संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन जारी है. वैसे तो अंतिम तिथि है - 31 मार्च 2018 परंतु अंतिम तिथि का इंतजार न करते हुए अपने संस्मरण हमें शीघ्र भ...
संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन जारी है.
वैसे तो अंतिम तिथि है - 31 मार्च 2018 परंतु अंतिम तिथि का इंतजार न करते हुए अपने संस्मरण हमें शीघ्र भेजें.
अधिक जानकारी के लिए यह कड़ी देखें.
संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन 2018 के तीन निर्णायकों का संक्षिप्त परिचय निम्न है.
अनुराग शर्मा
साहित्य की विभिन्न विधाओं में सतत लिखने वाले अनुराग ने हिन्दी अकादमी, दिल्ली के प्रवासी काव्य संग्रह देशांतर तथा अंतर्राष्ट्रीय काव्य संकलन एसर्बिक एंथोलोजी सहित अनेक प्रतिष्ठित प्रकाशनों में स्थान पाया है। काव्य संग्रह ‘पतझड़ सावन वसंत बहार' तथा खोजपरक अध्ययन ‘इण्डिया एज़ एन आईटी सुपरपॉवर’ प्रकाशित हो चुके हैं। अनुरागी मन उनका ताज़ा कथा-संग्रह है। उनके तकनीकी प्रपत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में पढ़े गए हैं और प्रकाशित हुए हैं। वे महात्मा गांधी संस्थान, मॉरिशस द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय द्वैवार्षिक पुरस्कार ‘आप्रवासी हिंदी साहित्य सृजन सम्मान’ के प्रथम विजेता हैं। ‘आनंद ही आनंद’ संस्था द्वारा उन्हें 2015-16 का ‘राष्ट्रीय भाष्य गौरव सम्मान’ प्रदान किया गया था।
‘पॉडकास्ट कवि सम्मेलन’, ‘शब्दों के चाक पर’, ‘सुनो कहानी’ और ‘बोलती कहानियाँ’ जैसे स्वर-आकर्षणों का संचालन कर चुके अनुराग ने ‘विनोबा भावे के गीता प्रवचन ’ तथा प्रेमचन्द की कहानियों की ऑडियोबुक’ को स्वर दिया है। उन्होने इंटरनैट पर चौबीसों घंटे चलने वाले भारतीय रेडियो स्टेशन की स्थापना भी की थी।
तिब्बत के मित्र, यूनाइटेड वे एवं निरामिष जैसे सामाजिक संगठनों से जुड़े अनुराग सन् 2005 की त्सुनामी में एक लाख डॉलर की सहायता राशि जुटाने वाली समिति के सक्रिय सदस्य थे।
आईटी प्रबंधन में स्नातकोत्तर अनुराग एक बैंकर रह चुके हैं और आजकल पिट्सबर्ग, अमेरिका में परियोजना प्रबन्धक हैं। वे हिंदी तथा अंग्रेज़ी में प्रकाशित मासिक पत्रिका सेतु के संस्थापक, प्रकाशक तथा प्रमुख सम्पादक हैं।
मनीष कुमार
जन्म : १४ जनवरी १९७३ को गया बिहार में।
शिक्षा : बिड़ला प्राद्यौगिकी संस्थान, मेसरा, रांची से मेकॅनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक। रूढ़की विश्वविद्यालय से मेटेलर्जीकल इंजीनियरिंग में परास्नातक।
कार्यक्षेत्र-
सन 2004 से चिठ्ठाकारिता जगत का हिस्सा बने। चिठ्ठाकारिता इनके लिए संगीत, कविता, ग़ज़ल, यात्रा और किताबों से अपने लगाव को अभिव्यक्त करने की स्वभावगत मजबूरी का परिणाम है। पिछले चौदह सालों से अपने संगीत ब्लॉग एक शाम मेरे नाम और यात्रा ब्लॉग मुसाफ़िर हूँ यारों पर सतत लेखन। आज हिंदी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले ब्लागों में गिनती । ब्लॉग के आलावा हिंदी के अख़बारों दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, जनसत्ता आदि में बतौर यात्रा लेखक व संगीत समीक्षक समय समय पर आलेख प्रकाशित।। इलेक्ट्रानिक मीडिया में ABP News और जापान के NHK विश्व सेवा पर इनके ब्लागों से जुड़े कार्यक्रम प्रसारित।
पुरस्कार और सम्मान
वर्ष २०१३ में देश की सबसे बड़ी ब्लागिंग संस्था इंडीब्लागर द्वारा एक शाम मेरे नाम हिंदी के सर्वश्रेष्ठ ब्लाँग के लिए सम्मानित
वर्ष २०१६ व २०१७ में यात्रा से जुड़ी वेबसाइट Holidify.Com द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ ब्लागों की सूची में मुसाफ़िर हूँ यारों को इकलौते हिंदी ब्लॉग का सम्मान प्राप्त
