बेहद सफल रहे, रचनाकार.ऑर्ग लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन 2019 के परिणाम सहर्ष प्रस्तुत किए जाते हैं- प्रथम पुरस्कार (1) - रु. 11,000 नकद तथा प...
बेहद सफल रहे, रचनाकार.ऑर्ग लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन 2019 के परिणाम सहर्ष प्रस्तुत किए जाते हैं-
प्रथम पुरस्कार (1) - रु. 11,000 नकद तथा पुस्तकें
मार्टिन जॉन डिज़िटल स्लेव- प्रविष्टि क्रमांक-164
द्वितीय पुरस्कार (2) - रु. 5,000 नकद तथा पुस्तकें प्रत्येक
महेश शर्मा ज़ायका- प्रविष्टि क्रमांक-368
पवन जैन एक टोकरी सब्जी- प्रविष्टि क्रमांक-213
तृतीय पुरस्कार (3) - रु. 2,000 नकद तथा पुस्तकें प्रत्येक
ज्ञानदेव मुकेश अपरिचय- प्रविष्टि क्रमांक-353
अर्चना राय क्वालिटी टाइम-प्रविष्टि क्रमांक-285
भगवान वैद्य ‘प्रखर’ हर बार-प्रविष्टि क्रमांक– 170
विशेष पुरस्कार (4) - रु. 1,000 नकद तथा पुस्तकें प्रत्येक
सुधा शर्मा चश्मा मिल गया -प्रविष्टि क्रमांक-376
दीपा पाण्डेय मुआवज़ा-प्रविष्टि क्रमांक-101
गिरिजा कुलश्रेष्ठ एक आसमान -प्रविष्टि क्रमांक-74
प्रियंका समोसा-प्रविष्टि क्रमांक-172
सभी प्रतिभागियों, पुरस्कृतों, निर्णायक गणों व रचनाकार.ऑर्ग के पाठकों को बधाई, आभार, धन्यवाद व शुभकामनाएँ.
इस आयोजन के निर्णायक गण - वरिष्ठ साहित्यकार सर्वश्री - सुकेश साहनी, रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' व डॉ. कुँवर दिनेश सिंह का विशेष धन्यवाद व आभार. निर्णायक गणों के संक्षिप्त परिचय निम्न हैं -
सुकेश साहनी
सुकेश साहनी
जन्म : 5 सितम्बर, 1956(लखनऊ)
शिक्षा : एम.एस-सी. (जियोलॉजी), डीआईआईटी (एप्लाइड हाइड्रोलॉजी) आईआईटी मुम्बई से।
कृतियाँ : डरे हुए लोग(1991), ठंडी रजाई(1998) सुकेश साहनी की 66 लघुकथाएँ और उनकी पड़ताल(1917),(लघुकथा-संग्रह), मैग्मा और अन्य कहानियाँ (2004, कहानी-संग्रह),अक्ल बड़ी या भैंस (2005,बालकथा-संग्रह), लघुकथा संग्रह पंजाबी, गुजराती, मराठी, उर्दू एवं अंग्रेजी में भी उपलब्ध। मैग्मा कहानी सहित अनेक लघुकथाएँ जर्मन भाषा में अनूदित। अनेक रचनाएँ पाठयक्रम में शामिल, ‘रोशनी’कहानी पर दूरदर्शन के लिए टेलीफिल्म। ठंडी रजाई , दादा जी, कुत्ते से सावधान आदि लघुकथाओं पर शार्ट फिल्म । पिछले बारह वर्षों से कथादेश अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में।
अनुवाद : खलील जिब्रान की लघुकथाएँ (1995), पागल एवं अन्य लघुकथाएँ (2004), विश्व प्रसिद्ध लेखकों की चर्चित अपराध कथाएँ (2001),
सम्पादन : हिन्दी लघुकथा की पहली वेब साइट .laghukatha.com का वर्ष 2000 से सम्पादन (रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’जी के साथ) आयोजन, (1989),महानगर की लघुकथाएँ, (1993) स्त्री-पुरुष संबंधों की लघुकथाएँ (1992), देह व्यापार की लघुकथाएँ (1997), बीसवीं सदी : प्रतिनिधि लघुकथाएँ (2000), समकालीन भारतीय लघुकथाएँ (2001), बाल मनोवैज्ञानिक लघुकथाएँ, मानवमूल्यों की लघुकथाएँ, देश देशान्तर, मेरी पसंद(3 भाग) , लघुकथा अनवरत आदि का संपादन रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु ’ जी के साथ।
