*** चुटकुलों की कुलबुलाहट (http://vijaywadnere.blogspot.com/2006/07/blog-post.html ) भी खूब रही- ******** चुटकुला # 0528 बन्ता सिंह (अपनी ब...
चुटकुलों की कुलबुलाहट (http://vijaywadnere.blogspot.com/2006/07/blog-post.html ) भी खूब रही-
********
चुटकुला # 0528
बन्ता सिंह (अपनी बीबी से): आज मैने पानी को बेवकुफ़ बना दिया.
सरदारनी: वो कैसे जी?
बन्ता सिंह: मैने नहाने के लिये पानी गरम किया, मगर मैं उससे नहाया ही नही और ठंडे पानी से ही नहा लिया.
चुटकुला # 0529
बंता सिंह जी ने लंदन के एक बार में प्रवेश किया और एक साथ ३ बीयर का आर्डर दिया. बीयर आने के बाद उन्होने तीनो में से बारी बारी एक एक घूंट ले ले कर बीयर खत्म की, फ़िर बैरे को बुलाया और ३ बीयर फ़िर से आर्डर की.
बैरा जो यह देख रहा था, बोला - साहब, अपने बार में काफ़ी स्टॉक है बीयर का, आप एक-एक कर के ही आर्डर करो, और बीयर का आनन्द लो.
बंता सिंह बोले - अरे नहीं, दरअसल, हम तीन भाई हैं, एक कनाडा में है, एक दुबई में है, और मैं यहाँ लंदन में हूँ. जब हम साथ रहते थे तो हम लोग बार में जाकर इकठ्ठे ही बीयर पिया करते थे. और जब हम अपनी अपनी नौकरी धंधे की वजह से बाहर निकले तो हमने आपस में यह वादा किया कि हम जहाँ भी
रहेंगे, इसी तरह अपने पुराने दिनों को याद करके बीयर पिया करेंगे.
बंता सिंह जी उस बार में नियमित रुप से आने लगे और उसी तरह,हर बार ३ बीयर आर्डर करते, १ १ करके तीनो खतम करते और चले जाते.
लगभग एक साल बाद, बंता सिंह जी बार में आये, मगर इस बार उन्होने सिर्फ़ २ ही बीयर आर्डर की. यह देख कर बार के सभी नियमित ग्राहक और बैरे चकित रह गये, और किसी अनैष्ट की आशंका करते हुये शांत हो गये. थोडी देर बाद एक बैरा आया और बोला - साहब, मैं आपके गम को और बढाना नहीं चाहता मगर,
हमारी पुरी सहानुभूति आपके साथ है.
बंता सिंह जी ने थोडा चकित होते हुये बैरे को घुरा फ़िर जोर से हँस पड़े - हो हो हो ...!! अरे नहीं जी. मेरे सभी भाई बिल्कुल सही सलामत हैं. बात बस इतनी सी है कि, कल ही से........मैने बीयर छोड़ दी है.
चुटकुला # 0530
एक बार एक व्यक्ति बार में पहुँचा और एक लार्ज बीयर का आर्डर दिया. अभी बह पुरी भी खत्म नहीं कर पाया था कि उसे "प्राकृतिक बुलावा" आया. वह अपनी बीयर यूँही छोडकर नहीं जाना चाहता था, उसे डर था कि अगर उसने अपना ग्लास टेबल पर छोडा तो कोई और आके उसे पी जायेगा.
उसने एक तरकीब निकाली, अपने ग्लास के पास टेबल पर उसने एक नोट लिख कर छोडा - "मैंने इस बीयर में थूका हुआ है, इसे ना पियें"और बाथरूम की तरफ़ चला गया.
जब वापस आया तो बीयर तो उसे वैसे कि वैसे ही मिली, साथ ही एक नोट और मिला, जिसपर लिखा था - "मैंने भी थूक दिया है"
चुटकुला # 0531
बन्तासिंह बार में बैठे हुये सबको झिला रहे थे कि उनकी बहुत पहुँच है, और वो सबको जानते हैं. सन्तासिंह ने सोचा चलो देखते हैं. उसने बन्तासिंह से १० रू की शर्त लगाई कि बार में अब जो भी पहला व्यक्ति आयेगा वो बन्तासिंह को नहीं पहचानता होगा.
