चुटकुला # 0 51 शुरुआत ... एक बेरोजगार युवक नौकरी के लिए एक कंपनी के मैनेजर के पास गया और बोला - ' सर आप मुझे मह...
चुटकुला # 051
शुरुआत...
एक बेरोजगार युवक नौकरी के लिए एक कंपनी के मैनेजर के पास गया और बोला- 'सर आप मुझे महीने के एक लाख रुपए वेतन, एक फ्लैट, एक कार दे सकते हों तो मैं नौकरी के लिए तैयार हूँ।
मैनेजर बोला- 'मैं आपको दो लाख रुपए वेतन, दो कार, दो फ्लैट दूँगा।
यह सुनकर युवक बोला- 'सर, आप मजाक तो नहीं कर रहे हैं?
मैनेजर ने कहा- 'श्रीमानजी, शुरुआत तो आपने ही की थी।
चुटकुला # 052
अंतिम इच्छा...
एक हत्यारे को मौत की सजा सुनाई गई। इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठाकर बटन दबाने से पहले जल्लाद ने पूछा- 'भैया, तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है?
हत्यारे ने कहा- 'मेरी अंतिम इच्छा यही है कि बटन दबाने के बाद तुम मेरा हाथ पकड़ लेना, ताकि मैं छटपटाऊँ नहीं।
चुटकुला # 053
मदहोश...
एक शराबी एयरपोर्ट के बाहर खड़ा था, तभी एक वर्दीधारी युवक वहाँ से गुजरा। यह
देखते ही शराबी ने कहा- 'अरे एक टैक्सी ले आ यार।
वर्दीधारी ने नाराज होते हुए कहा- 'दिखता नहीं, मैं पायलट हूँ, टैक्सी ड्राइवर नहीं।
यह सुन शराबी ने कहा- 'तो नाराज क्यों होते हो यार, एक हवाई जहाज ही लाओ,
उसी में चलते हैं।
चुटकुला # 054
गायब...
पत्र लिखते-लिखते पतिदेव रुक गए और चिंतित मुद्रा में इधर-उधर देखने लगे। पत्नी ने उन्हें चिंतित देखकर पूछा- 'आप अचानक ही चिंतित क्यों हो उठे?
'अभी-अभी वह मेरी जुबान पर था... गायब हो गया। पति ने बताया।
'परेशान क्यों होते हो, जरा फिर सोचिए, वापस आ जाएगा। पत्नी बोली।
'कैसे वापस आएगा, वह लिफाफे पर लगाने का टिकट था। पति ने अफसोस से कहा।
चुटकुला # 055
वजह...
दो दोस्त स्कूल देर से पहुँचे तो टीचर ने उनसे कहा- 'विजय, तुम लेट क्यों आए?
विजय- 'मेरे पाँच रुपए रास्ते में गिर गए थे तो मैं उन्हें ढूँढ रहा था।
टीचर- 'और अजय तुम देर से क्यों आए?
अजय- 'क्योंकि मैं विजय के पाँच रुपए के ऊपर खड़ा था।
चुटकुला # 056
आवश्यकता...
पिंटू- 'यदि तुम्हारे पास एक कोरा कागज है तथा तुम्हें एक और कोरे कागज की आवश्यकता पड़े तो क्या करोगे?
चिंटू- 'उस कोरे कागज की फोटोकॉपी करा लूँगा।
चुटकुला # 057
स्पर्धा...
जेलर (कैदी से)- 'तुम किस अपराध में जेल आए हो?
कैदी- 'सरकार से कॉम्पिटिशन हो गया था।
जेलर- 'किस बात का?
कैदी- 'नोट छापने का।
चुटकुला # 058
सुझाव...
