ताज़े व सम्पूर्ण ईबुक डाउनलोड सूची के लिए हिन्दी साहित्य ई-बुक खण्ड में यहाँ जाएँ रचनाकार पर समय समय पर पीडीएफ ई-बुक प्रकाशित की जाती हैं...
ताज़े व सम्पूर्ण ईबुक डाउनलोड सूची के लिए हिन्दी साहित्य ई-बुक खण्ड में यहाँ जाएँ
रचनाकार पर समय समय पर पीडीएफ ई-बुक प्रकाशित की जाती हैं. इनकी डाउनलोड कड़ियाँ तथा अन्य ई-बुक की कड़ियाँ आप यहाँ पाएंगे. यदि आपको कोई अच्छी हिन्दी किताबों की ई-बुक की कड़ी मिलती है तो कृपया टिप्पणी में जोड़ कर हम सब को बताएँ. कृपया काम नहीं कर रही या टूटी कड़ियों की रपट दें.
1 - यशवंत कोठारी का किशोर उपन्यास - नया सवेरा
2 - यशवंत कोठारी का व्यंग्य उपन्यास - असत्यम अशिवम असुंदरम
3 - यशवंत कोठारी का व्यंग्य उपन्यास - यश का शिकंजा
4 - ओम प्रकाश कश्यप का बाल उपन्यास - मिश्री का पहाड़
5 - नंदलाल भारती का कहानी संग्रह - मुट्ठी भर आग
पूर्व प्रकाशित पीडीएफ़ ई-बुक किताबें :
रचनाकार पर समय समय पर पीडीएफ ई-बुक प्रकाशित की जाती हैं. इनकी डाउनलोड कड़ियाँ तथा अन्य ई-बुक की कड़ियाँ आप यहाँ पाएंगे. यदि आपको कोई अच्छी हिन्दी किताबों की ई-बुक की कड़ी मिलती है तो कृपया टिप्पणी में जोड़ कर हम सब को बताएँ. कृपया काम नहीं कर रही या टूटी कड़ियों की रपट दें.
रचनाकार के जरिए सद्यः प्रकाशित ईबुक:
1 - यशवंत कोठारी का किशोर उपन्यास - नया सवेरा
2 - यशवंत कोठारी का व्यंग्य उपन्यास - असत्यम अशिवम असुंदरम
3 - यशवंत कोठारी का व्यंग्य उपन्यास - यश का शिकंजा
4 - ओम प्रकाश कश्यप का बाल उपन्यास - मिश्री का पहाड़
5 - नंदलाल भारती का कहानी संग्रह - मुट्ठी भर आग
पूर्व प्रकाशित पीडीएफ़ ई-बुक किताबें :
1 उपन्यास - देस बिराना - उपन्यासकार : सूरज प्रकाश
2 उपन्यास - दमन - उपन्यासकार : नन्दलाल भारती
3 उपन्यास - अभिशाप - उपन्यासकार : नन्दलाल भारती
4 हिन्दी कम्प्यूटरी - लेखक : वेद प्रकाश
2 उपन्यास - दमन - उपन्यासकार : नन्दलाल भारती
3 उपन्यास - अभिशाप - उपन्यासकार : नन्दलाल भारती
4 हिन्दी कम्प्यूटरी - लेखक : वेद प्रकाश
5 चार्ली चैप्लिन की आत्मकथा - अनुवादक : सूरज प्रकाश
6 चार्ल्स डार्विन की आत्मकथा - अनुवादकगण : सूरज प्रकाश व के पी तिवारी
7 नन्दलाल भारती का लघुकथा संग्रह
8 नन्दलाल भारती के विविध विषयों पर आलेख
9 द्विजेन्द्र द्विज का ग़ज़ल संग्रह - जन गण मन
19 सुभाष नीरव का कहानी संग्रह : आखिरी पड़ाव का दुःख
20 सीमा सचदेव का कविता संग्रह - मेरी आवाज भाग - 2
रचनाकार के जरिए प्रकाशित अन्य ई-बुक की कड़ियाँ :