सम्मान : डॉ.परमेश्वर गोयल लघुकथा सम्मान 1994, माता शरबती देवी पुरस्कार 1996, डॉ. मुरली मनोहर हिन्दी साहित्यिक सम्मान 1998, बरेली कालेज, बरेली-स्वर्ण जयन्ती सम्मान 1998, माधवराव सप्रे सम्मान 2008 सम्मान,दया दृष्टि अतिविशिष्ट उपलब्धि सम्मान 2009,बलदेव कौशिक स्मृति सम्मान-2011, लघुकथा मनीषी सम्मान 2011,सुरेन्द्र बहादुर सिन्हा स्मृति साहित्य सम्मान-2015 वीरेन डंगवाल स्मृति साहित्य सम्मान-2018, साहित्य समेरू सम्मान-2018
सम्प्रति : भूगर्भ जल विभाग उ.प्र. के निदेशक पद से सेवानिवृत्त
सम्पर्क : 185,उत्सव पार्ट 2, महानगर बरेली-243006
वेब साइट :.laghukatha.com
ई मेल : sahnisukesh@gmail.com
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रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
जन्मः 19 मार्च,1949 , हरिपुर , जिला -सहारनपुर ।
शिक्षा: एम.ए.हिन्दी , बी-एड्. ।
प्रकाशित रचनाएँ: माटी,पानी और हवा (प्रौढ़ शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित),अँजुरी भर आसीस,कुकडूँ कूँ, हुआ सवेरा, मैं घर लौटा, तुम सर्दी की धूप (कविता-संग्रह),मेरे सात जनम , माटी की नाव(हाइकु-संग्रह), मिले किनारे (ताँका और चोका संग्रह संयुक्त रूप से डॉ.हरदीप सन्धु के साथ), झरे हरसिंगार(ताँका-संग्रह),धरती के आँसू,दीपा,दूसरा सवेरा(लघु उपन्यास),असभ्य नगर(लघुकथा-संग्रह-दो संस्करण),खूँटी पर टँगी आत्मा(व्यंग्य-संग्रह-दो संस्करण),भाषा-चन्द्रिका (व्याकरण), लघुकथा का वर्त्तमान परिदृश्य( लघुकथा -समालोचना),फुलिया और मुनिया(बालकथा हिन्दी दो संस्करण 14 हज़ार प्रतियाँ और अंग्रेज़ी 4500 प्रतियाँ), हरियाली और पानी(बालकथा- दो संस्करण),झरना,सोनमछरिया, कुआँ(पोस्टर बाल कविताएँ),रोचक बाल कथाएँ प्रकाशित । लोकल कवि का चक्कर (आकाशवाणी जबलपुर से नाटक का प्रसारण )। फुलिया और मुनिया (बालकथा -अंग्रेज़ी)। ‘ऊँचाई’ लघुकथा पर लघु फ़िल्म। नेपाली, पंजाबी,अंग्रेज़ी,उर्दू, मराठी, गुजराती,संस्कृत में अनूदित कुछ रचनाएँ।
सम्पादनः सुकेश साहनी, डॉ.भावना कुँअर, डॉ.हरदीप सन्धु, डॉ.कविता भट्ट,और डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा के साथ कुल 35 सम्पादित पुस्तकें।
अनुवादः 2 पुस्तकों का अंग्रेज़ी से हिन्दी में ।
laghukatha.com (सुकेश साहनी के साथ,लघुकथा की एकमात्र वेब साइट), डॉ.हरदीप कौर सन्धु के साथ www.hindihaiku.net तथा http://@trivenni.blogspot.com के सहयोगी सम्पादक।
प्रसारणःआकाशवाणी गुवाहाटी,रामपुर, नज़ीबाबाद ,अम्बिकापुर एवं जबलपुर , दूरदर्शन हिसार, टैग टी-वी- कैनेडा से ।
कार्य: केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य-पद से सेवानिवृत्त, सम्प्रतिःस्वतन्त्र लेखन ।
सम्पर्कः-सी-1702,जे-एम-अरोमा, सेक्टर-75, नोएडा-201301 (उ-प्र-)
ई-मेलः rdkamboj@gmail.com
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डॉ. कुँवर दिनेश सिंह
