पांच लघुकथायें 1-स्वाद बूढे जमींदार पहला कौर मुंह में डालते आश्चर्य से बोले वाह आज क्या स्वाद है ? बूढी जमींदारन- आज स्वाद की क्या ...
पांच लघुकथायें
1-स्वाद
बूढे जमींदार पहला कौर मुंह में डालते आश्चर्य से बोले वाह आज क्या स्वाद है ?
बूढी जमींदारन- आज स्वाद की क्या बात है । रोज का अनाज घी, तेल और मसाला है आज कुछ नया तो नहीं । वही बहुयें खाना बनायी है ।
जमींदार-कुंवर की मां आज कुछ नुस्खा नया तो है ।
जमींदारन-कुछ भी नया नहीं है ।
जमींदार-अन्न- देवता के सामने झूठ मत बोलना ।
जमींदारन-सच बता दूं ।
जमींदार- बता तो दो ।
जमींदारन-भूसा ढोने का काम तनिक देर के लिये बन्द। करवाकर दिव्या से मसाला सिल-बट्टे से पीसवायी हूं । दाल सब्जी उसी ने बनाया है ।
जमींदार-क्यों ? दलित कन्या .....
जमींदारन-तनिक भी झूठ नहीं है ।
जमींदार-बाप रे ...
जमींदारन-गलती हो गयी । माफ कर दो ...
जमींदार-इतना हुनर,तभी तो शोषितों के हाथ लगते ही मांटी भी सोना उगलने लगती है । भला ये कैसे गलती हो सकती है .. ?
2-वर्दीवाला भिखारी
ट्रैफिकजवान आटो रिक्शा को बेंत से ठोंकते हुए बोला निकल दस का नोट और बढ आगे ।
चालक-अभी बोहनी नही हुई ।
जवान सुबह से दस ट्रेन आ चुकी और तुम्हारी बोहनी नहीं हुई ।
चालक-नहीं ।
जवान -अभी आगे बढ । आकर दे देना ।
चालक-एक दिन तो बख्श देते ।
आटो कुछ दूर बढा तो आटो में बैठे पहली बार शहर आये दादाजी पौत्री से बोले बीटिया शहर में भिखारी वर्दी में भीख मांगते है क्या ?
पौत्री-नहीं दादाजी कैसी बात करते हो ।
इतने में चालक बोला वर्दीवाला भिखारी नहीं लुटेरा है ।
दादाजी-अच्छा् समझा भिखारी नहीं घूसखोर है।
चालक-काश घूसखोरी के वायरसों का सफाया हो जाता तो अपना देश फिर से सोने की चिड़िया बन जाता।
3- बैड डे
कैसी बीती छुट्टी ?
बढिया । आप बताइए क्या कुछ नया हुआ दफतर में?
कुछ नही तुम उधर छुट्टी पर गये इधर बॉस ने कम्पंनी डे मनवा दिया । बहुत मजा आया । सभी सपरिवार शामिल हुए ।
क्या। ?
चौंक क्यों रहे हो ?
मैं छुट्टी पर था । मेरा परिवार तो नहीं ।
फोन नहीं लगा ।
आफिस कार है ,ड्राइवर है, अटेण्डेन्ट है। किसी को भेजकर मेरे परिवार को खबर तो दी जा सकती थी।
तुम जैसे छोटे लोगों की योग्यताओं, हितों और हकों की तो यहां चिता जलती है क्योंकि तुमको मालूम नहीं?
हां पिछले कुछ सालों से तो कम्पनी डे मेरे और मेरे परिवार के लिये बैड डे बन गया है ।
4- यात्री
कण्डक्टर साहब आपके समर्पण भाव को सलाम ।
कैसा समर्पण श्रीमान् ?
मानवता और कर्तव्यनिष्ठा के प्रति ।
इस लायक कब हो गया ?
मानवतावादी और कर्तव्यनिष्ठक महापुरूष सबको नहीं दिखाई पड़ते ।
आपको कैसे दिख गया ?
यात्री बूढी मां का टिकट आपने जो खरीदा ?
तनिक सी मदद और इतना उंचा स्थान ?
कर्तव्य पालन के साथ मानव सेवा आदमी का दर्जा बढा देती है कण्डक्टर साहब।
सड़क पर भागते-भागते बेसहारा और गरीब लोगों का दर्द महसूस करने की मदद की आदत हो गयी है
कण्डक्टर साहब अपना नाम बतायेगें?
राजेशकुमार ।
नमन करता हूं आपको और आपकी आदत को भी। ये आदत नर से नारायण बना देगी ।
आप कौन है ?
एक यात्री ।
5- आस्था
साहब पुष्प-गुच्छ स्वीकार कीजिये ।
किस खुशी में रोहन ?
