अनुज खरे का व्यंग्य : ये है ज्योतिषी बनने का “गुप्तज्ञान”

SHARE:

  ये है ज्योतिषी बनने का ‘गुप्तज्ञान ’ -- अनुज खरे आप मेरे बारे में नहीं जानते भाई साहब, मैं ज्योतिषी, न्यूमेरोलॉजी, सामुद्रिक शास्त्र...

 

ये है ज्योतिषी बनने का ‘गुप्तज्ञान ’

-- अनुज खरे

आप मेरे बारे में नहीं जानते भाई साहब, मैं ज्योतिषी, न्यूमेरोलॉजी, सामुद्रिक शास्त्र, वास्तुशास्त्र आदि में भंयकर रूप से दखल रखता हूं। दखल ही क्या, मैं तो पूरा का पूरा इनके अंदर ही दाखिल हूं। इस क्षेत्र में मेरी ख्याति चारों और फैलाने में मेरे शिष्य कम रियूमर रिप्रेजेंटेटिव, माउथ पबि्लसिटी डिस्ट्रीब्यूटर जैसे ‘स्नेहीजनों’ का भी गहन हाथ है। मेरे प्रिडिक्शन इतने नपे-तुले, वैज्ञानिक एप्रोच से भरे होते हैं कि उनके गलत होने के बारे में मैंने कभी सुना ही नहीं, क्योंकि विरोधियों की बात पर मैं ध्यान देता ही नहीं और गलत कहने वालों की आवाज पर कान ही नहीं धरता। नपे-तुले का तो यूं मामला है कि हर व्यक्त के लिए ये उसी की इच्छा के अनुरूप नपे-तुले हैं, वैज्ञानिक एप्रोच की जहां तक बात है तो हर आदमी को वैज्ञानिक रूप से सही लगेंगे ही क्योंकि चाहे जब परख लो, बस मतलब सही निकालते आना चाहिए। हालांकि यहां ‘वैज्ञानिकता’ क्या है? इस बारे में मुझसे डायरेक्ट न पूछा जाना चाहिए, क्योंकि विज्ञान में तो मेरा बचपन से ही हाथ तंग है, मूलतः मैं तो कलाकार किस्म का आर्ट्स को समर्पित छात्र रहा हूं। जिसकी इस विषय में सारी ‘कला’ नकल के चुटकों के निर्माण के समय सर्वोच्च शिखर पर दिखाई देती रही है। उस क्षेत्र में मेरे मुकाबले का ‘कलाकार’ पूरे जिले के किसी स्कूल में पाया ही नहीं जाता था। यह बात मैं इतने विश्वास से इसलिए भी कह पा रहा हूं, क्योंकि परीक्षाओं के समय दूर-दूर के स्कूलों के ‘वरिष्ठ’ छात्र तक इस कला की बारीकियां सीखने के लिए मुझसे निरंतर संपर्करत रहा करते थे।

कई बार तो परोपकार की इच्छा के वशीभूत ‘‘कला’’ के स्वांतः सुखाय प्रयोग के स्थान पर उनके लिए महीन अक्षर के प्रयोग द्वारा कैलीग्राफी कला को महान ऊंचाइयां भी देता रहा हूं। होस्टलों आदि तक में अपनी कला के विशेष प्रदर्शनों के आयोजन में परफॉर्मेंस देने के लिए आमंत्रित किया जाता था। आपको भी लगा रहा होगा कि कहां ज्योतिष चर्चा के बीच नकल-चुटके आदि की बातें ले बैठा। भाई साहब, बात कुछ ऐसी है कि दोनों ही क्षेत्र के बीच नितांत गहन अंतर्निहित संबंध है। हालांकि है तो ये बेहद गोपनीय व्यावसायिक तथ्य लेकिन चूंकि आप तो अपने हैं और आपकी क्षमताओं पर भी मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इस कला में मेरे जितनी ऊंचाइयां तो हरगिज नहीं पा सकते हैं, इस कारण अब आपसे क्या छुपाना। दरअसल यही वह देसी भट्ठीनुमा जगह है जहां एक सच्चे ज्योतिषी का निर्माण होता है। ‘कन्फ्यूज’ मत होइए असल में ज्योतिष जैसे क्षेत्र की मूल शुरुआत यहां से ऐसे ही होती है। क्योंकि दोनों ही क्षेत्र अनुमान और वैज्ञानिक अनुमान आधारित हैं। अनुमान या अनुमान की वैज्ञानिकता इस संदर्भ में की दोनों में गहन अंतर्दृष्टि की जरूरत होती है।

