चुटकुला # 0 26 श्रमदान बंता ( संता से ) - तुम इतने दिनों तक कहां थे ? संता ( बंता से ) - मैं श्रमदान करने गया था।...
चुटकुला # 026
श्रमदान
बंता (संता से) - तुम इतने दिनों तक कहां थे?
संता (बंता से) - मैं श्रमदान करने गया था।
बंता (संता से) - मैं समझा नहीं।
संता (बंता से)- दरअसल मुझे छह महीने का सश्रम कारावास मिला था।
चुटकुला # 027
संता सिंह का ट्रक
संता सिंह एक बार ट्रक लेकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनका ट्रक खराब हो
गया। संता ने ट्रक ले जाने के लिए एक दूसरे ट्रक की व्यवस्था की और अपने
ट्रक को खींचकर गैराज ले जाने लगे। रास्ते में एक ढाबे पर बंता सिंह दिखाई
दिए। बंता, संता सिंह को ट्रक ले आते देख जोर-जोर से हंसने लगा। संता ने
गुस्से में पूछा, अबे कभी तूने ट्रक नहीं देखा क्या?
'ट्रक तो देखा है, लेकिन ऐसा पहली बार देखा है कि दो ट्रक मिलकर एक रस्सी को
ले जा रहे हैं। बंता ने जवाब दिया।
चुटकुला # 028
आबादी
संता सिंह (प्रीतो से)- जानती हो, जितनी देर में मैं एक सांस लेता हूं,
उतनी देर में देश में एक नया बच्चा जन्म लेता है।
प्रीतो (आश्चर्य से)- हाय राम, तब तुम अपनी यह हरकत छोड़ क्यों नहीं देते?
देश की आबादी पहले से ही इतनी बढी हुई है।
चुटकुला # 029
ग्रामोफोन
संता (प्रेमिका से)- तुम्हें संगीत का शौक है?
प्रेमिका (संता से)- हां।
संता (प्रेमिका से)- कौन-सा वाद्ययंत्र बजाती हो?
प्रेमिका (संता से)- ग्रामोफोन।
चुटकुला # 030
दूरबीन
संता ट्रेन से कहीं जा रहा थे। उसके हाथ में एक दूरबीन थी। वह खिड़की से
लगातार बाहर तो झाँक रहा था लेकिन दूरबीन कभी नहीं लगाता था। उसके साथ
के एक यात्री ने पूछा कि भाई साहब, यह दूरबीन किस काम की है? संता सिंह
ने कहा कि इससे दूर की चीजें दे खी जाती हैं।
यात्री को बड़ी उत्सुकता हुई। उसने पूछा कि आप यह दूरबीन क्यों लिए हुए
हैं।
'दरअसल मैं अपने एक दूर के रिश्तेदार को देखने जा रहा हूं।
चुटकुला # 031
खरगोश के जोड़
टीचर : खरगोश के दो जोड़ और दो जोड़ और दो जोड़ मिलाकर कितने हुए।
संता : सात।
टीचर : ठीक से सुनो, खरगोश के दो जोड़ और दो जोड़ और दो जोड़ मिलाकर कितने हुए।
संता : सात।
टीचर : अच्छा। बियर की बॉटल के दो जोड़ और दो जोड़ और दो जोड़ मिलाकर कितने हुए।
संता : छह।
टीचर : तो फिर खरगोश के तीन जोड़ मिलाकर छह क्यों नहीं हुए?
संता : क्योंकि एक खरगोश पहले से ही मेरे पास है।
चुटकुला # 032
पंजाबी टेलीफोन
हिन्दोस्तान से ताजा-ताजा विलायत पहुंचा एक पंजाबी जाट लंदन के एक रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी पर लगा। वहां उसे काम करते कुछ ही दिन हुए थे कि एक
रोज मैनेजर ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया और बताया कि पंजाब से उसके भाई का फोन था। वेटर ने फोन रिसीव किया और काफी देर टूटी-फूटी अंग्रेजी में
अपने भाई से बात करता रहा। आखिरकार उसने फोन रखा तो मैनेजर ने उससे पूछा - अपने भाई से अंग्रेजी में बात क्यों की?
अपनी जुबान में क्यों नहीं की?