वर्ष २०१७ में मुसाफ़िर हूँ यारों यात्रा से जुड़ी मशहूर वेब साइट थ्रिलोफिलिया द्वारा हिंदी के बेहतरीन ब्लाग यात्रा ब्लागों की सूची में शामिल हुआ।
वर्ष २०१८ में इ्डीब्लॉगर द्वारा यात्रा संस्मरण केंद्रित ब्लॉग - मुसाफ़िर हूँ यारों सभी भाषा के ब्लागों में झारखंड का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग घोषित किया गया।
संप्रति : सेल, रांची में उप महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत।
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पंकज सुबीर
हिन्दी साहित्य के चर्चित, बहु-पुरस्कृत, बहु-विध, भावप्रवण साहित्यकार
प्रकाशित पुस्तकें:
ये वो सहर तो नहीं (उपन्यास- भारतीय ज्ञानपीठ),
अकाल में उत्सव (उपन्यास, शिवना प्रकाशन),
ईस्ट इंडिया कम्पनी (कहानी संग्रह-भारतीय ज्ञानपीठ),
महुआ घटवारिन (कहानी संग्रह- सामयिक प्रकाशन),
कसाब.गांधी एट यरवदा.इन (कहानी संग्रह- शिवना प्रकाशन),
चौपड़े की चुड़ैलें (कहानी संग्रह- शिवना प्रकाशन),
नई सदी का कथा समय (संपादन),
युवा पीढ़ी की प्रेम कथाएँ (कहानी संकलन- भारतीय ज्ञानपीठ, संपादन श्री रवीन्द्र कालिया),
नौ लम्बी कहानियाँ (कहानी संकलन- भारतीय ज्ञानपीठ, संपादन श्री रवीन्द्र कालिया),
लोकरंगी प्रेमकथाएँ (कहानी संकलन- भारतीय ज्ञानपीठ, संपादन श्री रवीन्द्र कालिया),
एक सच यह भी (कहानी संकलन- सामयिक प्रकाशन, संपादन श्रीमती मधु अरोड़ा),
हिन्दी कहानी का युवा परिदृश्य (कहानी संकलन-सामयिक प्रकाशन, संपादन श्री सुशील सिद्धार्थ),
हँसते-हँसते रोना (व्यंग्य संकलन, संपादन डॉ. प्रेम जनमेजय)।
सम्मान एवं पुरस्कार:
कहानी चौपड़े की चुड़ैलें को राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान 2016।
उपन्यास ये वो सहर तो नहीं को भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा वर्ष 2009 का ज्ञानपीठ युवा पुरस्कार।
उपन्यास ये वो सहर तो नहीं को इंडिपेंडेंट मीडिया सोसायटी (पाखी पत्रिका) द्वारा वर्ष 2011 का स्व. जे. सी. जोशी शब्द साधक जनप्रिय सम्मान।
उपन्यास ये वो सहर तो नहीं को म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा वागीश्वरी पुरस्कार।
कहानी संग्रह ईस्ट इंडिया कम्पनी वर्ष 2008 में भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार हेतु अनुशंसित।
कहानी संग्रह महुआ घटवारिन को कथा यूके द्वारा वर्ष 2013 में लंदन के हाउस ऑफ कामंस के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान।
समग्र लेखन हेतु वर्ष 2014 में वनमाली कथा सम्मान।
समग्र लेखन हेतु 53 वाँ अभिनव शब्द शिल्पी सम्मान।
अमेरिका तथा कनाडा में हिन्दी लेखन हेतु विशेष रूप से सम्मानित किया गया। कथा यूके सम्मान।
भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित तीन कहानी संकलनों लोकरंगी प्रेम कथाएँ, नौ लम्बी कहानियाँ तथा युवा पीढ़ी की प्रेम कथाएँ में प्रतिनिधि कहानियाँ सम्मिलित।
कहानी शायद जोशी कथादेश अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में पुरस्कृत।
पाकिस्तान की प्रमुख साहित्यिक पत्रिका आज ने भारत की कहानी पर केन्द्रित विशेषांक में चार कहानियों का उर्दू अनुवाद प्रकाशित किया।
विशेष
तीन कहानियों पर हिन्दी फीचर फिल्मों का निर्माण । एक कहानी कुफ्र पर लघु फिल्म। कहानी दो एकांत पर बनी फिल्म बियाबान की पटकथा, संवाद तथा गीत लेखन।
संपादक : विभोम स्वर, संपादक : शिवना साहित्यिकी
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