ज्योतिष में जहां भूत का अनुमान लगाना होता है। वर्तमान पर नजर रखनी होती है। भविष्य की जानकारी देनी पड़ती है। जिसके लिए हस्तरेखा, कुंडली, ग्रह-नक्षत्र, जन्मांक जैसी सपोर्टिव बातों की मदद ली जाती है। इसी तरह नकल के चुटकों का विज्ञान है ‘माइन्यूट विजन’ के माध्यम से अतीत का अध्ययन, वर्तमान की प्रणाली की विवेचना के उपरांत भविष्य के ‘प्रश्नों’ का अनुमान लगाने का श्रमसाध्य काम करना होता है। सपोर्टिव बातों में यहां विगत के प्रश्न, मास्टर की आकृति-मुखाकृति-प्रवृत्ति का अद्यतन विवेचन, तत्पश्चात भविष्य के आगत की प्रिडिक्शन करना होता है। इसके पश्चात इस कल्पना को कागज पर ‘महीन रूप में’ आंखेंफोडू ढंग से साकार करना होता है। जिसमें परीक्षा हाल में पकड़े जाने का रिस्क भी इन्वॉल्व रहता है। यही तो ज्योतिष में होता है, प्रिडिक्शन के फेल होने का खतरा भी उठाना पड़ता है। तो इस तरह दोनों ही फील्डों में रिस्क है। लेकिन भाई साहब रिस्क उठाकर ही तो कामयाबी मिलती है। सच है ना... तो मैं कह रहा था कि कला का निरंतर अभ्यास ही कालांतर में इस क्षेत्र में आपको सिद्धहस्त बना देता है, जो आगे चलकर ज्योतिष के किसी भी क्षेत्र में उतरने की आधारशिला का काम करता है। तो ऐसा ही मेरे साथ हुआ ‘कला’ के विभिन्न ‘बोध’ से गुजरता हुआ एक दिन में यहां आ पंहुचा।

कहां...?

वहीं, जिसका जिक्र मैंने शुरू में किया था। लगता है आप मेरी विद्वता के कायल नहीं हो पा रहे हैं। एक-दो पीस बताऊं, पढ लीजिए और मेरी काबिलीयत से भयाक्रांत हो जाइए।

आज आपका राशिफल क्या कहता है, दिन कैसा रहेगा, इसका एक सैंपल देखे लें।

मकर राशि : जातक को आज सुखद अहसास रहेगा, दिल प्रफुल्लित रहेगा, जब तक कि ऑफिस में कोई काम नहीं थमा दिया जाता या बॉस डांटता नहीं है। आज आफ सितारे बुलंद हैं, किसी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत की जा सकती है। बस अज्ञात शत्रुओं से खतरा रहेगा, वे आफ किसी महत्वपूर्ण काम में टांग अड़ा सकते हैं, बेहतर होगा कि आज महत्वपूर्ण काम की शुरुआत के अंतर्गत इन्हीं अज्ञात शत्रुओं के खिलाफ मोर्चा खोलें। अपने दिन की शुरुआत सारे नजदीकियों में से इन्हीं अज्ञात शत्रुओं को खोजने, उनकी लिस्ट बनाने से करें। रोमांस आदि के मामले में आज का दिन अत्यंत शुभ है, आउटिंग-डेटिंग भी शुरू किया जा सकता है। वाहन चलाने में दुर्घटना योग है, आर्थिक क्षति की संभावना है, नारी पक्ष के निकट संबंधियों यथा पिता, भाई आदि के ग्रहयोग भी प्रबल हैं। नया व्यापार-व्यवसाय किसी भी तरह नए कांट्रेक्ट आदि में क्षति की संभावना है। गर्लफ्रैंड को प्रपोज, शादी की बात चलाई जा सकती है। ले-देकर घर से बाहर निकलने में सावधानी बरतें, वहीं घर के भीतर पत्नी से मामूली बात पर विवाद की आशंका है, इस कारण अत्यंत सावधानी बरतें। ऑफिस से शुभ सूचना मिल सकती है, पत्नी के निकट संबंधियों के आने से सुखद प्रवास का भी योग है। कुल मिलाकर आपका आज का दिन मिलीजुली सफलता वाला मिश्रित फलदायक होगा...।

‘पागल हो गए क्या’?

‘आवाज नहीं आ रही है।’

‘अच्छा गिर गए थे।’उठने में टाइम लग रहा है।’, लगाइए-लगाइए टाइम।’

‘अरे यार, पानी पीलो, कुर्सी पर बैठ जाओ। चक्कर आ रहे हैं क्या?’

‘क्या...?’

‘बेहतर महसूस कर रहे हो।’

‘तो अब प्रस्तुत है वास्तुशास्त्रीय सैंपल, लो झेलो!’