दो मित्र आपस में बात कर रहे थे। एक मित्र ने कहा- 'यार, जब मैं सूट पहनकर
सब्जी लेने जाता हूँ तो दुकानदार मुझे महँगी सब्जी देता है और जब गंदे कपड़े पहनकर जाता हूँ तो सस्ती देता है।
दूसरे मित्र ने सुझाव दिया- 'यार तुम कटोरा लेकर जाया करो, मुफ्त में ही दे देगा।
चुटकुला # 059
फिल्मी गाना
एक व्यक्ति कान में वॉकमेन लगाए गाने सुनने में मग्न था। इतने में फोन की घंटी बजी।
पास बैठी पत्नी ने इशारे से कहा- फोन उठाओ। व्यक्ति ने फोन उठाकर दो-तीन बार
हेलो कहा। फिर खीजकर कहा- 'अबे कुछ बोलेगा भी, बस फिल्मी गाना गाए जा रहा
है।
चुटकुला # 060
बस करो...
पति- 'मुन्ना रो रहा है, उसे चुप कराओ।
पत्नी- 'तुम ही चुप करा दो, मैं इसे दहेज में नहीं लाई थी।
पति- 'मैं भी इसे बारात में नहीं ले गया था।
चुटकुला # 061
नशा...
एक शराबी अखबार पढ़ रहा था। अचानक उसे लगा कि वह चश्मा लगाना भूल गया
है। उसने घर में चश्मा ढूँढना शुरू किया। उसकी नजर घर के आईने पर पड़ी। वह
चिल्लाकर पत्नी से बोला- 'मेरा चश्मा किसने आईने पर चिपका रखा है।
चुटकुला # 062
खरबूजे को देखकर...
रीना अपनी सहेली से- 'क्या बात है तुम्हारे भैया दिन-ब-दिन गोरे होते जा रहे हैं?
सहेली- 'दरअसल बात यह है कि पहले मेरे भैया कोयले की दुकान चलाते थे, लेकिन आजकल उन्होंने आटा चक्की लगा ली है।
चुटकुला # 063
क्लाइमेक्स...
एक फिल्म का प्रीमियर शो खत्म होने पर निर्माता ने एक पत्रकार से पूछा- 'कहानी में आपको क्लाइमेक्स कहाँ नजर आया?
पत्रकार का जवाब था- 'जब परदे पर शब्द उभरते हैं- द एंड।
चुटकुला # 064
होश...
एक आदमी दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया। जब उसे होश आया तो उसके आसपास
भीड जमा हो गई थी। लोगों ने पूछा क्या हुआ?
वह आदमी बोला- 'मुझे क्या पता, मैं तो अभी-अभी आया हूँ।
चुटकुला # 065
भिखारी कौन...
एक भिखारी ने ट्रेन में खड़े सज्जन से कहा- 'भगवान के नाम पर पैसा दे दे बाबा।
सज्जन- 'छुट्टे नहीं हैं।
भिखारी- 'कितने के छुट्टे चाहिए, पाँच सौ के या सौ रुपए के।
सज्जन बोले- 'अरे, यदि पाँच सौ रुपए के छुट्टे तेरे पास हैं तो भिखारी कौन है।
चुटकुला # 066
आदत से मजबूर...
एक आदमी (भिखारी से)- 'अगर तुम्हारी लॉटरी लग जाए तो तुम क्या करोगे?
भिखारी- 'एक कार और चाँदी का कटोरा खरीदूँगा, फिर कार में बैठकर भीख माँगा करूँगा।
चुटकुला # 067
दया
सारा दफ्तर जान गया था कि उनकी पत्नी का नाम शांति था और सेक्रेटरी का नाम
दया था। जो भी आता, हकलाता वे कहते बात क्या हैं फरमाइए दबे स्वर में कहते वे
अजी, आपका काम शांति से चलता रहे हमें तो बस आपकी दया चाहिए।
चुटकुला # 068
दर्शन...
एक बच्चा दौडा-दौडा घर आया और अपने दार्शनिक मुद्रा में रहने वाले पिता से
बोला- 'पिताजी, मुझे वह गाली देता है।
पिता (सोचते हुए)- 'बेटा, कुछ देता ही है न, लेता तो नहीं।
चुटकुला # 069
बचत...
