मासूमी सपनों से खिलवाड़

SHARE:

आलेख - डॉ. महेश परिमल आज का दौर रिकॉर्ड का है। एक रिकॉर्ड तैयार करो फिर उसे तोड़ने के लिए दूसरा रिकॉर्ड बनाओ। बस यूं ही एक के ...

आलेख


- डॉ. महेश परिमल

आज का दौर रिकॉर्ड का है। एक रिकॉर्ड तैयार करो फिर उसे तोड़ने के लिए दूसरा रिकॉर्ड बनाओ। बस यूं ही एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाते जाओ और सुर्खियों में छा जाओ। इसमें अब बड़े ही नहीं बच्चे भी शामिल हो गए हैं या यूं कहें कि शामिल कर लिए गए हैं। आज रिकॉर्ड बनाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। देखें इन रिकॉर्डों की एक झलक इन सुर्खियों में-

-नन्हे बुधिया द्वारा लगातार 64 किलोमीटर तक दौड़ने का रिकॉर्ड।

-एक बच्ची द्वारा चालीस घंटे तक रोटियाँ सेंकने का रिकॉर्ड।

-सात साल की बच्ची द्वारा भोपाल के बड़े ताल का एक बड़ा हिस्सा बिना रुके तैरकर पार करने का रिकॉर्ड।

-इंदौर की एक बच्ची ने बनाया लगातार गाने का रिकॉर्ड।

-इसी रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए खंडवा की एक बच्ची द्वारा लगातार गाने का रिकॉर्ड

-लगातार कई घंटों तक हनुमान चालीसा लिखने का रिकॉर्ड।

हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार 57 प्रतिशत लोगों का मानना है कि बच्चों में रिकॉर्ड बनाने की भावना के पीछे माता-पिता दोषी हैं। समझ में नहीं आता कि इस तरह के रिकॉर्ड बनाकर ये मासूम समाज में किस तरह का बदलाव लाने की सोच रहे हैं। ये मासूम आज अपने पालकों की अपेक्षाओं के बोझ से इतने अधिक लद गए हैं कि कई बार उन्हें अपना आत्मसम्मान ही नहीं, बल्कि अपनी जान भी देनी पड़ रही है। कलकत्ता का ही उदाहरण हमारे सामने है, जिसमें पालक दीपक भट्टाचार्य अपने ही पुत्र विश्वदीप भट्टाचार्य की हत्या के आरोप में इन दिनों जेल में बंद हैं। विश्वदीप टेबल-टेनिस का होनहार खिलाड़ी था। जिला एवं राज्य स्तरीय खेलों में अपने अनूठे प्रदर्शन से उसने कई प्रतियोगिता जीती। होनहार पुत्र को अभिभावकों की तरफ से प्रोत्साहन तो दिया ही जाता है। किंतु विश्वदीप को उनके पिता द्वारा प्रोत्साहन के रूप में पाषविक दबाव मिला। कई बार जब उसका प्रदर्शन ठीक नहीं होता, तब उसके पिता उसे खूब मारते, पिटाई इतनी अधिक हो जाती कि वह दर्द से बिलबिला उठता। अभी कुछ दिन पहले ही एक स्पर्धा में विश्वदीप हार गया।

इससे उसके पिता दीपक भट्टाचार्य ने उससे जमकर प्रेक्टिस करवाई। यह प्रेक्टिस उसे महँगी पड़ी, वह हाँफने लगा। उसकी हालत देखकर उसकी माँ और बहन ने उसे अस्पताल पहुँचाया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, डॉक्टर ने विश्वदीप का परीक्षण कर बताया कि विश्वदीप की जान जा चुकी है। उसका नाता इस दुनिया से टूट चुका है। सोचो, उसकी माँ पर क्या गुजरी होगी? उनका एकमात्र कुल दीपक बुझ गया। विश्वदीप की माँ और बहन के ही बयानों के आधार पर दीपक पर पुत्र विश्वदीप की हत्या का आरोप है।

ये एक उदाहरण है, आज के प्रतिस्पर्धी समाज की अतृप्त भूख और प्यास का। इस चक्कर में न जाने कितने मासूम अपने अभिभावकों के अत्याचार का शिकार हो रहे हैं। जहाँ निठारी में हुए मासूमों के जीवन के साथ होने वाले खिलवाड़ की चारों ओर निंदा हो रही है, वहीं अपने ही कुलदीपक को बुझाने की तैयारी करने वालों पर किसी की दृष्टि ही नहीं जा रही है। ये मासूम अपने ही घर में प्रताड़ित हो रहे हैं, अपनों द्वारा ही ठुकराए जा रहे हैं, अपनों से ही प्यार और दुलार के बजाए उन्हें मिल रहा है सख्त अनुशासन के नाम पर पिटाई का तोहफा।