आपके जन्म दिन की खुशी में।
बेटा शुभकामना शब्द बोल देता, तुम्हारे अर्न्तमन की शुभकामना मुझे मिल जाती । पैसा खर्चा करने की क्या जरूरत थी ? दैनिकवेतनभोगी हो । तंगी से गुजर रहे हो ।
जानता हूं गरीब हूं पर आस्था से नहीं। स्वीकार कीजिये साहब।
तुम्हारी आस्थाओं के सामने नतमस्तक हूं रोहन।
साहब ये पुष्पगुच्छ स्वीकार कीजिये ।
मुझमें अस्वीकार करने का सामर्थ्य कहां । आ गले से लग जा रोहन ।
नन्दलाल भारती
परिचय
नन्द्लाल भारती
कवि, कहानीकार, उपन्यासकार
शिक्षा - एम.ए. । समाजशास्त्र । एल.एल.बी. । आनर्स ।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ह्यूमन रिर्सोस डेवलपमेण्ट (PGDHRD)
जन्म स्थान- ग्राम-चौकी ।खैरा।पो.नरसिंहपुर जिला-आजमगढ ।उ.प्र।
जन्म तिथि- 01.01.1963
प्रकाशित पुस्तकें
ईपुस्तकें............
उपन्यास-अमानत,एवं अन्य0 प्रतिनिधि पुस्तकें।
उपन्यास- तीन कहानी संग्रह-2 लघुकथा संग्रह-2 काव्यहसंग्रह-3
आलेख संग्रह-1
सम्मान विश्व भारती प्रज्ञा सम्मान, भोपल, म.प्र.,
विश्व हिन्दी साहित्यं अलंकरण,इलाहाबाद।उ.प्र.।
लेखक मित्र ।मानद उपाधि।देहरादून।उत्तराखण्ड।
भारती पुष्प। मानद उपाधि।इलाहाबाद,
भाषा रत्न्, पानीपत ।
डां.अम्बेडकर फेलोशिप सम्माउन,दिल्लीा,
काव्य साधना,भुसावल, महाराष्ट्र।
ज्योयतिबा फुले शिक्षाविद्, इंदौर ।म.प्र.।
डां.बाबा साहेब अम्बेडकर विशेष समाज सेवा, इंदौर
विद्यावाचस्पति,परियावां।उ.प्र.।
कलम कलाधर मानद उपाधि ,उदयपुर ।राज.।
साहित्यकला रत्न् ।मानद उपाधि। कुशीनगर ।उ.प्र.।
साहित्य प्रतिभा, इंदौर।म.प्र.।
सूफी सन्त महाकवि जायसी, रायबरेली ।उ.प्र.।एवं अन्य
आकाशवाणी से काव्य पाठ का प्रसारण ।कहानी, लघु कहानी,कविता और आलेखों का देश के समाचार पत्रों/पत्रिकओंमें एवं www.swargvibha.tk,www.swatantraawaz.com
rachanakar.com / hindi.chakradeo.net www.srijangatha.com,esnips.con, sahityakunj.net,chitthajagat.in,hindi-blog-podcast.blogspot.com, technorati.jp/blogspot.com, sf.blogspot.com, archive.org ,ourcity.yahoo.in/varanasi/hindi, ourcity.yahoo.in/raipur/hindi, apnaguide.com/hindi/index,bbchindi.com, hotbot.com, ourcity.yahoo.co.in/dehradun/hindi, inourcity.yaho.com/Bhopal/hindi,laghukatha.com एवं अन्य ई-पत्र पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशन ।
आजीवन सदस्य
इण्डियन सोसायटी आफ आथर्स ।इंसा। नई दिल्ली,
साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी,परियांवा।प्रतापगढ।उ.प्र.।
हिन्दी परिवार,इंदौर ।मध्य प्रदेश।
आशा मेमोरियल मित्रलोक पब्लिक पुस्तकालय,देहरादून ।उत्तराखण्ड।
साहित्य जनमंच,गाजियाबाद।उ.प्र.। एवं अन्य
मध्य प्रदेश लेखक संघ,म.प्र.भोपाल
अखिल भारतीय साहित्य परिषद न्यास, ग्वालियर ।म.प्र.।
स्थायी पता - आजाद दीप, 15-एम-वीणा नगर ,इंदौर ।म.प्र.।
दूरभाष-0731-4057553
Email- nlbharatiauthor@gmail.com
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-जनप्रवाह।साप्ताहिक।ग्वाiलियर द्वारा नारी प्रधान उपन्यास-चांदी की हंसुली का धारावाहिक प्रकाशन-
gahre bhaav.
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