प्र0) पिन - 244001
मोबाइल : 9927383777ए 9837263411ए 9319696216ए 9837689554
E-mail: maheshdiwakar@yahoo.com
mcdiwakar@gmail.com
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