तभी एक आदमी बार में घुसा और घुसते ही बन्तासिंह को देख कर आवाज दी - हे बन्तासिंह, कैसे हो?
शर्त हारने के बाद सन्तासिंह बोला कि चलो १०० रू की शर्त, जो भी सड़क पर पहला व्यक्ति मिलेगा वो तो तुम्हे नहीं जानता होगा.
दोनो सड़क पर निकले, एक आदमी पास से गुजरते हुये बोल गया - बन्तासिंह क्या हाल चाल?
खीज कर सन्तासिंह बोला कि शर्तिया अपने प्रधानमंत्री तो तुम्हे नहीं पहचानते होंगे. चलो १००० रू की शर्त.
दोनो प्रधानमंत्री निवास पहुँचे, वहाँ पहुँचते ही वहाँ तैनात सिपाही चिल्लाया - बन्तासिंह, तुम्हे पता है ना कि कोई भी इस तरह यहाँ नहीं आ सकता?
तभी प्रधानमंत्री का काफ़िला वहाँ से निकला, प्रधानमंत्री के सचिव ने चलती गाड़ी से हाथ हिला कर कहा - ओ बन्तासिंह, बडे दिनों बाद दिखे?
सन्तासिंह का दिमाग खराब. उसपर बन्तासिंह बोले, देखो मैं अभी जाके प्रधानमंत्री के साथ उपर उनकी बालकनी में आता हूँ.
बन्तासिंह कहे अनुसार प्रधानमंत्री के साथ उपर बाल्कनी में नजर आये. उन्होने नीचे सन्तासिंह को देख कर हाथ हिलाया और नीचे आये.
नीचे आकर देखा कि सन्तासिंह बेहोश पडे थे, सन्तासिंह को होश में लाकर पुछा कि क्यों मुझे प्रधानमंत्री के साथ देखकर बेहोश हो गये?
सन्तासिंह बोले - नहीं, जब तुम उपर थे तो कोई मेरे पीछे से आया और उपर इशारा कर के पुछा कि - ये बन्तासिंह बालकनी में किसके साथ खड़ा है?
चुटकुला # 0532
एक 'बार' में एक बन्दा बड़ी खुबसूरत सी शर्ट पहन के आया. बारटेन्डर ने कहा - वाह! क्या कमीज़ है? कहाँ से ली?आदमी बोला - 'जार्जियो अरमानी'
थोड़ी देर बाद एक दूसरा आदमी अन्दर आया, उसकी पतलून देख कर बारटेन्डर ने कहा - वाह! क्या पतलून है? कहाँ से ली?दूसरा आदमी बोला - 'जार्जियो अरमानी'
थोड़ी देर बाद एक तीसरा आदमी अन्दर आया, उसके जूते देख कर बारटेन्डर ने पुछा- वाह! क्या जुते है? कहाँ से लिये?तीसरा आदमी बोला - 'जार्जियो अरमानी'
तभी एक आदमी नंग-धडंग बार में घुस गया, उसे देख कर बारटेन्डर चिल्लाया - ओ ओ, कहाँ घुसे आ रहे हो? कौन हो तुम?वो आदमी बोला - अरे मैं ही जार्जियो अरमानी हूँ.
चुटकुला # 0533
एक बार एक पादरी 'बार' घुसा और जोर से चिल्लाया - "जो भी स्वर्ग जाना चाहता है, खड़ा हो जाय"
'बार' के सभी लोग खडे हो गये, बन्तासिंह को छोड कर.
पादरी उनके पास पहुँचा और बोला - बेटे, तुम मरने के बाद स्वर्ग नहीं जाना चाहते?
बन्तासिंह बोले - मरने के बाद?? मैं तो समझा आप अभी के अभी एक लॉट ले जा रहे हो..!
चुटकुला # 0534
बन्तासिंह को सुबह सुबह उनकी मम्मी ने उठाया और कहा - "उठो बेटे, ७ बज गये हैं, तैयार हो जाओ, स्कूल जाना है".