1 आंखन देखी - अमरीका यात्रा संस्मरण : दुर्गाप्रसाद अग्रवाल
2 असग़र वजाहत का ईरान यात्रा संस्मरण
3 अंतरा करवड़े की लघुकथाएँ - देन
4 असग़र वजाहत का कहानी संग्रह - मैं हिन्दू हूँ
5 1001 हिन्दी चुटकुले
6 - मृत्युबोध - जीवनबोध - डॉ. महेन्द्र भटनागर का कविता संग्रह
7 - 1001 सुभाषित सुविचार अनमोल वचन - संग्रह अनुनाद द्वारा
8 मनोज नगरकर का ग़जल संग्रह
9 असग़र वजाहत का उपन्यास - गरजत बरसत
10 महेंद्र भटनागर का काव्य संग्रह आहत युग
11 मोती लाल का काव्य संग्रह खाई के परे
12 सोमेश शेखर चंद्र का उपन्यास तब और अब
13 शम्भू नाथ का कविता संग्रह
14 राजश्री का पौराणिक उपन्यास - क्षितिज की संतान
6 चार्ल्स डार्विन की आत्मकथा - अनुवादकगण : सूरज प्रकाश व के पी तिवारी
7 नन्दलाल भारती का लघुकथा संग्रह
8 नन्दलाल भारती के विविध विषयों पर आलेख
9 द्विजेन्द्र द्विज का ग़ज़ल संग्रह - जन गण मन
19 सुभाष नीरव का कहानी संग्रह : आखिरी पड़ाव का दुःख
20 सीमा सचदेव का कविता संग्रह - मेरी आवाज भाग - 2
रचनाकार के जरिए प्रकाशित अन्य ई-बुक की कड़ियाँ :
1 आंखन देखी - अमरीका यात्रा संस्मरण : दुर्गाप्रसाद अग्रवाल
2 असग़र वजाहत का ईरान यात्रा संस्मरण
3 अंतरा करवड़े की लघुकथाएँ - देन
4 असग़र वजाहत का कहानी संग्रह - मैं हिन्दू हूँ
5 1001 हिन्दी चुटकुले
6 - मृत्युबोध - जीवनबोध - डॉ. महेन्द्र भटनागर का कविता संग्रह
7 - 1001 सुभाषित सुविचार अनमोल वचन - संग्रह अनुनाद द्वारा
8 मनोज नगरकर का ग़जल संग्रह
9 असग़र वजाहत का उपन्यास - गरजत बरसत
10 महेंद्र भटनागर का काव्य संग्रह आहत युग
11 मोती लाल का काव्य संग्रह खाई के परे
12 सोमेश शेखर चंद्र का उपन्यास तब और अब
13 शम्भू नाथ का कविता संग्रह
14 राजश्री का पौराणिक उपन्यास - क्षितिज की संतान
भुवनेश शर्मा (bhuvnesh.ad AT gmail.com) ने बड़े ही श्रम से श्रेष्ठ हिन्दी साहित्य के कुछ प्रकाशनों को ई-पुस्तकों के रूप में रखा है. जिसे आप अपने कम्प्यूटर पर पीडीएफ़ रीडर की सहायता से मॉनीटर पर या प्रिंटआउट लेकर भी पढ़ सकते हैं. डाउनलोड हेतु यहाँ जाएं - http://hindiebooks.googlepages.com/
वर्तमान में ई-स्निप हिन्दी साहित्य पर निम्नलिखित ई-पुस्तकें उपलब्ध हैं:
- गांधी और गांधी वाद - 1.4 मेबा
- शेखर एक जीवनी - अज्ञेय - 8.8 मेबा
- हरिशंकर परसाईं की व्यंग्य रचनाएँ - 519 किबा
- ग़ालिब - 229 किबा
- द मैसेज गिवन बाई एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल (हिन्दी) - 591 किबा
- एक गधे की वापसी - कृशन चंदर - 120 किबा
