चुटकुला # 176 कथनसुख ! अस्सी वर्षीय डगलन से डॉक्टर से कहा - मुझमें 'अक्षमता क्यूँ आ गई है डॉक्टर ? जबकि मेरा पच्चीस वर्षीय दोस्...
चुटकुला # 176
कथनसुख !
अस्सी वर्षीय डगलन से डॉक्टर से कहा - मुझमें 'अक्षमता क्यूँ आ गई है
डॉक्टर ? जबकि मेरा पच्चीस वर्षीय दोस्त कहता है कि वह अभी भी
'वैसा ही समर्थ है।
डॉक्टर ने कहा - कहने में क्या हर्ज है? आप भी सबसे ऐसा ही कहते
रहिए।
चुटकुला #177
उच्चाकांक्षा !
जहाज पर यात्रा कर रही एक मैडम ने बडे सवेरे जहाज के एक अधिकारी
से शिकायत की - सर! कल रात मेरे केबिन में एक खलासी घुस आया
था।
अधिकारी ने कहा - आप भी हद करती हैं मैडम ! थर्ड क्लास वाले केबिन
में खलासी नहीं तो क्या कैप्टन आएगा?
चुटकुला # 178
पछताए होता क्या !
जच्चाखाने के लाइन से बिछे पलंगो पर 'कुछ बन चुकी और 'कुछ बनने
वाली माताएँ बतिया रही थीं। लीला बोली - - क्या संयोग है! मैंने 'दो
जासूस फिल्म देखी थी और मुझे जुडवाँ बालक प्राप्त हो गए।
नीना बोली - 'ओहो.. तभी मुझे तीन पुत्र हुए क्योंकि मैंने ठीक पहले
'अमर-अकबर एंथोनी देखी थी।
अचानक प्रेग्नेन्ट प्रेमा चीख पड़ी - हाय! गजब हो जाएगा। मैंने कल ही
'अलीबाबा और चालीस चोर देखी है।
चुटकुला #179
हडबड़ी-गडबड़ी!
टन्नूजी नर्सिंग होम में बेचैनी से टहल रहे थे। तभी एक नर्स एक नवजात
शिशु को कपड़े में लपेटे हुए लेकर आई - 'मुबारक हो सर! लड़की हुई
है।
टन्नूजी ने बेसब्री से शिशु को देखा, टटोला और बोले - कहाँ है लड़की?
यह तो लड़का है।
नर्स झल्लाकर बोली - 'देखिए मिस्टर, पहली बात तो यह सौ फीसदी
लड़की है! और दूसरी बात मेहरबानी करके मेरी उँगली छोड़ दीजिए।
चुटकुला # 180
जान बची!
पन्नूजी का तकियाकलाम था - 'इससे भी बुरा हो सकता था। बात-बात में
यही कहते रहते।
एक बार का किस्सा है। पड़ोसी पीटर जब लंबे दौरे से लौटा तो पत्नी के
साथ अजनबी को सोया देख, आगबबूला हो गया। उसने पिस्तौल
निकालकर दोनों को उडा दिया। पुलिस ने उसे दोहरी हत्या के जुर्म में
गिरफ्तार कर लिया।
इस घटना पर पन्नूजी की प्रतिक्रिया वही थी - 'इससे भी बुरा हो सकता
था।
लोगों ने पूछा - 'इतना बुरा तो हो गया। इससे ज्यादा क्या बुरा हो सकता
था भला?
पन्नूजी ने फरमाया - अगर पीटर एक रोज पहले दौरे से लौट आता, तो
उस अजनबी की जगह मैं मारा जाता, मैं ।
चुटकुला #181
ऊँचा सुन सायबा सुन!
रीना - मेरी हेल्प करो टीना, मैं बॉस के बच्चे की माँ बनने वाली हूँ।
टीना - बाप रे! यह हुआ कैसे?
रीना - बॉस के, ऊँचा सुनने की वजह से।
टीना - मैं समझी नहीं।
रीना - उस रोज मैं बॉस से रिक्वेस्ट करने गई थी कि मुझे परमानेंट कर
दीजिए। और उस जबरजंग, अक्ल के कोल् ने 'परमानेंट को 'प्रेग्नेन्ट सुन
लिया।
चुटकुला # 182
ना बाबा ना!
घन्नूजी ने सुबह ही अपनी बीवी को मैटरनिटी होम में भर्ती कराया था और दफ्तर आ गए थे। वहाँ से हर घंटे फोन करने के इरादे से उन्होंने जैसे ही पहला फोन मैटरनिटी होम लगाया नंबर गलती से क्रिकेट स्टेडियम में जा लगा और घन्नू जी को सुनाई दिया- 'सेवन आर आउट, एंड मोर आर कमिंग!
चुटकुला #183
अनावरणम् स्वागतम्!
लड़की ने एक-एक करके सारे कपड़े उतारे और समुद्र के पानी में उतरने लगी।
सिपाही दौडा-दौडा आया और बोला - 'बेबी! किनारे पर नहाना मना है। क्यूँ
जी! तुमने मुझे तब क्यूँ नहीं बताया, जब मैं अपने कपड़े उतार रही थी?
सिपाही ने रस लेकर कहा - 'कपड़े उतारना मना नहीं है, खूब उतारो। बस,
नहाने की मनाही है।
चुटकुला # 184
मेहनत बेकार!
'क्यूँ मिस्टर! अपने बाडे में मेरे जैसी मॉड लड़की को गइया दुहते देखकर तुम्हें
अंचभा नहीं हो रहा है?
किसानपुत्र ने कहा -'अचंभा नहीं, तुम्हें वक्त बरबाद करते देखकर तुम पर तरस
आ रहा है। सिटी गर्ल ने तमतमाकर कहा- क्यूँ? तरस क्यूँ?