साहब जी - वेटर हकबकाया-सा बोला - अब मुझे क्या मालूम था कि आपका टेलीफोन पंजाबी भी बोलता है।
चुटकुला # 033
पोती मर गई
एक सरदारजी एक 25 मंजिला भवन की छत पर बैठे थे, तभी एक आदमी हांफता हुआ आया और कहने लगा कि 'संतासिंह आपकी पोती मर गई। सरदारजी ये खबर सुनकर बहुत हताश हो जाते हैं और बिल्डिंग से कूद पड़ते हैं। जब वो 20वीं मंजिल तक पहुंचते हैं तो उन्हें ख्याल आता है कि उनकी तो कोई पोती ही नहीं है। 10वीं मंजिल आने पर ध्यान आता है कि उनकी तो शादी ही नहीं हुई है और जैसे ही जमीन पर गिरने वाले होते हैं कि ख्याल आता है कि उनका नाम तो संतासिंह है ही नहीं।
चुटकुला # 034
निर्जन टापू
संतासिंह, उनका एक जापानी मित्र और एक ब्रिटिश घूमते हुए निर्जन टापू पर पहुंच जाते हैं। चलते-चलते उन्हें एक चिराग मिलता है। जापानी चिराग को घिसता है तो उसमें से एक जिन्न बाहर आता है। जिन्न कहता है कि मैं आप तीनों की एक-एक इच्छा पूरी करूंगा।
जापानी कहता है कि मैं अपने घर वापस जाना चाहता हूं। जिन्न हाथ घुमाता है और वो घर पहुंच जाता है। ब्रिटिश भी अपने घर जाने की इच्छा रखता है और वह भी घर पहुंच जाता है। संतासिंहजी सोच में पड़ जाते हैं और अपनी इच्छा बताते हुए कहते हैं कि भई, उन दोनों के जाने से मैं तो अकेला पड़ गया, तुम ऐसा करो उन दोनों को वापस बुला लो। जिन्न हाथ घुमाता है और वो दोनों वापस आ जाते हैं।
चुटकुला # 035
उल्लू बनाया
संतासिंह और बंतासिंह दोनों बहुत बडे दुश्मन थे। ये दोनों एक ही बिल्डिंग में रहते थे। बंतासिंह
सातवें माले पर रहता था और संतासिंह पहले। एक बार बिल्डिंग की लिफ्ट खराब हो गई।
बंतासिंह ने सोचा कि आज संता को सबक सिखाया जाए। उसने संतासिंह को फोन करके खाने पर बुलाया। बेचारा संतासिंह जैसे-तैसे सातवें माले पर पहुंचा और वहां जाकर देखा कि दरवाजे पर ताला लगा है और लिखा था कि 'कैसा उल्लू बनाया। संतासिंह को ये देखकर बहुत गुस्सा आया। उसने उस नोट के नीचे लिखा- 'मैं तो यहां आया ही नहीं था।
चुटकुला # 036
एक मच्छर ....
एक रात को संतासिंह सो रहे थे कि एक मच्छर उनके कान के पास आया और गुनगुन करने
लगा। इससे संतासिंह की नींद खुल गई। फिर जैसे ही वो सोने की कोशिश करते मच्छर उनके
कान के पास आवाज करने लगता। संतासिंह को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने मच्छर को पकड़
लिया। मच्छर मर गया लेकिन उसमें से खून नहीं निकला। संतासिंह बोले- सो जा मच्छर बेटे, सो
जा।
थोडी देर बाद उन्हें लगा कि मच्छर गहरी नींद में सो चुका है तो वे उसके पास गए और उसके
कान के पास जाकर बोले- 'गुननननन-गुनननन।
चुटकुला # 037
समझदार संतासिंह
एक द्वीप पर तीन आदमी फंसे हुए थे। उनमें एक मुस्लिम था, एक हिंदू और संतासिंह । तीनों
इसी सोच में थे कि 100 मील तक तैरकर घर तक कैसे पहुंचा जाए। मुस्लिम ने हिम्मत दिखाई
और तैरता हुआ 50 मील का रास्ता पार कर लिया। लेकिन थकने के कारण वो डूब गया।
अब हिंदू ने सोचा कि चलो एक बार कोशिश करके देख लूं। वो भी करीब 75 मील तक तैरकर
डूब गया। दोनों के जाने के बाद संतासिंह बच गए। उन्होंने सोचा अब मैं अकेला यहां क्या
करूंगा मैं भी हिम्मत कर ही लूं।
ये सोचकर उन्होंने पानी में छलांग लगा दी। 50 मील तैरने के बाद उन्हें लगा कि अब मैं थक
गया हूं आगे बढूंगा तो डूब जाऊंगा ये सोचकर संतासिंह वापस द्वीप पर चले गए।
चुटकुला # 038
लॉटरी
एक बार संतासिंह को 20 लाख की लॉटरी खुली। संतासिंह पैसे लेने लॉटरी वाले के पास गए।
नंबर मिलाने के बाद लॉटरी वाले ने कहा कि ठीक है सर हम आपको अभी 1 लाख रुपए देंगे
और बाकी के 19 लाख आप अगले 19 हफ्तों तक ले सकते हैं।
संतासिंह बोले- नहीं मुझे तो अपने पूरे पैसे अभी ही चाहिए नहीं तो आप मेरे 5 रुपए वापस कर
दीजिए।
चुटकुला # 039
अस्पताल
संता- मैं दुनिया के सारे अस्पतालों में होकर आ चुका हूं।
बंता- नहीं, तुम अभी तक एक अस्पताल में होकर नहीं आए होगे।
संता- हो ही नहीं सकता, तुम उस अस्पताल का नाम बताओ।
बंता- जनाना अस्पताल।
संता- अरे यार, वहां तो मैं पैदा ही हुआ था।
चुटकुला # 040
मृत्यु दर
संता- अपने देश में मृत्यु की औसत दर क्या है?
बंता- शत-प्रतिशत।
संता- वह कैसे?