- कामायनी - जयशंकर प्रसाद - 615 किबा
- रहीम के दोहे - 201 किबा
- कबीर के दोहे - 279 किबा
- मधुशाला - हरिवंश राय बच्चन - 112 किबा
- कनुप्रिया - धर्मवीर भारती - 70 किबा
- आनंद मठ - बंकिम चंद्र चटर्जी - 506 किबा
- अंधायुग - धर्मवीर भारती - 287 किबा
- प्रेमचंद साहित्य - 2.0 मेबा
- कुरूक्षेत्र - रामधारी सिंह दिनकर - 260 किबा
- हल्दीघाटी - श्यामनारायण पांडे - 283 किबा
- राम की शक्ति पूजा - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - 72 किबा
- तरकश - जावेद अख्तर - 804 किबा
- देवदास - शरत् चन्द्र - 431 किबा
- टोबा टेक सिंह - सआदत हसन मण्टो - 102 किबा
- एबीसीडी - उपन्यास - 455 किबा
- कोठेवाली - स्वदेश राणा - 420 किबा
- गोदान - प्रेमचंद - 3.5 मेबा
- भारतीय भाषाओं की श्रेष्ठ कहानियाँ - 1.6 मेबा
- श्रेष्ठ लेखकों की कहानियाँ - 2.2 मेबा
**-**
नरेश अग्रवाल की साइट पर कुछ ई-पुस्तकें एमएस डॉक्यूमेंट फ़ॉर्मेट में डाउनलोड कर पढ़ने योग्य उपलब्ध हैं. पूरी सूची यहाँ है. कुछ चुनिंदा पुस्तकों की सीधी डाउनलोड कड़ियाँ निम्न हैं -
6 चित्रकार
--------------
Tag ई-बुक,ई-पुस्तक,हिन्दी,साहित्य
भुवनेश के इस परिश्रम से मै पहले से वाकिफ हुँ...
जवाब देंहटाएंभुवनेश ने जो कार्य किया है, वो तारीफ के काबिल है.
भुवनेश भाई को बहुत साधुवाद.
भुवनेश का प्रयास बेहद सराहनीय है.
जवाब देंहटाएंमैं कल ही ओरकुट पर घूमता हुआ यहाँ पहुंच गया था...वाकई बडा अच्छा संकलन है ।
जवाब देंहटाएंभुवनेश जी को साधुवाद ।
अगर कोई हिंदी सम्मान या पुरस्कार पाने का सच्चा हक़दार है तो भुवनेश जी हैं, न्यूयॉर्क वाले सम्मेलन में उन्हें निश्चित तौर पर नहीं बुलाया गया होगा. कोई पूछने वाला नहीं है कि भइये, इतनी मेहनत कर रहे हो, बदले में क्या मिल रहा है. हम तो किताब पढ़के सराहना करके कट लेंगे, लेकिन राजभाषा विभाग टाइप के सफ़ेद हाथी भुवनेश जी का कुछ तो ख्याल करें.
जवाब देंहटाएंbahut acchi jankari hai... aap iske liye prasansha ke patra hain ... angregi ke bare bhi kuch aisi jankari ho jaye .. aur kuch free ebooks download ka bhi to maza aa jaye....
जवाब देंहटाएंवाह दिल खुश हो गया ।
जवाब देंहटाएंअब पढ़ना शुरू होगा ।
किसी किसी किताब को पहली बार ।
और कईयों को बार बार ।
Nice
हटाएंकाफी सराहनीय प्रयास है। जब कभी ई बुक की बात होगी आपका नाम जरूर आएगा। आपके प्रयास के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रयास
जवाब देंहटाएंबहुत सराहनीय कार्य किया है आपने ........