किसानपुत्र ने कहा -'जिसे तुम गइया कह रही हो, वह बैल है।
चुटकुला # 185
रोज-रोजा-रोजी!
तीन सेल्समैन बातें कर रहे थे। एक बोला - मैंने अपनी पत्नी का नाम 'मौसमी रखा है।
क्योंकि वह मौसम की तरह नित नए रंग बदलती है।
दूसरा बोला - मैंने अपनी पत्नी का नाम 'घडी रखा है, क्योंकि वह समय की बहुत पाबंद
है।
तीसरा बोला - मैंने अपनी पत्नी का नाम 'डेली रखा है। क्योंकि एक दिन भी अगर मैं
चूक जाउँ तो मुझे पर संदेह कर-करके मेरी जान निकाल देती है।
चुटकुला # 0186
बाँटकर खाओ!
पति : फैशन की भी हद होती है। महीने में डेढ दो किलो तो तुम
लिपिस्टिक ही खा जाती हो।
पत्नी : क्यों झूठ बोलते हो?
पौन किलो के करीब तो आपके पेट में भी जाती होगी।
चुटकुला # 0187
नाम बदनाम!
मनोचिकित्सक मन्नू को जल्दी से कहीं जाना था। मगर रिसेप्शनिस्ट ने
बताया कि अभी तीन लेडी पेशेंट और बैठी हैं। उन्हें जल्दी से निबटाने की
मंशा से मनोवैज्ञानिक दबाव डालते हुए मन्नू ने पहली से कहना शुरू किया
- 'सुनिए! आपकी समस्या क्या है? खाना, खाना, सिर्फ खाना! जबकि
मैंने पहले ही आपसे कहा था कि खुराक कम करें, खाने से जी हटाएँ।
क्या नाम है आपकी लड़की का?
स्त्री बोली - जी इमरतीकुमारी!
मन्नू बोले - 'देखा! बच्ची के नाम में भी तुम्हारे खाने के अलावा कुछ
नहीं झलकता!
फिर मन्नू दूसरी स्त्री से बोले - 'और तुम! पहले दरजे की कंजूस! पहले भी कह चुका हूँ, जब तक कंजूसी की आदत नहीं छोड़ोगी ऐसे ही परेशान रहोगी। क्या नाम है तुम्हारी बेटी का?
वह बोली - अशर्फीदेवी!
मन्नू ने उलाहना दिया - 'देखा।
तो यह नाम भी धन-दौलत का ही परिणाम है।
तुम्हारे लगाव का ही परिणाम है।
तभी स्त्री नंबर तीन ने अपने छह वर्षीय बेटे का हाथ पकड़कर उठाया।
और बोली - चल बेटे रतिरमण!
अब अपनी खैर नहीं। और सेकंडों में वहाँ से बाहर हो गई।
चुटकुला # 0188
खड़ा हुआ सो क्या हुआ
एक बस में जब मिस रूबी दाखिल हुईं तो देखा बस खचाखच भरी हुई है। मिस रूबी ने एक नौजवान के पास जाकर शहद घुली नरमी के साथ कहा।
'ऐ नौजवान! क्या तुम मुझे अपनी सीट नहीं दे सकते? देखो न, मैं 'प्रेग्नेंट हूँ।
नौजवान ने शराफत से सीट तो दे दी। मगर खड़े होने के बाद जब इत्मीनान से मिस रूबी का मुआयना करना शुरू किया तो देखा कि कमर पतली है और काया एकदम छरहरी। उसने उतावली में पूछ ही लिया- 'मैडम कितने महीने हो गए?
रूबी ने चतुरता से कहा-'महीने कहाँ जी? अभी, मुश्किल से चालीस मिनट पहले।
चुटकुला # 0189
अदृश्य सुंदरता!
दुकानदार ने उत्साह के साथ बताया -यह दूरबीन बड़ी
शक्तिशाली है। इससे आप दस किलोमीटर दूर खड़ी खूबसूरत
लड़की को देख सकते हैं।
नवयुवक ग्राहक का जवाब था -'पर जो खूबसूरत लड़की दस
किलोमीटर दूर खड़ी हो, उसे देखने का क्या फायदा?
चुटकुला # 0190
पूत के पाँव!
नंबर एक के फ्लर्ट, परम रोमांटिक और नारियों में बेहद लोकप्रिय
मिस्टर बादल 'आवारा से जब किसी ने पूछा - रोमांटिक प्रतिभा कब
से विकसित हुई?
तो मिस्टर आवारा का जवाब था -'बहुत छुटपन से विकसित हो गई
थी। जब बच्चें पैदा होते हैं तो डॉक्टर उन्हें थपथपाते हैं, पर पता है?
मेरे मामले में क्या हुआ? 'उई 'चिल्लाती हुई नर्स ने मुझे कसकर थप्पड
जमाया था।
चुटकुला # 0191
सेक्स-रे!
एक्स-रे करवाने गई महिला ने घुप्प अंधेरे मशीन रूम में एक्स-रे ऑपरेटर से पूछा- मैंने कपड़े उतार दिए हैं। इन्हें कहाँ रखूँ?
ऑपरेटर की भर्राई आवाज आई-
वहाँ कोने में। मेरे कपड़ों के ऊपर।
चुटकुला # 0200
काम तमाम!
जब कंजूस नंदू सेठ घर आए तो देखा उनकी पत्नी एक अजनबी की बाँहों में समाई है। तडपकर सेठ बंदूक उठा
लाया और भडककर उन दोनों से बोला- 'तुम दोनों और भी कसकर एक-दूसरे से लिपट जाओ। मैं मात्र दो गोली में
तुम लोगों का काम तमाम करना चाहता हूँ।
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