बंता- अपने देश में जो व्यक्ति पैदा होता है अंत में वह मर जाता है।
संता- तो फिर दुनिया की औसत मृत्यु दर क्या है?
बंता- छोड़ यार! मुझे केवल अपने देश की ही पता है।
चुटकुला # 041
पहनने के लिए कपड़े
संता- मेरी पत्नी रोज शिकायत करती है कि उसके पास घर में पहनने के लिए
कपड़े नहीं है।
बंता- तो तुमने उसे कपड़े दिलवा दिए।
संता- नहीं, मैंने घर की खिडकियों पर कपड़े लगवा दिए।
चुटकुला # 042
छतरी में छेद
संता सिंह (बंता सिंह से)- तुम्हारी छतरी में तो छेद है।
बंता सिंह - हां, पता है। और इसे मैंने ही किया है।
संता सिंह- लेकिन क्यों?
संता सिंह- अरे यार, जब बारिश बंद होती है तो पता चल जाता है ना।
चुटकुला # 043
पांच साल की सजा
संता- हमारा नॉनी कल आ रहा है।
बंता- कल आ रहा है। लेकिन उसे तो पांच साल की सजा हुई थी।
संता- हां, लेकिन उसके अच्छे व्यवहार के कारण उसकी सजा का एक साल
माफ कर दिया गया है।
बंता- ओह, रब ऐसी औलाद सबको दे।
चुटकुला # 044
परेशानी
संता (बंता से) : बड़ी परेशानी है।
बंता : क्या परेशानी है?
संता : यार, जब भी मैं सोकर उठता हूं, मुझे ऐसा लगता है कि सब कुछ घूम रहा
है।
बंता : इतनी सी बात, एक काम किया कर, तू उठकर सो जाया कर।
चुटकुला # 045
कम्प्यूटर विज्ञान
संता : हमारे ऑफिस में कम्प्यूटर का डास से यूनिक्स में स्थानान्तरण नहीं हो रहा
है।
बंता : शिफ्ट की का प्रयोग करके देखो।
संता : आप इन्टरनेट से किसी का भविष्य कैसे बता सकते है?
बंता : जो दस घंटे इन्टरनेट को देगा उसका भविष्य निश्चय ही अन्धकारमय है।
संता : हर टी वी के अन्दर कितनी वेबसाइट्स आ सकती है?
बंता : एक भी नही, क्यों कि वे सभी कम्प्यूटर के अन्दर आती है।
संता : मैं आज दस ई-मेल भेजने वाला हूं।
बंता : ठीक है, मैं उन्हें पोस्ट बाक्स में डाल आऊंगा।
चुटकुला # 046
कम्प्यूटरी ज्ञान
संता : मैं हार्डवेअर इंजीनियर हूं।
बंता : ये कहो न कि तुम कम्प्यूटर के मैकेनिक हो।
संता : इन्टरनेट दुनियाभर के कम्प्यूटरों को एक-दूसरे से जोड़ता है।
बंता : अच्छा! लेकिन मुझे तो कहीं पर तार नजर नहीं आते।
संता : आदमी कम्प्यूटर का दीवाना क्यों होता है?
बंता : कन्ट्रोल की के कारण।
चुटकुला # 047
छूत की बीमारी
संता (बंता से) : तुमने सुना, मिसेज शर्मा की जुबान कल अचानक बंद हो गई।
बंता : मैं अभी अपनी पत्नी को उन्हें देखने के लिए भेजता हूं।
संता : क्या वे उनकी सहेली या रिश्तेदार हैं।
बंता : नहीं, लेकिन सोचता हूं। यदि यह छूत की बीमारी निकली तो मेरी आजादी का
दिन नजदीक है।
चुटकुला # 048
हंसने की सजा
संता- ''क्यों मित्र, तुम्हारे दांत कैसे टूट गए?
बंता- ''हंसने के कारण।
संता- ''हंसने के कारण?
बंता- ''हां यार, कल मैं एक पहलवान को देखकर हंस पड़ा था।
चुटकुला # 049
मनोविज्ञान !
संता सिंह को मनोविज्ञान पढ़ने की सूझी। वह उसी में डूब गए। एक दिन उनका एक मित्र मिला। संता सिंह ने उससे कहा, 'मैंने सुना था कि तुम्हारा देहांत हो गया है।
मित्र ने कहा, 'लेकिन मैं तो तुम्हारे सामने जीवित खड़ा हूं।
'असंभव। जिसने मुझे यह बताया था, वह तुम्हारी तुलना में ज्यादा भरोसेमंद था। संता सिंह ने मनोविज्ञान बघारा।
चुटकुला # 050
बोलती...
भविष्यफल पढ़ते हुए विकास ने सत्यजीत से पूछा- 'तुम्हारा क्या विचार है, इस
भविष्यफल के बारे में?
सत्यजीत- 'मैंने पिछले हफ्ते पढ़ा था कि इस माह आपके साथ ऐसी कुछ घटना होगी,
जिससे आपकी बोलती बंद हो जाएगी।
विकास- 'तो क्या फिर वैसी कोई घटना हुई?
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