जवाब देंहटाएंडा० जगदीश व्योम
सर आप लोगो का प्रयास काबिले तारीफ है। बहुत कर रहे आप लोग। सर मैं esnips पर शेखर - एक ज्रीवनी ई बुक डाउनलोड करना चाह रहा था वहाँ वह मिलती ही नही बहुत बार सर्च कर लिया क्या आप लिंक दे सकते है मुझे। मेहरबानी होगी आपकी। मेरा ई मेल पता है meriduniya27@gmail.com
जवाब देंहटाएंसुशील कुमार जी,
जवाब देंहटाएंइस त्रुटि की ओर इंगित करने का शुक्रिया. भुवनेश शर्मा ने ईबुक डाउनलोड को अन्यत्र पते पर ट्रांसफर कर दिया था. सही वर्तमान कड़ी लगा दी है, और अब आप अपनी पसंदीदा ईबुक डाउनलोड कर सकते हैं.
हिन्दी भाषा में उपलब्ध सूचनाओं व सेवाओं की जानकारी :
जवाब देंहटाएंहिन्दी इन्टरनेट
http://hindiinternet.blogspot.com/
एक बार अवश्य जांचें |
रवि भैय्या,
जवाब देंहटाएंमैंने भरसक पूरी कोशिश की लेकिन, शेखर एक जीवनी उपन्यास न तो रचनाकार में मिला, न ही ई-स्निप में. कृपया कड़ी देने की कृपा करें.
सत्यजीत जी,
जवाब देंहटाएंआप भुवनेश जी को उनके इस पते पर ईमेल कर वह पुस्तक मंगवा सकते हैं-
bhuvnesh.ad एट gmail.com
रवि
सराहनीय
जवाब देंहटाएंबढिया काम - मेहनत का काम - बधाई स्वीकारें - हिंदी बढा़एं॥
जवाब देंहटाएंरवि भाई और भुवनेश से सीखना चाहिये कि हिन्दी के लिये योगदान कैसे किया जा सकता है। हर हिन्दी-सेवी को यह सवाल स्वयं से बार-बार पूछना चाहिये। यदि सब लोग ठान लें कि उन्हें हिन्दी के लिये दूसरों से कुछ न कुछ अलग करना है, तो अन्तरजाल हिन्दीमय होकर रहेगा। अन्तरजाल के हिन्दीमय होने के दूरगामी परिणाम होंगे।
जवाब देंहटाएंhi friend i had also some literature related comments on my blog will you like to exchange a backlink .my blogs are biographies123.blogspot.com .see my profile in it and you will see a good deal of literature related blogs .we can exchange a effective backlink
जवाब देंहटाएंबहुत सराहनीय प्रयास है।
जवाब देंहटाएंइनमें से कुछ हिंदी पुस्तकों को, जो कापीराइट मुक्त हों, या जिनके लेखकों ने अनुमति दे दी हो, गुंटनबर्ग के ईपुस्तक संग्रह में भी जमा करवाना चाहिए। इसमें दुनिया की सभी भाषाओं के सहित्य का ईरूप उपलब्ध है जिन्हें कोई भी निश्शुल्क डाउलनोड कर सकता है। वहां नाम लेने के लिए भी एक हिंदी पुस्तक अभी नहीं है, जबकि चीनी, जापानी, अरबी आदि भाषाओं के हजारों पुस्तकें उपलब्ध हैं। दुनिया की दूसरी सबसे अधिक बोली जानेवाली भाषा की पुस्तकों का वहां न होना, हमारे लिए कोई गर्व की बात नहीं है। पुस्तकें .txt, .doc, .pdf आदि फोर्मैंटों में वैकल्पिक रूप से उपलब्ध रहती है। हिंदी की पुस्तकों को भी इन सभी फोर्मैटों में उपलब्ध कराकर वहां अपलोड करा देना चाहिए। अपलोड कराने के पहले उनका अच्छी तरह प्रूफ-शोधन करना चाहिए।