बन्तासिंह बोले - "नहीं, मैं स्कूल नहीं जाउंगा".
माताजी बोलीं - "चलो मुझे कोई २ कारण बताओ स्कूल ना जाने के".
बन्तासिंह बोले - "सारे बच्चे मुझे चिढाते हैं, और सारी की सारी टीचर भी मुझसे नफ़रत करती हैं".
माताजी बोलीं - "चलो चलो, बहाने मत बनाओ, और जल्दी तैयार हो जाओ".
बन्तासिंह बोले - "चलो आप मुझे कोई २ कारण बताओ स्कूल जाने के".
माताजी बोलीं - "पहला तो ये कि तुम ५२ साल के हो. और दूसरा ये कि तुम स्कूल के प्रिंसीपल हो".
चुटकुला # 0535
सन्ता और बन्ता रात को एक बैंक में चोरी की नीयत से घुसे. अंधेरे में उन्हे बैंक में दो बडे भारी थैले मिले. जिन्हे वे उठा लाये, और एक एक थैले आपस में बाँट कर अपने अपने घर चले गये.
चोरी के लगभग एक महीने बाद दोनो फ़िर मिले.
सन्ता - तुम्हारे थैले में क्या निकला?
बन्ता - करीब १० लाख.
सन्ता - वाह! क्या बात है? तुमने उनका क्या किया?
बन्ता - एक घर खरीद लिया और एक सेकण्ड हेण्ड कार भी मिल गई. तुम्हारे थैले में क्या निकला?
सन्ता - कुछ नहीं यार, बिल ही बिल थे.
बन्ता - फ़िर तुमने उनका क्या किया?
सन्ता - क्या करता, ढेर सारे हैं यार, धीरे धीरे करके भर (चुकता कर) रहा हूँ.
चुटकुला # 0536
सन्ता घर पहुँचा तो देखा कि उसकी बीबी अपना सामान बाँध रही है.
सन्ता - अरे! कहाँ जा रही हो?
श्रीमति सन्ता - लास वेगास!
सन्ता - लास वेगास? क्यों?
श्रीमति सन्ता - मुझे एक आदमी मिला है जो मुझे $400 देगा उस काम के जो तुम फ़्री में करते हो.
सन्ता कुछ देर सोचने के बाद अपना भी सामान बाँधने लगा.
श्रीमति सन्ता - तुम कहाँ जा रहे हो?
सन्ता - लास वेगास!
श्रीमति सन्ता - लास वेगास? क्यों?
सन्ता - ये देखने के लिये कि सिर्फ़ $800 में तुम साल भर कैसे निकालती हो.
चुटकुला # 0537
लालू दाढी बनवाने के लिये नाई की दुकान में बैठा. नाई को लालू की दाढी बनाने में तकलीफ़ हो रही थी क्योंकि लालू के बाल वैसे ही छोटे छोटे थे.तो नाई ने अपने बक्से में से लकड़ी की एक छोटी सी गेंद निकाली और लालू को मुँह में रखने के लिये दी, जिससे दाढी अच्छे से बन सके.
दाढी बनने के बाद लालू ने पुछा - अगर यह गेंद मुँह से पेट में चली जाती तो क्या होता?
नाई बोला - क्या होता? तुम इसे अगले दिन सुबह (शौच के बाद) मुझे वापस कर देते, जैसे और लोगों ने दी थी.
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चुटकुला # 0538
एक बार एक आदमी कहीं जा रहा था कि उसे एक आवाज आई.
उसने देखा कि एक मेंढक उसे पुकार रहा था, मेंढक कह रहा था - अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत लड़की में बदल जाउंगा.
उस आदमी ने मुस्कुरा कर मेंढक को देखा और उसे उठा कर अपनी जेब में रख लिया.
थोड़ी देर बाद मेंढक फ़िर बोला - अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत अमीर लड़की में बदल जाउंगा और तुम मुझसे शादी कर सकते हो.