एक महाकंजूस रुपया बचाने के चक्कर में अपने घर की छत की मरम्मत खुद ही करने
लगा। अनुभवहीनता के कारण वह छत से फिसल गया। जब वह नीचे गिर रहा था तो
बीच में रसोईघर की खिड़की पड़ी। उसे देखकर उसने जोर से चिल्लाते हुए अपनी पत्नी
से कहा- 'आज मेरे लिए खानामत पकाना।
चुटकुला # 070
बहुवचन...
प्रवीण (एकवचन और बहुवचन में अंतर पूछते हुए)- 'बताओ रमेश, पजामा एकवचन
है या बहुवचन।
रमेश- 'पजामा ऊपर से एकवचन और नीचे से बहुवचन है।
चुटकुला # 071
समर्पण...
एक लेखक ने अपनी पुस्तक पत्नी को समपत करते हुए लिखा- 'अपनी पत्नी को,
जिसकी अनुपस्थिति के कारण ही यह पुस्तक लिखी जा सकी।
चुटकुला # 072
पीछा...
एक साहब ने कपड़े की नई दुकान खोली थी। उन्होंने एक रात सपने में देखा कि एक
ग्राहक बीस गज कपड़ा माँग रहा है। खुश होकर उन्होंने कपड़ा फाड़ना शुरू कर दिया।
तभी पत्नी जाग गई और चिल्लाई, 'क्या कर रहे हो? मेरी साड़ी क्यों फाड़ रहे हो?
वे नींद में बडबड़ाने लगे- 'कमबख्त बीवी! दुकान में भी पीछा नहीं छोड़ती।
चुटकुला # 073
भाषा ....
माँ ने गुस्से से भरकर कहा- 'तुम्हें वह मद्रासी लिंगास्वामी चूम रहा था और तुम चुप खड़ी यह सब सहती रहीं, उसे मना क्यों नहीं किया?
'दरअसल, मैं समझ नहीं पा रही थी कि कैसे मना करूं, क्योंकि मैं तो मद्रासी भाषा जानती नहीं - बेटी ने जवाब दिया।
चुटकुला # 074
मौत की सजा...
एक पादरी, वकील और तकनीशियन को विद्रोह के कारण मौत की सजा मिली। जब अपराधियों ने आखिरी ख्वाहिश कि प्रथा बताई तो उन्हें गर्दन ऊपर और नीचे रखने के विकल्प मिले। पादरी ने ऊपर देखना स्वीकारा ताकि भगवान को देख सके और जैसे ही बटन दबाया गया तो आरी गर्दन से सिर्फ 2 इंच ऊपर रूक गई। अधिकारियों ने इसे ईश्वर की मर्जी समझ कर उसे छोड़ दिया। वकीन ने भी ऊपर देखा और जब आरी रूकी तो वह बोला 'कानूनन एक व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती और वो भी छूट गया। तकनीशियन ने यही चूज किया। जब बटन दबाया जा रहा था तो वो चिल्लाया एक मिनट रूको! अगर आप उस हरे और लाल तार को आपस मे बदल देंगे तो काम हो जाएगा।... और काम तमाम हो गया।
प्रमोद
चुटकुला # 075
सौदागर
एक आशिक मिजाज सौदागर जब माल की खरीददारी के दौरे से बहुत दिनों तक न लौटा और पत्नी को हर पत्र में यही लिखता रहा कि बडे जोर-शोर से खरीददारी कर रहा हूं, इसलिए जल्दी नहीं लौट सकता, जिससे पत्नी ने तंग आकर उसे तार भेजा, जिसमें लिखा था- 'तुरंत लौटो, नहीं तो आप वहां खरीद रहे हैं, मैं यहां बेचना शुरू कर दूंगी।
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