एक चीज और करने की आवश्यकता है। अंग्रेजी ईपुस्तकें पढ़ने के लिए अनेक ईरीडर सोफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जैसे माइक्रोसोफ्ट का एमएसरीडर। ये पुस्तक को स्क्रीन पर उसी प्रकार से प्रदर्शित करते हैं, जैसे वास्तविक कागजी पुस्तक। इससे पढ़ने में बड़ी सुविधा रहती है। अक्षर बड़े-बड़े दिखते हैं, और हाशिए, लाइस्पेस, पेज नंबरिंग आदि व्यवस्थित रीति से हो सकता है। पन्नों को बुकमार्क किया जा सकता है। उनमें शब्दकोश की सुविधा रहती है, ताकि पुस्तक के कठिन शब्दों का वहीं से अर्थ भी आप देख सकते हैं। अनेक पुस्तकों को सहेज कर रखा जा सकता है, ताकि आपके कंप्यूटर में चलता-फिरता पुस्तकालय ही हो जाता है, जिन सबको एक ही ईरीडर फाइल से पढ़ सकते हैं।
इनके अलावा इन रीडरों के लिए आवश्यक फोर्मैट में टेक्स्ट या डोक फाइलों को बदलने के लिए सोफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जिसकी मदद से कोई भी अपनी रचना को एमएसरीडर फोर्मैट में बदल सकता है। दूसरे उसे डाउनलोड करके अपने कंप्यूटर में एमएसरीडर आदि में पढ़ सकते हैं।
पर ये सब सोफ्टवेयर यूनीकोड का समर्थन नहीं करते, इसलिए हिंदी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। माइक्रोसोफ्ट ने तो एमएसरीडर के विकास को बंद कर रखा है, इसलिए उसके यूनिकोड कंपैटिबल संस्करण के आने की अब संभावना भी नहीं है।
हिंदी के किसी सोफ्टवेयर एक्सपर्ट को हिंदी के लिए इस तरह के ईरीडर और ईराइटर सोफ्टवेयर तैयार करने में लगना चाहिए। यह एक सरला सा सोफ्टवेयर है, जो बिना अधिक मुश्किल के बन जाना चाहिए।
मुझे पता नहीं है कि ओपन सोर्स में इस तरह के सोफ्टवेयर उपलब्ध हैं या नहीं, और यदि उपलब्ध हैं, तो क्या वे यूनिकोड हिंदी को समर्थित करते हैं या नहीं। रवि जी को इस बारे में छानबीन करनी चाहिए।
जो भी हो, पुरानी हिंदी पुस्तकों का ईरूप बनाकर इंटरनेट पर रखना समय की मांग भी है, क्योंकि बहुत सी पुरानी हिंदी किताबें लुप्त होती जा रही हैं, क्योंकि उनका पुनर्प्रकाशन आर्थिक दृष्टि से लाभदायक नहीं है। उन्हें बचाने का एकमात्र तरीका यही है कि उनका ईसंस्करण बनाकर अंतरजाल में कई जगह (गुंटनबर्ग, विकीपीडया, आदि) रखवाया जाए, जहां से कोई भी उन्हें उतारकर पढ़ सकता है।
यह काम बहुत बड़ा है और किसी संस्था को इसका बीड़ा उठाना चाहिए। मानव संसाधन मंत्रालय, सीडैक आदि ने प्रेमचंद की काफी कृतियों का ईसंस्करण तैयार करवाया है। उनमें से कई को मैंने उतारकर पढ़ा है। मैंने पाया कि उनमें अनेक वर्तनी दोष हैं और टंकण की भूलें हैं।
विकीपीडिया में भी काफी हिंदी साहित्या उपलब्ध हैं (जैसे महात्मा गांधी की आत्म कथा सत्य के प्रयोग), पर उन में भी ये ही सब त्रुटियां हैं।
पर शुरुआत के लिए यह निश्चय ही एक अच्छा प्रयास है जिसे जारी रखा जाना चाहिए।
इस तरह के प्रयास अन्य भारतीय भाषाओं में अधिक संगठित तरीके से हो रहे हैं, और संस्थाओं के स्तर पर हो रहे हैं। उदाहरण के लिए तमिल में कई हजार पुराने तमिल ग्रंथों का पीडीएफ बनाकर इंटरनेट यहां उपलब्ध है।