आदमी ने मेंढक को अपनी जेब से निकाला, उसे देखा और मुस्कुरा कर वापस अपनी जेब में रख लिया.
थोड़ी देर बाद मेंढक फ़िर बोला - अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत लड़की में बदल जाउंगा और तुम मुझसे शादी कर सकते हो, और मेरी सारी दौलत भी तुम ले सकते हो.
आदमी ने मेंढक को फ़िर अपनी जेब से निकाला, उसे देखा और मुस्कुरा कर वापस अपनी रखने लगा.
मेंढक चिल्लया - अरे, कैसे मर्द हो तुम? मैं तुमसे कह रहा हूँ कि अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत लड़की में बदल जाउंगा और तुम मुझसे शादी कर सकते हो, और फ़िर मेरी सारी दौलत भी तुम ले सकते हो.तुम मुझे 'किस' क्यों नहीं करते?
आदमी बोला - क्योंकि मैं एक सॉफ़्टवेअर इंजीनियर हूँ, प्रेमिका और बीबी के लिये मेरे पास समय नहीं है, मगर एक 'बोलने वाला' मेंढक वाकई 'कूल' है.
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छाया (http://chhaya-e-shadow.blogspot.com/2006/07/blog-post_12.html
http://chhaya-e-shadow.blogspot.com/2006/07/blog-post_14.html ) के ठहाके बड़े छाया दार, मस्त मस्त रहे-
चुटकुला # 0539
सरदार जी दिल्ली गये। घंटाघर के पास उन्हे लगातार घडी की ओर निहारता देख एक व्यक्ति ने उन्हे प्रस्ताव दिया "आप यह घडी खरीद सकते हैं, लाइये हजार रुपये"। सरदार जी प्रसन्न हुए, फौरन हजार रुपये निकाल दिये। वह व्यक्ति "अभी सीढी लाता हूँ" कहकर गायब हो गया। काफी देर इंतजार करने के बाद सरदार जी को भान हुआ कि वे ठगे गये हैं। निराश वे सराय वापस चले गये। अगले दिन उसी जगह फिर से घडी देखते हुए वही व्यक्ति उन्हे मिल गया और उसने फिर से वही प्रस्ताव उन्हे दिया, सरदार जी सतर्क थे बोले "लेकिन इस बार सीढी लेने मै जाऊंगा"।
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चुटकुला # 0540
दो सरदार एक क्लिनिक के बाहर बैठे थे, उनमें से एक जोरों से रो रहा था।
उनके बीच का संवाद
दूसराः "क्यों रो रहा है?"
पहलाः "मै खून की जॉच कराने आया था"
दूसराः "तो, डर गया क्या"
पहलाः "अरे उन्होने मेरी उंगली में छेद कर दिया"
अब दूसरा सरदार जोरों से रोने लगा
पहलाः "अब तुझे क्या हुआ"
दूसराः "अरे मै पेशाब की जॉच कराने आया हूं"
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चुटकुला # 0541
दो सरदार एक होटेल पंहुचे और चाय के साथ जेब से सैन्डविच निकाल कर खाने लगे। "आप अपने खुद के सैन्डविच यहां नही खा सकते", होटेल मालिक ने विरोध किया। दोनों सरदारों ने तुरंत सैन्डविच बदल लिये।
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चुटकुला # 0542
जसमीत कौर ने अपने पति संता को टी वी के आस पास पागलों की तरह कुछ ढूंढते हुए देखा।
जसमीतः "क्या खो गया"
संताः "मै देख रहा हूं कि कैमरा कहॉ छुपा रखा है इन लोगों ने"
जसमीतः "कैमरा, किसने, तुम्हे कैसे लगा कि कैमरा है"
संताः "अरे उन्हे कैसे पता कि मै क्या कर रहा हूँ"
जसमीतः "किसे कैसे पता"
संताः "अरे इन स्टार प्लस वालों को, वो महिला बार बार कैसे कहती है, आप स्टार प्लस देख रहे हैं, उसे कैसे पता चला?"