डॉ. कुँवर दिनेश सिंह
कवि-कथाकार-समीक्षक, डॉ. कुँवर दिनेश सिंह शिमला के निवासी हैं। हिन्दी और अंग्रेज़ी में समान अधिकार से लिखते हैं। हिन्दी में अब तक इनके पाँच कविता संग्रह, पाँच हाइकु संग्रह एवं एक दोहा संग्रह तथा अंग्रेज़ी में बारह काव्य-संग्रह एवं दस साहित्यालोचना ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं तथा हिन्दी व अंग्रेज़ी में कथा/लघुकथा संग्रह प्रकाशनाधीन हैं। इनकी कविताएँ, हाइकु, कहानियाँ, समीक्षाएँ, लेख, साक्षात्कार और शोध-पत्र देश-विदेश के विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। इनकी अंग्रेज़ी साहित्यालोचना पुस्तकें ताईवान, तमिलनाडू, कर्णाटक, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़ एवं हिमाचल प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा यू.जी./पी.जी. व एम.फिल. स्तर के पाठ्यक्रमों के लिए अनुमोदित/अनुशंसित हुई हैं। इनके हिन्दी व अंग्रेज़ी काव्य पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एम.फिल. और पीएच. डी. स्तर के शोधकार्य किए जा चुके हैं। आकाशवाणी व दूरदर्शन, शिमला और साधना टी.वी., दिल्ली से इनके काव्य, वार्ता व चर्चा का प्रसारण हो चुका है। अंतर्जाल पर विभिन्न पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर प्रकाशित।
प्रकाशित कृतियाँ: 10 हिन्दी काव्य-संग्रह: ‘पुटभेद’ (2003), ‘कुहरा धनुष’ (2006), ‘उदयाचल’ (2009), ‘धूप-दोपहरी’ (2010), ‘आँगन में गौरैया’ (हाइकु 2013), ‘पगडण्डी अकेली’ (हाइकु 2013), ‘बारहमासा: हाइकुमाला’ (2014), ‘उम्मीदों का क़फ़स’ (2014), ‘दोहा वल्लरी’ (2015), ‘जापान के चार हाइकु सिद्ध’ (काव्यानुवाद, 2015), ‘जग रहा जुगनू’ (हाइकु 2018); तथा 14 अंग्रेजी काव्य- संग्रह, 5 अंग्रेजी साहित्यालोचना पुस्तकें, 5 अंग्रेजी साहित्यालोचना संपादित पुस्तकें। संपादन: ‘हाइफन हिन्दी हाइकु विशेषांक’ (2014 तथा 2018)|
पुरस्कार/सम्मान : ‘हिमाचल प्रदेश राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार’ (2002) सहित राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न साहित्य संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
सम्प्रति: शिमला के राजकीय महाविद्यालय में अंग्रेज़ी के एसोशिएट प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं तथा ‘हाइफ़न’ के सम्पादक हैं।
सम्पर्क: # 3, सिसिल क्वार्टर्ज़, चौड़ा मैदान, शिमला: 171 004 हिमाचल प्रदेश।
ईमेल: kanwardineshsingh@gmail.com
सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई. बेहद कठिन कार्य को कुशलता से निभाने के लिए निर्णायक गण का सादर अभिवादन.
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंसभी विजेताओं को बधाई।
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट निर्णय। सभी विजेताओं व निर्णायक मण्डल को हार्दिक वधाई । -प्रेमलता 'प्रेमपुष्प'; सं.अनहद कृति ई-पत्रिका (त्रैमासिक)
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