अक्सर ऐसा होता है कि पालक अपनी इच्छाओं को अपने ही संतानों के माध्यम से पूरी करने का सपना देखते हैं। उनका मानना होता है कि जो हम नहीं कर पाए, वह हमारी संतान के माध्यम से हो, तो बुरा क्या है? लेकिन अनजाने में ही वे अपनी संतान पर किस तरह से अपनी अपेक्षाओं का बोझ लाद देते हैं, इसका उन्हें जरा भी आभास नहीं होता। वे समझते हैं कि हमारी अपेक्षाओं को उनकी संतान ने अच्छी तरह से समझा है, इसलिए वे उन पर अनजाने में ही एक प्रकार का दबाव बनाने लग जाते हैं। यही अनजाना दबाव ही मासूमों पर किस कदर भारी पड़ता है, यह उपरोक्त उदाहरण से ही स्पष्ट है।

भोपाल के ताल को काफी हद तक तैरकर पार करने वाली नन्हीं मासूम रिकॉर्ड बनाने के दौरान लगातार रोती और चीखती रही, पर उसकी मासूम चीखें ताल की लहरों में ही खो गई। उसके अभिभावकों पर उन चीख़ों का कोई असर नहीं हुआ। वे तो उस सात साल की मासूम से रिकॉर्ड बनवाना चाहते थे। रोटियाँ सेंकने वाली मासूम लगातार गैस के सम्पर्क में आने से बेहोश हो गई, पर उसका बेहोश होना उनके पालकों को होश में नहीं ला पाया। इसी तरह लगातार गाने का रिकॉर्ड बनाने वाली किशोरी की स्वर नलिका में कुछ खराबी आ गई, पर इस खराबी ने भी उनके अभिभावकों को सावधान नहीं किया। ये कैसा जुनून है, जिसकी चकाचौंध तो पालकों के भीतर है, पर भेंट उनके मासूम चढ़ते हैं।

आने वाला समय उन अभिभावकों के लिए चेतावनी भरा है, जो अपने बच्चों पर अपनी अपेक्षाओं और इच्छाओं का बोझ लाद रहे हैं। अभी तो मानव अधिकार आयोग का ध्यान इस दिशा में नहीं गया है। उधर मेनका गांधी भले ही जानवरों पर होने वाले अत्याचारों पर अखबारों में स्तंभ लिख रही हों, पर सच तो यह है कि घर की ही चारदीवारी के भीतर सिसकते और छटपटाते मासूमों की अनसुनी चीख़ों को कोई समझने को ही तैयार नहीं है। यही हाल रहा और पालकों अपने मासूमों पर अत्याचार करते रहे, तो वह दिन दूर नहीं, जब अनसुनी चीख़ों का शोर सोए हुए समाज को झिंझोड़कर रख दे। पालकों से यही आग्रह है कि मासूमों पर अपेक्षाओं का बोझ लादने के पहले यह सोच लें-


अभी तो ये कोरी मिट्टी है

अभी तो इसमें पानी डालना है

अभी तो इसे ठीक से सानना है

अभी तो इसे एक आकार देना है

मत रौंदो इसे अपने क्रूर हाथों से

इन्हीं हाथों से सहलाना अभी बाकी है

टूटती हुई जिंदगियों को जोड़ना अभी बाकी है।


रचनाकार संपर्क :