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चुटकुला # 0543
बंदर और गेंद
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कुछ महाशय एक मधुशाला में बैठे बियर की चुस्कियां ले रहे थे। एकाएक एक महाशय एक बंदर के साथ वहाँ प्रविष्ट हुए। बंदर ने लोगों को तो परेशान नही किया, लेकिन वहाँ रखी वस्तुओं से छेडछाड करनी शुरू कर दी। उसके मालिक ने मधुशाला के कर्मचारियों को आश्वस्त किया "घबराइये नही, वैसे तो वह कुछ तोडेगा फोडेगा नही, ज्यादा से ज्यादा कुछ खा जायेगा, उसका पैसा मै दे दूंगा"। बंदर तीन चार बियर पी गया, प्याले तोडकर खा गया, ऐसा करके वह छोटा छोटा कुछ कुछ सामान खा गया। उसका मालिक मुस्कराता रहा, उसे आश्वस्त देख बाकी लोग भी निर्विकार भाव से बंदर को देखते रहे। अचानक बंदर को एक बडी क्रिकेट की गेंद मिल गई। इसके पहले कि कोई कुछ समझ पाता बंदर उसे भी गडप कर गया। खैर, उसका मालिक उठा, उसने पैसे दिये और रुखसत हुआ। लोगों ने भी चैन की सॉस ली। कुछ दिनों बाद वही महाशय उसी बंदर के साथ मधुशाला में हाजिर हुए। बंदर पुनः वस्तुयें निगलने लगा, लेकिन इस बार वह हर वस्तु को पीछे ले जाकर पहले पीछे से अंदर डालता, फिर खाता। लोगों को कौतूहल हुआ। उनके सवाल का जवाब देते हुए बंदर के मालिक ने बताया "जब से उसे वह गेंद निकालनी पडी, वह हर वस्तु को खाने से पहले उसका पहले पीछे ले जाकर माप लेता है, फिर खाता है"।
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इन्द्रधनुष (http://saptrang.blogspot.com/2006/07/blog-post_17.html ) के चुटकुले, जाहिर है रंगीन ही रहे-
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चुटकुला # 0544
हर सफ़ल पुरुष के पीछे एक महिला का योगदान होता है
हर असफ़ल पुरुष ले पीछे....कई महिलाओं का
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चुटकुला # 0545
अगर आपके पिताजी गरीब हैं तो ये आपकी बदकिस्मती है,
अगर आपके ससुर गरीब हैं तो ये आपकी बेवकूफ़ी है.
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चुटकुला # 0546
आपका भविष्य आपके सपनों पर निर्भर करता है.
ठीक है..मैं चला सोने.
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चुटकुला # 0547
खुदी को कर बुलन्द इतना और इतनी ऊंचाई पर पहुंच जा,
कि खुदा खुद तुझ से पूंछे.....
अबे गधे, नीचे कैसे उतरेगा...
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चुटकुला # 0548
खिडकी खुली, जुल्फ़ें बिखरी,
दिल ने कहा दिलदार निकला.
पर हाय रे मेरी फ़ूटी किस्मत,
नहाया हुआ सरदार निकला.
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चुटकुला # 0549
कहते हैं, इश्क में नींद उड जाती है.
कोई हमसे भी इश्क कर ले.......
कम्बख्त नींद बहुत आती है
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चुटकुला # 0550
जिन्दगी में तुम बहुत आगे जाओगे.
क्योंकि जहां भी तुम जाओगे,लोग कहेंगे...
चल बे,आगे चल.
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चुटकुला # 0551
घडी बिगड्ती है तो बन्द हो जाती है,
लडकी बिगडे तो चालू हो जाती है.
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चुटकुला # 0552
अटल जी जनसंख्या समस्या पर भाषण दे रहे थे,
भाषण में परिवार नियोजन जैसे उपाय अपनाने पर भी जोर दे रहे थे.
लालू जी पीछे बैठे बहुत देर तक सुनते रहे...आखिरकार उनसे रहा नही गया,
बोले:"अटल जी,आप चुप रहिये. बडे बुजुर्ग कह गये हैं, जिस काम का अनुभव नही हो, उसके बारे में बोलना भी नही चाहिये." ***
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much humours
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