 

आवास निर्माण के संबंध में मेरी सलाहः आवास निर्माण के लिए भूखंड का चयन करते समय ध्यान रखे कि भूमि दलदली-रेतीली, समतल उच्च ढाल, निम्न उतार वाली हरगिज न हो। भूखंड भी कटा-फटा, समकोण, चतुभुर्ताकार-अष्टभुजाकार, वर्तुलाकार, त्रिकोणीय, बॉक्साकार आदि-आदि बिलकुल ही न हो। भूखंड के सामने किसी भी तरह की शीतोष्ण, उष्णकटिबंधीय, समशीतोष्ण, मरुस्थलीय, जलीय, स्थलीय, वनस्पति आदि न हो। घास आदि का भी अध्ययन कर लें, किसी विद्वान से जान लें, तत्पश्चात पीछे दी गई किसी कैटेगिरी में आती हो तो तत्काल प्रभाव से उसे भी खोदने में जुट जाएं। भूखंड के चयन के पश्चात मृदा के परीक्षण में जुट जाएं-काली मिट्टी-रेतीली मिट्टी-दोमट मिट्टी, भूरी मिट्टी-पीली मिट्टी युक्त कंकरीली मिट्टी आवास निर्माण के लिए योग्य स्थलों में नहीं गिनी जाती है। अतः आवास भूमि पर ऐसी मिट्टी मिले जो उसे छनवा दें।(नोटः बिन मांगे अतिरिक्त सलाह- मिट्टी फिंकवाए नहीं उसे मकान निर्माण की नींव में भरवा दें, मिट्टी भी महंगी हो गई है भई) भू-तल अर्थात ग्राउंड फ्लोर पर जरूरी कक्षों का ही निर्माण करवाएं। प्रथम तल पर या छत के कोने में खांसने-खकारने वाले वृद्व आत्मीयजनों के शयन कक्ष मय डस्टबिन का निर्माण करवाएं। कक्षों के निर्माण मे पैमाना, जेब में नोट, बैंक में बैलेंस, पीएफ से मिलने वाली राशी को बनाएं। इन्हें मार्ड्न टाइम में अति उत्तम एवं सटीक पैमाने माना जाता है। यूं तो वास्तुशास्त्र में वर्ण के अनुसार कक्षों के निर्माण का विधान पृथक-पृथक है किंतु आप अपनी पॉकेटानुसार कक्षों का निर्माण करा सकते हैं। विशेष रूप से अतिथि कक्ष के संबंध में ध्यान रखें कि इसे रातभर खांसने वाले आत्मीय जन के कक्ष के समीप ही रखें, ऐसा करने से धन के व्यर्थ अपव्यय को रोकने का कोण बनता है।

इसी तरह रसोई में सामान रखने की अलमारियों में गुप्त खंडों का निर्माण अवश्य कराएं ताकि काजू-किशमिश, दूध-घी जैसा तर माल नौकरानियों एवं घर के शत्रु पक्षों की पहुंच से सुरक्षित रखा जा सके, इससे स्वस्थ्य की बेहतरी की संभावना पनपती है। पानी एवं अन्य सभी अपशिष्ट पदार्थों की निकासी हेतु नाली अवश्य निकालें, जिसकी बाह्य निकासी सडक या पड़ोसी आवास की ओर रखी जा सकती है, इसी तरह फलदार पौधे घर के भीतर एवं पत्तियोंदार पेड़ घर के बाहर लगाएं, ताकि कचरे का निस्तारण आस-पड़ोस की दिशा में बना रहे इससे घर में सुख-शांति का वास रहेगा। कलह-झगड़े घर के बाहर सड़क पर ही होंगे, वहीं निपटाए जा सकेंगे। खाने की मेज और ड्राइंग रूम की दिशा भले ही कोई रहे लेकिन यहां कुर्सियों की संख्या कम से कम होनी चाहिए ताकि अतिथि हमेशा संख्या को लेकर मितव्ययी बना रहे एवं रिश्तों में आर्थिकी बाधा की संभावना न्यूनतम रहेगी।

‘‘भाई साहब....!, भाई साहब...!, कोमा में चले गए क्या...?’

‘संभलो...संभलो... अभी तो आपको सामुद्रिक शास्त्र, होरा आदि के सैंपल भी तो सुनाना हैं।’

‘क्या भाई साहब ये पत्थर क्यों उठा रहे हो, आंखों से चिंगारियां क्यों निकल रही है?, कपड़े क्यों फाड़ रहे हो आप...?’ न, न... इतनी ‘शालीन’ मुखमुद्रा मत बनाइएं यूं ही बता दीजिए आप मेरी विद्वता के कायल हो गए हैं...।’

‘‘जी क्या कहां आपने’’आप भी मेरी तरह निशानेबाजी, पत्थर सन्नाने में भंयकर रूप से दखल रखते हैं... पूरी तरह इस विधा को समर्पित हैं...! मेरा ज्योतिष भी मुझे नहीं बचा पाएगा..., मैं निकल लूं यहां से...’

इति।

------

 

संपर्क:

अनुज खरे

सी-175 मॉडल टाउन

जयपुर।

------

tag : satire, vyangya, hindi vyangya, hindi satire, anuj khare, hindi sahitya, astrology, prediction, numerology, vastushastra

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: अनुज खरे का व्यंग्य : ये है ज्योतिषी बनने का “गुप्तज्ञान”
अनुज खरे का व्यंग्य : ये है ज्योतिषी बनने का “गुप्तज्ञान”
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2008/08/blog-post_22.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2008/08/blog-post_22.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content