great effort
जवाब देंहटाएंHkkbZ vkius ydM+gkjs dh etcwjh gh ns[kh ]nj[[kr dk nZn ugha eglwlk blesa ydM+gkjk muds fy, lEcks/ku gSa tks vius LokFkZ ds fy, isM+ dkV jgsa gSa vxj oks vkidk xjhc ydM+gkjk rks Hkh mls viuh jkstejkZ dh t#jr isV dh Hkw[k ds fy, fdlh ds vfLrRo dks [kRe djus dk dksbZ g+d ugha gSa A ekuk fd ge lc dVs isM+ dk bLrseky djrs gSa exj isM+ ij igyh dqYgkMh ydM+gkjk gh pykrk gSaA ge “kki Hkqxr jgs gS xkSj djsaA
जवाब देंहटाएंकृपया पीएचपी का कोई हिन्दी में टूटोरियल हो तो बताएं
जवाब देंहटाएंनेट पर सर्च कर कर के थम गए हैं एक ब्लाॅग मिला लेकिन वो भी अधूरा
कृपया पीएचपी का कोई हिन्दी में टूटोरियल हो तो बताएं
जवाब देंहटाएंनेट पर सर्च कर कर के थम गए हैं एक ब्लाॅग मिला लेकिन वो भी अधूरा
bhaoot accha
जवाब देंहटाएंहिंदी सेवी भुवनेश जी के अथक परिश्रम के लिए हार्दिक बधाई .
जवाब देंहटाएंडॉ.प्रणव देवेन्द्र श्रोत्रिय
world's best site
जवाब देंहटाएंgood hindi
जवाब देंहटाएंश्रीयुत श्रीवास्तवजी-नमस्कार-भोपाल में आपसे हुई भेट सदैव याद रहेगी.आपने समय निकालकर मिलने का जो उपक्रम द्दिया, उसके लिए धन्यवाद. इस बदले रुप का स्वागत. इसमें रचनाएं चाहे वह जिस भी विधा की हो,जिसे पूरे सपताह भर ज्यादा से ज्यादा लोगों ने पढा हो-सप्ताह की श्रेष्ट रचना और इस तरह पूरे माह में जो सबसे ज्यादा पढी गई-माह की श्रेष्ट रचना का उल्लेख स्क्रीन पर किया जा सकता है.जो लेख-आलेख लोगों की जानकारी बढाता है,इसका उल्लेख भी स्क्रीन पर किया जाना चाहिए. मैं
जवाब देंहटाएंसमझता हूँ, इससे पाठकवर्ग ज्यादा जुडेंगे.शेष शुभ.
peranan sir, mai bahut dino se munshi prem chand ki "soje vatan " book dhund raha haun jise angrejo ne jala dala tha, yadi aapke pass koi link ho to bataye,,,mera e-mail id ===swatantra48@gmail.com
जवाब देंहटाएंsir peranam ,mujhe es pej se judker achcha lga............badhai
sir peranam,mujhe es paje se jud ker achcha lga.....badhai
जवाब देंहटाएंbhut achi jankari bhara pana shukriyaa...
जवाब देंहटाएंSir,
जवाब देंहटाएंesnip ke link open hi nhi hote he.
please help.
नितिन जी,
जवाब देंहटाएंकृपया ईस्निप पर एक खाता बना कर लॉगिन करने के बाद कोशिश करें. आजकल ईस्निप वाले बिना खाताधारी और लॉगिन के बिना डाउनलोड नहीं करने दे रहे हैं
बहुत बहुत साधुवाद -डीटीएस
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्याद जी हिन्दी उपन्यास एन्डरोइड एप में भी प्रकाशित कर दिय जाये तो ओर भी सुविधा रहेगीं
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद जी अगर आपके उपन्यास एन्डरोइड फोन पर भी उपलब्ध हो जाये तो और भी खुशी होगीा
जवाब देंहटाएंआप हिन्दी भाषा मे रूचि रखते हैं तो यहां पढें
जवाब देंहटाएंhttps://www.indiandilwale.in