- डॉ. महेश परिमल

403 भवानी परिसर, इंद्रपुरी भेल भोपाल।

(0755) 2682258

E-mail: maheshparimal@India.com

maheshparimal@yahoo.co.in

Tag ,,,

COMMENTS

BLOGGER: 6
  1. मेरा शहर तो रिकाँर्डधारकों का शहर है.इसी संबंध में भोपाल में हुई एक घटना की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं...बात का पसेमंज़र वही है जो आपके लेख का उन्वान है.ख्यात गीतकार और फ़िल्मकार गुलज़ार साहब कुछ बरसों पूर्व भोपाल तशरीफ़ लाए थे.कई लोग आए उनसे मिलने वहाँ जहाँ गुलज़ार साहब ठहरे थे.एक दम्पत्ति भी आए ..साथ में एक नन्हीं सी बिटिया बड़ी प्यारी सी.मां ने गुलज़ार साहब से कहा ..ये बिटिया बहुत अच्छा गाती है और अभी हाल ही में इसने लगातार चार घंटे का प्रोग्राम पेश किया था..गुलज़ार साहब ने पूछा आप मुझसे क्या चाहते हैं ..अब पिता बोले..सर..हम चाहते हैं आपका शुभाशीष क्योंकि अब हम इसे लगातार चौबीस घंटे गवाने वाले है.गुलज़ार साहब जैसे संवेदनशील कवि और लेखक ने कहा आप जो करना चाहते हैं वह सब तो ठीक है लेकिन इसे गुड्डे-गुड्डियों का खेल मत छीनियेगा..वरना इसके बचपन की हत्या हो जाएगी.कहने के मायने यही कि तमाम आर्थिक विवशताओं के माता-पिता को चाहिये के वे अपने बच्चों के मासूम बचपन को न रौंदें.प्रतिस्पर्धा के माहौल में हम अपने बच्चों से कुछ ज़्यादा ही अपेक्षा करने लगे हैं ..डाँक्टरी,इंजीनियरिंग और दीगर पढा़इयों के बीच वो का़ग़ज़ की कश्ती कहीं डूब न जाए.

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. निजी विद्यालयों में आपसी प्रतिस्पर्धा के कारण बच्चों पर जो भार लादा जा रहा उसके कारण दसहजारों घरों में मासूम एवं असहाय बच्चों के साथ रोज यही मारपीट होती है. बच्चों पर अनावश्यक भार लादने के विरोध में आन्दोलन होना चाहिये.

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका मेल पता नही मालूम था इसलिये यहाँ सम्पर्क करने की कोशिश कर रहा हूँ , मैं आपकी पोस्ट लगभग रोज पढता हूँ ... मैं जानना चाहता हूँ कि क्या इन्टरनेट पर ३-४ घंटे काम कर के कोई आमदनी का सार्थक जरिया निकाला जा सकता है .... आप मुझे इस बाबत उचित सलाह दें मेरे मेल इद है sajeevsarathie@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  5. सारथी जी,

    यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इंटरनेट पर किस तरह का कार्य इन घंटों में करना चाहते हैं. यदि आपका कहना है कि ब्लॉग के जरिए, तो हिन्दी ब्लॉग के जरिए तो अभी नहीं, परंतु भविष्य में उम्मीदें अवश्य हैं.

    इस संबंध में अमित अग्रवाल के लिखे दो पोस्ट अवश्य पढ़ें. उन्होंने अपनी बढ़िया नौकरी छोड़ दी और सिर्फ ब्लॉग के जरिए शानदार, गर्व करने लायक आय अर्जित कर रहे हैं.

    मैं कितना कमाता हूँ?

    हिन्दी ब्लॉगर कभी कमा भी सकते हैं ?

    जवाब देंहटाएं
  6. आजकल बच्चे माता पिता और स्कूल के लिएअ एक प्रोजेक्ट हो गए हैं जिन पर इंवेस्टमेंट की जाती है और उसके रिटर्न का इंतजार किया जाता है ! हर अभिभावक अपने अच्चे को सबसे आगे देखना चाहता है ! बच्चा क्या चाहता है यह सोचने का रिवाज अब नहीं रह गया ! वयस्कों के समाज में शोषित बच्चे...

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: मासूमी सपनों से खिलवाड़
मासूमी सपनों से खिलवाड़
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgLZuDnt41CkaLM_W1kPDOiU-4YyxNkQUPE_71UreCZkPVh-eGzae92SI64kWHXLHxI-LhemVZJYkpZlP5fY8cioRonc2I22ZbpnsuPkh8Er5RAwB0OVW5xUxMf8sHji8MP4lHI/s400/guinness+world+records.JPG
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgLZuDnt41CkaLM_W1kPDOiU-4YyxNkQUPE_71UreCZkPVh-eGzae92SI64kWHXLHxI-LhemVZJYkpZlP5fY8cioRonc2I22ZbpnsuPkh8Er5RAwB0OVW5xUxMf8sHji8MP4lHI/s72-c/guinness+world+records.JPG
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2007/06/blog-post_22.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2007/06/blog-post_22.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content